Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2017 · 1 min read

** मकां-मकां -मालिक **

वादों और इरादों में रखा है क्या

वादे सदा झूठे वादे निभाता है क्या

वादे – इरादे पल में बदल जाते है

कल क्या पल इन वादों का क्या

बातें लगती है दिलकश तुम्हें क्या

छुपाती हो मुझसे इश्क ओर क्या

आँखों में छायी है तुम्हारे खुमारी

आज भी लगती हो कन्या-कुमारी

दिल सजदा करता है क्या मुझको

दिल ढूंढ़ता दिल से क्या मुझको

ख़ुद ख़ुदा उतर आये जमीं पे कहे

चल मेरे साथ नन्दन-वन में रहें

मैं कहूं नहीं चाहिए स्वर्ग-अपवर्ग

धरा पे है स्वर्ग कैसे उसको तजदूं

ले लो मेरा सलाम कहो तो सजदा

तुम्हारे इजलास में कलाम पढ़ दूं

ना करो चिंता,चिंता है चिता समान

जिंदा-आदमी को करदे मुर्दा समान

मरघट जाता आदमी भूल जाता है

आता है जब लौटकर गुनगुनाता है

किरायेदार कब मिट्टी के मकां में

मर्जी-मनमर्जी से तक रह पाता है

मोह फिर भी नहीं छोड़ पाता है

कहता है मकां पे हक़ हमारा है

जब होती है डिक्री खोती बेफिक्री

मकां- बेमकां बेचारा हो जाता है

बनाओ किसी के दिल में मकां तो

बेमकां हो जाये मकां-मालिक और

मकां-मकां-मालिक तुम्हारा हो जाये।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
*कैकेई (कुंडलिया)*
*कैकेई (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्राणदायिनी वृक्ष
प्राणदायिनी वृक्ष
AMRESH KUMAR VERMA
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गिनती
गिनती
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
बेरूख़ी के मार से गुलिस्ताँ बंजर होते गए,
_सुलेखा.
इश्क में ज़िंदगी
इश्क में ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
10. जिंदगी से इश्क कर
10. जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
_सुविचार_
_सुविचार_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
करके याद तुझे बना रहा  हूँ  अपने मिजाज  को.....
करके याद तुझे बना रहा हूँ अपने मिजाज को.....
Rakesh Singh
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
कभी चुभ जाती है बात,
कभी चुभ जाती है बात,
नेताम आर सी
तुम्हारे आगे, गुलाब कम है
तुम्हारे आगे, गुलाब कम है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बारिश
बारिश
Punam Pande
Love yourself
Love yourself
आकांक्षा राय
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
बेटियां ?
बेटियां ?
Dr.Pratibha Prakash
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
तू भी धक्के खा, हे मुसाफिर ! ,
Buddha Prakash
जिन सपनों को पाने के लिए किसी के साथ छल करना पड़े वैसे सपने
जिन सपनों को पाने के लिए किसी के साथ छल करना पड़े वैसे सपने
Paras Nath Jha
अपनी और अपनों की
अपनी और अपनों की
*Author प्रणय प्रभात*
रोटी रूदन
रोटी रूदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
Satish Srijan
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
gurudeenverma198
"सुने जो दिल की कहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता
Mukesh Kumar Sonkar
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
कवि रमेशराज
Loading...