Satish Srijan 448 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Satish Srijan 11 Jan 2023 · 2 min read तेरे नाम पर बेटी आँखे हैं भीग जाती, तेरे नाम पर बेटी। तेरी याद बहुत आती , सुबह शाम को बेटी। तेरे खिलौने हैं धरे, कपड़े भी हैं धरे। डिब्बे में छुट्टे पैसे, आज... Hindi · गीत 433 Share Satish Srijan 11 Jan 2023 · 1 min read ख्वाहिशों ठहरो जरा ख्वाहिशों ठहरो जरा गिन लूं अपनी साँसों को, हुई हैं खर्च कहाँ घाटा या मुनाफे में। -सतीश सृजन, लखनऊ Hindi 1 171 Share Satish Srijan 11 Jan 2023 · 1 min read मिजाज ए फ़क़ीर मौज में रहता खिजां में भी इश्क़ रब से हो जाए गर, मिजाज ए फ़क़ीर को न दरकार है बहारों की। सतीश सृजन, लखनऊ. Hindi 126 Share Satish Srijan 11 Jan 2023 · 1 min read एक थी कोयल ये गुलशन मधुमय हो जाता, कोयल जब लय में गाती थी। भारत अवनी होती सुरमय, संग दुनिया सुन हर्षाती थी। मंगेश्कर दीनानाथ सुता, मां शारद की अनुयायी थी। निज कोकिल... Hindi · कविता · लता मंगेशकर 195 Share Satish Srijan 11 Jan 2023 · 1 min read ...तो खलता है जिसने बालों को सहलाया, घोड़ा बन पीठ पर बहलाया। उँगली फड़ करके टहलाया, जिससे हमने जीवन पाया। उसका पन तिल तिल ढलता, तो खलता है। उससे हमने अनुराग लिया, मेरे... Hindi · कविता 129 Share Satish Srijan 11 Jan 2023 · 1 min read कठपुतली की क्या औकात मिट्टी सुतली उसकी जात, कठपुतली की क्या औकात। पल दो पल भर रहती गात, कठपुतली की क्या औकात। मालिक डोर घुमाए जैसे, पुतली नाच दिखाए वैसे। पराधीन किसी और हाथ... Hindi · कविता 1 283 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read सकठ गणेश चतुर्थी माघ कृष्ण की चतुर्थी जिसके देव गणेश, सकठ चौथ कहते इसे, यह दिन बड़ा विशेष । पुत्रवती जननी सभी रखती हैं उपवास । सुतगण सब दीर्घायु हो, यही कामना आश।... Hindi · कविता 1 157 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read हिंदी हिंदी -------- अभिव्यक्ति का माध्यम खासा, यह न केवल है एक भाषा। महारानी मस्तक की बिंदी, वैसे प्यारी अपनी हिंदी। देवनागरी लिपि में आई है, संस्कृत की कोख से जायी... Hindi · कविता 1 566 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read अध्यापक:द कुम्भकार गीली मिट्टी को गढ़ गढ़ कर, देते बर्तन सा वृहदाकार। अनुपम है योगदान तेरा, है नमस्कार हे कुंभकार। आगे चल कर कोई घड़ा बने, प्याला प्याली कुल्हड़ थाली । सबको... Hindi · कविता · शिक्षक दिवस पर लिखी गयी 248 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read मुर्गासन, विद्यालय का मुर्गा आसन, जीवन भर का था अनुशासन। जिसने किया गुरु की माना। आगे चलकर बना सयाना। धन पद ख्याति संग देही चुस्त। मुर्गासन परिणाम दुरुस्त। सभी शिक्षक को... Hindi · कविता 1 496 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read कोई हिन्दू हो या मूसलमां, कोई हिन्दू हो या मूसलमां, इबादत सब की है अच्छी । बशर्ते दिल हो पाकीज़ा, मुहब्बत सच्ची हो रब से । -सतीश सृजन लखनऊ Hindi · शेर 2 146 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read तब मैं कविता लिखता हूँ ....