डाॅ. बिपिन पाण्डेय Language: Hindi 353 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next डाॅ. बिपिन पाण्डेय 10 May 2019 · 1 min read गीतिका अहीर छंद- 11 मात्रा, अंत 221/ 121 आया दुख का मोड़। दिया सभी ने छोड़।।1 मज़बूरी का मेल, गठबंधन बेजोड़।।2 हो भगवा पर जीत, खोज रहे दल तोड़।।3 आपस में... Hindi · गीतिका 401 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 Apr 2019 · 1 min read दोहे दोहे- इस तकनीकी दौर ने ,बदल दिए हालात। रखता कौन सहेज अब,चिट्ठी में जज़्बात।।1 भौतिक सुख की लालसा,करवाती है पाप। ईश भजन को छोड़ नर,करे अर्थ का जाप।।2 अच्छा मानव... Hindi · दोहा 353 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Apr 2019 · 1 min read गीतिका कठिन साधना सी मेहनत है,पर लाचारी गाँवों में। नहीं मिटाए मिटती फैली, हर दुश्वारी गाँवों में।।1 हरे - भरे हैं खेत चतुर्दिक ,पुष्पावलियाँ झूम रहीं, भरें ताज़गी जो हर मन... Hindi · गीतिका 393 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 Feb 2019 · 1 min read गीतिका जिनमें धैर्य पराक्रम है वे,लोग शिखर चढ़ते हैं। आपाधापी करने वाले ,बस नीचे गिरते हैं।।1 मातृभूमि की रक्षा के हित ,जो कुर्बानी देते, उन वीरों की गौरव गाथा,लोग यहाँ पढ़ते... Hindi · गीतिका 251 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 21 Feb 2019 · 1 min read आया नवल बसंत गीत सखी री आया नवल बसंत। हुए हैं सुरभित सभी दिगंत।। सजीले दिखते हैं तरु गात। बढ़ाते शोभा उनकी पात। छटा यह रहे वर्ष पर्यंत। सखी री आया नवल बसंत।।... Hindi · गीत 449 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 21 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मुक्तक- यौवन जिसके साथ सदा ही ,करता है अठखेली। यादों का मधुमास लिए वह ,बैठी निपट अकेली। मिटा महावर चूड़ी टूटी , गला हुआ है सूना, साजन बिना अभागिन का... Hindi · मुक्तक 192 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 6 Feb 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद कुंडलिया छंद बनकर मत रहना कभी,कोई सूखी डाल। जीवन में नमनीयता,करती बड़ा कमाल।। करती बड़ा कमाल ,राय सब यह ही देते। विनयी शांत स्वभाव ,लोग जो बनें चहेते। टूटे वह... Hindi · कुण्डलिया 220 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 23 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद कुंडलिया छंद- लगते हैं अब तक हरे, जाति- धर्म के घाव। नमक छिड़कने आ गए,फिर से आम चुनाव। फिर से आम चुनाव , करेंगे पैदा दूरी। होंगे खूब फसाद ,... Hindi · कुण्डलिया 351 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 21 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद कुंडलियां छंद- होता है जब नित्यप्रति ,अपनों से संपर्क। तभी चढ़े आकाश में ,संबंधों का अर्क। संबंधों का अर्क , सदा खुशहाली लाए। पर अपनों का मौन,कष्ट को नित्य बढ़ाए।... Hindi · कुण्डलिया 196 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद (युवा दिवस पर) कुंडलिया छंद- तन पर शोभित था सदा,जिनके भगवा रंग। उनकी वाणी सुन सभी ,हो जाते थे दंग। हो जाते थे दंग , देख कर धर्म पताका। समझाया वेदांत , बने... Hindi · कुण्डलिया 248 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद भिक्षा दर- दर माँगते ,नाम रखा है भूप। प्यारे सुन्दर लाल जी,दिखते बड़े कुरूप। दिखते बड़े कुरूप,लगाते फेयर लवली। पर देखो दुर्भाग्य,न उनकी सूरत बदली। देख नित्य दृष्टांत,यही मिलती है... Hindi · कुण्डलिया 210 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 6 Jan 2019 · 1 min read गीतिका समरांगन सा है यह जीवन ,करो इसे स्वीकार। कभी विजय का वरण यहाँ है,और कभी है हार।।1 माता-पिता सोचते बैठे,हुए आज कंगाल, बँटवारे में खड़ी हुई जब,आँगन में दीवार।।