सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 54 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Sep 2019 · 2 min read नवोदय अधूरी प्रेम कहानी यारों आज सुनाता हूँ मैं नवोदय की अधूरी प्रेम कहानी जिस भी नवोदियन पर ठुकती हो तो बताओ बारी बारी बड़े सुहाने लगते हैं अब भी नवोदय में बीते दिन... Hindi · कविता 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Sep 2019 · 1 min read याद मेरी उसको आती तो होगी याद मेरी उसको आती तो होगी रातों को उठकर जगाती तो होगी यादों का झरोखा नोचता तो होगा नसों में खून उसके खोलता होगा बाहों में तकिया बोचती तो होगी... Hindi · कविता 197 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Sep 2019 · 1 min read महबूबा खूबसूरत सांवली सलोनी मन मोहिनी सी मूरत चाँद से भी सुन्दर है महबूबा खूबसूरत चुपके चुपके चोरी चोरी निहारती होगी मन मन्दिर के अंदर उपासती भी होगी मन मे क्या है... Hindi · कविता 453 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Sep 2019 · 2 min read किया क्या जाए रे आँखें हैं आसुओं में भीगी हुई आँखों में नींद कहाँ से आए रे सपना जो देखा था आँखों ने बिखर गया, चैन कहाँ से आए रे दिल प्रेम की बाजी... Hindi · कविता 222 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read खुश रखयो उस सजन नूं करदां हाँ दुआ रब्ब तो खुश रखयो उस सजन नूं जेहड़ा कर के तुर गया सी मेरे नाल बेवफाइयां खुशियाँ नाल झोली भर गई जो सी ओसदे हिस्से मेरे जीण... Hindi · गीत 271 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read सोहणी मोहणी खूबसूरत तेरी सोहणी मोहिनी सूरत सारे जग तो है खूबसूरत तैनूं घुट के हिक नाल लांवा पर वश ना चलदा मेरा पर हाण दिए मुटियारे नी दिल मेरा साड़ मुकाया तेरे... Hindi · कविता 227 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read बचपन दी फ्रेंड इक कुड़ी हुस्न दी पटारी सी लगदी जानो वध प्यारी सी मुखड़ा सी सुर्ख गुलाब जेहा रूप सारे जग तो वखरा सी गलतफहमी दा शिकार होके मैं खो ता फ्रेंड... Hindi · कविता 207 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read सोहणी कुड़ी पंजाबी दिल विच वसदी है इक सोहणी कुड़ी पंजाबी सोचीं पाई रखदी है मुटियार अल्हड़ पंजाबी गुलाबी गल्लां विच पैण वाले टोए हाणी चोबरां नूं जहान विचो खोए खिड़ खिड़ हँसदी... Hindi · कविता 277 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read राष्ट्रीय भाषा हिन्दी सारे जहाँ से अच्छी भाषा है हमारी हिन्दी रस छंद लय युक्त है अलंकृत हमारी हिन्दी सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति है हमारी हिंदी शब्द भाव उत्तम अनुभूति है हमारी हिन्दी... Hindi · कविता 217 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2019 · 1 min read हिंदी दीवस पर.दोहे आज हिन्दी दिवस है पर,नहीं हिन्दी में काम अंग्रेजी सर्वोपरि है, हिन्दी को है विश्राम हिन्दी मातृ भाषा है , भारतीय की शान राज काम अंग्रेजी मे ,हिन्दी का बस... Hindi · कविता 332 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2019 · 1 min read औरत तेरी कहानी औरत तेरी आज भी है वही कहानी आँचल में है दूध आँखों में रहे पानी सदियों से चलता आ रहा है यह रंज कभी ना कभी ये कहानी होगी पुरानी... Hindi · कविता 804 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2019 · 1 min read अजनबी आज फिर उनसे मिल गई नजर हैं अजनबी सा लग रहा यहाँ नगर है हाथ ना आएगा जो पल गुजर गया आज अब लोट जाओ यही हसर है कोशिशें लाख... Hindi · कविता 240 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2019 · 1 min read चेहरों के मुखोटे चेहरे के मुखोटे चेहरे जो खिले होते हैं, होते हैं वो खोखले जो