भूरचन्द जयपाल Language: Hindi 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next भूरचन्द जयपाल 29 Mar 2017 · 1 min read ** कैसी ख़ामोशी ** मैं खामोश हूं, पर जुबां बोलती है जुबां जो कहती है,वह मन की आवाज नहीं है जुबां खामोश ही तो आँखें बात करती है खामोश रहकर भी हम दिल की... Hindi · कविता 1 241 Share भूरचन्द जयपाल 29 Mar 2017 · 1 min read ** प्रिया ** प्रिया चली गयी,कहां गई ? क्यों चौंकता है तूं ? हां यहीं है खोल कमल नयनों को तूं और देख एक चाहने वाली तुम्हें सिर्फ है यहीं फिर क्यूं दूर... Hindi · कविता 1 285 Share भूरचन्द जयपाल 29 Mar 2017 · 1 min read * यही है क्या तुम्हारा समाज * जिसे तुम कहते हो समाज पर वो नहीं है सम आज दीवारें खींच दी है जिसने आज इंसां -इंसां के बीच पहना दिया लोह आवरण जात- पांत के बंधन को... Hindi · कविता 1 348 Share भूरचन्द जयपाल 29 Mar 2017 · 1 min read *** बाल गीत ** प्यारा चंदा प्यारे तारे आसमान में चमके सारे । सूरज के आने से पहले सारी रात जगाते तारे । कभी नहीं आपस में लड़ते मिलजुलकर रहते हैं सारे । प्यारे... Hindi · गीत 1 285 Share भूरचन्द जयपाल 29 Mar 2017 · 1 min read *** मेघा ना हीँ बरसे *** मेघा ना हीं बरसे अंखियां बरसे मोरी पिया घर ना आये अंखियां पूछे मोरी बदरा ये आये ख़ाली अंखियां भरी मोरी बरसे ना मेघा पानी अंखियां बरसे पानी सजन नहीं... Hindi · गीत 1 561 Share भूरचन्द जयपाल 28 Mar 2017 · 1 min read ** मोरों दे बिच ** बैठी मोरों दे बिच गोरी हाथ में लेके मोर पंख ** सोचन लागी मन में क्या मोरों दे बिच *** कण्ठों में कंठी कानो में झुमका हाथों में है कंगन... Hindi · गीत 1 221 Share भूरचन्द जयपाल 28 Mar 2017 · 1 min read ** मकां-मकां -मालिक ** वादों और इरादों में रखा है क्या वादे सदा झूठे वादे निभाता है क्या वादे - इरादे पल में बदल जाते है कल क्या पल इन वादों का क्या बातें... Hindi · कविता 1 266 Share भूरचन्द जयपाल 28 Mar 2017 · 1 min read *बोल सियावर रामचन्द्र की जय* हे मारुत नन्दन मारुती सुन क्रंदन सुन क्रंदन दुःख हर भय भंजन सुख कर जग वन्दन राम दुखी जब हिय सिय बिन हो गये पिय सुध लाये तुम हर्षित-हिय हो... Hindi · कविता 1 301 Share भूरचन्द जयपाल 28 Mar 2017 · 1 min read मुक्तक :- क़ातिल निगाहें क़ातिल निगाहें हुआ करती थी कभी मुस्कान से जी जाया करते थे कभी आज जीना भी दुस्वार कर दिया है उफ़ क़ातिल मुस्कान से बचे कैसे कभी ?मधुप बैरागी नींद... Hindi · मुक्तक 2 2 267 Share भूरचन्द जयपाल 27 Mar 2017 · 1 min read ** वाह दिल हमारा हो गया ** वाह दिल तुम्हारा हमारा हो गया क्यूं मिलूं तुमसे किसी बहाने से डर लगता क्यूं तुम्हें जमाने से रूबरू होकर समझते नहीं दिल एक ठोकर मारी ज़माने ने एक होकर... Hindi · गीत 1 266 Share भूरचन्द जयपाल 26 Mar 2017 · 1 min read ** तेरा नाम ले के जीते हैं ** तेरा नाम ले के जीते हैं हर सुबहा और हर शाम जीते हैं तेरा नाम ले के इस जहां के मालिक कहूं ख़ुदा या ईश्वर तुझे नहीं फर्क है कोई... Hindi · गीत 1 273 Share भूरचन्द जयपाल 26 Mar 2017 · 1 min read ** अधपको फळ ** बण अध्यापक आयो जिण अधपको फळ रसाकसी पकणे री चाली पण समय सूं पैली कियां पके आ बात समझण में नी आई पर-सिम्पल साब रे म्हारे समझ अणसमझ र राय... Hindi · कविता 1 407 Share भूरचन्द जयपाल 26 Mar 2017 · 1 min read ** अरमानों की दुनियां ** टूटे हुए दिल के टुकड़ो को जला देंगे अरमानों की दुनियां में हम आग लगा देंगे नफ़रत ही तेरी फ़ितरत ही सही इसको भी नफ़ासत से जीवन में सजा