Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2019 · 1 min read

आँखों के आँँसू

आँखों के आसूँ होते हैं हीरे अनमोल मोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती

सगा संबंधी मित्र प्यारा या हो नाती भाती
सहपाठी सहकर्मी या हो अपना निजवासी
प्राण पखेरु हो जावे जब हैं परलोक सिधारे
बहते हैं आँखों से आँसू जब हो ऐसी बाती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती

आँखों का तारा हो, हो दिल को बड़ा प्यारा
आँखों से ओझल हो जाए वो दुलारा प्यारा
याद उसकी का झोंका दिल को जब तड़फाए
पलक झपकते ही आ जाते आँखों में मोती
सुख दुख के साथी होतें हैं बहते अश्रु मोती

जाल मे फंसा पंरिदा बेबस हो फड़फड़ाता
पागल दिल प्रेम जाल में ऐसे ही फंस जाता
प्रेम विरह वियोग में जब जब है याद सताती
अश्रुधारा झरनों सी बहती जैसे नदी प्यासी
सुख दुख के साथी होतें हैं बहते अश्रु मोती

बिन मांगें जब मिल जाता हैं धन माया खजाना
सपना पूर्ण हो या मिल जाए भुला बिसरा दीवाना
सुख मौज में जब आते हैं कहलाते खुशी के आँसू
हँसते खुशी मनाते हुए आँखों से झलके अश्रुमोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती

कई बार तो ये आँसू भी स्वार्थी हैं बन जाते
पत्नी की आँखों के आँसू बड़ी माँगें मनवाते
बच्चों की आँखों बन आँसू जिद्दें पूर्ण करवाते
अमूल्य भावुक संवेदित होतें हैं नयन अश्रुमोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती

आँखों के आँसू होते हैं हीरे अनमोल मोती
सुख दुख के साथी होते हैं बहते अश्रु मोती

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
1 Like · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
SHAMA PARVEEN
दोस्त कहता है मेरा खुद को तो
दोस्त कहता है मेरा खुद को तो
Seema gupta,Alwar
मैंने तो बस उसे याद किया,
मैंने तो बस उसे याद किया,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
*सुबह हुई तो गए काम पर, जब लौटे तो रात थी (गीत)*
Ravi Prakash
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
निकलो…
निकलो…
Rekha Drolia
Drapetomania
Drapetomania
Vedha Singh
विद्यार्थी के मन की थकान
विद्यार्थी के मन की थकान
पूर्वार्थ
3026.*पूर्णिका*
3026.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
मोहन ने मीरा की रंग दी चुनरिया
अनुराग दीक्षित
नीर क्षीर विभेद का विवेक
नीर क्षीर विभेद का विवेक
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बुद्ध या विनाश
बुद्ध या विनाश
Shekhar Chandra Mitra
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
Rachna Mishra
सिसकियाँ
सिसकियाँ
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
मौत की हक़ीक़त है
मौत की हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
यही एक काम बुरा, जिंदगी में हमने किया है
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
Rajesh vyas
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
मैं जानती हूँ तिरा दर खुला है मेरे लिए ।
Neelam Sharma
हाइकु .....चाय
हाइकु .....चाय
sushil sarna
आधुनिक परिवेश में वर्तमान सामाजिक जीवन
आधुनिक परिवेश में वर्तमान सामाजिक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
हिन्दी की दशा
हिन्दी की दशा
श्याम लाल धानिया
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
Rj Anand Prajapati
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी।
Manisha Manjari
आलिंगन शहद से भी अधिक मधुर और चुंबन चाय से भी ज्यादा मीठा हो
आलिंगन शहद से भी अधिक मधुर और चुंबन चाय से भी ज्यादा मीठा हो
Aman Kumar Holy
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
रिश्तों की गहराई लिख - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैं तो महज संघर्ष हूँ
मैं तो महज संघर्ष हूँ
VINOD CHAUHAN
Loading...