सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 237 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read रिश्ता रिश्ता में आवत हवे,जबसे कुछ प्रतिरोध। बाति-बाति पर होत बा, देखिं आज विरोध। लालच में आन्हर भइल, लाभ-हानि के फेर- समझे ना देला कुछो, दिल में भरल किरोध। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 397 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Jul 2021 · 1 min read तरुवर आधार छंद- लावणी(मापनी युक्त, मात्रिक) विधान-30 मात्रा,16,14 पर यति, अंत में वाचिक गा लावणी-(30)=चौपाई (16)+मानव +(14)गा ध्रुव शब्द-तरूवर ***************************************** वृक्ष धरा का गहना होता, आओ उनसे प्यार करो। प्राणवायु देते... Hindi · मुक्तक 1 2 352 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Jul 2021 · 1 min read आइल बहार पिया ना आयोजन:- पारम्परिक लोकगीत लेखन विधा-कजरी __________________________________________ पड़े सावन के रिमझिम फुहार पिया, आइल बहार पिया ना। ढऽ लऽ गाड़ी तू जल्दी हमार पिया, आइल बहार पिया ना। बहे पुरुआ बयार,... Bhojpuri · गीत 1 2 544 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read कामना अब तऽ खुशी से हर घड़ी होखत रहो, जी सामना अब तऽ। कि आइल जिंदगी में गम जुदाई, बा मना अब तऽ। मुहब्बत में कटे हर पल, कबो आवे न गम आंँसू-... Bhojpuri · मुक्तक 339 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read बीमार कमर में दर्द चालू बा, तनिक धुधला नजर होता। सभे बोले करऽ संयम, सुनऽ अब तऽ उमर होता। रहल शूगर भइल पिलिया समझ आवे न बीमारी- सुनाईं हाल का आपन... Bhojpuri · मुक्तक 180 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read सावन दोहा पूर्ति# 94. (दोहा गजल) सावन मन भावन लगे, रिमझिम पड़े फुहार। घर आजा परदेसिया, सेनुर शौक हमार।। सावन, बिन साजन सखी, बरसाता अंगार। तन मन मुरझाने लगा, शीतल मन्द... Hindi · दोहा 335 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read साधन सावन में साजन नहीं, नैन करे बरसात। हरपल विरह वियोग में, कटते हैं दिन-रात। साजन सुधि लेते नहीं, तड़प रहा मन मोर- मिले नहीं संदेश कुछ, होती है ना बात।... Hindi · मुक्तक 1 2 369 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read सावन दोहा पूर्ति# 94. (दोहा गजल) सावन मन भावन लगे, रिमझिम पड़े फुहार। घर आजा परदेसिया, सूना मन के द्वार। धन दौलत रुपया वसन, ना पूरी पकवान, ना मांँगू मैं आपसे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 532 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read हाय क्या जालिम जमाना आ गया गीतिका आधार छन्द- "आनंदवर्धक" (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगागा गालगागा गालगा (19 मात्रा) समान्त- "आना', पदान्त- "आ गया". =============== ॐ "गीतिका" हाय क्या जालिम जमाना आ गया। जख्म में नश्तर चुभाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 279 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read मुहब्बत बा जरूरी वज़्न - 1222 1222 122 अर्कान - मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन बह्र - हज़ज मुसद्दस महजूफ़ काफ़िया - अत रदीफ़ - बा जरूरी ग़ज़लकार- सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य ________________________ ग़ज़ल- मुहब्बत... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 226 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read भटनी शहर में ना विधा-कजरी तू त चलि गइलऽ भटनी शहर में। राति के पहर में ना। हमके छोडि के किराया के घर में, ठीक दुपहर में ना। कहत रहलऽ करब केयर, छोडि के... Bhojpuri · गीत 262 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read कामना गीतिका -- आधार छंद - सार्धमनोरम मापनी - 2122 2122 2122 समांत - अना, पदांत - है । *********************** प्रेम डोरी से तुझे अब बाँधना है। आज नैनों को तुम्हारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 386 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक नौकरी के साथ घर परिवार बा। जे अकेले बा उहे लाचार बा। गोंदिये में हर घड़ी बबुनी रहें।