लेंगे... Hindi · गीत 1 284 Share भूरचन्द जयपाल 26 Mar 2017 · 1 min read ** तुम्हारे बिना ** तन्हा-तन्हा लगता है ये दिन तुम्हारे बिना सूनी-सूनी लगती है ये रातें तुम्हारे बिना जिंदगी बेजान-सी है अब तुम्हारे बिना तन्हा-तन्हा लगता है ये दिन तुम्हारे बिना चैन आये ना... Hindi · गीत 1 437 Share भूरचन्द जयपाल 26 Mar 2017 · 1 min read ** ग़मेंदिल कैसे छुपाऊं ** 26.3.17 * गीत * प्रातः 10.14 गीत कोई गुनगुनाऊँ क्या मैं अब तुमको सुनाऊं प्रीत की है रीत ये तो ग़मेंदिल कैसे छुपाऊं मैं अरे दिल है जो हरा-हरा ग़म... Hindi · गीत 1 257 Share भूरचन्द जयपाल 26 Mar 2017 · 1 min read ** कैसे भूल जाऊं ** कैसे भूल जाऊं अपने दिल की आवाज़ दिल को कैसे समझाऊं दिल की बात कैसे भूल जाऊं ........... कैसे मैं मर जाऊं, झूठी शान के लिए घुट-घुट के ना मर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 664 Share भूरचन्द जयपाल 25 Mar 2017 · 1 min read *अफसर की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी * चर्चा का विषय था अफसर अफसर के पास या अफसर से दूर एक मोहतरमा ने फ़रमाया भूरजी - अफसर की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी से बचना चाहिए दोनों में... Hindi · कविता 1 2k Share भूरचन्द जयपाल 25 Mar 2017 · 1 min read *** मुझे निभृत चाहिए *** मुझे निभृत चाहिए या जीवन का अवसान सियरान हो जाये मेरा जलता ज़िगर या स्निग्ध मुस्कान के साथ मीच मुझे ले जाये मुण्ड से खण्ड अलग कर धारातीर्थ कराये मुझे... Hindi · कविता 1 266 Share भूरचन्द जयपाल 25 Mar 2017 · 1 min read *** अज्ञान तिमिर *** जीवन में अज्ञान-तिमिर का फैला है विस्तृत मैदान कौन हटाये इस तम को आलोकित कर इस जीवन को जीवन में अज्ञान तिमिर का फैला है विस्तृत मैदान दूर करें इस... Hindi · कविता 1 555 Share भूरचन्द जयपाल 25 Mar 2017 · 1 min read *दिलजलों की तो जलने की आदत होती है * कल्बे-सोजा जलते रहेंगे मुहब्बत के चिराग से दिल का हाल पूछो तुम उनसे जिसने ज़ाम-ए-मय पिया हो इश्क का फ़कत जीने के लिए मुहब्बत ना की तुझे क्या पता ऐ... Hindi · कविता 1 338 Share भूरचन्द जयपाल 24 Mar 2017 · 1 min read ** सच तो सच है ** सच मैं किसको कहूं जो दिखाई देता है उसे या जो समझ में नहीं आता जो समझ में नही आता फिर उसको क्या नाम दूं सच तो सच है चाहे... Hindi · कविता 1 259 Share भूरचन्द जयपाल 24 Mar 2017 · 1 min read *** जल -बिन मीन *** रैन गयी रमता-रमता दिवस भयो परभात जिण मिलना था मिली गया वा मिलन री रात पिव गयो परदेश सिधार आवे याद मिलण री रात पिवजी थाने कैंयां बताऊं म्हारे हिवड़े... Hindi · कविता 1 784 Share भूरचन्द जयपाल 24 Mar 2017 · 1 min read *** तदबीरें जीने मरने की *** हरकते-ए-खदीन देखता हूं जब सोचता हूं इफ्तार-ए-दावत रोज रोज़ा रखकर भी पाया ना रोजी का किनारा ताउम्र सताएगी फ़िक्र फ़क़त जीने के लिए ख़ुदा ने दावते-रोजी कुछ रोज की दी... Hindi · कविता 1 464 Share भूरचन्द जयपाल 23 Mar 2017 · 1 min read *** मन-मोर *** मन-मोर ललचाए किस ओर यह मोर मन जान ना पाए है आतप नहीं ग्रीष्म को ऐसो जैसो तोर समायो हिया में अग्नि अगन लगाए जिया में जब दूर तूं होवत... Hindi · कविता 1 305 Share भूरचन्द जयपाल 23 Mar 2017 · 1 min read *** ग़ुस्ल कर लूं *** ग़ुस्ल कर लूं तेरी स्मित मुस्कान में नहीं टिक पाऊंगा नज़र-पैनी धार में निगाहें फिर भी बख़्श देती जान को मुस्कान कर देती कत्ल लाखहज़ार में ।। क़ातिल निगाहें हुआ... Hindi · मुक्तक 1 227 Share भूरचन्द जयपाल 23 Mar 2017 · 1 min