तब मैं कविता लिखता हूँ जब बछड़े को दूध पिलाती कोई गैया। चोंच में चूजे को दाना ले जाती गौरैया। कोई बन्दरी छाती पर बच्चा चिपटाकर ढोती। नन्हीं चींटी चीनी... Hindi · कविता 596 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read सम्राट अशोक कर्तव्य का भी भान था, शिवा शिवम का ध्यान था। जब हाथ में कृपान था, अशोक तब महान था। त्रिपुंड लगा भाल में, रुद्राक्ष गले माल में। गृह रुद्र का... Hindi · कविता 2 115 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read आखिर कौन हो तुम? तेरी मुश्कान में शान, जबकि मौन हो तुम। मेरे कान्हा कभी बतला तो, आखिर कौन हो तुम? तू लड्डू गोपाल है क्यों गायों का रखपाल है क्यों? मीरा पर कृपाल... Hindi · कविता 158 Share Satish Srijan 10 Jan 2023 · 1 min read मैं दर्पण हूँ मैं दर्पण हूँ न रंगभेद, न जातिवाद, हो हर्ष तुम्हें या हो विसाद। अतिरिक्त न कुछ बतलाता, जो हो तुम वही दिखाता । तुझ पर सम्पूर्ण समर्पण हूँ। मैं दर्पण... Hindi · कविता 1 105 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 4 min read चार साहबजादे चार साहिबज़ादे गोविंद गुरु थे शहंशाह, जन पालक बन कर आये थे। उनके जाये सुत वीर चार, साहिबज़ादे कहलाये थे। बाबा अजीत, ज़ूझार सिंह, संग वीर जोरावर और फतह। उन... Hindi · कविता · प्रबन्ध काव्य · वीर बालदिवस विशेष 2 836 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read मेरे पापा...लोरी सुना दो बालमन को मेरे बहुत बहलाती है, रोज रात गाना गा मुझको सुलाती है। राग में गाओ या कोरी गुनगुना दो, मेरे पापा आज तुम लोरी सुना दो। माँ तो दुलराती... Hindi · कविता 1 133 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 2 min read नाथू राम जरा बतलाओ नाथू राम जरा बतलाओ, गांधी को तुम क्यों मारा। वयोवृद्ध की हत्या करके, खुद बन गए एक हत्यारा। सत्य अहिंसा पथ चलते थे, नहीं करते कोई अगर मगर। तुम भी... Hindi · कविता · गांधी जी की पुण्यतिथि विशेष 1 309 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read मसखरा कहीं सो गया जो आया है वह जाएगा, कोई कुछ भी न कर पायेगा। सुख के साधन चहे जितने हों, चाहने वाले भी कितने हों। रुतवा कितना हो भारी, पर मौत से किसी... Hindi · कविता 1 2 245 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read ...तो हम दोनों थे ब्याह के आयी थी, तो हम दोंनो थे। रात शरमाई थी, तो हम दोनों थे। फलक से उतर कर, बिस्तर पर सहमा सा बैठा । घूंघट में चांद देखा था,... Hindi · कविता 2 132 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read मैं बुद्ध के विरुद्ध न ही.... मैं बुद्ध के विरुद्ध न ही युद्ध के विरुद्ध हूँ। दधीचि सा परमार्थ है, संतोष भरा स्वार्थ है। मैं कर्ण मैं ही पार्थ हूँ, निःस्वार्थ सा पुरुषार्थ हूँ। मैं मर्म... Hindi · कविता 3 367 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read साजन आने वाले हैं कन्धे पर हथियार लिये डट दुश्मन को ललकारे है। प्रहरी बन तैनात बलमजी, सरहद के रखवाले है । मैं घर, पिया सीमा पे जागे, सुना कोना कोना है । जाने... Hindi · कविता 1 248 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 1 min read बड़ी मंजिलों का मुसाफिर अगर तू न कर मुश्किलों की तू परवाह कतई, अगर दिल में ख्वाहिश बुलन्दी को पाना। बड़ी मंजिलों का मुसाफिर अगर तू, मुसलसल चला चल कहीं रुक न जाना। बड़े हौसले से... Hindi 1 179 Share Satish Srijan 9 Jan 2023 · 2 min read बिखरे अल्फ़ाज़ सितारों की जमात में आ गए तुम, फलक पर खास मुकाम पा गए तुम, जमीं