Sarla Sarla Singh "Snigdha " Language: Hindi 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sarla Sarla Singh "Snigdha " 11 Oct 2024 · 1 min read अनमोल रतन कुंडलिया करते सारे याद हैं, टाटा जी को आज। एक रतन अनमोल थे, जग करता है नाज़। जग करता है नाज़, काम अद्भुत थे सारे। भारत के वे मान, सभी... Hindi · कुण्डलिया 4 4 115 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 4 Oct 2024 · 5 min read अजब-गजब अजब-गजब ------------------- आगरा में बड़ी-सा मकान, पति ठेकेदार तथा बेटा प्राइवेट कम्पनी में लगा हुआ था। मकान वैसे तो सविता के पिताजी का था पर अब वही उसकी मालकिन थी।... Hindi · कहानी 2 124 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 2 Oct 2024 · 1 min read लाल बहादुर लाल बहादुर लाल बहादुर नाम था उनका लगते थे जैसे प्रभुजी के दूत। सरल सहज जीवन वाले वह ज्ञान के थे वह परम निधान। दो अक्टूबर अवतरण हुआ परम चतुर... Hindi · कविता 1 164 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 Sep 2024 · 1 min read बेटी कुंडलिया बेटी को कहते सभी, देवी का हैं रूप। नवरात्रों में पूजते, सभी रंक व भूप। सभी रंक व भूप, मानते देवी जैसा। झुका चरण में शीश, चढ़ाते रुपया पैसा।... Hindi · कुण्डलिया 283 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 21 Sep 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया होना भी तो चाहिए, मन में सच्ची प्रीत। दौड़े आयेंगे सखी, जो राधे के मीत। जो राधे के मीत, सभी को लगते प्यारे। नटवर नागर देख, लगें सबको ही... Hindi · कुण्डलिया 1 378 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 Sep 2024 · 1 min read छोड़ जाऊंगी छोड़ जाऊंगी हम रहेंगे नहीं ये मालूम है हमें, मगर मैं कुछ तो छोड़ जाऊंगी करेंगे याद कोई हमको कभी। बस वही निशान छोड़ जाऊंगी। बड़े-बड़े से महल दिखे हैं... Hindi · कविता 1 1 180 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 11 Sep 2024 · 1 min read राधे कुंडलिया गाते मंगलगीत सब, ढोल मंजीरा साज। बरसाने में धूम है, झूम रहा जग आज। झूम रहा जग आज, बधाई गाते न्यारे। प्रकट हुई थीं मात, राधिका कहते सारे। राधा... Hindi · कुण्डलिया 139 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 8 Sep 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया बढ़ती देखो जा रही, मंहगाई सरकार। नहीं किसी को है पड़ी, दुखियों से दरकार। दुखियों से दरकार, कोई कब उनका सोचे। मौका पाकर देख, मांस सब उनका नोंचे। उनपर... Hindi · कुण्डलिया 102 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 7 Sep 2024 · 1 min read आ जाओ गणराज "आ जाओ गणराज" आ जाओ गणपति गणनायक लेकर प्रभुजी अपने सारे साज। तुम हो कहलाते विघ्नहर्ता प्रभु अब हर लो तुम सबके दुख को। झोली फैलाये खड़े सब अपनी कृपा... Hindi · कविता 117 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 4 Sep 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया जिसमें सबका हो भला, करना बस वह काम। पुण्य यही सबसे बड़ा, मिले जगत में नाम। मिले जगत में नाम, लोग सम्मानित करते। लगते देव समान, पीर जो जन... Hindi · कुण्डलिया 139 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 28 Aug 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया मनमानी किसकी चली, इस दुनिया में देख। कर्ता तो कर्तार है, लिखे भाग्य के लेख। लिखे भाग्य के लेख, सभी को वही नचाता। कठपुतली संसार, कहां कुछ भी कर... Hindi · कुण्डलिया 121 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 Aug 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया बलिहारी बृज धाम ये, आये हैं गोपाल। झूम उठे सब लोग हैं, माता हुई निहाल। माता हुई निहाल, खुशी छलकी है जाती। निरख निरख के रूप,अमित सुख वे हैं... Hindi · कविता · कुण्डलिया 1 117 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 23 Aug 2024 · 1 min read नफ़रत नफ़रत नफ़रत सी जागी है मन में हैवानों के हित भारी है। जिसकी हत्या की निर्मम ने जीवन दाता वह नारी है। कैसा है यह कानून हमारा पापी अवसर पाते... Hindi · कविता 107 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 21 Aug 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया बढ़ता दिखे गुनाह ये, बना जगत हित शूल। एक बार की बात हो, तो भी जायें भूल। तो भी जायें भूल, पिसे है इसमें नारी। दुर्बल पाकर गात, राक्षसों... Hindi · कुण्डलिया 168 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 20 Aug 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया मानव तन में भेड़िए, घूम रहे हैं आज। इनको ही राक्षस कहें, समझो इनका राज। समझो इनका राज, दण्ड हो इनको भारी। फांसी पर दो टांग, सभ्यता इनसे हारी।... Hindi · कुण्डलिया 97 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 20 Aug 2024 · 2 min read दोहे 20/8/2024 भारत के हैं पर्व ये 01-बालदिवस बच्चे सब चाचा कहें ,जन्मदिवस इस वार। बालदिवस कहते सभी,मनता सम त्योहार।। 02- मातृ दिवस मातृ दिवस संसार में ,सभी मनाते लोग। माता... Hindi · दोहा 149 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 19 Aug 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया बहना ही सबमें दिखें, हो तुझमें यह ज्ञान। राखी पर भाई सुनो, इतना रखना ध्यान। हो तुझमें यह ज्ञान, नहीं राक्षस तू मानव। कर्मों से कुछ लोग, रहे कहलाते... Hindi · कविता 1 139 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 15 Aug 2024 · 3 min read नाजुक -सी लड़की नाजुक-सी लड़की प्रयागराज ट्रेन में बैठे हुए दस मिनट भी नहीं हुआ था कि एक नाज़ुक-सी लड़की लगभग भागते हुए ट्रेन में चढ़ी और हमारे ही कम्पार्टमेन्ट में आकर बैठ... Hindi · लघु कथा 1 172 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 Aug 2024 · 1 min read कविता हर घर में तिरंगा लहराये सब मिलकर संकल्प करें हर घर में तिरंगा लहराये। आन बान और शान हमारी हमको ये तिरंगा प्यारा है। सबसे सुन्दर सबसे अच्छा दुनिया में... Hindi · कविता 1 172 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 11 Aug 2024 · 1 min read हसरतें हसरतें हसरतें कितनी थीं अधूरी ही रहीं, ज़िन्दगी खातिर जो जरुरी थी रहीं। कल पे डाला किये ताउम्र उनको शाम आ ही गयी हसरतें पूरी न हुई। डॉ.सरला सिंह "स्निग्धा"... Hindi · कविता · कोटेशन 1 352 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 11 Aug 2024 · 1 min read सावन याद आया जब चली वासंती हवा, बगियन से झूमकर। भँवरों की टोली चली, फूलों की सुगंध पर। कोयलिया कूक-कूक, डोले है आम्रतरु पर। मोरवृन्द नृत्य करें, बरसे सावन झूमकर। नदियाँ... Hindi · कविता 1 141 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 11 Aug 2024 · 5 min read रोटी रोटी ......... जिनको आसानी से मिल जाती है उनके लिए तो रोटी का शायद मोल न हो लेकिनजिन्हें नहीं मिल पाती उनके लिए रोटी से कीमती कुछ नहीं ।भूखे व्यक्ति... Hindi · कहानी 1 239 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 11 Aug 2024 · 1 min read कुंडलिया दुनिया लोभी लाभ की कहते ज्ञानी लोग हैं, अजब गजब संसार। दुनिया लोभी लाभ की, यही दिखे व्यापार। यही दिखे व्यापार, मोह के सारे मारे। मन्दिर जाते लोग, स्वार्थ को... Hindi · कविता · कुण्डलिया 123 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read गांव प्यारा भूलता ही नहीं गाँव प्यारा। और सुंदर नदी का किनारा।। याद आती सदा भोर सन्ध्या। वो मधुर प्रात का भानु न्यारा।। वो सुनहरे सजे खेत सारे । भोर में चमकता... Poetry Writing Challenge-3 119 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read