Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2019 · 1 min read

खुश रखयो उस सजन नूं

करदां हाँ दुआ रब्ब तो खुश रखयो उस सजन नूं
जेहड़ा कर के तुर गया सी मेरे नाल बेवफाइयां

खुशियाँ नाल झोली भर गई जो सी ओसदे हिस्से
मेरे जीण लई बहुतेरे बस ओ जिन्दगी के किस्से
किस्सयां लई रह गइयां न जिन्दगी दिया रुसवाइयां
जेहड़ा……………………………………………

जित्थे डोली औंदी गई ए वजण ढोल ते शहनाइयां
मेरी जिन्दगी दे हिस्से आइयां तन्हाइयां ही तनहाइयाँ
ओ किसे होर दी अमानत औनूं लखों लख वधाइयाँ
जेहड़ा………………………………………………..

वेहड़े खुशियाँ ते बहारां जिदे जीण दा ओ सहारा
जाम साकी दे बन गए न मेरे जीण दा बस सहारा
नासूर बन गए नै जख्म दित्ते जेहड़े सलाइयाँ
जेहड़ा…………………………………………………..

सगना दी मेंहदी किते नै ओहदे हथ लालो लाल
हथ मेरे वी रंग गए नै ईश्के ए अग दे विच लाल
सुखविंद्र नहीं भूल सकदा तस्वीरां दिल विच बसाइयां
जेहड़ा……………………………………………………..

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
Tag: गीत
251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
झुकना होगा
झुकना होगा
भरत कुमार सोलंकी
एकतरफा सारे दुश्मन माफ किये जाऐं
एकतरफा सारे दुश्मन माफ किये जाऐं
Maroof aalam
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*घूॅंघट में द्विगुणित हुआ, नारी का मधु रूप (कुंडलिया)*
*घूॅंघट में द्विगुणित हुआ, नारी का मधु रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
कृष्णकांत गुर्जर
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
हम जो भी कार्य करते हैं वो सब बाद में वापस लौट कर आता है ,चा
Shashi kala vyas
पत्र गया जीमेल से,
पत्र गया जीमेल से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी में रंग भरना आ गया
जिंदगी में रंग भरना आ गया
Surinder blackpen
बदनाम गली थी
बदनाम गली थी
Anil chobisa
*जीवन्त*
*जीवन्त*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हृदय वीणा हो गया।
हृदय वीणा हो गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रिश्ते
रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
बच्चों को बच्चा रहने दो
बच्चों को बच्चा रहने दो
Manu Vashistha
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
मैंने खुद को जाना, सुना, समझा बहुत है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यादें....!!!!!
यादें....!!!!!
Jyoti Khari
मेरा दुश्मन
मेरा दुश्मन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
वो सांझ
वो सांझ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कोहरा और कोहरा
कोहरा और कोहरा
Ghanshyam Poddar
दीवाली की रात आयी
दीवाली की रात आयी
Sarfaraz Ahmed Aasee
हर पल
हर पल
Neelam Sharma
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
पघारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
शरीफों में शराफ़त भी दिखाई हमने,
Ravi Betulwala
■ देसी ग़ज़ल
■ देसी ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
स्वयंसिद्धा
स्वयंसिद्धा
ऋचा पाठक पंत
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
Mukul Koushik
मूल्य
मूल्य
Dr. Kishan tandon kranti
दो नयनों की रार का,
दो नयनों की रार का,
sushil sarna
Loading...