Santosh Shrivastava Language: Hindi 724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Santosh Shrivastava 24 Jan 2020 · 1 min read गौरवान्वित बनो देखो मत कौन क्या करता है मन सोचो मत कौन क्या कहता है मन पकड़ो दृढ़ता से लक्ष्य अपना तभी मिलता है गौरव होते नहीं इन्सान सभी एक से कोई... Hindi · कविता 258 Share Santosh Shrivastava 23 Jan 2020 · 1 min read पकड़ो राह अपनी देखो मत कौन क्या करता है सोचो मत कौन क्या कहता है पकड़ो दृढ़ता से लक्ष्य अपना तभी गौरव मिलता है होते नहीं इन्सान सभी एक से कोई पाता गौरव... Hindi · कविता 1 1 452 Share Santosh Shrivastava 22 Jan 2020 · 1 min read जग के पालनहार जग के खेवनहार वृन्दावन के पालनहार गोपियों के प्रेमी सदाबहार पांडवों के सलाहकार महाभारत में मचाया हाहाकार भक्तों का करते उद्धार सुदामा मित्र के मिलनसार गीता के है सर्वोत्तम साहित्यकार... Hindi · कविता 1 407 Share Santosh Shrivastava 21 Jan 2020 · 1 min read सेवक (हास्य कविता ) लड़की देखने गया लड़का मार्डन लड़की देख तडका सोचा खुल गयी किस्मत सुन्दर इतनी प्यारी लड़की हो गया लट्टू बस लगायी एक रट्टू करूँगा शादी अब इससे पूछा लड़की ने... Hindi · कविता 1 383 Share Santosh Shrivastava 19 Jan 2020 · 2 min read देशभक्ति " पापा मुझे भी तिरंगा झंडा दिलवाओ ना , कल स्कूल में सब बच्चों के लिए मुझे ही ले जाना है। " मनीष ने कहा । " हाँ बेटा चलो... Hindi · कहानी 1 1 617 Share Santosh Shrivastava 18 Jan 2020 · 1 min read मेरा प्यारा अंगना है बच्चे अंगना की शोभा खेले जब आँगन में खुशियाँ भर दे जीवन में बिटियां का आँगन गुड्डे-गुड़िया का ब्याह बेटे का अंगना उछल-कूद बनते घर और पुल अंगना दादी... Hindi · कविता 1 354 Share Santosh Shrivastava 17 Jan 2020 · 1 min read संस्कार अच्छे हो जीवन में जिन्दगी में संस्कारी होना जरूरी है । संस्कार इन्सान को मानवता सिखाते है । बेटा बेटी बहू हो या दामाद सब संस्कारी चाहते है और संस्कार है क्या , बड़ों... Hindi · लेख 1 1 264 Share Santosh Shrivastava 17 Jan 2020 · 1 min read बेरहम मानव पिरामिड लेखन 1 ये शाख नाजुक पत्ते फल सहे मौसम है बहुत दुखी मानव काटे उसे 2 है छुकी टहनी लदे फल इंसा लालची लगाये न पेड़ काटते बेरहम स्वलिखित... Hindi · कविता 1 1 339 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2020 · 1 min read दर्पण है व्यवहार व्यवहार हैं दर्पण इन्सान का यहीं है संस्कार जीवन के होती तारीफ सब जगह कुशल व्यहार की होता सफल वही जीवन में बनाते माता-पिता कुशल व्यवहार बच्चों को जो अपनाता... Hindi · कविता 1 470 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2020 · 1 min read बनाये रिश्ता पहले मधुर बनाये अपना स्वभाव अच्छा बोले अच्छा करें फिर शामिल करें भाई बहन ससुराल में शामिल करें नन्द भाभी सास इस तरह रिश्ते से रिश्ता जुड़ता जायेगा स्वलिखित लेखक... Hindi · मुक्तक 496 Share Santosh Shrivastava 16 Jan 2020 · 1 min read पतझड़ 1 रहते साथ हो रहे पतझड़ नयी उम्मीदें 2 ये पतझड़ सूने वृक्ष अंगना कोपल नयी स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · हाइकु 361 Share Santosh Shrivastava 15 Jan 2020 · 1 min read बढ़ाये ज्ञान करे दूर अंधकार हटे जीवन से अंहकार अपनाओ अच्छे संस्कार ज्ञान को करें अंगीकार पढ़े तो बढ़े ज्ञान बढ़े समाज में सम्मान घर परिवार में मान जिन्दगी में हो शान... Hindi · कविता 1 391 Share Santosh Shrivastava 13 