Taj Mohammad Language: Hindi 1360 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Taj Mohammad 24 Nov 2024 · 1 min read मुख्तशर सी जिंदगी है। मुख्तशर सी जिंदगी है अब हम यहां किसको क्या कहें। ख्वाहिशों की खातिर जानें हम कितने गुनाह कर गए।। जानिबे मंजिल पहुंचते कैसे जब हम सफर में ही न थे।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 Share Taj Mohammad 23 Jun 2024 · 1 min read वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं। वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं। हरपल बस मुहब्बत की बातें थीं।। रोनें को न भूली बिसरी यादें थीं। बस तुमसे हर रोज मुलाकातें थीं।। दिल में तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 89 Share Taj Mohammad 15 Jun 2024 · 1 min read एक पल को न सुकून है दिल को। मिलाकर नज़रें कमाल कर गए हो। क्या बताएं तुम मेरा कैसा हाल कर गए हो।। एक पल को न सुकून है दिल को। मेरे अन्दर तुम अपना यूं ख्याल भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 107 Share Taj Mohammad 14 Jun 2024 · 1 min read कितना दर्द सिमट कर। चिता की अग्नि ने तुम्हें जब जलाया होगा, कितना दर्द सिमट कर तुम्हारे हिस्से यूँ आया होगा।। आह तो निकली होगी तुम्हारे मुँह से दर्द की, पर तुमने उठकर ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 114 Share Taj Mohammad 3 Jun 2024 · 1 min read बेटियां। ईश्वर का वरदान होती है बेटियां। ह्रदय फट जाता है जब रोती है बेटियां।। क्यूं आजादी से ना रहती है बेटियां। कठपुतली बनकर क्यूं जीती है बेटियां।। जन्म से घरों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 110 Share Taj Mohammad 29 May 2024 · 1 min read हर जमीं का आसमां होता है। हर जमीं का आसमां होता है। परेशानी में क्यूं परेशां होता है।। दर्दे दिल्लगी है कैसे छुपाओगे। ये तो खुद ब खुद बयां होता है।। वो न थे नसीब में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 166 Share Taj Mohammad 26 May 2024 · 1 min read मरने के बाद। ज़िंदा में ना समझें आज मैय्यत पर आके रो रहे हो। मरने के बाद मैं कैसे अच्छा हो गया जो कह रहें हो।। तुम्हारा हर अश्क जो नजरो से तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 87 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read कुछ परिंदें। कुछ परिंदें आपस में चह चहा रहें हैं। शायद वो इंसानों के बारें में बतला रहें हैं।। बड़ी मुश्किल से मिला है इक शजर उन्हें। जिस पर वो अपना आशियां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 106 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read फूल अब शबनम चाहते है। जख्मों का मरहम चाहते है। तुमसा इक हमदम चाहते है।। बहुत जी लिए यूं कफस में। परिन्दे खुला अंबर चाहते है।। प्यासे आब से बड़े परेशां हैं। सेहरा में समन्दर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 113 Share Taj Mohammad 24 May 2024 · 1 min read उम्मीद का दामन। उम्मीद का दामन थामे थामे तमाम उम्र काट दी। पर जिंदगी की दुश्वारियां है कि जाती ही नहीं है।। हम अपने जख्मों को किसी को दिखाते नही है। पर ये... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 99 Share Taj Mohammad 23 May 2024 · 1 min read हमारा दिल। हमारा दिल हमारा साथ देता नही है। समझाया बहुत पर उनसे नफरत करता नही है।। पहले तो इसने सीने में अरमां जगायें। पर अब ये ज़ालिम उनको ही पूरा करता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 104 Share Taj Mohammad 22 May 2024 · 1 min read हर गम दिल में समा गया है। हर गम दिल में समा गया है। जबसे वो कहकर बेवफा गया है।। यूं हमने भी ना रोका उसको। अकीदा करके दिल मेरा टूटा है।। झूठी हैं उसकी सब ही... