Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2017 · 1 min read

कृपाण घनाक्षरी

इस घनाक्षरी छंद में कुल 32 वर्ण होते हैं तथा 8,8,8,8 वर्णों पर यति का प्रयोग होता है। इसमें यति पर अंत्यानुप्रास का प्रयोग किया जाता है। चरण के अंत में गुरु लघु अअनिवार्य होता है।
(1)
रूपराशि बनी हाला,नशा करे मतवाला,
तिल है कपोल काला,देखें सब बार- बार।
चाल गजगामिनी सी,बनी ठनी मानिनी सी,
दंतकांति दामिनी सी,बात-बात झरे प्यार।
आँखों में अंजन लगा,दिल लिए प्रेम पगा,
राही भी है खड़ा ठगा,देख करे मनुहार।
रति की पताका लिए,हँसी का ठहाका लिए,
रूप अति बाँका लिए,जिसे देखे देती मार।।
(2)

फैला देश में आतंक,नित्य ही ये मारे डंक,
परेशान राजा रंक, कुछ करो सरकार।
चीखता अब कश्मीर, बढ़ती ही जाए पीर,
सिर के ऊपर नीर, करो अब आर-पार ।
मरते जवान रोज,त्याग भी दो अब भोज,
मारो सभी खोज खोज,सेना को करो तैयार।
सोच विचार छोड़ दो,तोपों का रुख मोड़ दो,
अणु बम को फोड़ दो,सुनो देश की पुकार।।
डाॅ0 बिपिन पाण्डेय

529 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
#नज़्म / ■ दिल का रिश्ता
#नज़्म / ■ दिल का रिश्ता
*Author प्रणय प्रभात*
काम से राम के ओर।
काम से राम के ओर।
Acharya Rama Nand Mandal
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
अभी तो साँसें धीमी पड़ती जाएँगी,और बेचैनियाँ बढ़ती जाएँगी
पूर्वार्थ
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
Yogendra Chaturwedi
हो गये अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे
हो गये अब अजनबी, यहाँ सभी क्यों मुझसे
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
"नया दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं फकीर ही सही हूं
मैं फकीर ही सही हूं
Umender kumar
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
Dr MusafiR BaithA
विचार
विचार
Godambari Negi
बे खुदी में सवाल करते हो
बे खुदी में सवाल करते हो
SHAMA PARVEEN
* भावना स्नेह की *
* भावना स्नेह की *
surenderpal vaidya
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
अनिल कुमार
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
सियासत हो
सियासत हो
Vishal babu (vishu)
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
Paras Nath Jha
3014.*पूर्णिका*
3014.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यूँ इतरा के चलना.....
यूँ इतरा के चलना.....
Prakash Chandra
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
*** मां की यादें ***
*** मां की यादें ***
Chunnu Lal Gupta
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
Shiva Awasthi
योग इक्कीस जून को,
योग इक्कीस जून को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
होली का त्यौहार (बाल कविता)
होली का त्यौहार (बाल कविता)
Ravi Prakash
खामोश अवशेष ....
खामोश अवशेष ....
sushil sarna
💐प्रेम कौतुक-329💐
💐प्रेम कौतुक-329💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...