मनोज कर्ण 295 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next मनोज कर्ण 17 Apr 2022 · 1 min read नयी सुबह फिर आएगी... नयी सुबह फिर आएगी ~~°~~°~~° जब विद्यालय की दीवारों पर टंगी घड़ियाँ, टिकटिक करती तस्वीरें पढ़कर, समय की पीड़ा जतायेगी। जब ज्ञान वृक्ष की छाँव तले, शिष्यों का मन फिर... Hindi · कविता 5 2 429 Share मनोज कर्ण 13 Apr 2022 · 2 min read एक पल,विविध आयाम..! एक पल,विविध आयाम..! ~~°~~°~~° सुनो तो, पल की व्यथा, क्या है, इस पल के विविध आयाम ! सुनो तो,धीरे से जरा.. क्या कह रही है, तेरे कानों मे हौले से।... Hindi · कविता 2 615 Share मनोज कर्ण 11 Apr 2022 · 2 min read दिल,एक छोटी माँ..! दिल,एक छोटी माँ..! ❤️ ( छंद मुक्त काव्य ) ~~°~~°~~° ये दिल क्या है..? एक मुठ्ठी भर मांसपेशियों का उछल कूद, या कोई जीवंत रिश्ता । गौर से सोचो यदि,... Hindi · कविता 4 535 Share मनोज कर्ण 11 Apr 2022 · 1 min read मन की मुराद मन की मुराद ~~°~~°~~° पूरी कर लो हर मुराद मन की , पर ये तो नामुराद, सदा रहती । मलयज से लेपित,कर लो तन की, मल-मुत्र सदा तन में रहती।... Hindi · कविता 3 602 Share मनोज कर्ण 10 Apr 2022 · 2 min read पप्पू और पॉलिथीन पप्पू और पॉलिथीन (हास्य /व्यंग्य) ~~°~~°~~° एक बार पप्पू बाजार गया सब्जी खरीदने, देखा कि सब्जीवाली सब्जी बेच रही है, परन्तु उसे पॉलिथीन में भरभर कर। पप्पू को ध्यान आया... Hindi · हास्य/हास्य-व्यंग्य 3 4 728 Share मनोज कर्ण 9 Apr 2022 · 2 min read हिन्दी साहित्य का फेसबुकिया काल हिन्दी साहित्य का फेसबुकिया काल (हास्य कविता) ~~°~~°~~° आया है अब तो,हिंदी साहित्य का फेसबुकिया काल, सोशल मीडिया पर हो रहा,रोज नया धमाल। कोरोना काल से अभिशप्त,जो मानव था, हो... Hindi · कविता 9 10 998 Share मनोज कर्ण 7 Apr 2022 · 1 min read इबादत इबादत ~~°~~°~~° वो दिन थे जब संवरने की , नही थी कोई जरूरत , सादगी व मासूमियत ही , ढा जाती थी दिलों पे क़यामत । अब तो नुमाइशों की... Hindi · कविता 1 219 Share मनोज कर्ण 28 Mar 2022 · 2 min read सनातन संस्कृति सनातन संस्कृति ~~°~~°~~° गांठ बांध सुन लो इंसानो, सत्य समृद्ध स्वरूप को जानो। सनातन संस्कृति सर्वश्रेष्ठ धरा पर, दिल से तुम मानो न मानो। दया प्रेम का भाव जो रहता,... Hindi · कविता 4 2 4k Share मनोज कर्ण 27 Mar 2022 · 1 min read निर्गुण सगुण भेद..? निर्गुण सगुण भेद..? ~°~°~°~°~ जब चक्षु विकल हो सकल प्रेम को... तब निर्गुण सगुण भेद मिट जाता है। निराकार जब साकार ब्रह्म, बनकर प्रियतम छा जाता है। ऊर्जा का संचार... Hindi · गीत 5 2 681 Share मनोज कर्ण 23 Mar 2022 · 1 min read तेरी कविता तेरी कविता (विश्व कविता दिवस पर रचित) ~~°~~°~~° यदि दिल की गहराइयों में उतरे, कोई नज़्म चंद