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 97 Share Taj Mohammad 22 May 2024 · 1 min read नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है। तूफानों ने मेरा रास्ता रोका तो बहुत। पर कश्ती मेरी मकसूद ए साहिल को पा गई है।। क़िस्मत,मुकद्दर इत्तेफ़ाक है जीने में। मेहनत से हर जिन्दगी अपना मकाम पा गई... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 80 Share Taj Mohammad 19 May 2024 · 1 min read सारे निशां मिटा देते हैं। जख्म देकर खुद ही मरहम लगा देते हैं। ऐसे गुनाह करके वो सारे निशां मिटा देते हैं।। गंदगी से दिल उनका बड़ा अफरोज है। पर वुजू से खुद को पाक... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 87 Share Taj Mohammad 19 May 2024 · 1 min read हम उफ ना करेंगे। करते रहो सितम हम उफ ना करेंगे। पर गैर बनने की सोची तो चुप ना रहेंगे।। खुद से ज्यादा चाहते है हम तुमको। जरा सी नफरत तुम्हारी सह ना सकेंगे।।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 115 Share Taj Mohammad 17 May 2024 · 1 min read जिन्दगी का मामला। जिन्दगी का मामला सख्त लगता हैं। यूं सुधरने में थोडा तो वक्त लगता हैं।। ये आदत है छूटते छूटते ही जायेगी। कुछ भी छूटे जिन्दगी में दर्द होता है।। तेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 105 Share Taj Mohammad 14 May 2024 · 1 min read ज़माने की नजर से। ज़माने की नजर से कभी तुम ना देखना हमको। जमाना है फरेबी तुम फरेबी ना समझना हमको।। गर मौत जुदा कर दे कभी जिंदगी में हमें तुमसे। तुम सदा बद... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 83 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read अपने ही घर से बेघर हो रहे है। आज अपने ही घर से बेघर हो रहे है। वो मां बाप देखो कितना जार जार रो रहे हो।। चुन चुन कर ख्वाबों से यूं सजाया था। दीवारों दर तो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 99 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read हर किसी में आम हो गयी है। अब तो हर किसी में आम हो गयी है। देखो मोहब्बत यूँ बदनाम हो गयी है।। अमीरों के यहाँ फिरसे बाज़ार सजा। गरीब की इज्जत नीलाम हो गयी है।। वहाँ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 77 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read खुदा सा लगता है। कुछ कुछ वो मुझको खुदा सा लगता है। जो मेरी सब जरूरतों को पूरा करता है।। इत्तेफ़ाक़ से नही उसको मांगा है रब से। वो मुझको मेरी मांगी दुआ सा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 93 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read कुछ दुआ की जाए। चलो उसके लिए कुछ दुआ की जाए। शायद यूँ ही उसको शिफ़ा मिल जाए।। हो गया है वो बड़ा ही परेशान गमों से। जाने इन्ही दुआओं से अच्छा हो जाए।।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 80 Share Taj Mohammad 13 May 2024 · 1 min read हंसी आयी है लबों पर। बड़े दिनों बाद हंसी आयी है लबों पर। आज नज़र जो गयी उसके खतों पर।। उसकी हर एक याद बचाकर रखी है। जो परेशां करता था हमें शरारतों पर।। जाने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 88 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read खर्च हो रही है ज़िन्दगी। खर्च हो रही है ज़िन्दगी उनसे इश्क़ को निभानें में। गर चाहते हो खुश रहना तो दिल ना लगाना ज़मानें में।। जी ना पाओगे तुम मोहब्बत के खुद से दूर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 85 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read सांसों से आईने पर क्या लिखते हो। सांसों से आईने पर क्या लिखते हो, गर है इश्क़ हमसे तो क्यों ना कहते हो। यूँ कब तक दिल को अपने रोकोगे, छोड़ हया हमसे तुम क्यों ना मिलते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 99 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read रोना ना तुम। रोना ना तुम जो हम कभी कफ़न में अपनें घर को आए। समझ लेना