Shekhar Chandra Mitra 4374 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Shekhar Chandra Mitra 4 Nov 2023 · 1 min read ज़िंदगी एक जाम है यह जो सुहानी शाम है दम भर की मेहमान है कतरा-कतरा इसे पी लो ज़िंदगी एक जाम है... (१) पल भर में सब कुछ जलकर ख़ाक हो सकता,मत भूलो एक... Hindi 1 244 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Oct 2023 · 1 min read दिलरुबा जे रहे देखते देखते का से का हो गईल दिलरुबा जे रहे बेवफा हो गईल सोचले रहनी का अउरी का हो गईल दिलरुबा जे रहे बेवफा हो गईल... (१) चोट किस्मत के... Bhojpuri · गीत 1 285 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Oct 2023 · 1 min read ऐसे हैं हमारे राम रोम-रोम में रमते फिर भी तीनों लोकों से न्यारे राम, ऐसे हैं हमारे राम... (१) किसी मंदिर-मस्जिद से उनका दूर-दूर तक न कोई वास्ता न तो अयोध्या में जन्मे न... Hindi 2 192 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2023 · 1 min read गांधी के साथ हैं हम लोग जेहनी घुटन के ख़िलाफ़ आंधी के साथ हैं हम लोग गोडसे के इस दौर में गांधी के साथ हैं हम लोग... (१) देश का चौकीदार ही जब लाखों का सुट... Hindi · गीत 1 212 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2023 · 1 min read कह कोई ग़ज़ल नाकामियों से काम ले और कह कोई ग़ज़ल उस बेवफ़ा का नाम ले और कह कोई ग़ज़ल... (१) ज़रा याद कर दुनिया ने तेरे साथ क्या किया गिन-गिनकर इंतकाम ले... Hindi · ग़ज़ल 294 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Aug 2023 · 1 min read सुनहरे सपने (लड़का) कोई तो होगा कहीं तो होगा मेरे यार बनने लायक़ मुझसे प्यार करने लायक़ आंख मूंद कर हर हाल में ऐतवार करने लायक़ मुझसे प्यार करने लायक़... (१) (लड़की)... Hindi · गीत 1 347 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Jul 2023 · 1 min read धिक्कार तू धूर्त तू कुटिल तू पाखंडी तू मक्कार धिक्कार धिक्कार धिक्कार धिक्कार... (१) यह आत्म-मुग्धता यह श्रेष्ठता-बोध यह सवर्ण-ग्रंथि यह जातीय अहंकार धिक्कार धिक्कार धिक्कार धिक्कार... (२) सदियों से शूद्रों... Hindi · गीत 1 1 253 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Jul 2023 · 1 min read हैवानियत घूम रहे हैं राक्षस साधु के वेश में! आया है राम राज हमारे देश में! हो रहा है बेटियों के साथ जो यहां! उसकी कोई मिसाल नहीं परदेश में! #मणिपुर_में_हैवानियत... Hindi · कविता 348 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Jul 2023 · 1 min read भारत के बदनामी अब छोड़ दअ सरकार के गुलामी, ऐ साथी दुनिया में होता भारत के बदनामी,ऐ साथी... (१) रोअ ताटे आतमा आज भगतसिंह के देखके क़ौमी इज्ज़त के नीलामी, ऐ साथी... (२)... Bhojpuri · गीत 235 Share Shekhar Chandra Mitra 8 Jul 2023 · 1 min read बुद्ध के बदले युद्ध हमने तुमको बुद्ध दिया तुमने हमको युद्ध दिया उसी हवा में घोला ज़हर जिसने तुमको शुद्ध किया... (१) ताक़त का नशा चढ़ गया तुम्हारे सिर पर कुछ ऐसे दो गज... Hindi · गीत 1 1 201 Share Shekhar Chandra Mitra 4 Jul 2023 · 1 min read नारी शिक्षा से कांपता धर्म नारी की शिक्षा से कांपता है धर्म क्यों! प्रश्नों की राह पर हांफता है धर्म क्यों!! विश्वविद्यालयों या पुस्तकालयों के बदले! गुफाओं में शरण मांगता है धर्म क्यों!! #स्त्री #औरत... Hindi · कविता 521 Share Shekhar Chandra Mitra 3 Jul 2023 · 1 min read ज़हालत का दौर इंसानियत का मुस्तकबिल कुछ कातिलों के हाथ में है! मेहनतकशों का मुकद्दर कुछ काहिलों के हाथ में है! किसी के फन या हुनर की क्या खाक कद्र होगी यहां! जब... Hindi · कविता 380 Share Shekhar Chandra Mitra 1 Jul 2023 · 1 min read अपना घर फूंकने वाला शायर टूटा-फूटा लिख लेता हूं हल्का-फुल्का