Mahender Singh Language: Hindi 807 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Mahender Singh 2 Oct 2021 · 1 min read मिस्टर गांधी अभिनय और आस्था आप सभी से एक प्रश्न ??? आस्था पर सवाल न उठाने के सूत्र के कारण. धार्मिक मिस्टर गांधी, का बचाव.. मिस्टर गांधी ने सामाजिक व्यवस्था के बदलाव के खिलाफ क्या... Hindi · लेख 5 5 474 Share Mahender Singh 1 Oct 2021 · 1 min read उठा कलम उठा कलम संभाल कर्म भाग मत, जांच ले, है कौन जो है, अव्यवस्थित. जुट जी जान से, बने सब समर्थ, ऐसा धृत, परोस दे, भूखे को रोटी मिले अशिक्षित को... Hindi · कविता 1 1 421 Share Mahender Singh 30 Sep 2021 · 1 min read हसरतें बचा ही क्या, जब दिल की हसरते ही गिर गई, क्या मायने है,जब खुद की बातें ही याद नहीं, क्या फर्क पडता है, अब लोग मांगकर खाये या मारकर.. चल... Hindi · शेर 4 3 704 Share Mahender Singh 28 Sep 2021 · 1 min read विचित्र हैं संयोग अभिनय के चरित्र के आधार की समझ न हो, तो पहचान चलचित्र बन जाते है. अक्ल बडी के भैंस, पार्टी बडी के नेता. पिल्ला पालूंगी जरूर चाहे जान चली जाइयो. सब यथार्थ... Hindi · कविता 3 2 951 Share Mahender Singh 27 Sep 2021 · 1 min read परिस्थिति थोडे भिन्न है परिस्थिति आज. अधूरे पड़े है कामकाज आज. लोग संगठित नहीं है, ऐसा नहीं. संवेदनाओं में छुपा है गहरा राज. इस खिली हुई बगिया में है सबकुछ, भगवा... Hindi · कविता 1 1 463 Share Mahender Singh 26 Sep 2021 · 1 min read व्यवाहरिक शब्दकोष हमें फुर्सत है, पूर्वानुमान लगाने की. पूर्वाग्रह एक दोष है, दुखी रहने को. हमारे पास वक्त है,पडोस पर नजर. हम भूल गये, खुद पर निरीक्षण को विश्वास खुद पर हो,करते... Hindi · कविता 2 1 364 Share Mahender Singh 26 Sep 2021 · 1 min read मौलिक हिन्दी एक पेंटर लेखक और एक कवि लेखक ने. . सबसे ज्यादा नुकसानदेह साबित हुए हैं, लेखन त्रुटियों वा इतिहास से छेड़छाड़ बहुत हुई. स्वीकार कौन करे. जिम्मेदारी से खौफ. विकास... Hindi · लघु कथा 1 1 426 Share Mahender Singh 26 Sep 2021 · 1 min read हवाला हवाला बेवजह उसने देकर, समर्थन जुटा लिया, वजह क्या बताते तुम्हें, चूंगी आधार बना दिया. . अतीत की अनियमितता सम्मुख रखी भुना लिया, न कुछ किया, न ही कुछ करना,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 248 Share Mahender Singh 24 Sep 2021 · 1 min read आत्म-निर्भर भारत सबका साथ सबका सहयोग सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास . ये दर्शनशास्त्र मंत्र बताया है. वित्त मंत्री सीतारमण ने. . सरकार की जनता की जेब में ही, काला धन... Hindi · लेख 3 4 543 Share Mahender Singh 24 Sep 2021 · 1 min read विश्वास और दर्शन दुखी आदमी, सुख खोजने को माध्यम खोजता है. वह हर