Mugdha shiddharth Tag: कविता 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read भूत नाथ दिलों में गर दरारें पड़ गई हो तो बचा क्या रहा खंडहरों की मरम्मत तो नहीं होती न "भूत नाथ" *** कितनी चिकनी और तंग गलियां थी दिलों की आना... Hindi · कविता 5 1 260 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read बादल भी आज टूट कर रोया है गरज कर गिर पड़ी बिजलियां बादल भी आज टूट कर रोया है तुमने देखा नहीं तो क्या हुआ "जाना" हमने भी आंखों को खूब धोया है धूलि आंखो के सुर्ख... Hindi · कविता 4 1 203 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read बेजुबा ❤️ बेजुबां दिल को जबां मिल जाय हाल - ए - दिल पूछ के तो देख खिजां में शायद बहार आ जाय मेरे शौक़ ए जुनू की न पूछ यारा... Hindi · कविता 4 346 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read मेघ मेघ को किस ने बरसना सिखलाया मन को किस ने तरसना सीखलाया जाने भी दो वो कोई भी हो, रहता चाहे कहीं भी हो हर सर के लिए मगर कोई... Hindi · कविता 4 485 Share Mugdha shiddharth 25 Jul 2020 · 1 min read मैं सच कहूंगी ... मैं सच कहूंगी तुम उसे झूठ समझ लेना मेरे हर एक झूठ पे तुम एक चुम्बन धर देना मैं कहूंगी तुम मेरे साथी हो, दिया में जैसे बाती हो तुम... Hindi · कविता 4 1 432 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read उदास उदास रहना और उदासी को अपनी दासी रखना हुनर कोई खास नहीं जिंदगी के प्रभात में मन का कपाट बन्द कर अंधरे को चूम कर उठाना और चेहरे की खूंटी... Hindi · कविता 2 234 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read वो दिल में रहता है वो दिल में रहता है मेरे, बस जुबां है कि हिलता नहीं खुशबू सा घुला है हवाओं में बस जां कह गले मिलता नहीं। मैं सदियां गवाए से बैठी थी... Hindi · कविता 3 1 194 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read मेरे दिल में 1. मेरे दिल में तेरी याद ने अपनी फकत जगह बनाई है आंखों में नूर ए अश्क अधरों पे मुस्कान ने जगह पाई है खैर ... रहे खुशहाल तू गम... Hindi · कविता 3 412 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read मन सब के मन कि मैं क्या जानूं सब मुझमें ही बसते हैं अलग अलग कुछ भी नहीं अपने मुझ में ही तिरते हैं ~ सिद्धार्थ 1. मन के छोटे से... Hindi · कविता 4 2 347 Share Mugdha shiddharth 24 Jul 2020 · 1 min read रोटियां बड़ी बदनसीब होती है रोटियां बड़ी बदनसीब होती है रोटियों को वो रसोई नहीं मिलती जिस रसोई को उनकी कद्र और जरूरत होती है रोटियों को उस मुंह का पता नहीं दिया जाता जिस... Hindi · कविता 6 240 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read भूखे नंगे वो बन्दा ही तारीफ के काबिल है ... खरोच कर बदन को जिस ने औज़र कर लिया मेहनत के भट्ठी में खुद को आफताब कर लिया लिखने वाले लिखते हैं,... Hindi · कविता 3 3 440 Share Mugdha shiddharth 20 Jul 2020 · 1 min read काफ़िर काफ़िर कहाने में मुझे कोई उज्र नहीं सोचती हूं क्या खुदा वाकई रहा होगा ? रहा भी गर होगा तो क्या जूठी भात डबरे का पानी पीने को वो भी... Hindi · कविता 4 451 Share Mugdha shiddharth 20 Jul 2020 · 1 min read मज़ाक मरते भागते लोगों की खबर न ली भूख से बिलखते बच्चों की रुदन न सुनी अपनी अना सहलाने के लिए ताली थाली बजवाई, हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए रोते बिलखते लोग... Hindi · कविता 3 563 Share Mugdha shiddharth 20 Jul 2020 · 1 min read हत्यारे जुटा लेते हैं हथियार हत्यारे जुटा लेते हैं हथियार और खोज निकालते है वो जगह जहां छुपाया जा सके हत्या के बाद खून लगा हथियार इतिहास गवाह है हत्यारों ने चुना है सफेद परदे... Hindi · कविता 3 2 516 Share Mugdha shiddharth 20 Jul 2020 · 1 min read तुम भूल जाना तुम भूल जाना कि जिंदगी के कैनवास पे कोई पतली सी हंसी की लकीर उभरी थी जो तुम्हारी ओर देखते ही सुर्ख हो जाया करती थी तुम भूल जाना की... Hindi · कविता 6 2 494 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read आदमी आदमी मुक्कमल हो तो कोई बात बने भले घर में गर दाना न हो तो कैसे न दिन रात खले हमरी देहरी पे तो दिया भी बुझा हुआ रक्खा है... Hindi · कविता 3 1 179 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read साहिर - अमृता साहिर के सेल्फ में परी अमृता की जूठी कप कभी धोई नहीं गई कप के होठों पे वो सुर्ख बोसा सदैव जवान रहा बाद अमृता और साहिर के भी... ~... Hindi · कविता 4 1 260 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read प्यार जिंदा रहे दिलों में प्यार जिन्दा रहे दिलों में दिल वर्ना माज़ूर हो जाएगा आग से नहाया देह कभी फूल कभी धूल हो जाएगा जिंदगी के उम्दा दरिया में देह तो बस इक नाव... Hindi · कविता 2 1 206 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read प्यार जिंदा रहे दिलों में प्यार जिन्दा रहे दिलों में दिल वर्ना माज़ूर हो जाएगा आग से नहाया देह कभी फूल कभी धूल हो जाएगा जिंदगी के उम्दा दरिया में देह तो बस इक नाव... Hindi · कविता 2 186 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read विश्वास होना था क्यूं तुम्हें पलकों को आंसुओं से भिगोना था दर्द से जर्द चेहरे को भी हसी में फिर डुबोना था तुम कहती हो हालत ए हाल था ख़राब उसका ख़राब हाल... Hindi · कविता 3 1 472 Share Mugdha shiddharth 18 Jul 2020 · 1 min read इक मैं औरत ... इक तुम पुरुष इक मैं औरत ... जिसने जना तुम्हें अपनी मांस मज्जा से दिया देह का तना तुम्हें इक तुम पुरष ... कहा नर्क का द्वार मुझे मेरी जाई को नोच चोथ... Hindi · कविता 2 286 Share Mugdha shiddharth 17 Jul 2020 · 1 min read मुझे इश्क में गुनाह भी कबूल है तेरे यादों का जो इक फूल है सुबह शाम मुझे यूं ही कबूल है तेरे नक्स में तेरे अक्स में मुझे दर्पण होना भी कबूल है वादा देने की तुम्हारी... Hindi · कविता 5 5 244 Share Mugdha shiddharth 17 Jul 2020 · 1 min read रहबर ए कौम मेरे सच को भी कसौटियों पे यार परखा जाएगा उनके झूठ को भी इनायत कह कर नवाजा जाएगा हम मूत मइन होकर ही बैठे हैं रहबर ए मुल्क से सच... Hindi · कविता 5 2 358 Share Mugdha shiddharth 17 Jul 2020 · 1 min read वो भगवान हो गया मैंने पत्थर को तरासा वो भगवान हो गया वो मंदिर में बैठा पुजारी धनवान हो गया आशीष कहां जाकर बरसी मुझे मालूम नहीं मैं दीन तो तब भी था अब... Hindi · कविता 5 1 584 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read और कहना "वो पागल थी" प्रेम पत्रों की नमकीन दुनियां अब तो ... तबाह हो गई अब नहीं लिखे जाते प्रेम पत्र अब नहीं छुपाया जाता प्रेम पत्रों को आटे के डिब्बों में संदूकची के... Hindi · कविता 5 3 439 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read