पर पसरी चांदनी कहती, तविन्दा चाँद के मानिंद छा गए हो तुम। एहसानफरामोश हैं वे... Hindi 2 287 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 1 min read दस्तक बसा ली है दुनिया कहीं दूर जाकर, नहीं पास कोई भी बच्चे हमारे। कहाँ अब रही गीत गज़लों की रातें, बुढ़ापे की दस्तक हुई तन के द्वारे। दवाई बिना नागा... Hindi · कविता 3 232 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 1 min read मेरा हैप्पी बर्थडे माघ पूस सावन भादों या कातिक चैत कुवारा। अम्मा जरा बता दो मुझको, कब का जनम हमारा। रामउ, ननकू बबलू फत्ते, सब हैं जनम मनाते। मेरा हैप्पी बड डे कब... Hindi · कविता · हास्य 2 270 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 1 min read द पति हैंडसम कहो, हसबैंड कहो, पति शौहर, भरतार, आज के युग में भी पति , पत्नी का करतार। सारी बातें छोड़ कर एक बात धरो गांठ, पति है जिसके संग में... Hindi · कविता · हास्य 1 166 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 1 min read बूंद भर आब बूंद भर आब से बनकर, सफर पर निकले हैं सारे। रूकेंगे खाक बनकर के, किसी मंजिल पर जाकर ये। फ़क़त मिट्टी का पुतला है, अकड़ से कुछ नहीं होगा। शुपुर्द... Hindi 1 160 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 1 min read किसी के कुछ जज़्बात हम तुम मिले प्रणय के नए तराने गाकर, मन को मिला विराम सहज सा साथी पाकर। दिल हिमवत था लेकिन अब तो तरल हो गया, तुझ संग रहकर जीवन कितना... Hindi · कविता 123 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 1 min read नारी तेरा बहुत बड़ा सम्मान बहुत बड़ा सम्मान। नारी तेरा बहुत बड़ा सम्मान। तु जननी है राम कृष्ण की नानक, ईशा ध्रुव प्रहलाद की गांधी, तिलक, शिवाजी जन्मे बन तेरी सन्तान। तेरा बहुत बड़ा सम्मान।... Hindi · कविता 77 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 1 min read सेब का आठवां भाग घर में कभी कभार ही खरीदकर आता था। सेब का आठवां भाग, हिस्से में पाता था। खाता था, ललचाता था, पछताता था। काश! थोड़ा और मिलता। अब किसी चीज न... Hindi · कविता 2 91 Share Satish Srijan 8 Jan 2023 · 2 min read कुत्ते का श्राद्ध फतेह बहादुर नाम है मेरा एस पी का हूँ बाबू । सारा आफिस मेरे अंडर, साहब भी मेरे काबू। जो मैं कहता वैसे करते, रॉन्ग हो या राइट। आय व्यय... Hindi · सारे नाम काल्पनिक हैं · हास्य-व्यंग्य 2 102 Share Satish Srijan 7 Jan 2023 · 1 min read बाइस्कोप मदारी आज की पीढ़ी को क्या मालूम क्या होती है राब। बहुत सी चीजें लुप्त हो गयी बन गयी एक दम ख्वाब। सनई पटुआ जोंधरी बर्रे, मोटरी हो गयी गायब। कोदौ... Hindi · कविता 2 98 Share Satish Srijan 7 Jan 2023 · 1 min read दो कौड़ी की कविताएं दो कौड़ी की कविताये मैं लिखता हूँ। खुद भी तो मैं दो कौड़ी का दिखता हूँ। दो कौड़ी का व्यक्तिव मेरा। दो कौड़ी का अस्तित्व मेरा। दो कौड़ी की है... Hindi 1 69 Share Satish Srijan 7 Jan 2023 · 1 min read फ़क़त फरियाद है इतनी तेरा दीदार जब होता मैं खुद को भूल जाता हूँ । मेरे दिलवर बता दे तू कि ऐसी बात क्या तुझमें। बिना बोले ही चल देते, कभी कुछ कहकर के... Hindi 66 Share Satish Srijan 7 Jan 2023 · 1 min read नौशिखिया कलमकार मैं नौसिखिया सा कलमकार, नहीं वजनदार मेरी कविता। कभी प्रखर प्रकाश नहीं दिखता, जब बदली