Jan 2020 · 1 min read जियो हर हाल में होतीं विपरित परिस्थितियाँ जीवन में कई बार मत हारो हिम्मत कोशिश करो बार बार सैनिक लेते कठिन प्रशिक्षण सजग रहते हर क्षण घबराते नहीं मुश्किल परिस्थिति से हासिल करते अपनी... Hindi · कविता 1 3 250 Share Santosh Shrivastava 11 Jan 2020 · 1 min read तस्वीर जिन्दगी की बनाती है माँ ख्वाबों में एक सुन्दर तस्वीर होता है शिशु जब गर्भ में कागज दिखा कर पूछा उसने कौन है इसमें कहा मैंने जब है तस्वीर दिल में उसे... Hindi · कविता 1 427 Share Santosh Shrivastava 11 Jan 2020 · 1 min read तस्वीर जिन्दगी की बनाती है माँ ख्वाबों में एक सुन्दर तस्वीर होता है शिशु जब गर्भ में कागज दिखा कर पूछा उसने कौन है इसमें कहा मैंने जब है तस्वीर दिल में उसे... Hindi · कविता 226 Share Santosh Shrivastava 10 Jan 2020 · 1 min read हिन्दी हमारी महान (विश्व हिन्दी दिवस ) भारत है महान हैं संस्कार महान संस्कृति और महान है हिन्दी भाषा आदर सम्मान की भाषा अपनेपन ,मानवता की भाषा रामचरित मानस महाभारत की भाषा महादेवी, तुलसी कबीर की भाषा... Hindi · कविता 390 Share Santosh Shrivastava 10 Jan 2020 · 1 min read मौत , सुहाना सफर है जिन्दगी से मौत सुहानी न रूठने का गम न मनाने का झंझट मुकाम तलक पहुंचाने चार ही चाहिए नहीं है शौक हमें भीड़ बढ़ाने का बड़ा सुकून देती है... Hindi · कविता 1 236 Share Santosh Shrivastava 9 Jan 2020 · 1 min read अपराध मिलावट इन्सान है आज बेरहम करता मिलावट हरदम न चिंता जान की न चिंता बेज़ुबान की बच्चों के मुँह में डाल जहर बने है दुश्मन कर दूध में मिलावट बने ये... Hindi · कविता 1 1 582 Share Santosh Shrivastava 8 Jan 2020 · 1 min read शौक अच्छे हो जिन्दगी में शौक जिन्दगी में ऐसे ऐसे होना चाहिए न करें बुरा किसी का भला करना चाहिए मत बनों मोहताज किसी ऐसे शौक का जो हो जुआ और शराब घर द्वार बिक... Hindi · कविता 1 207 Share Santosh Shrivastava 8 Jan 2020 · 1 min read पढ़ाई का महत्व "पापा मैं पढ़ना चाहता हूँ " मयंक ने कहा । रामदास ने कहा : " बेटा जूतों पर पालिश करना और जूते चप्पल सुधारना अपना पुश्तैनी काम है इसी को... Hindi · लघु कथा 357 Share Santosh Shrivastava 8 Jan 2020 · 1 min read हुनर है तो जीवन आसान जिन्दगी में है हर काम हुनर पहुँचो मंजिल पर और बनों सुपर कलाकार का अभिनय कशीदाकार का सृजन हो ऐसा करें तारीफ हो नाम सब तरफ सिखता है इन्सान हुनर... Hindi · कविता 1 453 Share Santosh Shrivastava 6 Jan 2020 · 1 min read मत चलो भीड़ संग न करो कभी भीड़ का अनुसरण करो हमेशा सत्य का अनुकरण होती जब भीड़ बेकाबू होता जन धन का नाश हैं नहीँ वो देशभक्त बल्कि होते कई विध्वंसक चेहरे बेनक़ाब... Hindi · कविता 1 435 Share Santosh Shrivastava 4 Jan 2020 · 1 min read तलाशते हम तलाशते रहे ता-जिन्दगी हम अपनों को अर ठहर जाते मुकाम मिल जाता प्यार वो हमें बेपनाह कर गयी फिर ज़िंदगी मे हमको तनहा कर गयी चाहत थी उनके इश्क़ मे... Hindi · कविता 1 373 Share Santosh Shrivastava 3 Jan 2020 · 1 min read ठंड रखो मान अन्न का फल ये किसान की मेहनत का रात रात जागता खेत औ खलिहान जाहे गर्मी हो या सर्दी यूँ नहीँ लिखा प्रेमचंद ने पूस की रात खेत... Hindi · कविता 474 Share Santosh Shrivastava 2 Jan 2020 · 1 min read जीवन में नम्रता है नम्रता इन्सान का आभूषण नम्र बनों इज्जत पाओ चाहते सब अपने, अपनों का अपनापन नम्र बन पाते सब झूकता हर नम्र जगत फल लगे झूकते वृक्ष संस्कारी बच्चे