Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2023 · 1 min read

बे-ख़ुद

वक्त की दहलीज़ पर ठहरा हुआ सा एक लम्हा,
हवा में लहराता हुआ सा एक बबूला,
संगे -ए- राह सा ठोकर खाता हुआ,
एहसास -ए- दर्द बना फ़ुगाँ होता हुआ ,
कुदरत के हाथों वो खिलौना सा बनता ,
भरम और हक़ीक़त के बीच डोलता सा रहता ,
हबाब की हस्ती लिए इक मख़लूक़ ,
हद से गुज़र फ़ना होने को मजबूर ,
सराब-ए-आप में खोया अपने आप का वो साया ,
कभी अपनी ख़ुदी को ना पहचान पाया।

164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
सोच
सोच
Sûrëkhâ Rãthí
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
रिश्ते कैजुअल इसलिए हो गए है
रिश्ते कैजुअल इसलिए हो गए है
पूर्वार्थ
2338.पूर्णिका
2338.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
है नारी तुम महान , त्याग की तुम मूरत
है नारी तुम महान , त्याग की तुम मूरत
श्याम सिंह बिष्ट
🌺उनकी जुस्तजू का पाबंद हूँ मैं🌺
🌺उनकी जुस्तजू का पाबंद हूँ मैं🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
Ram Krishan Rastogi
वह देश हिंदुस्तान है
वह देश हिंदुस्तान है
gurudeenverma198
غزل
غزل
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एहसान
एहसान
Paras Nath Jha
गरीबी
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
■ शुभकामनाएं...
■ शुभकामनाएं...
*Author प्रणय प्रभात*
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
सवा सेर
सवा सेर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गरीबी
गरीबी
Neeraj Agarwal
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
*शुभ रात्रि हो सबकी*
*शुभ रात्रि हो सबकी*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हर सुबह उठकर अपने सपनों का पीछा करना ही हमारा वास्तविक प्रेम
हर सुबह उठकर अपने सपनों का पीछा करना ही हमारा वास्तविक प्रेम
Shubham Pandey (S P)
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
** अब मिटाओ दूरियां **
** अब मिटाओ दूरियां **
surenderpal vaidya
आजादी का
आजादी का "अमृत महोत्सव"
राकेश चौरसिया
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
" जिन्दगी क्या है "
Pushpraj Anant
"रंग वही लगाओ रे"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
मेरी आँख में झाँककर देखिये तो जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
ऊपर से मुस्कान है,अंदर जख्म हजार।
लक्ष्मी सिंह
Loading...