में निकले सविता। शब्दों का वृहद आकार नहीं, व्याकरण से कोई सरोकार नहीं। रचना में... Hindi · कविता 75 Share Satish Srijan 7 Jan 2023 · 1 min read सुभाषचन्द्र बोष एक लाल सपूत हुआ माँ का, जो चन्द्र सुभाष कहाया था। सन तैंतालीस में बोष वीर, आजादी बिगुल बजाया था। जय हिंद की नारा दिया हमें, अजाद हिन्द दल तैयार... Hindi · कविता 1 213 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read गौ संरक्षण जरूरी कई लोग तो कूकुर पालें, कुछ जन पाले गैया। कुत्ता केवल भौ भौ करता, दूध देत गौमैया। सागर मंथन से हुआ उद्भव कामधेनु है नाम। जिनका ढूध पिया इन सबने,... Hindi · कविता 1 225 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read ऊँट है नाम मेरा पीठ पर कूबड़ है, नाक में नथ है। कोई न चल पाये जहां वह रेत मेरा पथ है। बिन पानी के भी करता सब काज हूँ। ऊंट है नाम मेरा... Hindi · कविता 101 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read माँ हीराबेन श्रधंजलि अम्मा मरी प्रधान की, दुखी है पूरा देश। शतक लगाया पन में, यही है बहुत विशेष। यही है बहुत विशेष, शोक की बात नहीं है। जाना एक दिन सबन को,... Hindi 66 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read माँ का प्यार मां स्नेह वात्सल्य जनित है, प्रियसी का श्रृंगार अधीन। मां का प्यार ओस की बूंदें, और सजनी सरवर की मीन। मां के प्रेम में डूब गया जो, वो बन गया... Hindi · कविता 116 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read Life is Precious Mobile, a machine, To make a easy life, Misuse of hand set Like a shrap knife. U can find, what you do wish. But Always mind, drawbacks of this! It... English · English Poem 298 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read 'ण' से कुछ नहीं पाठशाला में जाते थे, गुरुजी समझाते थे। गिनती ककहरा का था ठाठ, पहली कक्षा का यही पाठ। क से कबूतर, ख से खरगोश, च से चरखा ज से जोश। ट... Hindi · कविता 92 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read द पॉपकॉर्न डलिया में मकई ले करके भड़भूजे के घर जाते थे। मकई के दाने भुन करके, ढेरों लावे बन जाते थे। कुछ खाते थे,बिथराते थे, कुछ नभ की ओर उड़ाते थे।... Hindi 99 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read तिमिर है घनेरा दिशाओं दशों में तिमिर है घनेरा, उजालों का साधन जुटाना पड़ेगा। पुराने चिरागों की लौ नहीं काफी, नये दीप ढेरों जलाना पड़ेगा। है माला पुरानी हुआ जीर्ण धागा, सभी मनके... Hindi 45 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read ...मशीन बन गया रिश्ते-समाज से वो उदासीन हो गया, इंसान आज कल तो एक मशीन बन गया। मां जनम दे मशीन से,सहे क्यों प्रसव पीड़ा। बस यहीं से शुरू हुई,मशीन की क्रीड़ा। पलना... Hindi 160 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read माँ शीत में धूप है, ममता की रूप है। सावन की फुहार है, शीतल बयार है। पतझड़ में बसन्त है, आदि है अंत है। यार है, प्यार है, दुलार है, मनुहार... Hindi 77 Share Satish Srijan 6 Jan 2023 · 1 min read बरगद का दरख़्त है तू न किया पहचान निज का, तो बड़ा कमबख्त है तू। तिनकों से तुलना क्या तेरी, बरगद का दरख़्त है तू। आज तो है कल नहीं तृण, वायु से या जल... Hindi 1 187 Share Previous Page 9