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8 Apr 2024 · 1 min read

क्षणिका

क्षणिका

तुम्हें
पता ही नहीं चला
तुम जन्मों से
कर रहे हो
वरण
सिर्फ़
मृत्यु का
जन्म के
आवरण में

सुशील सरना

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