झूकते... Hindi · कविता 1 224 Share Santosh Shrivastava 1 Jan 2020 · 1 min read नववर्ष संकल्प होता है एक साल तीन सो पैंसठ दिन का गुजरते हैं दिन कुछ अच्छे कुछ खराब करते हैं काम कुछ अच्छे कुछ बुरे मिलतीं हैं कुछ खुशियाँ कुछ गम बढ़ता... Hindi · कविता 1 300 Share Santosh Shrivastava 31 Dec 2019 · 1 min read इन्साफ होती नहीँ रात रात भर के लिए हमेशा रात के बाद आता है दिन जीवन में अंधेरा रहता नहीँ हमेशा अंधेरे ऊजाले का है साथ हमेशा मिले जीवन में कभी... Hindi · कविता 1 443 Share Santosh Shrivastava 30 Dec 2019 · 1 min read गुजरता वक़्त रफ्ता रफ्ता गुजर रहा है वक़्त यादें हैं कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी कुछ खोने की कुछ पाने की कुछ देश की कुछ परदेश की कुछ समाज की कुछ परिवार की... Hindi · कविता 195 Share Santosh Shrivastava 30 Dec 2019 · 1 min read गुजरता वक़्त रफ्ता रफ्ता गुजर रहा है वक़्त यादें हैं कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी कुछ खोने की कुछ पाने की कुछ देश की कुछ परदेश की कुछ समाज की कुछ परिवार की... Hindi · कविता 176 Share Santosh Shrivastava 30 Dec 2019 · 1 min read कन्फ्यूज़ पति (हास्य कविता ) पति बैठा दो घंटे से बिना शक्कर चाय बना पत्नी कर रही मेकअप अंदर कमरे अब वह डाले दो चम्मच शक्कर या एक अगर डाली दो तो कहेगी "एक डालनी... Hindi · कविता 535 Share Santosh Shrivastava 28 Dec 2019 · 1 min read सच्चाई जीवन की नश्वर काया नश्वर माया क्या कमाया क्या खोया है मन का यह भ्रम जाना नहीँ किसी ने यह मर्म रहते जब तलक दुनियां में मेरा तेरा करता इन्सान पहुँचता जब... Hindi · कविता 1 310 Share Santosh Shrivastava 27 Dec 2019 · 1 min read आदर बड़ों का हो परिवार में नेतृत्व बुजुर्गों का रहते हैं सुकुन से छोटे बड़े सब सदस्य मजबूत नेतृत्व देश का उन्नति विकास शांति है चहुंओर बने सहयोगी सभी नागरिक सिखायें कुशल नेतृत्व... Hindi · कविता 1 1 299 Share Santosh Shrivastava 26 Dec 2019 · 1 min read खुशनुमा मौसम रहें सब प्रसन्न घर में साथ बैठे हो बच्चे बुजुर्ग सब चलती रहें हँसी ठिठोली खाये भजिये पकौड़े जल रहीं हो अंगीठी पास मंद मंद हो गरमी मुँह में हो... Hindi · कविता 242 Share Santosh Shrivastava 25 Dec 2019 · 1 min read वंदना हर घर में हैं पूज्य तुलसी पूजन है पुण्य परिवार तुलसी बिन है शून्य हैं तुलसी औषधियों का भंडार आयुर्वेद में बसा है फायदों का संसार तुलसी की मातृ छाया... Hindi · कविता 1 373 Share Santosh Shrivastava 25 Dec 2019 · 1 min read हरे सपने यादों के आगोश में मिलन की आस में रात भर वो बैठी रही द्वारे था सीमा पर सपनों का सलोना अंधेरा ही था राज उसके सपनों का चलीं गोलियां बड़ी... Hindi · कविता 220 Share Santosh Shrivastava 24 Dec 2019 · 1 min read ठंड चुनौती पिरामिड 1 है ठंड मौसम मस्ती और गरम चाय शीत लहर तो सोओ ओड़ रजाई 2 है खेती चुनौती जूझे ठंड शीत लहर प्राकृति कहर रहे भूखा किसान स्वलिखित लेखक... Hindi · कविता 200 Share Santosh Shrivastava 24 Dec 2019 · 1 min read प्रहार बनों प्रचंड जीवन में लो हर चुनौतियों से लोहा सफलताएं चूमेंगी कदम अनेक रखो रफ्तार तेज जीवन में तभी जीत पाओगे प्रतिस्पर्धा के इस दौर में प्रखर बनो प्रचंड बनो... Hindi · कविता 441 Share Santosh Shrivastava 22 Dec 2019 · 1 min read स्वागत नव वर्ष हे नव वर्ष तुम्हारा स्वागत है तुम सरस मधुर बन कर आओ मानवता भाईचारे का लाओ संदेशा सुखी