- बंद सब कवितागिरी अब यार बा। बनि गइल जबसे पड़ोसन प्यार बा।... Bhojpuri · मुक्तक 389 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read गजल दोस सिस्टम के दिहल बेकार बा। कर्म से भागल समझ लीं हार बा।१ सब क आपन पूत प्यारा हो गइल, आदमी देखीं बड़ा लाचार बा।२ के करत बा का इ... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 251 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read गम खुशी के मध्य में समतल तुला रखना एक गीत और- गम खुशी के मध्य में समतल तुला रखना। हो सके तो दर्द से कुछ फासला रखना। दर्द गम सहना पड़ेगा जिंदगी है जी। श्वांस का उपहार जबतक... Hindi · गीत 1 2 375 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक मुक्तक नींदक औषधि नीम सम, कड़वी है तासीर। कमी हमारी देख वह, होता बड़ा अधीर। करता भले आलोचना, देता हमको सीख- अपनी कमियों के लिए , बने रहो गंभीर।२ निंदक... Hindi · मुक्तक 1 2 226 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक सरक जाइत अगर चिलमन, त हमरो काम हो जाइत। जहाँ नफरत से' लेतू नाम, हमरो नाम हो जाइत। नजर के बान लागल बा, हृदय घायल भइल हमरो- दिवाना दिल भइल... Bhojpuri · मुक्तक 181 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक विधा- मुक्तक (सादर समीक्षार्थ) *************************** साँस जाती रही आश जाता रहा। मौत के संग मैं गुनगुनाता रहा। लोग अपने खड़े थे मुझे घेर कर- मैं तुझे याद कर तड़फड़ाता रहा।... Hindi · मुक्तक 2 237 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read दोहा मुक्तक माँ की कर आराधना, कर में लेकर फूल। जन्मदात्री मातु हैं, मत जाना यह भूल। माँ के आशिर्वाद से, जीवन हो उजियार- चंदन सम माथे धरो, माँ चरणों की धूल।... Hindi · मुक्तक 298 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read दोहा गजल विधा --दोहागजल ??????????????? आओ हम फिर से करें, नवयुग का निर्माण। सबका सम अधिकार हो, सबका हो कल्याण। औषधि शिक्षा मुफ्त हो, हाथ सभी के काम, देखो अन्न अभाव में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 243 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read तो क्या ******************************************* सतरंगी है जीवन यारों, गम खुशियों की थाली होगी। कहीं खुशी, गम, दर्द मिलेगा, रात कहीं कुछ काली होगी। पतझड़ का मौसम कुछ पल का, तो क्या बंद चहकना... Hindi · मुक्तक 1 217 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read ऐ खुदा आह! गम का आज जो हलचल मचा है। जिंदगी में दर्द तुम ने ही रचा है। अब नजर आती नहीं है राह कोई- ऐ खुदा तेरा सहारा ही बचा है।... Hindi · मुक्तक 1 388 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read रोपनी गीत आयोजन-लोकगीत मानीं कहलका, मकई दीं बोई। रोपनियाँ ए सइयाँ, हमसे ना होई। मरिचा नियन लागे बरखा के घाम हो। बरखा के घाम पिया, बरखा के घाम हो------ लागता जर जाई... Bhojpuri · गीत 310 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी धनाक्षरी ____________________________ दिन दुपहरिया में, सांझी के पहरिया में, आठो घड़ी खेतवे में, पलेला किसनवा। रिमझिम बूनी पड़े, कान्हे प कुदारी धरे, खेतवा की ओर देखऽ, चलेला किसनवा। दिन रात जरे... Bhojpuri · घनाक्षरी 2 461 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read मैं सपनों में आऊँ कैसे द्वार हृदय का बंद पड़ा है, मैं सपनों में आऊंँ कैसे। इश्क मुहब्बत दुनिया