2 सदाचार... Hindi · गीतिका 203 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jan 2019 · 1 min read शुभमाल छंद शुभमाल छंद - यह एक वर्णिक छंद है।इस छंद में 2 जगण (121,121) का प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक चरण में कुल छह वर्ण होते हैं। भजो प्रभु नाम। सदा... Hindi 234 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jan 2019 · 1 min read शुभमाल छंद शुभमाल छंद -यह एक वर्णिक छंद है। इस छंद के प्रत्येक चरण में दो जगण ( ।ऽ।, ।ऽ।) का प्रयोग होता है।इस छंद में कुल चार चरण होते हैं। दो-दो... Hindi 233 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 4 Jan 2019 · 1 min read कहमुकरी सबसे पहले कपड़ा खोले। इंच इंच फिर बदन टटोले। पूछे वह क्या मेरी मर्जी। क्या सखि साजन? नहिं सखि दर्जी।।1 जाड़ा उससे लिपट भगाऊँ। उसको अपने अंग लगाऊँ। वही एक... Hindi · कहमुकरी 615 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 3 Jan 2019 · 1 min read दोहे दोहे फटती नहीं बिवाइयाँ, जब तक अपने पैर। ज्ञात नहीं होता कभी,क्या दुख सहता गैर।।1 ओखल के अंदर रहें ,और चोट से दूर। जिनको आती ये कला,उन पर हमें गुरूर।।2... Hindi · दोहा 201 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 2 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद आया मौसम शीत का, ठिठुर रहे हैं गात। उछल- कूद बच्चे करें ,दें ठंड़क को मात। दें ठंडक को मात ,सभी को ये समझाएँ। बैठें जला अलाव ,देह को सेंक... Hindi · कुण्डलिया 352 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 2 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया छंद कुंडलिया छंद- खोया - सा मन बावरा, तके बैठकर राह। सूना- सूना जग लगे ,मिले न दुख की थाह। मिले न दुख की थाह,पिया की याद सताती। बैठी तकती राह... Hindi · कुण्डलिया 243 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक- दिया उम्मीद का भगवन,कभी बुझने नहीं देना। बढ़े हैं जो कदम आगे, उन्हें रुकने नहीं देना। मुबारक साल हो सबको,दुआ दिल से हमारी है, तिरंगा शान भारत की,इसे झुकने... Hindi · मुक्तक 328 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 30 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक- मज़ा आए भला कैसे जगत की आशनाई में। लगा हो ध्यान जब सबका यहाँ केवल बुराई में। दुखों की शीत में बाँटा अमीरी ने नहीं कंबल, दिखी है मस्त... Hindi · मुक्तक 373 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 30 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक- मज़ा आए भला कैसे जगत की आशनाई में। लगा हो ध्यान जब सबका यहाँ केवल बुराई में। दुखों की शीत में बाँटा अमीरी ने नहीं कंबल, दिखी है मस्त... Hindi · मुक्तक 247 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Dec 2018 · 1 min read दोहे दोहे- राजनीति ने कर दिया,कितना काम महान। जाति-धर्म में वोट हित,बाँट दिए भगवान।।1 शैशव प्यारी भोर है,यौवन दिन अभिराम। वृद्धावस्था लग रही ,जैसे ढलती शाम।।2 जरा मृत्यु से ज़िंदगी,कभी न... Hindi · दोहा 441 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Dec 2018 · 1 min read दोहे दोहे भावों की बिंदिया लगा,कर भाषिक सिंगार। आई कविता कामिनी,सज धज मन के द्वार।।1 शब्दों के लालित्य की,अधर लालिमा साज। कविता बन नवयौवना,करती उर पर राज।।2 जब हो कविता पाठ... Hindi · दोहा 279 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक- नज़र झुकाकर गलियों से जो,आया जाया करते हैं। कभी भूलकर चाहत को वे, नहीं नुमाया करते हैं। सब देख फिदा हो जाते हैं,उनकी इन्हीं अदाओं को, बैठे- बैठे लोग... Hindi · मुक्तक 205 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Dec 2018 · 1 min read गीतिका ढोंग कपट को पूज्य बनाते ,मैंने अनुचर देखे हैं। बिना किए विषपान बने जो, ऐसे शंकर देखे हैं।।