वो सब कुछ जो भी हम तुझसे ना कह पाए।। हमें माफ कर देना जो तुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 124 Share Taj Mohammad 12 May 2024 · 1 min read ज़ख़्म ही देकर जाते हो। जब भी आते हो इक ज़ख़्म ही देकर जाते हो। पर मेरे दर्द का मलहम बनके तुम कब आओगे।। आज वक्त है तुम्हारा तो तुम्हीं हुकूमत करलो। पर बदलती तो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 115 Share Taj Mohammad 11 May 2024 · 1 min read मुझे दर्द सहने की आदत हुई है। मुझे दर्द सहने की आदत हुई है। उसे इस कदर चाहने जो लगा हूं।। समझना नहीं मुझे अब किसीको। उसे इस कदर सोचने जो लगा हूं।। मांगता हूं माफी खुदा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 115 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read सारे ही चेहरे कातिल है। सारे ही चेहरे कातिल है। हम जाए भी तो जाए कहां।। ऐ खुदा अब तू ही बता। मुझको यूं खुशियों का पता।। कहीं हासिल ना सुकूं है। नफरत फैली है... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 90 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read दुनियाँ की भीड़ में। दुनियाँ की भीड़ में वह जाने कहां खो गया है। कोशिश तो बहुत की पर वह ना मिल सका है।। जाने कैसे रहेगें हम बिना उसके यूं ज़िंदगी में। फरिश्ते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 99 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read दुआओं में जिनको मांगा था। दुआओं में जिनको मांगा था। वही अब देखो बद्दुआ बन गए है।। दिल जिनकी इबादत करता था। वही किसी और के खुदा बन गए है।। दरख्तो से सारे परिंदे क्या... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 102 Share Taj Mohammad 10 May 2024 · 1 min read लफ्जों के सिवा। पैरहन में बहुत छेद थे उस गरीब के। वो कैसे चला जाता यूं महफिले अमीर के।। लफ्जों के सिवा ना था कुछ देने को। तोहफे में दुआएं भेजी है वास्ते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 127 Share Taj Mohammad 19 Apr 2024 · 1 min read उम्रें गुज़र गयी है। उम्रें गुज़र गयी है इश्क को निभाने में। मुकम्मल ना हुआ यह किसी जमाने में।।1।। कल था आज है और कल भी रहेगा। रिश्ता रहेगा सदा शम्मा ओ परवानें में।।2।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 136 Share Taj Mohammad 17 Apr 2024 · 1 min read बेहिसाब सवालों के तूफान। अरसे बाद वो मिला चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए। अपनी नज़रों में बेहिसाब सवालों के तूफान लिए।। जो गया था हमको छोड़कर खुश रहने के लिए। वो दिखा हमें नज़रों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 107 Share Taj Mohammad 11 Apr 2024 · 1 min read राख का ढेर। यूं न देखो किसी में, तुम इतना ज्यादा ऐब। ये ज़िन्दगी क्या है, बस एक राख का ढेर।। ये जहां है बस एक जगह, तेरे जीने के लिए। दिल न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 190 Share Taj Mohammad 10 Apr 2024 · 1 min read जां से गए। जां से गए जहां से गए, हम कहीं के ना रहे।। सब ही है यहां रो रहे, लाश बनकर हम पड़े।। दफनाने की जल्दी पड़ी, हम किसी के ना रहे।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 97 Share Taj Mohammad 8 Apr 2024 · 1 min read वो बदल रहे हैं। ऐ जिंदगी दो कदम तू भी तो चल हम कबसे चल रहे है। ठहरी पड़ी है तू वक्त के जानें कितने लम्हे गुजर रहे है।। कुरान की आयते जाने कबसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 121 Share Taj Mohammad 7 Apr 2024 · 1 min read ऐ ज़िंदगी। ऐ जिंदगी दो कदम तू भी तो चल हम कबसे चल रहे है। ठहरी पड़ी है तू वक्त के जानें कितने लम्हे गुजर रहे है।। कुरान की आयते जाने कबसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 105 Share Taj Mohammad 5 Apr 2024 · 1 min read दिल का हर अरमां। दिल का हर अरमां तोड़कर तुम गए हो। हमको तन्हा बड़ा छोड़कर तुम गए हो।। फिरभी हम बड़ा अदब करते है तुम्हारा। खुद को जो बेवफा बोलकर तुम गए हो।