Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read सच है जरूर, केवल पर श्मशान में -------------------------------------------- कौन सा सच जिंदा रहा है इस जहान में? कितने ही सारे सच दफन हैं हर मकान में। उल्लू की आँख है ये सच बोलता नहीं। है दफन सारे... Hindi · कविता 1 193 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read हाँ,जिंदा हूँ ------------------------------------------- कोई वजह नहीं है फिर भी जिंदा हूँ। जिन्दगी तुम्हें जीते हुए शर्मिंदा हूँ। काश! गीत, गजल की तरह जीता। काश! करुण रस की तरह ही पीता। वीभत्स रस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 158 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read किसे कर्म कहें! ------------------------ किसे कर्म कहें? भारत को या महाभारत को? गीता ने पार्थ को जो बताया? अर्जुन का अनुशरण? दुर्योद्धन का असत्य घोषित सच्चा कथन? युधिष्ठिर का निर्णय जुए का? दु:शासन... Hindi · कविता 145 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read कवि ------------------------ मैं कवि नहीं हर कविता का शृंगार हूँ मैं । क्षण में बहता जल जैसा क्षण में दहका अंगार हूँ मैं। जो भोगा जीवन-पथ पर चलता, जो ढहते लोगों... Hindi · कविता 212 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read परिभाषा का धर्म --------------------------------------------------------------------- धर्म सहिष्णुता का स्निग्ध-चादर ओढ़े हुए असहिष्णु लोग हैं। लोगों का सहज सुस्वभाव नहीं यह उनका अवमूल्यित-रोग है। मूल्य वहाँ नहीं जाते हैं गढ़े जहाँ वस्तुएँ होती हैं उत्पादित।... Hindi · कविता 506 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read उठ सखि उठ ---------------------------------------------------- उठ सखि उठ रवि आया। उठ गए पंक्षी नीड़ छोडकर तू भी अँखिया खोल। अंबर ने अंगड़ाई लेकर, कर लिया आंचल गोल। रात सो गई क्षितिज अंक में,किरण की... Hindi · गीत 161 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read ईश्वर आप मुस्कुराइये --------------------------- ईश्वर आप क्यों हैं उदास? थके-थके से और अत्यंत हताश। हम हैं झेलने आपके दु:ख,दर्द,व्यथा,त्रास। तृष्णा,लोभ,लिप्सा ,अहंकार का,आपका,आदि व अनंत प्यास। सृष्टि आपकी है आप मुस्कुराइए। बुराइयाँ मानव के... Hindi · कविता 199 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read शहर के लोग हैं --------------------------------------------------- इस शहर को लूटने वाले इस शहर के लोग हैं। लौह के मोटे कवच को काँच करदे ये लोग हैं। लूटना फितरत है इनकी,लूट से बचने जतन, कह के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आश्चर्य है! ----------------------------------------------- जब कविता सोचता मन और लिखता हूँ मैं। आश्चर्य अपने को ही खुद को बेचता हूँ मैं। जंगल की पीड़ा बताता हूँ,उसका हाल दिखाता हूँ मैं। रोज अपने पलंग... Hindi · कविता 1 177 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु ---------------------------------------------------------- आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु। खो चुके होते हैं आप जिंदगी । मृत्यु जिसे आप जी नहीं पाते,रोते हैं सिर्फ। जिन्दगी आपको देता है पश्चाताप और अनवरत... Hindi · कविता 137 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read हाइकु--मन तांडव मन तांडव। तन कुरुक्षेत्र हो। प्रण टूटे ना। व्रत कुंडों में। मथें उदधि मन। स्वारथ स्वाहा। अश्वमेध है। रक्षण या उगाही। दम्भ का यज्ञ। अहंकार है। होगा ही भूलुंठित। आ,गा,बजा... Hindi · हाइकु 302 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read मंदिरों की ऐसी आस्थाएँ? ----------------------------------------------- निचले पायदान पर धकेले गए लोग हैं हम। अन्न हमारे सामने देवता प्रदत्त प्रसाद सा होता है उपस्थित। देवत्व के अधिकारियो, अन्न के हर छठे भाग को देवता से... Hindi · कविता 162 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read दर्प ------------------------- दर्पण में अपना चेहरा देखकर दर्पण को चिढ़ाना दर्प है। समर्पित मन से खुद को अर्पण करना व्यक्तित्व-बिम्ब के विंदु,रेखाओं में और आकलन अपना खुद का खुद से संपर्क... Hindi · कविता 198 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 2 min read