बार खाली हाथ ही बाहर लौटता है. . प्रवचन, सत्संग, कथा सुनने हर जगह से खाली, और ज्यादा दुखी लौटता... Hindi · कहानी 3 2 427 Share Mahender Singh 24 Sep 2021 · 1 min read विचार आजकल आंख का काँटा, बनने में ज्यादा मुश्किलें नहीं है. अलग विचार रख दो, बस आप हुए अधार्मिक . विचारों का दमन ही.. असल में धर्म है. Hindi · शेर 3 2 344 Share Mahender Singh 22 Sep 2021 · 1 min read जरा ठहरो लो जी, ये भी काम हो गया, आदमी बेहद परेशान, विश्राम का अभाव, रोटियों का मोहताज़, फिर भी मोबाइल का दीवाना उसे चलाना, एक जरुरी काम हो गया. दुष्परिणाम दिखाई... Hindi · कविता 1 1 388 Share Mahender Singh 22 Sep 2021 · 1 min read पात्र एक तूझे रिझाने के खातिर, बने रहा पात्र, जिंदगी भर अभिनय किया, केवल मात्र. सुना है तू खाली नहीं रखता, प्रेम रूपी पात्र. जहान् में फैलता है खुशबू की तरह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 584 Share Mahender Singh 22 Sep 2021 · 1 min read तीन दोहे मारे मारे फिर रहे लोग, धन गया, गया ईमान, व्यवाहरिक नासमझ है, धार्मिक बन बांटे ज्ञान. . रोने को मजबूर हैं लोग, सुनने को नहीं तैयार, बोलते बहुत अधिक हैं,... Hindi · दोहा 3 3 388 Share Mahender Singh 22 Sep 2021 · 1 min read मूकबधिर जो सुनते नहीं, वो बोलते नहीं, प्रकृति मूकबधिर पैदा करती है. इसका क्या करें, सुन सकता है, पर सुनता नहीं, बोलता बहुत है. . विश्वास गर खुद पे होता, यूं... Hindi · शेर 2 1 357 Share Mahender Singh 21 Sep 2021 · 1 min read दो दोहे दुनिया में जो भी मिला, भागते हुए, रोक पूछा नहीं, वो भी,संग हो लिए. . देखो देखा देखी चलेगी, कबतलक, मर्ज की तलाश पूरी न हो तबतलक Hindi · दोहा 4 4 384 Share Mahender Singh 19 Sep 2021 · 1 min read फायदा तीसरे का लडते दो हैं फायदे तीसरा उठाता है, लडाई हको की बेईमानी में समझ नहीं आती, धोखे देना और देते रहना, आदत से लाचार, समझते नहीं, धोखे के परवान चढ़ जाता... Hindi · कविता 4 3 509 Share Mahender Singh 19 Sep 2021 · 1 min read मौसम और ऋतु मौसम के बदलाव को देखकर डर सबको लगता है. तेज गति से बदलते हालात. तेज कडकडाती बिजली, घूमड घूमड काले काले बदरा. छटी का दूध याद दिलाते है, उजड गई... Hindi · कविता 4 3 612 Share Mahender Singh 18 Sep 2021 · 1 min read जब तुम्हारी सरकार जब तुम्हारी सरकार जायेगी, जाने कौनसी हुकूमत आयेगी. तुम से तो अच्छे ही तेवर होंगे. जमीन भी होगी, जमीर भी होगा. . जैसा देश, वैसा भेष, बहरूपिया होता, जाकि खावे... Hindi · मुक्तक 1 2 221 Share Mahender Singh 18 Sep 2021 · 1 min read दर्ज करना दर्ज तक नहीं हो पाती शिकायतें, फर्क पड़ रहा है,पत्थर पर पुष्प चढाने का, परवान चढ़ गए, धार्मिक रेलमपेली के, उसके प्रबंधन, जो तुम्हारे