लम्हों में, तो इबारत लिखने व पढ़ने में, लोग वक़्त क्यूँ ज़ाया करेंगे।... Hindi · कविता 1 587 Share मनोज कर्ण 22 Mar 2022 · 1 min read हिंसा की आग 🔥 हिंसा की आग 🔥 ~~°~~°~~° जब विजयादशमी के मेले लगते हैं, तो दशमुख के पुतले जलते हैं। पर देखो बीरभूम बंगाल की धरती, एक-एक कर दस मुख इंसानों के, धधक... Hindi · कविता 2 610 Share मनोज कर्ण 19 Mar 2022 · 1 min read हे ! धरती गगन केऽ स्वामी... हे ! धरती गगन केऽ स्वामी... (मैथिली भजन) ~~°~~°~~° हे ! धरती गगन केऽ स्वामी , हमरा आसरा अहीं केऽ । आठो पहर जपै छी , सेवक छी हम अहीं... Maithili · गीत 3 4 647 Share मनोज कर्ण 18 Mar 2022 · 1 min read बोलती आँखे... बोलती आँखे... ~~°~~°~~° गर प्यार दिल में बसा हो , तो है, बोलती आंखे... जुबां बंद हो, शर्म से क्यूँ न , फिर भी दिलों का राज तो है,खोलती आँखे...... Hindi · कविता 3 2 930 Share मनोज कर्ण 12 Mar 2022 · 1 min read वो काली रात...! वो काली रात...! ~~°~~°~~° जश्न की वो काली रात,को याद कर , सिहर उठता है ये तन मन इस कदर । 2 मई 2021 की वो भयानक रात , कोई... Hindi · कविता 3 2 2k Share मनोज कर्ण 10 Mar 2022 · 1 min read लाल टोपी लाल टोपी ~~°~~°~~° लाल टोपी तो, दिखती है बहुत निराली , पर मुर्गे के सिर पर ही ,सही वो मतवाली । तसव्वुर हो सूरज से नजरें मिलाने का जो ,... Hindi · कविता 5 2 970 Share मनोज कर्ण 6 Mar 2022 · 1 min read करमजली करमजली ~~°~~°~~ तेरी जमीं, बर्बाद वतन है , मानवता है कराह रहा । पाँव भटक रहे,अब तो वहां पर , देवभूमि जो सदियों से रहा। करमजली, तेरे दांत नुकीले ,... Hindi · कविता 3 2 812 Share मनोज कर्ण 1 Mar 2022 · 1 min read वक़्त भी बैचेन है...! वक़्त भी बैचेन है...! ~~°~~°~~° वक़्त भी बैचेन है...! सामने जो बिलखता यूक्रेन है। चैन से सोता रहा अभी तक, अब दहकता क्यों नैन है । रंगमंच जब सत्ता में... Hindi · कविता 4 4 728 Share मनोज कर्ण 27 Feb 2022 · 2 min read नई तकदीर नई तकदीर ~~°~~°~~° चलो फिर से इस देश की , नई तकदीर हम लिखते हैं । देखा था स्वप्नें कभी, जो उन वीरपुत्रों ने , हो हर हाल में, इस... Hindi · कविता 4 4 1k Share मनोज कर्ण 25 Feb 2022 · 1 min read क्रोधक बसात क्रोधक बसात (मैथिली कविता छंदमुक्त) ~~°~~°~~° हम साँझ में कनि विलंब से घर अयलहुँ तेऽ, मन क्रोध आओर उद्वेग से भरल छल। हम एगो विद्वेष भरल कविता, लिखऽ लेल सोचलहुँ।... Maithili · कविता 2 212 Share मनोज कर्ण 23 Feb 2022 · 1 min read सेमल के वृक्ष...! सेमल के वृक्ष...! ~~°~~°~~° वो सेमल के वृक्ष पुराने ...! अब नहीं दिखते... चौड़े सड़क से निकलने वाली , पगडंडी के मुहाने पर खड़ा । विशालकाय वो वृक्ष अब नहीं... Hindi · कविता 3 6 2k Share मनोज कर्ण 22 Feb 2022 · 2 min