देश अभी एक युग नव जगेगा । तभी भेद मन का मिटेगा ।। रहें लोग मिलकर सभी अब। यही भाव दिल से उठेगा ।। यही भाव दिल में उठे की ।... Poetry Writing Challenge-3 140 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read मानवता हमें आपस में मिलकर रहना है। नहीं बेकार में ही हमें दहना है। जिंदगी चार दिन मिली हमको इसको यूँ बेकार नहीं करना है। हम सभी एक हैं बस इसे... Poetry Writing Challenge-3 113 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read हार नहीं जाना चल भूल चलें सारी जो बात सताती है। अब बात करे वह जो उल्लास जगाती है।। मन हार नहीं जाना यह भाव रहे मन में । जब जीत मिले उसको... Poetry Writing Challenge-3 122 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read भाग्य कभी तो भाग्य अपना भी जगेगा। तभी सत्कर्म भी सारा फलेगा ।। किया हमने कभी उपकार जिन पर । वही फिर याद सब बनकर जगेगा ।। नहीं समझा कहा अपना... Poetry Writing Challenge-3 256 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read चाहत जिसे प्रेम माना मिले चाहती है। नहीं अब विकलता चले चाहती है।। कहे अब नहीं हो कहीं भी अँधेरा । मिले अब उजाला गले चाहती है ।। सभी मन बहे... Poetry Writing Challenge-3 107 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read गीत गीत को एक नित सजाती है। ताल को ताल से मिलाती है।। देख ले आज सुर सधे सब हैं। बात यह मीत को सुनाती है।। याद वो आज देख कल... Poetry Writing Challenge-3 126 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 26 May 2024 · 1 min read मां शारदे! 1-माँ शारदे जोड़कर कर करें सभी पूजन शारदे माँ करे कृपा जग पर।। ज्ञान दो मात शारदे हमको माथ यह मात देख तव पग पर।। ज्ञान का दीप मात तुम... Poetry Writing Challenge-3 112 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read पिता छाया है पिता बरगद की घनी छाया है पिता छाँव में उसके भूलता हर दर्द। पिता करता नहीं दिखावा कोई आँसू छिपाता अन्तर में अपने। तोड़ता पत्थर दोपहर में भी... Poetry Writing Challenge-3 122 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 2 min read कुछ दोहे मनके 16- कुछ दोहे मनके इष्ट देव में जो किसी, रखते हैं अनुराग। भक्तिमार्ग कहते इसे, जग से रखे विराग।।1।। सुनते हैं नित इष्ट के,सारे सुन्दर काम। श्रवण भक्ति इसको... Poetry Writing Challenge-3 2 133 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read भुखमरी भुखमरी देश है बेहाल आज, छोड़े सारे कामकाज। भुखमरी छायी हुई, वो भये बेहाल है। रोग ये कोरोना आया, नहीं यह हमें भाया। जग का ये नाश करे ऐसा बुरा... Poetry Writing Challenge-3 102 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 3 min read कुछ कुंडलियां कुछ कुंडलियां *01-नैतिक* नैतिक कहलाये वही ,करना ऐसा काम। लोगों का करना भला,करो देश का नाम। करो देश का नाम ,मान जग में पाओगे। परचम ऊंचा सदा,देश का फहराओगे। कहती... Poetry Writing Challenge-3 145 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read नारी नारी हर युग को झेला है जिसने हार नहीं पर मानी वह नारी। स्वाभिमान को गया दबाया सिर नहीं झुका वह है नारी। जीवन के दो पहलू कहलाते फिर भी... Poetry Writing Challenge-3 159 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read प्रीत हमारी प्रीत हमारी चातक सम यह प्रीत हमारी उड़ने को आकाश चाहिए। क्षितिज तलक हो यात्रा अपनी होना नहीं हताश चाहिए।। भाग रहे यह दिन द्रुत गति से पकड़ नहीं आते... Poetry Writing Challenge-3 185 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read नैन (नवगीत) नैन चाहत जागी मन प्रियवर का गाँठ हृदय का खोल रहे ।। वाणी से बानी कब फूटे नैन सभी कुछ बोल रहे।। दर्शन का यह प्यासा मन है नैन