मनोज कर्ण Language: Hindi 271 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next मनोज कर्ण 23 Mar 2022 · 1 min read तेरी कविता तेरी कविता (विश्व कविता दिवस पर रचित) ~~°~~°~~° यदि दिल की गहराइयों में उतरे, कोई नज़्म चंद लम्हों में, तो इबारत लिखने व पढ़ने में, लोग वक़्त क्यूँ ज़ाया करेंगे।... Hindi · कविता 1 599 Share मनोज कर्ण 22 Mar 2022 · 1 min read हिंसा की आग 🔥 हिंसा की आग 🔥 ~~°~~°~~° जब विजयादशमी के मेले लगते हैं, तो दशमुख के पुतले जलते हैं। पर देखो बीरभूम बंगाल की धरती, एक-एक कर दस मुख इंसानों के, धधक... Hindi · कविता 2 626 Share मनोज कर्ण 18 Mar 2022 · 1 min read बोलती आँखे... बोलती आँखे... ~~°~~°~~° गर प्यार दिल में बसा हो , तो है, बोलती आंखे... जुबां बंद हो, शर्म से क्यूँ न , फिर भी दिलों का राज तो है,खोलती आँखे...... Hindi · कविता 3 2 955 Share मनोज कर्ण 12 Mar 2022 · 1 min read वो काली रात...! वो काली रात...! ~~°~~°~~° जश्न की वो काली रात,को याद कर , सिहर उठता है ये तन मन इस कदर । 2 मई 2021 की वो भयानक रात , कोई... Hindi · कविता 3 2 2k Share मनोज कर्ण 10 Mar 2022 · 1 min read लाल टोपी लाल टोपी ~~°~~°~~° लाल टोपी तो, दिखती है बहुत निराली , पर मुर्गे के सिर पर ही ,सही वो मतवाली । तसव्वुर हो सूरज से नजरें मिलाने का जो ,... Hindi · कविता 5 2 996 Share मनोज कर्ण 6 Mar 2022 · 1 min read करमजली करमजली ~~°~~°~~ तेरी जमीं, बर्बाद वतन है , मानवता है कराह रहा । पाँव भटक रहे,अब तो वहां पर , देवभूमि जो सदियों से रहा। करमजली, तेरे दांत नुकीले ,... Hindi · कविता 3 2 845 Share मनोज कर्ण 1 Mar 2022 · 1 min read वक़्त भी बैचेन है...! वक़्त भी बैचेन है...! ~~°~~°~~° वक़्त भी बैचेन है...! सामने जो बिलखता यूक्रेन है। चैन से सोता रहा अभी तक, अब दहकता क्यों नैन है । रंगमंच जब सत्ता में... Hindi · कविता 4 4 752 Share मनोज कर्ण 27 Feb 2022 · 2 min read नई तकदीर नई तकदीर ~~°~~°~~° चलो फिर से इस देश की , नई तकदीर हम लिखते हैं । देखा था स्वप्नें कभी, जो उन वीरपुत्रों ने , हो हर हाल में, इस... Hindi · कविता 4 4 1k Share मनोज कर्ण 23 Feb 2022 · 1 min read सेमल के वृक्ष...! सेमल के वृक्ष...! ~~°~~°~~° वो सेमल के वृक्ष पुराने ...! अब नहीं दिखते... चौड़े सड़क से निकलने वाली , पगडंडी के मुहाने पर खड़ा । विशालकाय वो वृक्ष अब नहीं... Hindi · कविता 3 6 2k Share मनोज कर्ण 22 Feb 2022 · 2 min read चुप ही रहेंगे...? चुप ही रहेंगे...? ~~°~~°~~° परिवार का मुखिया , एक ऐसा था फ़रेबी । भोला सा मुखड़ा था उसका, कहता था, हम है बुद्धिजीवी। धन दौलत घर भरा पड़ा था ,... Hindi · कविता 5 2 776 Share मनोज कर्ण 20 Feb 2022 · 2 min read ओ माँ... ओ माँ... ~~°~~°~~° ओ माँ... आज गोबर थापती तेरी तस्वीर, पुरानी याद आ गयी। आँख भर आयी,वो पुराने पल यादकर, मेरे तकदीर की तदबीर थी तू। अब वो तेरी रूहानी,... Hindi · गीत 6 8 587 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2022 · 1 min read आहट को पहचान... आहट को पहचान... ~~°~~°~~° आहट चुपके से दस्तक दे रही, फिर भी षड़यंत्र से अंजान हो। सीखा नहीं कभी इतिहास से, तुम मुफलिसी के शिकार हो। चंद झूठे अरमानों की... Hindi · कविता 3 2 1k Share मनोज कर्ण 16 Feb 2022 · 1 min read हिज़ाब पर हिसाब हिज़ाब पर हिसाब ~~°~~ मुस्कान सदा से ही, घूँघट में छिप गई, अरमान अब हिजा़ब में ,दफन हो गई। खुद को, सारे जग में पहचान कराकर , मलाला,औरों को कट्टरता... Hindi · कविता 5 6 653 Share मनोज कर्ण 8 Feb 2022 · 1 min read हम तो मतदान करेंगे...! हम तो मतदान करेंगे...! ~~°~~°~~° देखो यदि कतारबद्ध मतदाताओं की , लंबी पंक्तियाँ खड़ी है । सोचो फिर यहाँ , लोकतंत्र के महापर्व की खूबियाँ भरी है । लंबी-लंबी पंक्तियाँ... Hindi · कविता 5 2 1k Share मनोज कर्ण 6 Feb 2022 · 1 min read लता दीदी को नमन...! लता दीदी को नमन...! ~~°~~°~~° राष्ट्रवाद की अलख जगा के , अद्भूत स्वर साम्राज्य सजा के , धरा गगन से ओझल होकर , कहॉं गई तुम,अपनो को रुला के। खुद... Hindi · कविता 6 3 886 Share मनोज कर्ण 6 Feb 2022 · 1 min read ऐ मन,अब तो ठहर...! ऐ मन, अब तो ठहर...! ~~°~~°~~° ऐ मन, अब तो ठहर...! क्यूँ बरपा रहे हो , इस तन पर कहर । हैरान हैं तन अब तो , तेरी संगति का... Hindi · कविता 3 2 544 Share मनोज कर्ण 2 Feb 2022 · 1 min read संगीत मुक्तावली संगीत मुक्तावली ~~°~~°~~° राम धुन का सुर मिला लो , श्याम धुन ठुमरी सजा लो । दादरा में नित भजन गाकर , संगीत मोक्ष का द्वार बना लो ।। सुर... Hindi · कविता 4 669 Share मनोज कर्ण 20 Jan 2022 · 1 min read बुराई बुराई ~~°~~ मैनें तो बस , थोड़े समय के लिए , तेरी जमीं पर , डेरा डाला था। तुम कहते हो कि , दिल पर कब्जा कर लिया। कब्जा तो... Hindi · कविता 6 4 979 Share मनोज कर्ण 19 Jan 2022 · 1 min read प्रलोभन का जाल... प्रलोभन का जाल ~~°~~°~~° थोड़ी-थोड़ी जमीन खरीद लो, ये धरा नहीं बिकने वाली । प्रलोभन देकर अश्क खरीद लो, ज़मीर नहीं बिकने वाली। सोया ज़मीर अभी जागा है , ये... Hindi · कविता 5 4 962 Share मनोज कर्ण 18 Jan 2022 · 1 min read राष्ट्रवाद का रंग राष्ट्रवाद का रंग ~~°~~°~~° राष्ट्रवाद का रंग फिजां मे, जब से सपूतों ने घोला है। आस्तीन के सांप की पोल खुली है, हर बच्चा-बच्चा बोला है। कीड़े-मकोड़े ऐसे बिलबिला रहे,... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 15 Jan 2022 · 2 min read अर्धनारीश्वर की अवधारणा...? " अर्धनारीश्वर की अवधारणा " (छंदमुक्त काव्य) ~~°~~°~~° इस कशमकश-ए-जिन्दगी में, इंतजार करते ही रह जाते हैं लोग... एक दूसरे को समझ पाने में, इंतजार की घड़ियाँ समाप्त ही नहीं... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 13 Jan 2022 · 1 min read नफरत की राजनीति... नफरत की राजनीति... °~~°~~°~~ एक प्रश्न आया मन में नफरत की राजनीति कहाँ से और कब से शुरू हुई होगी इस वतन में... ये धरा गगन तो देवों की और... Hindi · कविता 8 6 946 Share मनोज कर्ण 12 Jan 2022 · 1 min read कुछ आदतों में हम अभी बच्चें है... कुछ आदतों में हम अभी बच्चें है... ~~°~~°~~° रेत के घरौंदें बना, हम ख्वाब बुना करते हैं । रेत तो समुन्दर का था, बहा ले गया। और हम किनारे बैठ... Hindi · कविता 4 2 471 Share मनोज कर्ण 12 Jan 2022 · 2 min read कल रहूँ ना रहूँ... कल रहूँ ना रहूँ °~°~°~°~° कल रहूँ ना रहूँ... पर ये ख्वाब अभी बाकी है… जिंदगी ढलने को करीब है, पर ये ख्वाब अभी बाकी है, हसरतों से भरी जिंदगी... Hindi · कविता 4 2 544 Share मनोज कर्ण 10 Jan 2022 · 2 min read यादों के झरोखों से... यादों के झरोखों से... °~°~°~°~° यादों के झरोखों से , कुछ सुनहरी यादें है, बीते हुए लम्हों की अनकही ज़ज्बातें है। फूस की झोपड़ियों में, गुजरा था बचपन का कोना,... Hindi · कविता 7 2 3k Share मनोज कर्ण 10 Jan 2022 · 1 min read विजय गाथा... विजय गाथा... ~~°~~°~~° बिगुल बजा है सतयुग का , संवाद पहुँचाओ जन-जन तक । युद्ध रणभेरी बज उठी है , प्रहार करो हर दुर्जन तक । कुरुक्षेत्र अब है, सज... Hindi · कविता 4 5 1k Share मनोज कर्ण 8 Jan 2022 · 2 min read गोल चश्मा और लाठी... गोल चश्मा और लाठी... ~~°~~°~~°~~ गोल चश्मा और लाठी... सारी दुनियाँ बल खाती। पर कहां था वो जज्बा , जो मन की दूरियाँ मिटाती । घर का मुखिया यदि ,... Hindi · कविता 5 2 1k Share मनोज कर्ण 4 Jan 2022 · 1 min read सपने श्रीकृष्ण के... सपने श्रीकृष्ण के... ~~~°~~~°~~~ कलियुग में अब कंस को भी, श्रीकृष्ण के सपने आने लगे हैं। चक्र सुदर्शन के भय से जो, कंस भी देखो घबराने लगे हैं। कहाँ गया... Hindi · कविता 6 4 838 Share मनोज कर्ण 2 Jan 2022 · 1 min read वैराग्य ज्ञान... वैराग्य ज्ञान ~~°~~°~~° पोथी पढ़ पंडित हुआ, अहं घिरा चहुंओर । वैराग्य ज्ञान उपजा नहीं, तो जीवन पटल घनघोर। मोहरूपी मदिरापान कर , मतवाला मनुज मतंग है । कालचक्र पहिया... Hindi · कविता 4 726 Share मनोज कर्ण 1 Jan 2022 · 2 min read मुर्गा बेचारा... मुर्गा बेचारा ~~°~~°~~° मुर्गा बेचारा, देशी प्रजाति का, मस्त और इन्द्रधनुषी रंगों से सराबोर, ऊपर में बदलाव का लाल टोपी पहने हुए, सबके दिलों का प्यारा, सुबह-सुबह बांग देने में,... Hindi · कविता 9 4 1k Share मनोज कर्ण 31 Dec 2021 · 2 min read सपने में बंदर... सपने में बंदर ~~°~~°~~° रात को मैंने, सपने में बंदर को देखा था, झुण्ड में बंदर, दात किटकिटाते हुए, मनुष्य के बच्चों की भोजन की थाली में से, खाने को... Hindi · कविता 6 4 654 Share मनोज कर्ण 29 Dec 2021 · 1 min read पहचान... पहचान °~°~°~°~° मानव तन अपनी आत्मा से प्रश्न करता है _ आते हैं सब मुसाफिर बनकर , सफर कब तक अविराम चलेगी..? नजर मुझे,कब आएगी मंजिल , यात्री को कब... Hindi · कविता 8 4 1k Share मनोज कर्ण 28 Dec 2021 · 1 min read असीम जिंदगी... असीम जिंदगी... ~~~~~^~~~~ सम्भावनाएं असीम था जग में , क्षण में ही,वो सिमट सा गया है । औरों के गुनाहों की सजा को , किस क़दर वो क़बूल किया है... Hindi · कविता 4 2 901 Share मनोज कर्ण 26 Dec 2021 · 2 min read धर्म बला है...? धर्म बला है...? °°°°^°°°° कोई कहता, ये धर्म बला है, कोई कहता, धर्म अफीम या शोला है। पर सच्चाई बयां करती ये दूनियांँ , ये न तो बला है और... Hindi · कविता 5 8 1k Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 1 min read ठिठुरती सर्दी ठिठुरती सर्दी ~^~^~^~^~ ठिठुरती सर्दी में, खुले नभ के तले, दुश्वार जिन्दगी, दो वक्त की रोटी पर भारी। ठिठुरती ठंढ रातें, गहरी वेदना में जम गई, शोणित प्रवाह। क्यों है... Hindi · कविता 3 715 Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 1 min read गुलामी के पदचिन्ह गुलामी के पदचिन्ह ~~^~^~~~~~~~ गुलामी के पदचिन्हों पर चलना , क्यों जरूरी है... ? जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाना , फूंक मार फिर इसे बुझाना , क्यों जरूरी है... ? झूठी... Hindi · कविता 8 8 1k Share मनोज कर्ण 25 Dec 2021 · 2 min read कौन था वो ?... कौन था वो ?... ~^~^~^~^~ कौन था वो ? जिसने चोट की, हमारी अंतरात्मा पर ? जिसने वेद, गीता व पुराण को, दरकिनार कर दिया। हिन्दुस्तान के जमीं पर ही... Hindi · कविता 6 6 1k Share मनोज कर्ण 20 Dec 2021 · 1 min read दुआओं का असर... दुआओं का असर... °~°~°~°~° शिक्षा से तो सिर्फ ज्ञान बढ़ता है , किस्मत तो अर्जित होता है, संस्कारयुक्त कर्मों से । मत भूलो माता-पिता का मोम सा दिल तुम ,... Hindi · कविता 6 6 552 Share मनोज कर्ण 19 Dec 2021 · 1 min read भूल जाओ इस चमन में... भूल जाओ इस चमन में... °^°°^°°^°°^°°^° भूल जाओ इस चमन में... इंसाफ की फरियाद करना । ग़र दौलत है तुम्हें तो , न्याय की घंटी बजाना । ब्रिटिशराज कानून अभी... Hindi · कविता 4 2 818 Share मनोज कर्ण 18 Dec 2021 · 1 min read दुःशासन आज भी हँस रहा... दुःशासन आज भी हँस रहा... ~~~^^^~~~~~~^^^~~~~ दुःशासन आज भी हँस रहा, उसके अट्टहास की गूंज, चारो दिशाओं में गूँज रही, पर देश का दुर्भाग्य है कि, वो तेरे कानो में... Hindi · कविता 5 4 557 Share मनोज कर्ण 18 Dec 2021 · 1 min read