वजह ढूंढ़ती हूं मैं तेरे हर एक लब्ज में मुस्कुराने की वजह ढूंढ़ती हूं मैं ये न जाने क्यूं और किस वजह से ढूंढ़ती हूं । तू इक बार छलक कर ईसारों में... Hindi · कविता 4 1 276 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read ढकी हुई ओरतें भी उघारी गईं... औरतों को हर जगह, हर बार , बार - बार नंगा किया गया ढकी हुई औरतों को भी नंगा किया गया दहलीज़ों के अंदर घर के अंधेरे कोनों में घेरा... Hindi · कविता 2 2 496 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read प्रेम है जब तक अमृता है तब तक जब तक प्रेम जिंदा है अमृता भी जिंदा रहेगी साहिर की जूठी सिगरेट चुनते हुए छुप छुप कर उसे फूंकते हुए धुएं के गोल छलले में साहिर की धुंधली तस्वीर... Hindi · कविता 5 6 262 Share Mugdha shiddharth 15 Jul 2020 · 1 min read मैं मर्यादित नहीं ... मैं मर्यादित नहीं मैं इज्जतदार भी नहीं मैं बस भूखी हूं और जरूरतमंद भी तुम अपनी मर्यादा की पाठशाला कहीं और जाकर चलाओ कंठ तक अन्न को ठूसने वाले लोग... Hindi · कविता 5 1 236 Share Mugdha shiddharth 24 May 2020 · 1 min read तू न सही रात की खामोशी है आंखों में नींद नहीं बस तेरे नाम की हलकी सी बेहोशी है खुली आंखों में भी अब मेरे सपने हैं और सपने में हलकी सी मदहोशी... Hindi · कविता 3 2 519 Share Mugdha shiddharth 23 May 2020 · 1 min read प्रीत तो खुद के ही छलक जाने में है.... हर साल बसंत आयेंगे प्रिय हर साल पतझड़ भी दवे पांव चली आयेगी हर साल प्रीतम को याद करोगी हर साल कैसे बिसराओगी प्रीत न मौसम के आने जाने में... Hindi · कविता 2 264 Share Mugdha shiddharth 21 May 2020 · 2 min read लाल सलाम लाल सलाम... मुझे नहीं पता सलाम को लाल किस ने किया मैंने नहीं पढ़ा श्रम और शोषण को किस ने शब्द रूप दिया मैं नहीं जानती दबे कुचले लोगों के... Hindi · कविता 3 4 810 Share Mugdha shiddharth 20 May 2020 · 1 min read मेरा चांद चांद छुपा है जाकर मेरा, अब्र के नाजुक बाहों में हमने उसको तार भेजा है हवा के चंचल बाहों में सौतन के बालों में जा कर अटका होगा मेरा चांद... Hindi · कविता 4 507 Share Mugdha shiddharth 20 May 2020 · 1 min read खुश बाश रहो जहां रहो खुश बाश रहो दिल से यही आवाज़ निकलती है डायरी में छुपी तस्वीर तलक ज्जबात मगर कहां पहुंचती है वो लम्हें कुछ ख़ास ही थे प्रीतम हम तुम... Hindi · कविता 3 2 282 Share Mugdha shiddharth 20 May 2020 · 1 min read जाना आंख भी तुम आंखों में मचलता ख्वाब भी तुम रात भी तुम और रात में दमकता चांद भी तुम तुम ही तुम हो दिल जाना चारो तरफ मेरे दिल भी... Hindi · कविता 5 254 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read नन्हे पांव तपती शड़क है और पांव हैं नन्हें कोमल से मंजिल है अभी दूर छांव नजरों से ओझल से कि चल पड़े हैं कुछ लोग शहर से गांव की ओर मिल... Hindi · कविता 5 424 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read तुम्हारा नाम मुमकिन है मैं किसी दिन तुम्हारे बगल से गुजर जाऊं... और तुम्हें पता न चले मेरे गुजर जाने के बाद मेरे सांसों में बसा तुम्हारा नाम हवा में तैरता हुआ... Hindi · कविता 5 1 432 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read आत्मनिर्भर मौत तो बड़ी आसान रही है सब के लिए जिंदगी ही आजमाइशों से गुजारती है थोड़ा और जीने की बेहूदा सी चाहत