विकल... Poetry Writing Challenge-3 91 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read पथ प्रदर्शक पथ प्रदर्शक ज्ञानी जनों से सुना है जाना है और समझा भी। जरूरत है सभी को यहां दिखाएं हमें अपनी सही और सच्ची राह। देखो जरा पथिक मेरे अचल अडिग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 106 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 22 May 2024 · 1 min read बन्दगी बन्दगी जिन्दगी है ये कृपा प्रभु की, इसको जरा सम्भालना तू । करना प्रभु की बन्दगी सदा, आज इंसान का तू कर रहा । जीवन मिला मानव का गर, है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 84 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read मानवता मानवता होता जाता जीवन मुश्किल लोग यहां पर अटे पड़े। बिना बात आपस में भिड़ते युद्ध हेतु वह डटे पड़े। जीवन देने की शक्ति नहीं पर लेना जीवन है आता।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 130 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read सत्य की जीत सत्य की जीत ( नवगीत शैली) समय हमेशा ही बतलाता बच न सके दुष्ट कलंका। सदा सुपथ पर बढ़ना आगे मन मत करना आशंका। सत्य हमेशा होता विजयी औ असत्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 134 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read धरती धरती नदियां कलकल करके बहतीं होता नित अमिय प्रवाहित। प्राणवायु ले पवन डोलता जीवन यह तभी प्रसारित। सागर तपता रात दिवस है सघन मेघ अम्बर पाता । राह देखता जग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 129 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 14 May 2024 · 1 min read गांव प्यारा गाँव प्यारा (गीतिका) भूलता ही नहीं गाँव प्यारा। और सुंदर नदी का किनारा।। याद आती सदा भोर सन्ध्या। वो मधुर प्रात का भानु न्यारा।। वो सुनहरे सजे खेत सारे ।... Poetry Writing Challenge-3 · हिन्दी कविता 1 112 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read मेरी अम्मा मेरी अम्मा कभी नहीं जताती कुछ थी, मेरा दुःख सह जाती अम्मा। हमें खिलाती बड़े प्यार से , खुद भूखे सो जाती अम्मा। एक एक पाई रही जोड़ती, मुझ पर... Poetry Writing Challenge-3 · हिन्दी कविता 1 145 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read राम जलाओ री सखी मंगल दीप! जलाओ री सखी मंगलदीप, आज घर आये हैं राजा राम। राह बुहारो ये महल सजाओ , आयो शुभ घड़ी ये वर्षों बाद। फूलों का वन्दनवार... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 101 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read अब कष्ट हरो अब कष्ट हरो संकट मोचन कष्ट हरो अब, दुनिया देखो यह बिलख रही। हे पवन पुत्र मत देर करो अब, दुनिया सारी पथ है देख रही। बड़े बड़े राक्षस को... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 115 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 13 May 2024 · 1 min read प्रकृति प्रकृति मोर करे है नृत्य मनोहर प्रीत दिखावे किसे घनी। कोयल गाये मधुरिम वाणी मीठे से रस गीत सनी। हरियाली है चहुँ दिशि छायी मन उपवन में हर्ष खिला। बगियन... Poetry Writing Challenge-3 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) 1 184 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 12 May 2024 · 1 min read मेरी अम्मा मेरी अम्मा कभी नहीं जताती कुछ थी, मेरा दुःख सह जाती अम्मा। हमें खिलाती बड़े प्यार से , खुद भूखे सो जाती अम्मा। एक एक पाई रही जोड़ती, मुझ पर... Hindi · हिन्दी कविता 128 Share Sarla Sarla Singh "Snigdha " 5 Feb 2023 · 1 min read मिलन दमक रही माथे की बिंदिया चमके चन्दा ज्यों लगे गगन। करके सोलह श्रृंगार कामिनी मन ही मन में हो रही मगन। धरती सी वह सहनशक्ति ले जीवन में खुशियां है... Hindi 292 Share Page 1 Next