गा लेता हूं! अपने आंसू-अपनी आहें लफ़्ज़ों में बहा लेता हूं!! चाहे मेरा घर जले तो क्या इस दुनिया में रोशनी होगी! आवाज़ देता है... Hindi · कविता 1 269 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Jun 2023 · 1 min read जनता का भरोसा गैरत भी नीलाम कर दी ज़मीर तक बेच दिया! झूठी दौलत की हवस में फ़कीर तक बेच दिया! आख़िर तुम्हारी बातों पर हम कैसे यक़ीन करें! तुमने तो अपने भीतर... Hindi · कविता 2 1 550 Share Shekhar Chandra Mitra 5 Jun 2023 · 1 min read रेल दुर्घटना जो हम जनतीं कि वापस ना अइहें जाहीं ना देतीं बबुआ के कवना जनमवा के बैरवा ऊ सधलस का कहीं हम रेलिया के बूढ़ी उमरिया में अपाहिज़ बनवलस रख देलस... Bhojpuri · गीत 1 380 Share Shekhar Chandra Mitra 31 May 2023 · 1 min read यलग़ार प्यार की बातें फिर कभी संसार की बातें अभी कर लें हर ज़ोर-जुल्म के ख़िलाफ़ यलग़ार की बातें अभी कर लें... (१) मज़दूर से किसान तक विद्यार्थी से पहलवान तक... Hindi · गीत 1 301 Share Shekhar Chandra Mitra 29 May 2023 · 1 min read आज की बेटियां चल रही हैं बेटियां बदल रही हैं बेटियां ठोकरें खाती हुई सम्भल रही हैं बेटियां... (१) धर्म और समाज की रस्म और रिवाज़ की सारी हदों को लांघकर निकल रही... Hindi · गीत 1 353 Share Shekhar Chandra Mitra 26 May 2023 · 1 min read बाकी सब कुछ चंगा बा राजा इहां के नंगा बा बाकी सब कुछ चंगा बा... (१) अदालत बा खाली नाम के मीडिया ना कवनो काम के सगरी संस्थान बेचाइल जाता एक-एक करके बिना दाम के... Bhojpuri · गीत 1 195 Share Shekhar Chandra Mitra 18 May 2023 · 1 min read अप्प दीपो भव आजकल इस दुनिया में इतनी ज़्यादा संगीन रात! कि अपने एक हाथ को ही सूझता नहीं है दूसरा हाथ!! तुझे जाना है दूर तक तो तू ख़ुद अपना चिराग़ बन!... Hindi · कविता 1 945 Share Shekhar Chandra Mitra 18 May 2023 · 1 min read कान खोलकर सुन लो चाहे जितनी कर लो कोशिशें तुम आंकड़े छिपाने की! वक़्त खोल ही देगा साजिशें तुम्हारे तहखाने की!! ख़ैर, मेहनतकश अवाम की ज़िंदगी का मोल ही क्या! हम तो किस्मत लेकर... Hindi · कविता 312 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read जुल्मतों के दौर में सोचना भी जुर्म है बोलना भी जुर्म है ज़ुल्मतों के राज़ खोलना भी जुर्म है... (१) खौफ़नाक सन्नाटा जब फैला हुआ हो बगावत हवाओं में घोलना भी जुर्म है... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 367 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read आज़ादी का जश्न आज़ादी का जश्न ऐसे मनाओ, साथियों जहां भी हो गुलामी उसे मिटाओ, साथियों... (१) छिपेंगे भी तो कहां ये शैतान के नुमाइंदे हरेक स्याह घर में चिराग़ जलाओ, साथियों... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 1 278 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read भगतसिंह: एक जीनियस जो जागे हुए होश के कारण क़ैद होकर भी आज़ाद रहा वह जिस्म से फ़ना होकर भी हमारे दिलों में आबाद रहा... (१) मेरी ग़ज़लों और नज़्मों में बोला करता... Poetry Writing Challenge · गीत 268 Share Shekhar Chandra Mitra 16 May 2023 · 1 min read बगावत की आग फूंक न डाले सिस्टम को जो आग मेरी ग़ज़ल में है मानवता का हर क़ातिल अब भी किसी महल में है... (१) पता नहीं इतनी-सी बात समझ इन्हें कब आएगी... Poetry Writing Challenge · गीत 1 601 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read जुदाई की शाम शाम की तनहाई की बातें फिर कभी दगा और बेवफ़ाई की बातें फिर कभी... (१) आ रो लें हम बैठकर मौजूदा हालात पर दर्द भरी शहनाई की बातें फिर कभी...... Poetry Writing Challenge · गीत 2 304 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read इंकलाब की मशाल जो सदियों से सोए हुए