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Page 5
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर  वार ।
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर वार ।
sushil sarna
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
बगुलों को भी मिल रहा,
बगुलों को भी मिल रहा,
sushil sarna
अच्छे दामों बिक रहे,
अच्छे दामों बिक रहे,
sushil sarna
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
मुस्कानों पर दिल भला,
मुस्कानों पर दिल भला,
sushil sarna
वो क्या देंगे साथ है,
वो क्या देंगे साथ है,
sushil sarna
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
sushil sarna
कौन यहाँ पर पीर है,
कौन यहाँ पर पीर है,
sushil sarna
रुसवा है सच्चाई .....
रुसवा है सच्चाई .....
sushil sarna
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
जीवन में सुख-चैन के,
जीवन में सुख-चैन के,
sushil sarna
कैसे- कैसे नींद में,
कैसे- कैसे नींद में,
sushil sarna
बार -बार दिल हुस्न की ,
बार -बार दिल हुस्न की ,
sushil sarna
दो नयनों की रार का,
दो नयनों की रार का,
sushil sarna
नयन कुंज में स्वप्न का,
नयन कुंज में स्वप्न का,
sushil sarna
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
जलती बाती प्रेम की,
जलती बाती प्रेम की,
sushil sarna
वो रात हसीं होगी……
वो रात हसीं होगी……
sushil sarna
प्रश्न  शूल आहत करें,
प्रश्न शूल आहत करें,
sushil sarna
आसमाँ .......
आसमाँ .......
sushil sarna
कहते  हैं  रहती  नहीं, उम्र  ढले  पहचान ।
कहते हैं रहती नहीं, उम्र ढले पहचान ।
sushil sarna
पानी- पानी ....
पानी- पानी ....
sushil sarna
कब जुड़ता है टूट कर,
कब जुड़ता है टूट कर,
sushil sarna
बुझ गयी
बुझ गयी
sushil sarna
कविता ....
कविता ....
sushil sarna
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
कुंडलिया - होली
कुंडलिया - होली
sushil sarna
जीवन से ओझल हुए,
जीवन से ओझल हुए,
sushil sarna
किसका  हम शुक्रिया करें,
किसका हम शुक्रिया करें,
sushil sarna
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
पलकों से रुसवा हुए, उल्फत के सब ख्वाब ।
sushil sarna
रंग भरी पिचकारियाँ,
रंग भरी पिचकारियाँ,
sushil sarna
मस्ती का त्योहार है,
मस्ती का त्योहार है,
sushil sarna
होली के नटखट दोहे :
होली के नटखट दोहे :
sushil sarna
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
होली के हुड़दंग में ,
होली के हुड़दंग में ,
sushil sarna
कहते हैं संसार में ,
कहते हैं संसार में ,
sushil sarna
हर कस्बे हर मोड़ पर,
हर कस्बे हर मोड़ पर,
sushil sarna
केवल पंखों से कभी,
केवल पंखों से कभी,
sushil sarna
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
बेशर्मी से रात भर,
बेशर्मी से रात भर,
sushil sarna
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
कविता
कविता
sushil sarna
लाड बिगाड़े लाडला ,
लाड बिगाड़े लाडला ,
sushil sarna
कुंडलिया - गौरैया
कुंडलिया - गौरैया
sushil sarna
अनसोई कविता............
अनसोई कविता............
sushil sarna
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