खुशनुमा होते हैं, दिल हैं उन्हीं के रोते सभी को खुश जो रखते,मिटा के ख्वाहिशें सामने सभी... Hindi · कविता 247 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Sep 2019 · 1 min read रंग देखिए यह मोहब्बत क्या रंग लाएगी देखते हैं कब तक कितना तड़फाएगी आँधियाँ बहा ले जाती है संग सब कुछ देखते हैं क्या कुछ छोड़ कर भी जाएंगी दुनियां होती... Hindi · कविता 296 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Sep 2019 · 2 min read नवोदय विद्यालय आरती करें हम नवोदय विद्यालय धाम की नवोदियन के भविष्य निर्माण स्थल धाम की शिक्षण अधिगम की है आवासीय पाठशाला विद्यार्थी सर्वांगीण विकास की है कार्यशाला राजीव गांधी के मस्तिष्क... Hindi · कविता 1 494 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Sep 2019 · 1 min read जग है रैन बसेरा यह जीवन है बस रैन बसेरा नहीं कुछ तेरा नहीं कुछ मेरा जो आया है वो ही जाएगा यहाँ पर नहीं कोई रह पाएगा फिर क्यों सोचे ओ मन चंचल... Hindi · कविता 1 291 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2019 · 3 min read नवोदय और नवोदियन नवोदय विद्यालय है भारत की शान मेरा नवोदय विद्यालय है बहुत महान राजीव गांधी ने देखा था एक सपना हर वर्ग क्षेत्र स्तर का बच्चा है अपना सर्वांगीण विकास करना... Hindi · कविता 3 669 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2019 · 1 min read आहिस्ता आहिस्ता आहिस्ता आहिस्ता सफर ये कट जाएगा जीवन जीने का मकसद पूरा हो जाएगा सोचता हूँ कभी यह क्यों कब कैसे हुआ जो भी हुआ ठीक हुआ भ्रम मिट जाएगा फूलों... Hindi · कविता 1 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2019 · 1 min read जिन्दगी है छोटी सी मंजिलें तो बहुत सी है जिन्दगी है छोटी सी लक्ष्य तो बहुत कुछ है जिन्दगी है छोटी सी द्वैष ईर्ष्या भूलकर मोह माया का त्याग कर प्रेम करना सीख लो... Hindi · कविता 1 431 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Sep 2019 · 1 min read दो नैन कजरारे ताकतें रहते राह दो नैन कजरारे जाने कब आएंगे मेरे प्रियतम प्यारे दिन बीते मास बीते बीत गए वर्ष रे अखियाँ तरस गई आ जाओ प्यारे नजरों का दोष है... Hindi · कविता 1 428 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 1 min read नजराना नजराना तेरा यूं मंद मंद मुस्कराना जीना दुष्वार करता है तेरा यूं हँस के शर्माना ईश्क ए इजहार करता है तेरे अधरों की लालिमा धड़कने थाम दें दिल की गुलाबी... Hindi · कविता 1 919 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 1 min read मेरा अभिसप्त मेरा अभिसप्त अभिसप्त नहीं मैं मन्दिरों में भजन गाँऊ पत्थर की पूजा करूँ व्यर्थ टलियाँ खडंकांऊ कर्मकांड त्याग अरण्य में कुटिया अपनाऊं हाथ में चिमटा ले हरि भजन गली घर... Hindi · कविता 1 415 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि हरी भरी फुलवाड़ी वाली फल फूलों की डाली वाली मेरी मातृभूमि है मेरी जान मेरी मातभूमि है सदा महान मंडराते मेघों की होती गर्जन शंख ध्वनि बन कर उदघोषण... Hindi · कविता 1 636 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 2 min read नृत्यांगना का जादू नृत्यांगना का जादू युवा महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के रंग कलामंच पर एक हरियाणवी सुन्दर नृत्यांगना ने हरियाणवी लोकगीत की लय पर ढोलक की तेजतर्रार लयबद्ध थाप पर पतली... Hindi · कविता 1 909 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Sep 2019 · 1 min read साक्षर.