बस उन्हें जगाने आया हूं मूर्दों की इस बस्ती में मैं आग लगाने आया हूं... (१) मज़हब के रखवालों ने तुम्हारा बेड़ा ग़र्क़ किया इनसे... Poetry Writing Challenge · गीत 772 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read भगतसिंह की जवानी ऐ देश, तुझपे क़र्ज़ है जवानी भगतसिंह की बेकार जाएगी क्या कुर्बानी भगतसिंह की… (१) मूर्दों के बीच रहकर हो जाऊं मैं न मूर्दा दिल में आग लगाती है कहानी... Poetry Writing Challenge · गीत 246 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read बुद्ध या विनाश हथियारों से पटी हुई यह युद्धों की दुनिया मिट जाएगी बनी नहीं जो बुद्धों की दुनिया... (1) पागलपन की होड़ मची है कैसी अंधी दौड़ लगी है सड़े-गले पर आंख... Poetry Writing Challenge · गीत 1 286 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read वीज़ा के लिए इंतज़ार आज भी खड़ा है अंबेडकर वीज़ा के इंतजार में क्या कोई जगह ही नहीं है उसके लिए इस दयार में... (१) जात-पात के नाम पर जैसे ज़ुल्म ढाए गए हैं... Poetry Writing Challenge · गीत 250 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read एक और इंकलाब सदियों से ज़ारी ज़ुल्म का हिसाब इंकलाब है चाहे कोई सवाल हो ज़वाब इंकलाब है... (१) सरदार भगतसिंह और भीमराव अंबेडकर जिसके लिए फ़ना हुए वो ख़्वाब इंकलाब है... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 234 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read और ज़रा-सा ज़ोर लगा ऐ थके-हारे सेनानी और ज़रा-सा ज़ोर लगा हो चुकी ज़ंजीर पुरानी और ज़रा-सा ज़ोर लगा... (१) बस थोड़ी ही देर में अब ख़त्म होने वाली यह ज़ुल्म की आख़िरी निशानी... Poetry Writing Challenge · गीत 203 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read ललकार सुन, ऐ साथी अख़बार के कहना जाकर सरकार से दया नहीं, अधिकार चाहिए भीख नहीं रोज़गार चाहिए... (१) जाति-धर्म के झगड़ों में भाषा-प्रांत के रगड़ों में कब तक उलझे रहेंगे... Poetry Writing Challenge · गीत 265 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read खोखली बुनियाद न ज़ुबान की वज़ह से न अंदाज़ की वज़ह से कुछ ख़ास हैं मेरी ग़ज़लें इंकलाब की वज़ह से... (१) आख़िर कौन-सा सिकंदर और कहां का सिकंदर मैं तो यूनान... Poetry Writing Challenge · गीत 176 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read आ रहे हैं बुद्ध आज-कल तो पूरी दुनिया में छा रहे हैं बुद्ध तुम स्वागत की कर लो तैयारी आ रहे हैं बुद्ध... (१) नफ़रत की आग में कहीं पूरी मानवता न जल जाए... Poetry Writing Challenge · गीत 287 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read हरा-भरा बगीचा यह जो हरा-भरा बगीचा है पूरखों ने लहू से सींचा है कोई पौधा उखड़ने मत देना तुम इसको उजड़ने मत देना... (१) रंग-रंग की चिड़ियां इसमें चहकती रहें तो बेहतर... Poetry Writing Challenge · गीत 569 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read पुरानी ज़ंजीर जिस्म की हो या ज़ेहन की तुम तोड़ डालो हर ज़ंजीर खोखली इबादत से नहीं, मेहनत से बनती तक़दीर... (१) सरकार भरोसे भारत का अब कुछ नहीं होने वाला नौजवानों... Poetry Writing Challenge · गीत 221 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read एक बेरोजगार शायर दुनिया में हर चीज़ मिलती दौलत से नहीं, ऐ दोस्त कुछ भी बढ़कर कुदरत की रहमत से नहीं, ऐ दोस्त... (१) कुछ नादीदा निगाहों की इनायत भी इसमें शामिल मेरी... Poetry Writing Challenge · गीत 460 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read कबीर: एक नाकाम पैगंबर हवाओं पर दर्ज़ करने मुहब्बत का पैग़ाम उतरा था वह ज़मीन पर छोड़ कर आसमान... (१) हिंदी-उर्दू से उसका कोई वास्ता न था वह