दुश्मन, तुमको गले लगाऊंँ कैसे। हुआ मरुस्थल जीवन तुम बिन, पुष्प बिना उपवन हो जैसे- सांसें,... Hindi · मुक्तक 1 208 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी मुक्तक सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन। हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन। याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे- घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन। बात न तनिको... Bhojpuri · मुक्तक 313 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read घनाक्षरी विधा:- घनाक्षरी ____________________________ दिन दुपहरिया में, सांझी के पहरिया में, आठो घड़ी खेतवे में, पलेला किसनवा। रिमझिम बूनी पड़े, कान्हे प कुदारी धरे, खेतवा की ओर देखऽ, चलेला किसनवा। दिन... Bhojpuri · घनाक्षरी 320 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Jul 2021 · 1 min read सास बहू विधा:- घनाक्षरी ________ बठेला कपार रोजऽ, लड़े ले बहाना खोजऽ, सासुजी से कबो नाहीं, बोले ले पतोहिया। केतनो चिल्लात रहें, बाबु दादा कुछु कहें, जगहि से अपनी ना, डोले ले... Bhojpuri · घनाक्षरी 252 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 8 Jul 2021 · 1 min read मौसम बा मनभावन सनसन सनसन पुरुआ डोले, रिमझिम बरसे सावन। हरियाली आच्छादित धरती, लागे सुंदर पावन। याद सतावे हरपल तहरो, मनवा नाहीं लागे- घर आजा परदेसी बालम, मौसम बा मनभावन। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Bhojpuri · मुक्तक 376 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Jul 2021 · 1 min read दर्द का यह काफिला प्यार उनसे कर के मुझको, क्या बताएँ क्या मिला। अब कहाँ जाने रुकेगा, दर्द का यह काफिला। जान कहते थे मुझे जो, जान लेकर चल दिए। प्यार का सपना दिखाए,और... Hindi · गीत 2 549 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Jul 2021 · 1 min read जल विधा-गीत व्यर्थ इसे करता है जो, उसकी नादानी है। जल ही जीवन है धरती पर, अमरित पानी है। भर डाले सब कूप पोखरा, जंगल काट दिए। पर्यावरण बिगाड़ दिए अरु,... Hindi · गीत 1 222 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ ममता प्रतिमूर्ति है, है ईश्वर का रूप। माँ चरणों में बैठ जा, नहीं लगेगी धूप।१। माँ के चरण पखार जो, वंदन करता नित्य। माँ के आशिर्वाद से, बन जाता... Hindi · दोहा 1 2 289 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read माँ माँ की कर आराधना, कर में लेकर फूल। जन्मदात्री मातु हैं, मत जाना यह भूल। माँ के आशिर्वाद से, जीवन हो उजियार- चंदन सम माथे धरो, माँ चरणों की धूल।... Hindi · मुक्तक 250 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक सदा खुशियांँ नहीं रहती, सदा गम भी नहीं रहते। जिगर पत्थर बना डाला, नयन अब नम नहीं रहते। समय के साथ बदला है, जमाना भी अजी अब तो- मुसीबत लाख... Hindi · मुक्तक 1 2 180 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Jul 2021 · 1 min read बाल कविता मेरी पहली बाल कविता *********"********** बिटिया मेरी सोई। सपने में है खोई। सपने में है हाथी। हाथी सबका साथी। देखो भागा बन्दर। फूलवारी के अंदर। तोड़ रहा है केला। मारो... Hindi · कविता 1 231 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Jul 2021 · 1 min read अपने लगा हुआ यह दर्द खुशी का, कैसा मेला है। कहने को सब ही अपने पर, मनुज अकेला है। कोई हँसता कोई रोता, दुख-सुख है जीवन- अपने-अपने कर्मों का सब, साथी... Hindi · मुक्तक 2 231 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 5 Jul 2021 · 1 min read मुक्तक न मन्दिर से न मस्जिद से, न गीता से बसर होई। रही जब पेट में दाना, तबे कुछऊ असर होई। गुजारिश बा करऽ चाहें, सराफत भा सियासत तूँ- उदर खाली... Bhojpuri · मुक्तक 2 4 210 Share Previous Page 5