भारत स्कूल में भेजो अपना लाडला महान बनाएंगे बच्चा बच्चा साक्षर कर हम विद्वान बनाएंगे भारतवर्ष देश को हम सब महान बनाएंगे सर्व शिक्षा अभियान योजना सफल बनाएंगे आज का बच्चा... Hindi · कविता 1 680 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2019 · 1 min read जिन्दगी एक मुलाकात ही काफी है जीने के लिए एक ही आह काफी है गम पीने के लिए हर सुबह खिलतें हैं फूल उमंग के साथ एक शाम काफी है पुष्प... Hindi · कविता 1 582 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2019 · 1 min read जुल्फों की पनहां अपनी जुल्फों के साये तले पनहां दे दो हम तो गम की रातें जुल्फों में गुजार देंगे शमां प्यार की जला के थोड़ा मुस्कुरा दो उन्हीं यादों के सहारे ही... Hindi · कविता 1 646 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2019 · 1 min read चेहरा तुम्हारा चेहरा तुम्हारा है चाँद से प्यारा जिसने बनाया दीवाना तुम्हारा गाल हैं गोरे गोरे होंठ हैं गुलाबी नैन नशीलों ने शराबी है बनाया कोयल सी बोली रसभरी है जब से... Hindi · कविता 1 286 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2019 · 1 min read दिल की बैचेनी दिल की बैचेनी का कोई ईलाज नहीं आया है उन पर प्यार उन्हें प्यार नहीं वो क्या जाने हम पर क्या गुजरी है चाहा है हर पल उन्हें एहसास नहीं... Hindi · कविता 1 534 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Sep 2019 · 1 min read समाज के ठेकेदार चूर चूर कर डाले रिश्ते समाज के ठेकेदारों ने खुद के दोष रहे छिपाए लगे औरों को उछलाने में भावहीन भयमुक्त हो गए लगे औरों को धमकाने में छोटों को... Hindi · कविता 3 2 3k Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Sep 2019 · 1 min read समाज के ठेकेदार चूर चूर कर डाले रिश्ते समाज के ठेकेदारों ने खुद के दोष रहे छिपाए लगे औरों को उछलाने में भावहीन भयमुक्त हो गए लगे औरों को धमकाने में छोटों को... Hindi · कविता 2 1 692 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Sep 2019 · 1 min read चाँद में लगा दाग तुम हद बेहद खूबसूरत मै बेहद ही बदसूरत प्रिय तुम चंद्रमा की मूरत हो मैं चाँद में लगा दाग प्रिय तुम सुन्दरता की मूरत हो मैं बदसूरत काला साँड प्रिय... Hindi · कविता 1 412 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Sep 2019 · 1 min read हम तुम तुम हम हम तुम तुम हम चले उस छोर जहाँ नहीं पहुँच पांए कोई और आओ संग उठ चले साथ साथ जहाँ कोई नहीं हो आस पास सबसे ऊँची पहाड़ी शिखर पर... Hindi · कविता 1 491 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Sep 2019 · 1 min read सनम ओ सनम जरा सुन सनम दीवाने का नजराना सनम दिन को चैन ना रात चैन हर पल क्षण बैचेन सनम हरकतें हुई हैं अन्जान सी तेरे प्यार में पागल सनम... Hindi · कविता 1 422 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Sep 2019 · 1 min read अरमान तुम अग्नि में जलती मैं जल बन जाता तुम काँटों में फसती मैं सुमन बन जाता तुम तम की प्रतीक्षा करती मैं चन्द्रमा बन जाता तुम सूर्योदय जो चाहती मै... Hindi · कविता 1 269 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Sep 2019 · 1 min read शिक्षक दिवस पर दोहे गुरु बिन गति नहीं कहते लोग विद्वान गुरु सम्मान कीजिए होगी ऊँची शान शिक्षक दर्जा होत है गुरू गोविंद समान नादान को तराश कर बनाता है विद्वान ज्ञान बाँटना जगत... Hindi · कविता 1 264 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Sep 2019 · 1 min read शिक्षक दिवस शिक्षक हैं महान शिक्षक को सलाम शिक्षक दिवस पर कोटि कोटि प्रणाम भविष्यनिर्माणकर्ता और है सृजनहार कच्ची मिट्टी को देता है निश्चित आकार संसार में अब तक नहीं किसी का... Hindi · कविता 1 632 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Sep 2019 · 2 min read वो हसीन पल वो एक हसीन पल जिसको सोचा था कभी सपनों में ढूँढना चाहा था जिसको अपनों में कल्पनाओं में चित्र कल्पित करता था छायाचित्र मिटाता था कभी बनाता था यथार्थ में... Hindi · कविता 2 282 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Sep 2019 · 1 min read खूबसूरत हसीना सादगी की मूरत है भोली सी सूरत हुस्न की मल्लिका बहुत खूबसूरत सरिता धारा सी शालीन स्वभावी झील सी गहरी आँखे बहुत प्यारी मुखड़ा है उसका चाँद का टुकडा कोयल... Hindi · कविता 1 486 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2019 · 1 min read वाहन चालान.