हाथ है. तुम्हारे दिल की तुम्हारा... Hindi · शेर 1 1 292 Share Mahender Singh 18 Sep 2021 · 1 min read गिरते गया गिरते गया और गिरते ही गया, डर लगने लगा,सबने दिया भगा, कोई काम न हुआ सिवाय प्रचार, सब गिरते गया और गिरते ही गया. . संदेश मेरे तुम तक पहुंचे,... Hindi · कविता 2 2 534 Share Mahender Singh 18 Sep 2021 · 1 min read क्या फर्क पडता है क्या फर्क पडता है. तुम कहाँ हो. यात्रा आरंभ करो. भूल जाओ. कुछ क्षण. तुम कहाँ हो. अतीत कैसा रहा. तत्क्षण योजना बनाओ. बढ़ चलो, उस ओर, जिधर निसर्ग इशारे... Hindi · लेख 1 1 405 Share Mahender Singh 17 Sep 2021 · 1 min read बिन कहे सब समझ जाना बिन कहे सब समझ जाना हर महीने मन की बातों में स्थान पाना. बिन रोएं दूध मिल जाना एक छोटी रेखा के साथ बढ़ी रेखा खींच देना. ये काम जनता... Hindi · लेख 1 1 578 Share Mahender Singh 17 Sep 2021 · 1 min read जिंदगी पल पल जिंदगी मुस्करा रही है. मेरे खौफ की वजह जान कर. थोडे सुगबुगाहट फैल जाती है. भविष्य के उल्लेख करती है.. . सब कुछ बनाया, पेड पौधे बिन खेत... Hindi · कविता 4 4 318 Share Mahender Singh 17 Sep 2021 · 1 min read विचार धारा सांस लेते, सांस छोड़ते, जीवंत सत्ता एक प्राणी, पेड़ पौधे करतब करते. सहज सत्ता चक्र वाणी. . जां जन लागे वोहे जाने. भीरु माणस सब हाणी. सब कुछ जग मह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 4 350 Share Mahender Singh 15 Sep 2021 · 1 min read दहशत-गर्द दहशतगर्दी ने लंका, इस तरह जलाई जनता रसोई से बाहर, निकल न पाई .. . धर्म ने धर्म की ऐसी खिंचाई, बढ़ती गई, दो भाईयों में खाही, बने खून के... Hindi · शेर 3 4 575 Share Mahender Singh 14 Sep 2021 · 1 min read पादप जगत जिनके कर्म है पूजा अर्चना आराधना, चूक जाते है गुण धर्म उपयोग जानना. . वट पूजन,तुलसी पूजते, पीपर सूत्रधार. उपयोगिता इनकी जगत मे जीवनधार. Hindi · दोहा 1 1 323 Share Mahender Singh 14 Sep 2021 · 1 min read हिन्दी गौरव या समंवय हमारी राष्ट्रीय भाषा हिन्दी से, हम किसी भी हद तक जा सकते है, और किसी भाषा में हम किसी व्यक्तित्व की, *हिन्दी नहीं कर सकते है. लिपि देवनागरी है. इंगलिश... Hindi · लेख 4 3 299 Share Mahender Singh 13 Sep 2021 · 1 min read स्वाभाविक क्रियान्वयन कथा कहानियां सुनो,अच्छी आयेगी,नींद. गर आ गई समझ, फिर उड जायेगी नींद. . भूख एक स्वाभाविक रोग है,रखती बेचैन. चैन मिल भी गया, शादी को लेकर बेचैन. . ग्रह नक्षत्र... Hindi · दोहा 5 7 476 Share Mahender Singh 13 Sep 2021 · 2 min read एक मच्छर एक मच्छर / एक परजीवी हजारों अण्डे उत्पत्ति स्थान पानी की सतह इसमें भी नर मादा नाम एनाफिलीज और क्यूलेक्स. प्रभावशाली क्यूलेक्स उम्र भी ज्यादा अण्डे जो देने है. भोजन... Hindi · लेख 