Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1073 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Shyam Sundar Subramanian 21 Feb 2023 · 1 min read विचार सरिता दृढ़-वचन से आत्मविश्वास पैदा होता है, आत्मविश्वास से प्रतिबद्धता पैदा होती है, प्रतिबद्धता कार्रवाई को प्रेरित करती है, कार्रवाई निष्पादन का आयोजन करती है। निष्पादन का परिणाम कार्यसिद्धि में होता... Hindi · कोटेशन 458 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Feb 2023 · 1 min read अवसान अशांत हृदय, दिग्भ्रामक आयाम, उद्विग्न मन, प्राकृतिक आपदा, युद्ध की विभीषिका , मानवता का हनन् , निरीह उत्पीड़ित संघर्षरत् मानव, छल -कपट एवं छद्म का वर्चस्व, लुप्तप्रायः धैर्य एवं साहस,... Hindi · कविता 444 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Feb 2023 · 1 min read मतिभ्रष्ट हे ईश्वर ! आज के मानव को ये क्या हो गया है ? वह तुम्हारे अस्तित्व को बांटकर देखने के लिए उद्यत हो गया है , उसे कौन बताऐ राम... Hindi · कविता 240 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Feb 2023 · 1 min read लिप्सा लिप्सा कभी खत्म नही होती है, एक के बाद दूसरी फिर तीसरी ,चौथी, निरंतर बढ़ती ही जाती है , आत्मसम्मान , रिश्तों - संबंधों तक को दांव पर लगाने से... Hindi · कविता 1 217 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Feb 2023 · 1 min read आव्हान नवप्रभात रश्मियों स्पंदित नवजीवन हो ! आव्हान करें ! नवस्फूर्ति मनस संचरित हो ! विगत विषाद अवसान करें ! वर्तमान संकल्प प्रतिबद्ध हो ! परिणित भविष्य सुखद हो ! निर्माण... Hindi · कविता 187 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Feb 2023 · 1 min read उदासीनता कभी -कभी हम देख-समझ कर भी अनजान से बनते है, वातावरण से अप्रभावित उदासीन होने की चेष्टा करते हैं , शायद हमारी अंतर्मानसिकता हमें इसलिए बाध्य करती है , या... Hindi · कविता 265 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Feb 2023 · 1 min read विवाद और मतभेद विवाद और मतभेद एक आम कारण पर आम सहमति बनाने हेतु पारस्परिक स्वीकृति के उचित लचीलेपन के बिना व्यक्तिगत धारणाओं में संघर्ष के परिणाम हैं। Hindi · कोटेशन · विचार सरिता 356 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Feb 2023 · 1 min read त्रासदी कुछ समझ में नहीं आता ये क्या हो रहा है ? कहीं युद्ध की विभीषिका, कहीं प्राकृतिक आपदा , कहीं महामारी, कहीं आर्थिक तंगी, कहीं बेकारी बेरोजगारी , कहीं आतंकी... Hindi · कविता 204 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Feb 2023 · 1 min read अज्ञात वर्तमान अनिश्चित वातावरण, असंभावित भविष्य चिंतन , पूर्वाग्रह एवं पूर्वानुमान व्यग्र मन , दिग्भ्रमित विचलित हृदय आंदोलन , यथार्थ परे कल्पना व्योम विचरण, नियति- चक्र प्रभावित संघर्षपूर्ण जीवन, संकट झेलता... Hindi · कविता 1 210 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Feb 2023 · 1 min read मेरे हमसफ़र वो कुछ कहने से पहले ही जान लेते हैं , आंखों -आंखों में दिल में छुपे जज़्बात भी पहचान लेते हैं , फ़रेबे मुस्कुराहट के पीछे छिपे दर्द से भी... Hindi · कविता 226 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Jan 2023 · 1 min read अनशन उस दिन शहर के चौराहे पर लोगों की नारे लगाती अनशन पर बैठी भीड़ को देखा, उस भीड़ में शामिल एक शख्स से मैंने पूछा, अनशन का मुद्दा क्या है... Hindi · कविता · व्यंग्य 1 255 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Jan 2023 · 1 min read कुर्सी के दावेदार प्रधानमंत्री की कुर्सी के दावेदार बहुत हैं , एक तो पदयात्रा पर देश को जोड़ने निकले हैं, दूसरे तो गठबंधन की सरकार बनाने निकले हैं, लालसा कुर्सी की सभी को... Hindi · कविता · व्यंग्य 2 1 284 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Jan 2023 · 1 min read कमबख़्त 'इश़्क कमबख़्त 'इश़्क भी अजीब है, दिल