read ****दमसाज मेरे *** दमसाज मेरे तूं ये तो बता तेरा नाम है क्या ? तेरा क्या है पता ? किसका मकां है तेरे दिल में कौन मकीं है तेरे दिल में हिज्र में... Hindi · गीत 1 540 Share भूरचन्द जयपाल 23 Mar 2017 · 1 min read *** तुम कौन हो ? *** ख्यालों की मलिका मिलूं तुमसे कैसे मेरी जां तेरी कसम मिलने की उमंग है ख्वाबो से उतरकर दिल में समाई हो तेरी-मेरी पहले से जाने क्या पहचान है रातों में... Hindi · कविता 1 426 Share भूरचन्द जयपाल 22 Mar 2017 · 1 min read *** मोके रो फायदों *** मोके रो फायदों कुण नी उठावे कईं लुगाई अर कईं आदमी मोको मिलणों चाये फेर देखो इसडो फायदों उठावे कि निगे नी आवे आदमी तो आदमी लगाईंयाँ उण री माँ... Hindi · कविता 1 268 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 2 min read ** कब तलक ** ? ****२४.५.२०१६*****? **** ***** स्वारथ के वशीभूत होकर आज मानव मौत का ताण्डव सहेगा कब तलक ****** मानव मानव से झगड़ेगा कब तलक मौत का ताण्डव रचेगा कब तलक ********... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 395 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** ज्योति से याराना कर लो ** बाहरी चकाचौंध से अब मेरे यारों किनारा कर लो अब दिल में घुप अंधेरा है ज्योति से याराना कर लो ।। ?मधुप बैरागी कितना खुशनुमा माहोल है अपनी धुन में... Hindi · मुक्तक 1 311 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** दर्द सा उठता है धुंआ ** दिल में दर्द सा उठता है धुआं आज तक गैर अपना ना हुआ करते है हम मालिक से दुआ कब सुधरेगा राज-राजनेता मुआ रोज मरते है दे दे ईश्वर की... Hindi · मुक्तक 1 1 280 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** तूफ़ान से पहले शान्ति *** तूफ़ान से पहले शांति होती है तूफ़ान के बाद भी शांति होती है फर्क सिर्फ इतना सा है मन में दबी इच्छाऐं बाहर आने को आकुल होती है हम उन्हें... Hindi · कविता 1 454 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** आकाशवृति ** ?व्यक्ति को धरा और धरातल पर रहकर सोचना चाहिए । केवल आकाशवृति पर जीवनयापन करना मनुष्य का स्वभाव नहीं बनना चाहिए ।। कभी कभार प्रकृति की सौम्य सुंदरता का भी... Hindi · कविता 1 662 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** आपके दिल में *** बड़ी मुश्किल से आपके दिल में हमने घर बनाया हर्फ़ बनकर चाहे दिल के कागज़ पर उकेरें ना हम खुजली बन तलहटीजुबां दिल में घर करते रहेंगे लफ़्ज बनकर आपकी... Hindi · कविता 1 315 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** गुमसुम आज मेरा दिल है ** ?रुक गयी है स्वांसे थम गयी है आंधियां न जाने कौन सा कत्ल कर आया जो गुमसुम आज मेरा दिल है ।। ?मधुप बैरागी दिल धड़कता है किसी हसी मुखड़े... Hindi · मुक्तक 1 373 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** हमारी सड़क सी सपाट जिंदगी ** हमारी सड़क सी सपाट जिंदगी में मौत एक स्पीड ब्रेकर की तरह है जो हमे बार-बार सावधान करती है फिर भी हम जिंदगी की रफ़्तार को नहीं समझ पाते हैं... Hindi · कविता 1 455 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** एक प्रेमिका ने प्रेमी से कहा ** एक प्रेमिका ने प्रेमी से कहा **** पत्थरों से दिल लगाने से क्या मिलेगा दिल ही लगाना है तो फूलों से लगाओ प्रेमी ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया फूलों... Hindi · कविता 1 472 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** त्यौहार अभी नया है ** क्या अंदाज-ए-बयां है त्योंहार अभी नया है कोई आया कोई गया बस अपनी तो आज दिल में जली होली है कुछ भी कहो आज होली फिर होली है अरमानों की... Hindi · कविता 1 273 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** इक दूजे के होंलें हम ** रंगो का त्यौहार है होली अपनों का प्यार है होली भूलों का सुधार है होली गुलो से गुलज़ार है होली।। ?