4 5 894 Share Mahender Singh 12 Sep 2021 · 1 min read बदलाव रूख रुक नहीं रहा है दूसरों को जिम्मेदार ठहराने का थोडे बहुत जिम्मेदारी लो बेटा. वक्त शादी का, नजदीक आ रहा है. . आयोजन के मर्म तो देखो, जो निसर्ग... Hindi · शेर 2 2 419 Share Mahender Singh 11 Sep 2021 · 1 min read अनंत संभावनाओं वाला संविधान प्रस्तावना है जिसकी,भूमिका उसी की होगी. मान बढा, सम्मान बढा जय जयकार बढेगी. कर्तव्य पालना कर,जनता कर्तव्यनिष्ठ बनेगी. मौलिक अधिकारों से जागरूकता पनपेगी.. व्यवाहारिक समझ से न्याय मजबूती मिलेगी. गुप्त... Hindi · कविता 2 2 427 Share Mahender Singh 11 Sep 2021 · 1 min read दोहे संचय जोड़ लिया कण कण हो गया मण मण असंयमित हुआ मन कण बचा न मण . दुविधा में घनश्याम पडे एक गऊ ये हालात मांगा दान मिली नहीं बिगडे आज... Hindi · दोहा 4 5 477 Share Mahender Singh 10 Sep 2021 · 1 min read किस्मत भले डाल देना ,स्वर्ण. मेरी झोली में, तुझे नहीं मानना,जा अस्मिता दार पे. जो कमजोर समझ करके वार करे, कायर है, नासमझ है, शिखंडी है. तरस आती है, मुझे उन... Hindi · शेर 2 1 486 Share Mahender Singh 10 Sep 2021 · 1 min read बाधा दौड़ दो पैर वाला जानवर चार पैरों वाले जानवर से तेज दौड लेता है. कभी दो तो कभी चार पैर वाले जानवर इन दोनों से ज्यादा. अपनी पादांगुलियों के सहारे ज्यादा... Hindi · कविता 2 1 479 Share Mahender Singh 9 Sep 2021 · 1 min read राष्ट्रवाद या विवाद ऋतु पतझड़ सा मौसम जड़ें कमजोर पड़ गई है सरकारी संपत्ति छड़ रही लोग कहते इसे राष्ट्रवाद कलियुग कहते मान लेते. लोग संज्ञा शून्य बहुत है. क्या जाने वेदना अभाव.... Hindi · कविता 2 1 436 Share Mahender Singh 9 Sep 2021 · 1 min read व्यवाहारिक कुशलता मोतीलाल जी बार बार कहते हैं, धार्मिक होना ज्यादा मुश्किल नहीं है. एक मूर्ति रखनी है,एक थाली में श्रद्धा के हिसाब से, एक दीपक,ज्योत,माचिस, घी या तेल. कुछ फूल,फल,पत्र आपका... Hindi · लघु कथा 4 4 392 Share Mahender Singh 8 Sep 2021 · 1 min read शुरूर गुरूर तुम्हें है, तो शुरूर हमें भी, तेरी मिटने वाली चीज़ है... मेरा शुरूर साँस से जुडा है... तू देख तो सही तुझे शरीर दिखाई देगा साँसें दिखाई देगी. विचार... Hindi · शेर 2 1 378 Share Mahender Singh 8 Sep 2021 · 1 min read माँ और दर्द का परिचय लिख देते दर्द को, कहीं दर्ज नहीं होते, सहती सहलाती पीडा, मर्ज देखे जाते. किलकारियां गूँजती, घर आँगन हर कोना, खुशियों से भर जाता. हर दर्द लिख देता, गर मर्ज... Hindi · कविता 3 3 415 Share Mahender Singh 7 Sep 2021 · 1 min read आज की महाभारत धृतराष्ट्र संजय से पूछता है, संजय अधर्मियों ने छल के सहारे लेकर, इंटरनेट बंद कर दिया है. . फिर भी संजय बताओ, कुछ अपने विवेक से, कुछ तो बताओ ???... Hindi · लेख 5 5 618 Share Mahender Singh 6 Sep 2021 · 1 min read रुतबे के हस्र आसान नहीं है रुतबे के हस्र देख पाना, जरा फक्र, हमारे लिए भी रखती ... मन उदास, हमारे भी होते है ... दर्द दिल के किसी और के भी पहचान... Hindi · शेर 2 1 508 Share Mahender Singh 5 Sep 2021 · 1 min read वक्त वक्त पर वक्त से जो सीख लेता है, वही वक्त आपका है, वरन् कमबख्त, किसी और का हो जाता है, . पग पग वक्त खडे कर देता है. द्वंद्व और... Hindi · शेर 1 1 320 Share Mahender Singh 5 Sep 2021 · 1 min read तबाही की आहट मातम सा पसरा हुआ है, चौतरफ़ा सन्नाटा घेर रहा, हुंकार भरे हंस कोई कैसे देखों श्मशान भरे पडा है. . बहती लाशें कुछ कह रही, निचोड कर फेंक दिया है.... Hindi · कविता 3 4 439 Share Mahender Singh 5 Sep 2021 · 1 min read गुरु शब्द द्वंद्वात्मक चाहत सिखलाया करती है, यही खोज कर लाती है, मानव को मुमुक्षु बनाती है, यही है शिक्षा में आधार. . परिचायक है यही, चाहत. यही है कर्मो के पीछे, निसर्ग... Hindi · कविता 4 4 315 Share Mahender Singh 4 Sep 2021 · 1 min read मनोबल व्यक्ति अपने वैयक्तिक मनोबल का परिणाम है. इससे ज्यादा कुछ नहीं . आपके उद्देश्य मनोबल की ताकत. जितने छोटे उद्देश्य, उतने ही छोटी प्राप्ति. आप समस्याओं का उस क्षेत्र के... Hindi · लघु कथा 1 1 285 Share Mahender Singh 4 Sep 2021 · 1 min read इंटरनेट युग सोच लो अभी भी देखा करो इंटरनेट बहुत तेज गति से अपने पांव पसार है. लेकिन वह सबकुछ नहीं है. मानव/मनुष्य/आदमी/इंसान उसके बनाने और संचालन में एक अहं भूमिका अदा... Hindi · लेख 3 2 496 Share Mahender Singh 4 Sep 2021 · 1 min read व्यथित मन अतीत की कहावत ठीक ही है. बोलने वाले के *डूंडल़े (गेंहूँ के साथ उसका तना) भी बिक जाते है. सही जानकारी देने वाले के देशी गेंहूँ भी रखे रह जाते... Hindi · लघु कथा 2 1 381 Share Mahender Singh 3 Sep 2021 · 1 min read मेरा भारत महान ये भारत है, अनंत संभावनाएं जहां, भौगोलिक स्थिति प्रबल जहां तहां. छ: ऋतुओं का स्पष्ट समागम जहां. कण मण अति ऊर्जावान देख यहां. दुनियाभर के आठ धर्म,एकधाम जहां. सबसे बड़ा... Hindi · कविता 1 1 258 Share Mahender Singh 3 Sep 2021 · 1 min read मानव निर्मित व्यवस्था समर्थन मिलते हैं, एक सीमा तक, फायदे नहीं होते, तो टूट जाते हैं । तुमने सोचा ये खेल, खेल वो खेल है. सदियों से चले आ रहा है .... और... Hindi · शेर 2 1 322 Share Mahender Singh 3 Sep 2021 · 1 min read कर्म सिद्धांत लिखे है लेख तुमहीं ने, मिटाने वाला कोई और, कैसे होगा ????? गफलत में मत जीना. करोगे सो भोगना पड़ेगा, कर्म का कोई और सिद्धांत नहीं. डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस Hindi · शेर 2 1 549 Share Previous Page 7 Next