बोलता था दिल की धड़कनों की... Poetry Writing Challenge · गीत 213 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read पढ़ना सीखो, बेटी अंगुली छोड़कर चलना सीखो, बेटी पूर्वजों से आगे बढ़ना सीखो, बेटी... (१) घर हो या बाहर ख़तरे कहां नहीं हैं हरेक चुनौती से लड़ना सीखो, बेटी... (२) इसी से निकलेगा... Poetry Writing Challenge · गीत 396 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read किसी शायर का ख़्वाब कुछ जहीन भी हो कुछ हसीन भी हो वह एक इंसान बेहतरीन भी हो... (१) हाथ छूएं उसके चांद-सितारे और पांव के नीचे ज़मीन भी हो... (२) वह किसी हाल... Poetry Writing Challenge · गीत 135 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read संसार चलाएंगी बेटियां घर-बार चलाएगी बेटियां सरकार चलाएगी बेटियां एक मौक़ा तो मिले उन्हें संसार चलाएगी बेटियां… (१) तुमने उन्हें क्या समझा है अब तक केवल गुंगी गुड़ियां पढ़-लिख लें तो क़लम से... Poetry Writing Challenge · गीत 223 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read गाए जा, अरी बुलबुल ***शेर*** ना समझ है माली फिर भी! शातिर है शिकारी फिर भी!! तेरे ख़िलाफ़ नाना साजिशें! सदियों से हैं ज़ारी फिर भी!! ***गीत*** तू गाए जा अरी बुलबुल गुनगुनाए जा... Poetry Writing Challenge · गीत 242 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read ख़त पहुंचे भगतसिंह को सरदार भगतसिंह देख रहे हो न तुम आज के हिंदुस्तान को जिस पर तुम्हें था बहुत भरोसा क्या हुआ उस नौजवान को... (१) अदब से लेकर मीडिया और पुलिस से... Poetry Writing Challenge · गीत 136 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read यारों का यार भगतसिंह सभी यारों का एक यार भगतसिंह खुशमिजाज और दिलदार भगतसिंह... (१) ज़िंदगी से कहीं ज़्यादा करता था अपनी आज़ादी से प्यार भगतसिंह... (२) समझता था फांसी के फंदे को मेहबूब... Poetry Writing Challenge · गीत 168 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read तमाशबीन जवानी जब तक तमाशबीन है नौजवानी हिंदुस्तान की क़ायम रहेगी दुनिया में बदनामी हिंदुस्तान की... (१) पुलिस और अदालत की हरकतों से तो लगता है जल्दी नहीं मिटने वाली पशेमानी हिंदुस्तान... Poetry Writing Challenge · गीत 326 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read नौजवानों से अपील नौजवानों का विद्रोही व्यवहार होना चाहिए जीना है तो मरने को तैयार होना चाहिए... ( १) कोई लाश नहीं हम कि लहरों में डोला करें अब आर होना चाहिए या... Poetry Writing Challenge · गीत 280 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read आदिवासी कैसा देश-किसका देश जिसका होगा-उसका देश भगतसिंह ने-कब सोचा था निकलेगा एक दिन-ऐसा देश... (१) सुनकर गालियां और खाकर लातें सड़कों पर गुजरतीं हमारी रातें अपना तो एक-घर भी नहीं... Poetry Writing Challenge · गीत 508 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read भगतसिंह का क़र्ज़ अरे तू तो निभा गया अपना हर फ़र्ज़, भगत सिंह अब कैसे चुकाएंगे हम तेरा क़र्ज़, भगत सिंह... (१) तू मूर्दों की बस्ती में था एक मर्द, भगत सिंह अब... Poetry Writing Challenge · गीत 244 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read मूर्दन के गांव ई तअ मूर्दन के गांव हो जीवन लागल दांव हो... (१) एक जाति के गर्दन पर एक जाति के पांव हो... (२) चूहा जइसन कुतरेला लोगवा अपने नांव हो... (३)... Bhojpuri · गीत 1 410 Share Shekhar Chandra Mitra 13 May 2023 · 1 min read गुलामी छोड़ दअ गुलामी छोड़ दअ भैया गुलामी छोड़ दअ भाभी अब किस्मत के ताला के बा तहरे हाथ में चाभी... (१) ना तअ केहू इहा ऊंच बा ना ही केहू इहां नीच... Bhojpuri · गीत 238 Share Previous Page 5 Next