होली मुबारक मिल जायें होली में रंग हरा-नीला लाल-पीला मिल... Hindi · कविता 1 281 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** ना देख मन के भेद ** ना देख मन के भेद ना मन में कोई खेद ????? रंग मिलते हैं होली में मन मिलते हैं होली में मन खिलते हैं होली में तन खिलते हैं होली... Hindi · कविता 1 311 Share भूरचन्द जयपाल 18 Mar 2017 · 1 min read ** दुःख किण सूं कहूं साजना ** दुःख किण सूं कहूं साजणा दिन गिणतां रातां गिणी सुपणा अब सब रीत गया आंख्यां सूं ढळ गयो पाणी प्रीतम थारां पगळ्या निरख निरख गयो आँखें रो पाणी ना आसे... Hindi · मुक्तक 1 541 Share भूरचन्द जयपाल 18 Mar 2017 · 1 min read ** चलन है प्यार में रुसवाई का *** पिघलती है बर्फ तो पिघलने दे सुलगती है आग तो सुलगने दे दिल पिघले तो कुछ बने बात जज़्बात बहके तो बहकने दे ।। सिलसिला मुहब्बत का चलने दे शामेउम्र... Hindi · मुक्तक 1 338 Share भूरचन्द जयपाल 17 Mar 2017 · 1 min read ** आसमां में सर अब उठा चाहिए ** जिंदगी को अब विराम चाहिए आदमी को अब आराम चाहिए कशमकश जिंदगी में बहुत है हल करने को हमराह चाहिए।। जीवन की कश्ती को पतवार चाहिए डूबने वाले को तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 401 Share भूरचन्द जयपाल 15 Mar 2017 · 1 min read ** चुपचाप ** जख़्म सहते रहे जो मुहब्बत में सब चुपचाप देश के वास्ते मुहब्बत को मिटा देंगे चुपचाप ग़म ना करना शहादत-ए-मुहब्बत का कभी जो कुर्बान कर दूं ये देश के वास्ते... Hindi · मुक्तक 1 615 Share भूरचन्द जयपाल 13 Mar 2017 · 1 min read *** रंग डारो मोरे मन को *** तन रंगे अब का होवे है रंग डारो मोरे मन को ।। ओ पिया ओ पिया ओ पिया मैं तो हो ली अब साजन की अब चाहे होली है बस... Hindi · गीत 1 358 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** जरा दिल साफ हो ले ** 12.3.17 सन्ध्या 7.15 मुश्किलें बहुत है राहे मंजिल मुश्किलों से दो -चार हो ले कुछ कर्म कर पार हो ले राहे मंजिलो में मुश्किलें बहुत ना दुःख से रो होले-... Hindi · मुक्तक 1 324 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ये क्या कम है ** मत दुखी हो अपने अभावों से अभावों में भी भाव छुपा होता है देनेवाले ने जो ग़म दिए हैं तुझको वो भी किसी उपहार से कम नहीं दुनियां की खुशियाँ... Hindi · मुक्तक 1 456 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** दुआ करते हैं *** ग़मज़दा हम हैं जिनके ग़म से उनके मनसूबे ना पूछो हमसे वो कत्ल करते तब भी अच्छा ग़म तो इस बात का है हमको उसने जिन्दा भी रखा तो ऐसे... Hindi · कविता 1 497 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ईश्वर की धर्मशाला *** यह संसार ईश्वर की धर्मशाला है जब चाहे तब खाली करा सकता है हम इसे कब से अपना घर माने बैठे हैं किरायेदार भी कभी मालिक हुआ है मालिक तो... Hindi · मुक्तक 1 638 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** चित चंचल *** रूप चंचल मन चंचल मची दिल में हलचल आज मन पहल कर नव यौवना चित चंचल ।। ?मधुप बैरागी कैद मुझको हुई है हालात -ए-कारागाह स्वप्न आज भी मेरे भटके... Hindi · मुक्तक 1 331 Share Previous Page 8 Next