1 निद्रा से साधन का नाता,जो कहता वह झूठा है, सलवट वाले रंग-... Hindi · गीतिका 234 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 16 Dec 2018 · 1 min read गीतिका मिला है कोष जो प्रभु से लुटाना भूल मत जाना। किसी रोते हुए को तुम हँसाना भूल मत जाना।।1 बड़े अनमोल होते हैं ,सभी संबंध दुनिया में, कोई यदि रूठ... Hindi · गीतिका 610 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Nov 2018 · 1 min read गीतिका (आधार छंद-मंगलवत्थू) कहता है संसार, चुनौती दे डालो। कभी न मानो हार,चुनौती दे डालो।।1 बनो स्वयं में सुदृढ़,त्याग दो दुर्बलता, जाना है उस पार ,चुनौती दे डालो।।2 यदि सत्ता का... Hindi · गीतिका 1 1 470 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 Nov 2018 · 1 min read गीतिका गीतिका (आधार छंद- मंगलवत्थू) ऐसा हुआ कमाल,चुनावी मौसम में । बदली सबकी चाल,चुनावी मौसम में।।1 खींचें नेता टाँग ,मढ़ें आरोप सभी , बहुत बुरा है हाल,चुनावी मौसम में ।।2 करता... Hindi · गीतिका 2 1 416 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Aug 2018 · 1 min read मुक्तक मुक्तक- जिसे दे खून पुरखों ने सजाया है सँवारा है। वहां पर बह रही देखो चतुर्दिक पाप धारा है। नहीं है काम हाथों को भ्रमित है आज की पीढ़ी, बने... Hindi · मुक्तक 465 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 12 Aug 2018 · 1 min read गीतिका आधार छंद- विधाता मापनी- 1222, 1222, 1222, 1222 समांत- आर, पदांत- करना तुम। समय है कीमती इसको नहीं बेकार करना तुम। गवाँ पल व्यर्थ में जीवन नहीं लाचार करना तुम।।1... Hindi · गीतिका 388 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 Jun 2018 · 1 min read गीतिका आधार छंद- सिंधु समांत - अर , पदांत- नहीं है मापनी- 1222, 1222, 122 किसी का देश ये अनुचर नहीं है। यही है बात हमको डर नहीं है।।1 करेंगे काम... Hindi · गीतिका 232 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 10 Jun 2018 · 1 min read सिंहावलोकन घनाक्षरी किसी भी छंद को सिंहावलोकन का रूप दिया जा सकता है। जब हम छंद के प्रथम चरणांत में प्रयुक्त शब्द को दूसरे चरण के प्रथम शब्द के रूप में, द्वितीय... Hindi · घनाक्षरी 436 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 6 Jun 2018 · 1 min read कुंडलिया छंद कुंडलिया छंद- माना ये इस जगत में,फल हैं खास तमाम। कहते हैं पर सब यही,फल का राजा आम। फल का राजा आम,सभी को सदा लुभाए। बालक वृद्ध जवान ,इसे हर... Hindi · कुण्डलिया 379 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 6 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक नशा हर चीज़ में था पर मुझे पीना नहीं आया । सलीके से कभी ऐ जिन्दगी जीना नहीं आया। मुसीबत रोज़ आ करके खुशी हर चाक कर देती, रफू ही... Hindi · मुक्तक 240 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jun 2018 · 1 min read महाभुजंगप्रयात सवैया महाभुजंगप्रयात सवैया- यह एक वर्णिक छंद है। इस सवैया के प्रत्येक चरण कुल 24 वर्ण होते हैं। हर एक चरण में ।ऽऽ ×8 (यगण×8) का प्रयोग होता है। सभी का... Hindi · सवैया 269 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jun 2018 · 1 min read समारोह ट्यूब वेल चल रहा था और चार लड़के बाल्टियाँ भर भर कर मैदान का छिड़काव कर रहे थे। टेंट वाले का सामान पड़ा हुआ था, इतनी सारी तैयारी देखकर गजोधर... Hindi · लघु कथा 321 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jun 2018 · 1 min read गीतिका काव्य को अनुभूति का अध्याय लिखते रह गए। हर दुखी की पीर का व्यवसाय लिखते रह गए।।