कानून देखो भारत सरकार ने क्या गजब कानून बना दिया वाहन से भी मंहगा वाहन का चालान कर बना दिया बड़े चाव से लिया था चारपहिया व दो पहिया वाहन परिवार... Hindi · कविता 2 461 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2019 · 2 min read लव.स्टोरी आफ रेपुअंजल एक बार अतीत में एक जंगल में एक प्रेमी युगल रहता था शांति और शांति से जीवन जी रहे हैं लेकिन उनके जीवन में कोई बच्चा नहीं है एक दुष्ट... Hindi · कविता 1 434 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2019 · 1 min read सरिता सी जिन्दगी सरिता सी होती जिन्दगी जो बहती रहती है उफान पर बहती है कभी तल पर बहती है पहाड़ो से निकलती है मैदानों में फसती है जिन्दगी भी तो ऐसे ही... Hindi · कविता 1 514 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2019 · 1 min read बरगद का पेड़ गाँव मेरे में था एक सुन्दर पेड़ कहते थे उसे बरगद का पेड़ बरगद की थी सघनी छाँव बैठे रहते सभी पसार पाँव बच्चा हो या फिर नर नारी बैठै... Hindi · कविता 1 280 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Sep 2019 · 1 min read शिष्टाचारी विद्यार्थी मेरा था प्यारा दोस्त मांगे राम करता था वो नित अच्छे काम प्रातः उठते वो दंतमंजन करता माता पिता की चरण वंदन करता नहा धौकर वह तैयार हो जाता साफ... Hindi · कविता 1 962 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Sep 2019 · 1 min read प्रेम दिल से दिल मिल गया है जब से जीवन का प्यारा गीत मधुर हो गया निर्जन बंजर विरान था मेरा जीवन प्यार पा कर तेरा बागमबग हो गया वर्षो से... Hindi · कविता 2 264 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Sep 2019 · 2 min read वृक्ष और मानुष मानुष जीवन तरुवर रूप समान है फल छाया जीवन ढंग एक समान है वसुंधरा में ही अंकुरित होता है बीज वसुधा में उगाया पेड़ का लवण खनिज जल पवन प्रकाश... Hindi · कविता 1 272 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Sep 2019 · 1 min read नारी रूप नारी तेरे कई रूप अवतार हुए हैं हर रूप की महीमा अपरम्पार हुई हैं प्रत्येक रूप तेरा बड़ा महान है नारी गुणों की अदभुत खान है सद् भाव सद्गुण विराजमान... Hindi · कविता 1 352 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Sep 2019 · 1 min read आँखों के आँँसू आँखों के आसूँ होते हैं हीरे अनमोल मोती सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती सगा संबंधी मित्र प्यारा या हो नाती भाती सहपाठी सहकर्मी या हो अपना... Hindi · कविता 1 409 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Aug 2019 · 1 min read नींद में स्वपन दैनिक क्रियाओं के क्रियान्वयन में थक हार कर चूर चूर हुई मेरी देह ढूंढ रही थी बिस्तर निद्रासन हेतु निद्रावस्था में बिस्तरासीन हुई सुस्ताई हुई अलसाई हुई मुर्छित सी आँखें... Hindi · कविता 1 261 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Aug 2019 · 1 min read फूल सी नाजुक बेटियाँ फूल सी नाजुक मासूम होती हैं बेटियाँ कायनात पर नियामत होती है बेटियाँ संवेदनशील होता है स्वभाव निराला संयमित मान मर्यादित होती है बेटियाँ बेटों सी नहीं मिलती आजादी जीने... Hindi · कविता 1 279 Share Previous Page 54 Next