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 103 Share Taj Mohammad 3 Apr 2024 · 1 min read गम और खुशी। गम और खुशी के झूले में जिंदगी झूलती रही। पहुंचे कैसे जानिब ए मंजिल बस सोचती रही।। मत बना रेत पर अपना आशियां बह जाएगा। समन्दर की लहरें आकर हमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 180 Share Taj Mohammad 2 Apr 2024 · 1 min read शबे दर्द जाती नही। शबे दर्द जाती नही खुशी की सहर आती नही। जाने क्यूं जिंदगी अब वक्त सी गुजर पाती नही।। तमाम उम्र सफ़र में रहा मुसाफिर सा बनकर। आंखे भी जानिब ए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 104 Share Taj Mohammad 31 Mar 2024 · 1 min read सत्य छिपकर तू कहां बैठा है। सत्य छिपकर तू कहां बैठा है। झूठ हावी हो गया है क्यूं तू यूं रूठा है।। खोजने मैं तुझको जाऊं कहां। वास्तिविकता से परे हर कोई झूठा है।। बे मुरव्वत... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 110 Share Taj Mohammad 30 Mar 2024 · 1 min read खुद की तलाश में। मैं खुद की तलाश में कब से भटक रहा हूं। वक्त के साथ जिंदगी में बस गुजर कर रहा हूं।। कोई तो मोड़ आए जो हो जानिबे मंजिल। इसी इंतजार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 104 Share Taj Mohammad 29 Mar 2024 · 1 min read कहां जाऊं सत्य की खोज में। गुरबती में यहां अपनी, जिंदगी कट रही है। कहां जाऊं सत्य की खोज में, जब हर खुशी रो रही है।। हमें तो बस जीना है, जिंदा रहने के लिए। वक्त... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 194 Share Taj Mohammad 28 Mar 2024 · 1 min read ओ पथिक तू कहां चला ? ओ पथिक तू कहां चला, सत्य की खोज में। बड़ा कठिन है सत्य को पाना, झूठ के शोर में।। तेरा पथ बड़ा पथरीला है, और तेरे कदम बड़े है कोमल।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 176 Share Taj Mohammad 27 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज में। सत्य की खोज में, तू क्यों दर दर भटकता है। सत्य तो है तेरे अंदर, तू क्यों न स्वयं को खोजता है।। प्रकृति के कण कण में, सत्य समाया है।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 106 Share Taj Mohammad 26 Mar 2024 · 1 min read खुद के वजूद को। खुद के वजूद को तुम हमेशा दूसरों में ढूंढते हो। कभी देखा ना तुमने खुद में जहां तुम रहते हो।। ✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️ Hindi · शेर 1 103 Share Taj Mohammad 26 Mar 2024 · 1 min read हमें खतावार कह दिया है। वफाओं का मेरी तुमने क्या खूब सिला दिया है। बिना जानें ही तुमने हमें खतावार कह दिया है।। अब तुम दो खुशी या दो हमको कितने भी गम। हमनें तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 102 Share Taj Mohammad 20 Mar 2024 · 1 min read मां तो फरिश्ता है। क्या ख़ूब कहा है, किसी ने मां के पैरों के नीचे जन्नत होती है।।1।। गर मां खुश होके, हकमें दुआ करदे तो पूरी हर मन्नत होती है।।2।। मां तो फरिश्ता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 128 Share Taj Mohammad 14 Mar 2024 · 1 min read हमें सलीका न आया। ज़िन्दगी को जीनें का हमें तरीका न आया। पढ़े तो हम खूब ही पर हमें सलीका न आया।।1।। क्या क्या बयां करें हम तुम्हें मां की खूबियां। मां के जैसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 119 Share Taj Mohammad 9 Mar 2024 · 1 min read मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं। हर जगह मैं गर्दिशे अय्याम देखता हूं। जीने की खातिर मैं कुछ काम ढूंढता हूं।। चांद सितारे सब छुपे है बदलियों में। रातों में उठकर मैं चमकता चांद ढूंढता हूं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 196 Share Page 1 Next