बार-बार चोट खाता है , फिर भी 'माश़ूका के क़रीब है , लाभ भुलाने की कोशिश भी हो, पर उसे कैसे भुला पाए, जो... Hindi · कविता 249 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Jan 2023 · 1 min read कुछ बात करो, कुछ बात करो कुछ बात करो, कुछ बात करो बातों में कुछ अर्थ तो हो, मत बकवास करो, समझो बातों को, अर्थ का अनर्थ ना हो, रखो समय का ध्यान, कभी समय व्यर्थ... Hindi · कविता 198 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jan 2023 · 1 min read गर्दिश -ए- दौराँ ज़िंदगी की दौड़ में हम किधर निकल गए? जो साथ अपने थे, हमसे बिछड़ते चले गए, जो अपनी खुशियां हम पर लुटाते थे, जो हमारा गम साथ मिल बांटते थे,... Hindi · कविता 154 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Jan 2023 · 1 min read आज का आम आदमी आज का आम आदमी लगता है, कुछ भटका- भटका सा , स्वअस्तित्व को भूलकर समूह नेतृत्व से प्रभावित, कुछ बहका- बहका सा , यथार्थ से अनिभिज्ञ कल्पना के वातावरण में... Hindi · कविता 223 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Jan 2023 · 1 min read मुस्तहकमुल-'अहद क्या ज़माना आ गया है ? दरिंदगी की इंतिहा हो गई है , दर्दनाक क़त्ल को हादसा बताया जा रहा है , वाकये को सनसनीखेज तमाशा बनाया जा रहा है... Hindi 296 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Jan 2023 · 1 min read नववर्ष संदेश नववर्ष यह शुभ संदेश लाया है, सहअस्तित्व भाव जागृत हो, यह विचार साथ लाया है , प्रेम ,सौहार्द ,सद्भाव स्थापित हो, यह अनुभूति साथ लाया है , द्वेष ,क्लेश ,आतंक... Hindi · कविता 296 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Dec 2022 · 1 min read अज्ञानता राम के मर्यादा पालन के कर्तव्य को ना समझ सके, कृष्ण के कर्म के उपदेश को ना जान सके , राम को धर्म विशेष से परिभाषित करते रहे , कृष्ण... Hindi 166 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2022 · 1 min read मर्द को दर्द नहीं होता है कौन कहता है ? मर्द को दर्द नहीं होता है , मर्द र्में भी एक दिल होता है , जो पत्थर नहीं शीशे की तरह होता है , चोट लगते... Hindi · कविता 307 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Dec 2022 · 1 min read क़ुसूरवार ज़िंदगी का खालीपन कुछ रह - रह कर सालता है , सब कुछ हासिल करने पर भी कुछ खाली सा लगता है , ज़िंदगी की दौड़ में औरों से आगे... Hindi · कविता 159 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Dec 2022 · 1 min read अधूरे सवाल ज़िंदगी में कुछ सवाल अधूरे रह जाते हैं , जिनका मतलब हम ज़िंदगी भर खोज ना पाते हैं , कुछ रिश्ते ,कुछ मरासिम, इस कदर पेश आते हैं, जिनको सोच... Hindi · कविता 1 2 205 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Dec 2022 · 1 min read मेरे माता-पिता मेरे माता-पिता मेरे चरित्र निर्माण के आधार, उनके पोषित मेरे अंतर्निहित जीवन मूल्य एवं संस्कार , मुझमें धैर्य सहित सतत् संकटों से जूझते रहने के विचार, त्याग स्वार्थ रखने सबसे... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 1 186 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Dec 2022 · 1 min read एहसास-ए-शु'ऊर दिल मे पाले हुए वहम को करो अलविदा , ज़ेहन मे छाए हुए नफ़रत के बादलों को करो अलविदा , अपनी मनमर्जी और खुदगर्जी को करो अलविदा, अपने चारों ओर... Hindi · कविता 1 2 196 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Dec 2022 · 1 min read अंदर का चोर घर के पिछले दरवाजे से चुपके से घुसने वाला वो कोई चोर नहीं है , वह घर वाला है जिसके दिल में बैठा चोर वही है , यह दिल में... Hindi · कविता 2 4 279 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Nov 2022 · 1 min read वसंत बहार रविआगम रश्मियों के स्पर्श से किसलय ने मुस्कुराकर अभिवादन किया , पुष्प भी प्रफुल्लित होकर खिल उठे , पवन ने भी उन्हे झुलाकर स्वागत किया , कोयल के मधुर स्वर... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 2 2 205 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Nov 2022 · 1 min read हम-सफ़र वादा करके वो भूल भी जाएं तो क्या, चाहा जिन्हें हम भूल ना सके तो क्या , ज़ीस्त की राह में ,वो हम-सफ़र बने थे, उनके इंतज़ार में हम मोड... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 1 160 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Nov 2022 · 2 min read रहस्य जीवन के कुछ अनसुलझे प्रश्न रहस्य बन कर रह जाते हैं। अन्वेषण एवं मंथन यथार्थ के धरातल एवं आभासी मंच के बीच अंतर स्पष्ट नहीं कर पाते हैं। अनुमान किसी... Hindi · Daily Writing Challenge · लेख 3 164 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Nov 2022 · 1 min read भ्रम हर कोई अपने आप के एक भ्रम मे जी रहा है , कभी संबंधों के, तो कभी अनुबंधों के , कभी अपेक्षा के, तो कभी प्रतीक्षा के , कभी भाग्य... Hindi · कविता 1 169 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Nov 2022 · 1 min read साहस साहस व्यक्ति विशेष का वह अंतर्निहित गुण है, जो उसे निर्भीकता से संकटों से सामना करने के लिए प्रेरित करता है। साहसी व्यक्ति भय की काल्पनिकता से निरापद रहकर आत्मविश्वास... Hindi · लेख 2 207 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Nov 2022 · 2 min read कल्पना एवं कल्पनाशीलता कल्पना संभावनाओं की मानसिक रचना है । मनुष्य का मस्तिष्क तीव्र गति से चलायमान रहता है। यह हर समय सोते -जागते चलता ही रहता है । जिसमें कल्पनाओं की सतत्... Hindi · Daily Writing Challenge · लेख 1 293 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Nov 2022 · 1 min read दिव्य प्रकाश सृष्टि चक्र में अंधकार एवं प्रकाश, जीवन चक्र में हर्ष एवं विषाद , बोध चक्र में अज्ञान एवं संज्ञान , खोज चक्र में यथार्थ एवं अनुमान , न्याय चक्र में... Hindi · Daily Writing Challenge 1 313 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Nov 2022 · 2 min read भय भय एक काल्पनिक रचना है ,जो वास्तविकता एवं आंतरिक तथ्यों से परे है। डर का उद्भव काल्पनिक पूर्वानुमानों के धरातल पर पूर्व निर्मित धारणाओं द्वारा होता है, जिसमे तर्कशील वास्तविकता... Hindi · Daily Writing Challenge · लेख 2 2 200 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Nov 2022 · 3 min read जीवन आनंद स्वस्थ रहना जीवन आनंद के लिए अतिआवश्यक है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ विचार आते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य का मानसिक स्वास्थ्य से सीधा संबंध है। अतः यह प्रयास होना चाहिए... Hindi · Daily Writing Challenge · लेख 1 183 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Nov 2022 · 1 min read जीवनमंथन मैं कौन हूं ? कहां से आया था? कहां जाना है? इन सबसे अनिभिज्ञ कुछ पाकर खुश होता, कुछ खोकर दुःखी होता, अपने अहं में डूबा हुआ भ्रम टूटने पर... Hindi · कविता 158 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Nov 2022 · 2 min read क्षमा क्षमा वह गुण है जो साधारण मनुष्य को उसके समकक्ष अन्य से श्रेष्ठ बनाता है। गलती करना स्वाभाविकता है, अनजाने में की गई गलती क्षमा योग्य है। परंतु सोची समझी... Hindi · Daily Writing Challenge · लेख 3 2 528 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Nov 2022 · 3 min read हिंदी का वर्तमान स्वरूप एवं विकास की संभावना हिंदी जिसे देश की अग्रणी भाषा का स्थान मिलना चाहिए अभी तक उस स्थान से वंचित रही है। अभी तक हम उसे राष्ट्रभाषा का गरिमामय स्थान दिलाने में असमर्थ रहे... Hindi · लेख 192 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Nov 2022 · 7 min read लल्लेश्वरी कश्मीरी संत कवयित्री - एक परिचय लल्लेश्वरी ((1320-1392), जिसे लल्ला, (ललध्द ) और "लाल आरिफ़ा" नाम से भी जाना जाता है। कश्मीरी शैव संप्रदाय की एक फकीर थीं, और साथ ही,एक सूफी संत। वह