में मौत से ही जिंदगी दो दो हांथ... Hindi · कविता 4 369 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read सदियों से तो दोनों साथ रहे सदियों से तो दोनों साथ रहे गुलाब को ख़ार सखा कहे न खारों ने फूलों से खुशबू लिया न फूल ने आ चुभ जाऊं तुम्हें कहे ये संग साथ भी... Hindi · कविता 3 157 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read प्रेम करती औरतें वेश्या कैसे??? तुमने जितनी बार आंख उठाई सुन्दर औरतों से आंख मिलाई तुमने गर्व से कहा... हाय मुझे पुनः प्यार हो आया उन अनगिनत औरतों ने जिन्हें तुमने प्यार किया प्यार में... Hindi · कविता 5 1 511 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read बुद्ध सबसे पहले बुद्ध ने कहा "मेरी पूजा मत करना,न ही मुझ से कोई उम्मीद रखना, न ही मैं कोई चमत्कार करूंगा, दुख तुमने ही पैदा किया है और उसे तुम्हें... Hindi · कविता 3 443 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read सुनो यशोधरा... #सुनो_यशोधरा_तुम_माता_और_मैं_तो_पुत्र_हुआ_हूं सुनो यशोधरा... वो जो समय का योग बना था आधी रात तुम्हें और राहुल को छोड़ जब मैं गया था प्रेम का बिछोह नहीं... उसी समय तो मैं सिद्धार्थ... Hindi · कविता 3 399 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read पेट_की_भूख बस ये पेट की भूख थी जिसने बारहा रुलाया हमें बैठने को भी जहां कहा न गया वहां भी झुकाया हमें घिसते रहे खुद को हम जिंदगी की चाक पे... Hindi · कविता 4 4 381 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read बहेलिया सारा खेल तो बहेलिया के बहकाने में ही है तोता को कहां पता होता कि वो कैदी है बहेलिया हाथ दिखता है, मधुर संगीत सुनाता है, दाना खिलाता है जंगल... Hindi · कविता 1 2 234 Share Mugdha shiddharth 25 Apr 2020 · 1 min read औरत हाय री औरत तेरी तो सदियों से अजब कहानी छाती से बहे दूध आंखों से बहता रहे खारा पानी! भूख से खुद की आंते ऐठ गई हो फिर भी तेरा... Hindi · कविता 2 465 Share Mugdha shiddharth 24 Apr 2020 · 1 min read हबीब मेरी आंखों को उसके सिवा कहां कुछ और नज़र आता वो आयेगा एक दिन मेरे पलकों को चूमने इसी उम्मीद में दिन और रात गुज़र जाता ऐ हबीब मेरी आंखों... Hindi · कविता 1 235 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read चल किस्सागोई हम करते हैं... इस दहर में कोई किसी का उस्ताद नहीं शागिर्द बने कोई मेरा मुझ में वो उम्दा बात नहीं चल आ संग संग हम चलते हैं कुछ मै लिखूं, कुछ तू... Hindi · कविता 384 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read चल किस्सागोई हम करते हैं... इस दहर में कोई किसी का उस्ताद नहीं शागिर्द बने कोई मेरा मुझ में वो उम्दा बात नहीं चल आ संग संग हम चलते हैं कुछ मै लिखूं, कुछ तू... Hindi · कविता 257 Share Mugdha shiddharth 20 Apr 2020 · 1 min read मुमकिन है मुमकिन है मैं किसी दिन तुम्हारे बगल से गुजर जाऊं... और तुम्हें पता न चले मेरे गुजर जाने के बाद मेरे सांसों में बसा तुम्हारा नाम हवा में तैरता हुआ... Hindi · कविता 1 418 Share Mugdha shiddharth 19 Apr 2020 · 1 min read हम तुम्हें बुलाने से रहे घर मेरा फकीरों के बस्ती में था रास्ते पथरीले पुराने से रहे तुम उस रास्ते चल के आने से रहे हम तुम्हें बुलाने से रहे अनजाने ही सही तुम से... Hindi · कविता 2 1 253 Share Previous Page 4 Next