read चुप ही रहेंगे...? चुप ही रहेंगे...? ~~°~~°~~° परिवार का मुखिया , एक ऐसा था फ़रेबी । भोला सा मुखड़ा था उसका, कहता था, हम है बुद्धिजीवी। धन दौलत घर भरा पड़ा था ,... Hindi · कविता 5 2 748 Share मनोज कर्ण 20 Feb 2022 · 2 min read ओ माँ... ओ माँ... ~~°~~°~~° ओ माँ... आज गोबर थापती तेरी तस्वीर, पुरानी याद आ गयी। आँख भर आयी,वो पुराने पल यादकर, मेरे तकदीर की तदबीर थी तू। अब वो तेरी रूहानी,... Hindi · गीत 6 8 563 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2022 · 1 min read आगि आओर बरफ आगि आओर बरफ ~~°~~°~~° आगि आओर बरफ... दुनू वश में कएल जा सकैत अछि, मुदा विनाश से पहिले । नेहवश मिलैत अछि दुनू, धुर बैरी, मुदा सदिखन परिणाम एक, पिघलैत... Maithili · कविता 1 2 356 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2022 · 1 min read आलिंगन आलिंगन ~~°~~°~~° विवृत व्योम के प्रांगण मे, शिला पर बैठल, तरबोरा निहारैत, पुछि रहल छी अकास से। हमरा की चाही... हमरा की चाही... उत्तर भेटल_ हुनक नयन... हुनक नयन... सन... Maithili · कविता 3 2 508 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2022 · 1 min read आहट को पहचान... आहट को पहचान... ~~°~~°~~° आहट चुपके से दस्तक दे रही, फिर भी षड़यंत्र से अंजान हो। सीखा नहीं कभी इतिहास से, तुम मुफलिसी के शिकार हो। चंद झूठे अरमानों की... Hindi · कविता 3 2 1k Share मनोज कर्ण 16 Feb 2022 · 1 min read हिज़ाब पर हिसाब हिज़ाब पर हिसाब ~~°~~ मुस्कान सदा से ही, घूँघट में छिप गई, अरमान अब हिजा़ब में ,दफन हो गई। खुद को, सारे जग में पहचान कराकर , मलाला,औरों को कट्टरता... Hindi · कविता 5 6 630 Share मनोज कर्ण 13 Feb 2022 · 1 min read भवानी जल्दी आउ नेऽ... भवानी जल्दी आउ नेऽ... (मैथिली भगवती गीत) ~~°~~°~~° अहांकेऽ सेवक करए पुकार, भवानी जल्दी आउ नेऽ,-३ एहेन भूल कोन भेल हे जननी , कष्ट मिटाऊ नेऽ , बिगड़ल अछि सभ... Maithili · कविता 4 2 301 Share मनोज कर्ण 8 Feb 2022 · 1 min read हम तो मतदान करेंगे...! हम तो मतदान करेंगे...! ~~°~~°~~° देखो यदि कतारबद्ध मतदाताओं की , लंबी पंक्तियाँ खड़ी है । सोचो फिर यहाँ , लोकतंत्र के महापर्व की खूबियाँ भरी है । लंबी-लंबी पंक्तियाँ... Hindi · कविता 5 2 963 Share मनोज कर्ण 6 Feb 2022 · 1 min read लता दीदी को नमन...! लता दीदी को नमन...! ~~°~~°~~° राष्ट्रवाद की अलख जगा के , अद्भूत स्वर साम्राज्य सजा के , धरा गगन से ओझल होकर , कहॉं गई तुम,अपनो को रुला के। खुद... Hindi · कविता 6 3 859 Share मनोज कर्ण 6 Feb 2022 · 1 min read ऐ मन,अब तो ठहर...! ऐ मन, अब तो ठहर...! ~~°~~°~~° ऐ मन, अब तो ठहर...! क्यूँ बरपा रहे हो , इस तन पर कहर । हैरान हैं तन अब तो , तेरी संगति का... Hindi · कविता 3 2 519 Share मनोज कर्ण 2 Feb 2022 · 1 min read संगीत मुक्तावली संगीत मुक्तावली ~~°~~°~~° राम धुन का सुर मिला लो , श्याम धुन ठुमरी सजा लो । दादरा में नित भजन गाकर , संगीत मोक्ष का द्वार बना लो ।। सुर... Hindi · कविता 4 650 Share मनोज कर्ण 29 Jan 2022 · 1 min read ज्ञान चक्षु ज्ञान चक्षु ~~°~~°~~° ब्रम्हापुत्र अहां छी जग केऽ , ज्ञानचक्षु किए मंद पड़ल अइ । जीवन दरसन मद्धिम भऽ गेल , मन में किए अंतर्द्वंद्व भरल अइ। नेत्र तेऽ खोलु... Maithili · कविता 3 2 548 Share मनोज कर्ण 27 Jan 2022 · 1 min read सुनियौ नेताजी...! सुनियौ नेताजी...! ~~°~~°~~° सुनियौ नेताजी, बड़ा जतन से वोट हम देयलहुॅ , किछु तऽ आब करिऔ नेताजी। घर अंगना सब उजड़ल अपटल , माइटक घर छल, सेहो अछि भखरल। छप्पर... Maithili · कविता 3 395 Share मनोज कर्ण 27 Jan 2022 · 1 min read मन व्यथित अछि हमर.. मन व्यथित अछि हमर.. (मैथिली भगवती गीत) ~~°~~°~~° मन व्यथित अछि हमर.. माता किछु तऽ करू । माता दुर्गे हमर , अहां सब दुख हरु । हम नहीं जानि एहि... Maithili · कविता 3 313 Share मनोज कर्ण 20 Jan 2022 · 1 min read बुराई बुराई ~~°~~ मैनें तो बस , थोड़े समय के लिए , तेरी जमीं पर , डेरा डाला था। तुम कहते हो कि , दिल पर कब्जा कर लिया। कब्जा तो... Hindi · कविता 6 4 922 Share मनोज कर्ण 19 Jan 2022 · 1 min read प्रलोभन का जाल... प्रलोभन का जाल ~~°~~°~~° थोड़ी-थोड़ी जमीन खरीद लो, ये धरा नहीं बिकने वाली । प्रलोभन देकर अश्क खरीद लो, ज़मीर नहीं बिकने वाली। सोया ज़मीर अभी जागा है , ये... Hindi · कविता 5 4 941 Share मनोज कर्ण 18 Jan 2022 · 1 min read राष्ट्रवाद का रंग राष्ट्रवाद का रंग ~~°~~°~~° राष्ट्रवाद का रंग फिजां मे, जब से सपूतों ने घोला है। आस्तीन के सांप की पोल खुली है, हर बच्चा-बच्चा बोला है। कीड़े-मकोड़े ऐसे बिलबिला रहे,... Hindi · कविता 7 4 1k Share मनोज कर्ण 15 Jan 2022 · 2 min read अर्धनारीश्वर की अवधारणा...? " अर्धनारीश्वर की अवधारणा " (छंदमुक्त काव्य) ~~°~~°~~° इस कशमकश-ए-जिन्दगी में, इंतजार करते ही रह जाते हैं लोग... एक दूसरे को समझ पाने में, इंतजार की घड़ियाँ समाप्त ही नहीं... Hindi · कविता 5 4 1k Share मनोज कर्ण 13 Jan 2022 · 1 min read नफरत की राजनीति... नफरत की राजनीति... °~~°~~°~~ एक प्रश्न आया मन में नफरत की राजनीति कहाँ से और कब से शुरू हुई होगी इस वतन में... ये धरा गगन तो देवों की और... Hindi · कविता 8 6 905 Share मनोज कर्ण 12 Jan 2022 · 1 min read कुछ आदतों में हम अभी बच्चें है... कुछ आदतों में हम अभी बच्चें है... ~~°~~°~~° रेत के घरौंदें बना, हम ख्वाब बुना करते हैं । रेत तो समुन्दर का था, बहा ले गया। और हम किनारे बैठ... Hindi · कविता 4 2 445 Share मनोज कर्ण 12 Jan 2022 · 2 min read कल रहूँ ना रहूँ... कल रहूँ ना रहूँ °~°~°~°~° कल रहूँ ना रहूँ... पर ये ख्वाब अभी बाकी है… जिंदगी ढलने को करीब है, पर ये ख्वाब अभी बाकी है, हसरतों से भरी जिंदगी... Hindi · कविता 4 2 513 Share मनोज कर्ण 10 Jan 2022 · 2 min read यादों के झरोखों से... यादों के झरोखों से... °~°~°~°~° यादों के झरोखों से , कुछ सुनहरी यादें है, बीते हुए लम्हों की अनकही ज़ज्बातें है। फूस की झोपड़ियों में, गुजरा था बचपन का कोना,... Hindi · कविता 7 2 2k Share मनोज कर्ण 10 Jan 2022 · 1 min read विजय गाथा... विजय गाथा... ~~°~~°~~° बिगुल बजा है सतयुग का , संवाद पहुँचाओ जन-जन तक । युद्ध रणभेरी बज उठी है , प्रहार करो हर दुर्जन तक । कुरुक्षेत्र अब है, सज... Hindi · कविता 4 5 1k Share मनोज कर्ण 8 Jan 2022 · 2 min read गोल चश्मा और लाठी... गोल चश्मा और लाठी... ~~°~~°~~°~~ गोल चश्मा और लाठी... सारी दुनियाँ बल खाती। पर कहां था वो जज्बा , जो मन की दूरियाँ मिटाती । घर का मुखिया यदि ,... Hindi · कविता 5 2 1k Share मनोज कर्ण 4 Jan 2022 · 1 min read सपने श्रीकृष्ण के... सपने श्रीकृष्ण के... ~~~°~~~°~~~ कलियुग में अब कंस को भी, श्रीकृष्ण के सपने आने लगे हैं। चक्र सुदर्शन के भय से जो, कंस भी देखो घबराने लगे हैं। कहाँ गया... Hindi · कविता 6 4 796 Share मनोज कर्ण 2 Jan 2022 · 1 min read वैराग्य ज्ञान... वैराग्य ज्ञान ~~°~~°~~° पोथी पढ़ पंडित हुआ, अहं घिरा चहुंओर । वैराग्य ज्ञान उपजा नहीं, तो जीवन पटल घनघोर। मोहरूपी मदिरापान कर , मतवाला मनुज मतंग है । कालचक्र पहिया... Hindi · कविता 4 702 Share मनोज कर्ण 1 Jan 2022 · 2 min read मुर्गा बेचारा... मुर्गा बेचारा ~~°~~°~~° मुर्गा बेचारा, देशी प्रजाति का, मस्त और इन्द्रधनुषी रंगों से सराबोर, ऊपर में बदलाव का लाल टोपी पहने हुए, सबके दिलों का प्यारा, सुबह-सुबह बांग देने में,... Hindi · कविता 9 4 1k Share मनोज कर्ण 31 Dec 2021 · 2 min read सपने में बंदर... सपने में बंदर ~~°~~°~~° रात को मैंने, सपने में बंदर को देखा था, झुण्ड में बंदर, दात किटकिटाते हुए, मनुष्य के बच्चों की भोजन की थाली में से, खाने को... Hindi · कविता 6 4 627 Share मनोज कर्ण 29 Dec 2021 · 1 min read पहचान... पहचान °~°~°~°~° मानव तन अपनी आत्मा से प्रश्न करता है _ आते हैं सब मुसाफिर बनकर , सफर कब तक अविराम चलेगी..? नजर मुझे,कब आएगी मंजिल , यात्री को कब... Hindi · कविता 8 4 1k Share मनोज कर्ण 28 Dec 2021 · 1 min read असीम जिंदगी... असीम जिंदगी... ~~~~~^~~~~ सम्भावनाएं असीम था जग में , क्षण में ही,वो सिमट सा गया है । औरों के गुनाहों की सजा को , किस क़दर वो क़बूल किया है... Hindi · कविता 4 2 863 Share Previous Page 4 Next