वत्सुन या... Hindi · लेख 1 2 1k Share Shyam Sundar Subramanian 17 Nov 2022 · 1 min read अपना घर वह जगह जहां दिन भर की आपाधापी के बाद कुछ पल सुकून के मिल सकें , जहां का वातावरण शरीर में नवऊर्जा का संचार कर सके , जहां परस्पर प्रेम... Hindi · Daily Writing Challenge 4 4 373 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Nov 2022 · 1 min read वक्त वक्त का पहिया कभी थमता नहीं, मुक़द्दर पर किसी का इख़्तियार होता नही , इंसां गर्दिश- ए - दौराँ के हाथों का ग़ुलाम है , कभी खुशी की सहर ,तो... Hindi · Daily Writing Challenge 1 375 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Nov 2022 · 1 min read प्रकृति का उपहार- इंद्रधनुष व्योम पटल पर निसर्ग चितेरे की नयनाभिराम कलाकृति , सतरंगी छटा बिखेरती जीवन को प्रफुल्लित रखने की प्रेरणा संचरित करती, जीवन के विभिन्न रंगो के समन्वय का संदेश प्रसारित करती... Hindi · Daily Writing Challenge 1 294 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Nov 2022 · 2 min read ईर्ष्या स्व आकलन की कमी एवं असफलता की नकारात्मकता से प्रभावित हीन भावना असफल व्यक्तियों में सफल व्यक्तियों के प्रति ईर्ष्या को जन्म देती है। जीवन में महत्वाकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं को... Hindi · Daily Writing Challenge 3 228 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Nov 2022 · 1 min read गरिमामय प्रतिफल अभिभूत भावनाओं के चरमोत्कर्ष पर जिसका उदय होता है, अंतस्थ से यह उभरता है, और व्यवहार में दृष्टिगोचर होता है , पवित्र वाणी एवं विचारों से यह सुशोभित होता है... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 3 2 197 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Nov 2022 · 1 min read जीवनामृत इस धरा में जीव की उत्पत्ति एवं विकास का सत्व , भौतिक जगत में प्राणि मात्र के अस्तित्व का मुख्य तत्व , निसर्ग की संरचना एवं पर्यावरण निर्माण का प्रमुख... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 4 4 278 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2022 · 1 min read जीने की कला जिंदगी में कुछ लोग, कुछ कर दिखाते हैं , कुछ भी ना होने पर भी सब कुछ है, ये जताते हैं, औरों के सुख में ही नही, दुःख में भी... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 1 263 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2022 · 1 min read आज का मानव अर्थ को अनर्थ से नष्ट करता हुआ, तर्क को कुतर्क से भ्रष्ट करता हुआ, सत्य को असत्य सिद्ध करता हुआ , यथार्थ को कल्पना ज्ञापित करता हुआ , पाप को... Hindi · कविता 1 4 326 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Nov 2022 · 1 min read महाप्रयाण माया , आसक्ति , काम, क्रोध ,लोभ, अहंकार सब मानव निर्मित बंधन है , परोपकार , प्राणी मात्र से प्रेम, आत्मज्ञान , संवेदना , निर्विकार भाव, सब मानव उत्थान के... Hindi · Daily Writing Challenge 1 173 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2022 · 1 min read जीवन अस्तित्व नियति का चक्र उदय से अस्त तक , प्रादुर्भाव से अवसान तक, उत्पत्ति से परिवर्तन के आयामों से घटित होता हुआ विनाश की अधोगति तक , जीवों के उद्भव एवं... Hindi · Daily Writing Challenge · कविता 4 230 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Nov 2022 · 1 min read दिशाहीन अर्थहीन ,मंतव्यहीन ,गंतव्यहीन दिशा की ओर बढ़ता जा रहा हूं , मैं अपने ही अंतस्थ मृगतृष्णा के छलावे में खोता जा रहा हूं , वर्तमान एक दिवास्वप्न की भांति प्रतीत... Hindi · Daily Writing Challenge 7 4 181 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Nov 2022 · 1 min read तलाश इस अनजान शहर में किसी अपने की तलाश में आया हूं , इस रहगुज़र की मंज़िल में किसी हमदर्द के मिलने की आस लिए आया हूं , अब तक भटकता... Hindi · कविता 2 248 Share Previous Page 7 Next