दंगा –(एक) (अरुण कुमार प्रसाद) ----------------------- आज नफरत ने मुहब्बत से, सच ही नफरत कर लिया है। आदमी ने आदमियत से अब सच ही किनारा कर लिया है। आज सच शैतान आकर... Hindi · कविता 184 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read जंगल मत कहो- ----------------------------- इसे जंगल मत कहो। यह मेरा घर है। मृत्यु-तुल्य मत कहो मेरे जीने के तरीके को। यह मेरे जीवन का सफर है। शामिल हूँ जीवन की शृंखला में भोजन... Hindi · कविता 167 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read सच है जरूर, केवल पर श्मशान में -------------------------------------------- कौन सा सच जिंदा रहा है इस जहान में? कितने ही सारे सच दफन हैं हर मकान में। उल्लू की आँख है ये सच बोलता नहीं। है दफन सारे... Hindi · कविता 313 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आप और हम आप प्रभु हैं दास हूँ मैं। आप खुश उदास हूँ मैं। आप दाता दरिद्र हूँ मैं। आप भरे-भरे छिद्र हूँ मैं। आप रौद्र भयभीत हूँ मैं। आप क्रोध विनीत हूँ... Hindi · कविता 137 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आदमी,तुम्हें सारे भूले पल याद आ जाते हैं आदमी ----------------------------------------------------- आदमी,तुम्हें सारे भूले पल याद आ जाते हैं आदमी होने के और जानवर होने के भी। राज की बात भी और रोज़मर्रा की भी। याद आ जाते हैं... Hindi · कविता 167 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read शहर, आदमी का ------------------------------------------------- आदमी का शहर रहने दो इसे न बनाओ मंदिरों का शहर। दु:ख,दर्द,व्यथा बेबाक कहने दो यहाँ न बनाओ प्रार्थनाओं का नगर। अट्टालिकाओं से सजे पथों पर फुटपाथ भी रहने... Hindi · कविता 135 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आजादी का पुनरागमन (यह १९७६-१९७७ की पंक्तियाँ हैं) ------------------------------------------------------------ आज हर रस्सी तुड़ा फिर लफ्ज सारे आ गये। मन की हर अभिव्यक्ति फिर से पँख सारे पा गये। ताख से उतरी हमारा हाथ... Hindi · कविता 137 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read आंदोलन आंदोलन अमर रहे पर खुद की हत्या की साजिश नहीं करे। संवाद तक लाने का दायित्व आंदोलन का है इसे फुस्स न करे। हिंस्र न हो वजूद और इम्तिहान हार... Hindi · कविता 162 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 2 min read अस्तित्व हमारे अस्तित्व का प्रारम्भ विन्दु इतना सूक्ष्म! कि वह न तात्विक है न यौगिक। न देह,न पदार्थ, न देवता। तरंग से होकर उत्पन्न तरंग में है पैठ जाता। किन्तु,हम करते... Hindi · कविता 329 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read अभिलाषा ------------------------------------------------------ नहीं चाहती सुरबाला सी इठलाना तुमको ललचाना। नहीं चाहती प्रेमी बनकर देह तुम्हारा,पौरुष पाना। वांछित बनना, उत्स तुम्हारा बन आलोक तेरे पथ जलना। मातृभूमि की गरिमा कहने हे कवि,मरकर,पुन:... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 199 Share Arun Prasad 19 Oct 2021 · 1 min read अब रात बिखर ही जाने दो ----------------------------- अब रात बिखर ही जाने दो। अब चाँद बिसर ही जाने दो। अब प्रहर सँवर ही जाने दो। अब दिन को सुंदर माने दो। कितने युग की यह रात... Hindi · कविता 133 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read नेता ----------------------------- शब्दों का संसार उठाकर ले तो आऊँगा मैं। पूछो मुझसे किन्तु, क्या-क्या दे जाऊँगा मैं। आशाओं का विशद ‘लिस्ट’ जो कभी न पूरा होना है। प्रजातंत्र से तंत्र हटाकर... Hindi · कविता 1 298 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read दंभ,शासन का दंभ,शासन का -------------------- निचले पायदान पर धकेले गए लोग हैं हम। भूख हमारे सामने एक त्रासदी है। सामंतवादियो, भूख अपने समक्ष उपस्थित करते हो तुम उत्सव की तरह। धिक्कार है... Hindi · कविता 346 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read धर्म (अरुण कुमार प्रसाद) ------------------------- धर्म खुश अगरबत्तियाँ जलीं। धर्म प्रारंभ भाले नुकीले। धर्म असभ्य। कबीले सभ्य। धर्म संपन्न। विवेक भव्य। धर्म, युद्ध। वर्चस्व क्रुद्ध। धर्म दंगा। कोई है नंगा। धर्म... Hindi · कविता 205 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read