Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Dec 2019 · 1 min read

है जगत के स्वामी

हे जगत के पालनहार
है तेरी रचना शानदार
सम्पूर्ण ब्रहमांड तेरे अधीन
गाऊँगा सदा तेरे गुनगान

है माता पिता जगत आधार
बनते बच्चों के आधार
लूटाते लाड़-दुलार सम्पूर्ण
है उनके चरणों में समस्त संसार

हो मानवतावादी समाज
सुख दुःख में शामिल समाज
मानवता की है पहचान
सर्वे भव॔तु सुखिन:

है नमन जगतस्वामी
करता प्रणाम गृहस्वामी
दो सुख शांति सब को
समस्त जग तेरे बस में

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
पंकज कुमार कर्ण
गुलामी छोड़ दअ
गुलामी छोड़ दअ
Shekhar Chandra Mitra
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
gurudeenverma198
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कहते हैं संसार में ,
कहते हैं संसार में ,
sushil sarna
एकाकीपन
एकाकीपन
लक्ष्मी सिंह
3018.*पूर्णिका*
3018.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
!! मुरली की चाह‌ !!
!! मुरली की चाह‌ !!
Chunnu Lal Gupta
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
देख बहना ई कैसा हमार आदमी।
सत्य कुमार प्रेमी
#मंगलकांनाएँ
#मंगलकांनाएँ
*Author प्रणय प्रभात*
R J Meditation Centre, Darbhanga
R J Meditation Centre, Darbhanga
Ravikesh Jha
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
मूक संवेदना
मूक संवेदना
Buddha Prakash
माँ तेरा ना होना
माँ तेरा ना होना
shivam kumar mishra
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
|नये शिल्प में रमेशराज की तेवरी
कवि रमेशराज
बेटियों ने
बेटियों ने
ruby kumari
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
खुदा कि दोस्ती
खुदा कि दोस्ती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
समाज सुधारक
समाज सुधारक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
कहते हो इश्क़ में कुछ पाया नहीं।
Manoj Mahato
किसी के दिल में चाह तो ,
किसी के दिल में चाह तो ,
Manju sagar
एक ख़्वाब की सी रही
एक ख़्वाब की सी रही
Dr fauzia Naseem shad
*फाइल सबको भरना है (गीतिका)*
*फाइल सबको भरना है (गीतिका)*
Ravi Prakash
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
"कवि तो वही"
Dr. Kishan tandon kranti
*ऐसा युग भी आएगा*
*ऐसा युग भी आएगा*
Harminder Kaur
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
रात बदरिया...
रात बदरिया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...