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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
193 posts
Page 4
झूठी खबर लपेट के
झूठी खबर लपेट के
कवि संजय कौशाम्बी
शीशे से पत्थर को तोड़ रहे होंगे
शीशे से पत्थर को तोड़ रहे होंगे
कवि संजय कौशाम्बी
मुश्किल से ये रंग बदलना सीखा है
मुश्किल से ये रंग बदलना सीखा है
कवि संजय कौशाम्बी
तुम ही बाधाओं से लड़े नहीं
तुम ही बाधाओं से लड़े नहीं
कवि संजय कौशाम्बी
लकीरें देख ले पढ़कर
लकीरें देख ले पढ़कर
कवि संजय कौशाम्बी
ये ही रामराज तो नहीं
ये ही रामराज तो नहीं
कवि संजय कौशाम्बी
पागल भी हो सकता था
पागल भी हो सकता था
कवि संजय कौशाम्बी
पढोगे नाम मेरा...
पढोगे नाम मेरा...
कवि संजय कौशाम्बी
रोने नहीं देती
रोने नहीं देती
कवि संजय कौशाम्बी
मजा आ जाए
मजा आ जाए
कवि संजय कौशाम्बी
मेरे ईश्वर तुम ही हो
मेरे ईश्वर तुम ही हो
कवि संजय कौशाम्बी
माँ जैसी थी कभी जो
माँ जैसी थी कभी जो
कवि संजय कौशाम्बी
कान्हा जो रोए
कान्हा जो रोए
कवि संजय कौशाम्बी
पलकें बिछा दी है
पलकें बिछा दी है
कवि संजय कौशाम्बी
ना तो आया गया ना बुलाया गया
ना तो आया गया ना बुलाया गया
कवि संजय कौशाम्बी
भाती है तेरी खुशबू
भाती है तेरी खुशबू
कवि संजय कौशाम्बी
संजय' अब जुआरी हो चुका है
संजय' अब जुआरी हो चुका है
कवि संजय कौशाम्बी
मुझे बदनाम रहने दो
मुझे बदनाम रहने दो
कवि संजय कौशाम्बी
हम पुकारते कैसे
हम पुकारते कैसे
कवि संजय कौशाम्बी
कुछ भी नया नहीं होता
कुछ भी नया नहीं होता
कवि संजय कौशाम्बी
फिर कोई बेटी हँसी है क्या
फिर कोई बेटी हँसी है क्या
कवि संजय कौशाम्बी
इतवार सा नहीं लगता
इतवार सा नहीं लगता
कवि संजय कौशाम्बी
कैमरे को उधर भी घुमाया करो
कैमरे को उधर भी घुमाया करो
कवि संजय कौशाम्बी
कोई गीत बनाते नहीं बना
कोई गीत बनाते नहीं बना
कवि संजय कौशाम्बी
रोजी रोटी हँसी
रोजी रोटी हँसी
कवि संजय कौशाम्बी
मुख में रक्खा राम....
मुख में रक्खा राम....
कवि संजय कौशाम्बी
लौट जाएँगे
लौट जाएँगे
कवि संजय कौशाम्बी
दुआएँ लिपटी हैं
दुआएँ लिपटी हैं
कवि संजय कौशाम्बी
क्या-क्या नहीं किया
क्या-क्या नहीं किया
कवि संजय कौशाम्बी
अब तक भुलाया नहीं क्यों
अब तक भुलाया नहीं क्यों
कवि संजय कौशाम्बी
तिरे दर से गुजर के देख लिया
तिरे दर से गुजर के देख लिया
कवि संजय कौशाम्बी
दिल श्मशान होता जा रहा है
दिल श्मशान होता जा रहा है
कवि संजय कौशाम्बी
हवा कौन करे
हवा कौन करे
कवि संजय कौशाम्बी
हर कोई बेवफा नहीं होता
हर कोई बेवफा नहीं होता
कवि संजय कौशाम्बी
कुछ तो कमी रही होगी
कुछ तो कमी रही होगी
कवि संजय कौशाम्बी
परिंदों को रिहा कर दिया मैने
परिंदों को रिहा कर दिया मैने
कवि संजय कौशाम्बी
जीन्स वीन्स भी पहनो
जीन्स वीन्स भी पहनो
कवि संजय कौशाम्बी
लगी हैं बंदिशें...
लगी हैं बंदिशें...
कवि संजय कौशाम्बी
चलना है मुश्किल
चलना है मुश्किल
कवि संजय कौशाम्बी
तुम्हारी यादों के अंजुमन में...
तुम्हारी यादों के अंजुमन में...
कवि संजय कौशाम्बी
याद करता है
याद करता है
कवि संजय कौशाम्बी
लंगर उठाना पड़ेगा
लंगर उठाना पड़ेगा
कवि संजय कौशाम्बी
सब पैर कट गए
सब पैर कट गए
कवि संजय कौशाम्बी
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