1 लोग आए निर्धनों की फूंक डाली झोपड़ी, और हम बैठे विवश बस न्याय... Hindi · गीतिका 371 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jun 2018 · 3 min read शिव ताण्डव स्तोत्रम् का भावानुवाद शिव ताण्डव स्तोत्रम् सरसी छन्द- जिनकी सघन जटाओं से है,निःसृत गंगा धार। पड़े गले में रहते जिनके, नित सर्पों के हार। बजा बजा जो डम डम डमरू,ताण्डव करें प्रचंड। उन... Hindi · कविता 1 424 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 May 2018 · 1 min read डमरू घनाक्षरी इस घनाक्षरी छंद के प्रत्येक चरण में कुल 32 वर्ण होते हैं तथा 8,8,8,8 वर्णों पर यति का विधान है। इस घनाक्षरी की विशेषता यह है कि इसमें प्रयुक्त किए... Hindi · घनाक्षरी 525 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 May 2018 · 1 min read भ्रूण हत्या (लघुकथा) भ्रूण हत्या ( लघुकथा) -------- पटल पर पोस्ट की गई रचना को पढ़कर एडमिन महोदय बुदबुदाए- लोग कुछ भी लिखकर पोस्ट कर देते हैं और समझते हैं कि वे साहित्यकार... Hindi · लघु कथा 435 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 May 2018 · 1 min read गीतिका आधार छंद- हरिगीतिका मापनी- 2212, 2212, 2212, 2212 समांत- आर, पदांत- कर सकता नहीं जो भाव भाषा शब्द पर अधिकार कर सकता नहीं। वह लेखनी को सोच से हथियार कर... Hindi · गीतिका 250 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 May 2018 · 1 min read डमरू घनाक्षरी डमरू घनाक्षरी-8/8/8/8 अमात्रिक शब्द घटत अतल जल,बढ़त उमस पल, जलत अचर चर,गरम सहत जग। चम चम चमकत,नज़र न ठहरत, तन जल छलकत,तपत रहत मग। थम थम धड़कन,भटकत तन मन, डरपत... Hindi · घनाक्षरी 435 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 13 Feb 2018 · 1 min read गीत कब तक हम गद्दारों पर यों, बोलो दया दिखाएँगे। वीर लाड़ले भारत माँ के, अपनी जान गँवाएँगे।। धींगामुश्ती का खेल भला,कब तक खेला जाएगा। कब तक लिपट तिरंगे में, सैनिक... Hindi · गीत 599 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 11 Feb 2018 · 1 min read कविता देश का बचपन ------------------- आँखों में मासूमियत चेहरे पर भोलापन, कंधे पर डाले एक फटी पुरानी बोरी गली- गली घूमता, हर कूड़े के ढेर मे तलाशता जिंदगी,देश का बचपन। स्कूल,किताबें,खेल... Hindi · कविता 274 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 11 Feb 2018 · 1 min read तकदीर तकदीर- ----------- चमचमाती मर्सिडीज में मेम साहब की गोदी में बैठे हुए डाॅगी को गली के कुत्ते ने देखा- जो पास में खड़े हुए व्यक्ति के सामने दुम हिल रहा... Hindi · कविता 508 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Jan 2018 · 1 min read मालती माधव छंद माधव मालती छंद 2122, 2122, 2122, 2122 नेह निर्मल दृष्टि ने जब इस वदन तन को छुआ है। प्रेम का अंकुर हृदय में प्रस्फुटित तब से हुआ है। शीत की... Hindi 2 2 2k Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jan 2018 · 1 min read गीतिका जीवन में हर रंग चाहिए। जीने का भी ढंग चाहिए।।1 तंग भले कपड़े हों लेकिन, नहीं नजरिया तंग चाहिए।।2 निर्मलता हो जिसकी खूबी, उर में ऐसी गंग चाहिए।।3 भोले बचपन... Hindi · गीतिका 265 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jan 2018 · 1 min read गीतिका जीवन में हर रंग चाहिए। जीने का भी ढंग चाहिए।।1 तंग भले कपड़े हों लेकिन, नहीं नजरिया तंग चाहिए।।2 निर्मलता हो जिसकी खूबी, उर में ऐसी गंग चाहिए।।3 भोले बचपन... Hindi · गीतिका 289 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 Jan 2018 · 1 min read ग़ज़ल ऽ।ऽ, ऽ।ऽ चाँदनी रात है। प्यार की बात है।।1 याद आती बहुत, हर मुलाकात है।।2 सच सियासत हुआ, झूठ जज़्बात है।।3 ज़िंदगी कुछ नहीं, रोज़ शह मात है।।4 रात को... Hindi · ग़ज़ल 263 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 18 Jul 2017 · 1 min read कृपाण घनाक्षरी इस घनाक्षरी छंद में कुल 32 वर्ण होते हैं तथा 8,8,8,8 वर्णों पर यति का प्रयोग होता है। इसमें यति पर अंत्यानुप्रास का प्रयोग किया जाता है। चरण के अंत... Hindi · घनाक्षरी 549 Share Previous Page 7 Next