समृद्ध हो हर नागरिक है यही कामना हमारी प्रतिष्ठा बड़े विश्व में... Hindi · कविता 1 204 Share Santosh Shrivastava 21 Dec 2019 · 1 min read छोड़ो स्वार्थ करते तारीफ सब नि:स्वार्थ सेवा की अपने अपनों से करते क्यों अपेक्षा व्यापार की करते माता पिता निस्वार्थ सेवा बच्चों की वही बुढ़ापे में ढूंढते स्वार्थ सेवा में सैनिक होते... Hindi · कविता 1 243 Share Santosh Shrivastava 20 Dec 2019 · 1 min read जीवन हो मधुरम् हो जीवन शैली सरल मधुर जीवन हो अपना मधुरम् मधुरम् बने सहायक जीवन में सब के फैले रिश्तों में मधुरस मधुरस होती हर एक की अपनी जीवन शैली सैनिक मुस्तैदी... Hindi · कविता 1 243 Share Santosh Shrivastava 17 Dec 2019 · 1 min read अच्छी नहीं अफवाहें यों ही नहीँ हो जाती घटना कोई कहीं विवाद कहीं संवाद कहीं घोटाले कहीं चौपाले कहीं अफवाहें कहीं नेट कहीं इन्टरनेट चल रहा है दुर्घटनाओं का दौर संवेदनशील है परिवेश... Hindi · कविता 1 392 Share Santosh Shrivastava 14 Dec 2019 · 1 min read बात में दम करो विरोध हर उस बात का जो नहीँ है पसंद चलो मत गलत राह पर सिद्धान्तविहिन अनुकरण गिरा देता चरित्र से हो सही तरीका विरोध का लाओ अपनी बात में... Hindi · कविता 194 Share Santosh Shrivastava 13 Dec 2019 · 1 min read है जगत के स्वामी हे जगत के पालनहार है तेरी रचना शानदार सम्पूर्ण ब्रहमांड तेरे अधीन गाऊँगा सदा तेरे गुनगान है माता पिता जगत आधार बनते बच्चों के आधार लूटाते लाड़-दुलार सम्पूर्ण है उनके... Hindi · कविता 187 Share Santosh Shrivastava 13 Dec 2019 · 1 min read बेरहम जिन्दगी उड़ रहे हो आसमां वक़्त है साथ तुम्हारे जमीं पर ही पाओगे होगा वक़्त साथ हमारे नहीं है हमें शौक उड़ने का कतर दिये जाते हैं पर परिन्दों के ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 228 Share Santosh Shrivastava 12 Dec 2019 · 1 min read कीमत इन्सान की घटती जा रही है कीमत इन्सान की पैसा होता जा रहा है बाप इन्सान का बढते जा रहे है बे-ईमान इन्सान समाज में दरिन्दों की फौज है और इन्सानियत आज... Hindi · कविता 233 Share Santosh Shrivastava 11 Dec 2019 · 1 min read माता पिता की छाया गांव का वृक्ष देता छाया मुसाफिरों को फैलता गया शहर सिमटता गया गाँव बनने लगीं बल्डिगें बड़ी कटने लगे वृक्ष बेरहमी से छाँव को तरसने लगा इन्सान ढूंढ़ते थे छाया... Hindi · कविता 514 Share Santosh Shrivastava 11 Dec 2019 · 1 min read कहानी मूंछों की हास्य कविता छंदमुक्त कैप्टन हमिन्दर साहब को था अपनी मूंछों पर घमंड बहुत हैं नहीँ किसी की उनकी जैसी मूंछ बैठते जब स्टूल पर दूर तलक जाती उनकी मूंछे कैप्टनी... Hindi · कविता 1 260 Share Santosh Shrivastava 10 Dec 2019 · 1 min read जीवन में संतुलन है संतुलन जीवन में जरूरी कम बोलो अच्छा बोलो बना रहेगा मान समाज में तराजु सा संतुलित हो कार्य हमेशा नहीँ बिगड़ेगी बात कभी दाम्पत्य जीवन में रहे संतुलित सभी... Hindi · कविता 737 Share Santosh Shrivastava 10 Dec 2019 · 1 min read खेल किस्मत के है खेल निराले भाग्य के कहीं खुशी तो कहीं गम है नियति जन्म है तो निश्चित है मृत्यु है विधि का विधान ये है उत्पत्ति तो है अंत भी है... Hindi · कविता 1 242 Share Santosh Shrivastava 8 Dec 2019 · 2 min read दवंग बेटी " बेटी तेरी नौकरी से तो मुझे हमेशा चिंता लगी रहती है ? समय खराब है ।" रमा ने बेटी श्यामा से कहा । वह एक कम्पनी में काम करती... Hindi · लघु कथा 469 Share Previous Page 4 Next