बेआबरू थे हम... बेआबरू थे हम... ~~~~~~~~~~~~ बड़े बेआबरू थे हम तो... वर्षों जुल्म को पहचाना नहीं । हम पास खड़े मुस्कराते रहे , वो चेहरे की मासूमियत को चुराते गए । खींच... Hindi · कविता 7 4 772 Share मनोज कर्ण 17 Dec 2021 · 1 min read सत्य छिपता नहीं... सत्य छिपता नहीं... °°°°°°°°°°°°° सत्य जब छिपता ही नहीं, सत्य पर पहरा लगाते क्यों तुम । मैं तो सत्य बोलुंगा ही , चाहे जंजीरों में जकड़ लो तुम । झूठ... Hindi · कविता 4 4 1k Share मनोज कर्ण 16 Dec 2021 · 1 min read बेमुरव्वत है दिल का कोना... बेमुरव्वत है दिल का कोना... बेमुरव्वत है दिल का कोना , इख़्तिलात फिर हो, क्यों करते। आईना भी दरक गया है जो , फ़रामोशी को सहते-सहते । मुहब्बत का खुमार... Hindi · कविता 3 716 Share मनोज कर्ण 15 Dec 2021 · 1 min read जिंदगी का फ़लसफ़ा जिंदगी का फ़लसफ़ा ~~~~~~~~~~~~~~~ ये जिंदगी का फ़लसफ़ा , आसाँ नहीं समझना । वो शख्स नसीबोंवाला , जो खुद को है जीत पाया। वक़्त के नाजुक हाथों से , जिंदगी... Hindi · कविता 6 6 1k Share मनोज कर्ण 14 Dec 2021 · 1 min read शिक्षा संग यदि हुनर हो... शिक्षा संग यदि हुनर हो, तो जीवन पथ सुगम हो । सँवरे भविष्य तरुण का , जीवन में कभी ना गम हो । नन्हां बया का घोसला , गज़ब की... Hindi · कविता 5 2 870 Share मनोज कर्ण 12 Dec 2021 · 1 min read कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते... कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते... कुछ लोग यूँ ही बदनाम नहीं होते, मिलते हैं दुश्मनों से गले, छिप-छिप के जो , कहते हैं वफादारी, सरेआम नहीं होते ।... Hindi · कविता 9 4 1k Share मनोज कर्ण 9 Dec 2021 · 1 min read वो हैं , छिपे हुए... वो हैं , छिपे हुए... °°°°°°°°°°°°°° वो है , छिपे हुए... कुछ इस तरह से मकान में। पहचानना मुमकिन नहीं , अपने वतन हिन्दुस्तान में । मेरे लहु में जोश... Hindi · कविता 7 8 1k Share मनोज कर्ण 7 Dec 2021 · 1 min read मन का ज्योतिपुंज मन का ज्योतिपुंज ✨✨✨✨✨ मन का ज्योतिपुंज सजा लो, जो जग को उजियारा करे । किसी इष्ट को दिल से भज लो, जो मन को है प्यारा लगे । दिल... Hindi · कविता 4 564 Share मनोज कर्ण 3 Dec 2021 · 1 min read कलकल बहती माँ नर्मदा ! कलकल बहती माँ नर्मदा ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कलकल बहती माँ नर्मदा , निश्चल छलछल अविरल धारा । अमरकंटक शिखर से वो निकलती , पूरब दिशा से पश्चिम को बहती । धरा पर... Hindi · कविता 4 10 1k Share मनोज कर्ण 1 Dec 2021 · 1 min read संविधान की शपथ संविधान की शपथ ~~~~~~~~~~~~~~~ संविधान की शपथ लेते है सब जन , पर पृथक विधान हैं हम सब के लिए । सम् विधान कैसे हुआ बोलो , जब अलग विधान... Hindi · कविता 5 4 1k Share Previous Page 4 Next