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28 Mar 2017 · 1 min read

** मोरों दे बिच **

बैठी मोरों दे बिच गोरी
हाथ में लेके मोर पंख
**
सोचन लागी मन में
क्या मोरों दे बिच
***
कण्ठों में कंठी
कानो में झुमका
हाथों में है कंगन
मन में है ठुमका
**
होठ दबाये होठ चबाये
दांतों तले – दांतों तले
देख तेरा रूप सुनहरा
हाथ कितने लोग मले
**
मिलने की मनसा
दिल में उमंग है
पिया मिलन को
दिल – लहर उठे
**
पहर उठे
दो-पहर उठे
**
धरती के मन में
आशा- आकाशी
बादल बिना ये
मेह है करे
***
अपना ये गेह है
नेह है पराया
मोरों दे बिच गोरी
क्या सोचा करें ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 187 Views
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