चलो साथ मेरे मंजिल तलाशें ( अरुण कुमार प्रसाद) ------------------------------------- उठाओ यहाँ से ये बिस्तर ऐ राही। चलो साथ मेरे मंजिल तलाशें। यहाँ धूप फैला, कहीं छांव होगी; इस स्रष्टा के सारे समुंदर तलाशें। तुम्हें... Hindi · कविता 1 265 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read उसकी जिन्दगी – -------------------------------------------- निम्न मध्यवित्त माहौल में वह पली. जन्म से मृत्यु तक जली केवल जली. जिस आग में जली वह कभी नहीं जला. उस युवती को गया पर बुरी तरह जला.... Hindi · कविता 450 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read आप आपके चरणों की खाना चाहता था कसम। किन्तु,भरे थे महावर से आपके पैर। स्निग्धता रूआँसा सा पड़ा था सौंदर्य के कोप-भवन में। जड़ हुआ हृदय। आपके मांसल, सुंदरता-सिक्त टांगों से... Hindi · कविता 221 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read कैसे पुरुष हो यार—एक ------------------------- ऐश्वर्य पर इठलाते हो। शौर्य पर गर्व करते हो। उत्तरोत्तर उन्नत होते रहने की कामना रखते हो। स्वयं को समस्त समाज के शीर्षोत्तम पर देखते रहने की भावना रखते... Hindi · कविता 358 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read घोड़े का दर्द --------------------------------- घोड़े का दर्द अनसुलझा है। जब तक आदमी के मन में घोड़े के असह्य दर्द की अनुभूति न जागे। अभागे! आदमी देखता है घोड़े की ओर । उसे मजबूत... Hindi · कविता 353 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read घर-द्वार --------------------- जिसने ईंट बनाए। जिसने नींव खोदे। जिसने पसीने बहाये। पत्थरों,औजारों के खरोंच सहे देह पर, जिसने। धूल,माटी,सीमेंट के ‘पावडर’ भरे फेफड़ों में,जिसने। गारा जिसने बनाया। ईंटों को जोड़ा जिसने।... Hindi · कविता 174 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read बेकार बातें ------------------ शहर की बातें बेकार नहीं हैं। शहर की परिभाषा गलत नहीं है। नहीं है त्रुटिपूर्ण,शहर का बनना। सत्य है शहर । शिक्षक है शहर। रक्षक है शहर। हमें होना... Hindi · कविता 446 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read सब्जीवाली औरत -------------------- झेल रही है वह सब्जी की दुकान बिना चहारदीवारी और छत के। सह रही है आलू,प्याज और अपनी ताजगी खोती हुई दूसरी सब्जियों के गंध। करती है महसूस सब्जियों... Hindi · कविता 307 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read ख़ुदा मुझको देना ----------------------------------- ख़ुदा मैंने तुमसे इतना कहा था। मुझे जीस्त देना नहीं ताज देना। सरल मन देना सबल तन लेकिन। कभी किन्तु, न नखरे न नाज देना। जीने के क्रम में... Hindi · कविता 162 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read दोस्ती के रिश्ते -------------------------------------------------- दोस्ती के रिश्ते मैंने देखे उधेड़ कर जब। दोस्तों ने खुशियाँ बांटे गैरों ने दर्द बांटे। सूरज की रौशनी से जब फूटा सिरफ़ लहू था। ये थे अँधेरे जिसने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read उसके घर में -------------------------------------------- अब तो नहीं किन्तु,तब तो हिसाब होगा। उसके जहाँ में होंगे जब,तब जबाब होगा। पढ़ो मर्शिया या गीता हर गुनाह शक्ल लेगा। मेरी जिन्दगी का लोगो यही एक सबाब... Hindi · कविता 1 147 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read बदकिस्मती को कहिये तो क्या कहिये ------------------------------------------------------------ मगर इस बदकिस्मती को कहिये तो क्या कहिये! हम मिले मगर,अपनी ही जमीन नहीं है पांव तले। धमका-डरा देगा यह आकाश यह हवा क्या जानें? सहम जायेंगे हम,हम तो... Hindi · कविता 1 257 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read एकाकी एकलव्य---- ------------------------------- रात्रि के निविड़ अंधकार में वन के एकांत छोर में वृक्ष की एक सद्यः युवा हुए डाल पर खुद से विनोद करता अंगूठे के जख्म सहलाता हुआ तम से... Hindi · कविता 1 468 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read जंगल-जिएँ ---------------------------------------- मेघ पहाड़ों पर टिका, आसमान पर चाँद। वन-विहीन इस प्रान्त में ढ़ूंढ़ रहा है छांव। वन उजाड़कर चला गया, वन का ठीकेदार। विरह,क्षुधा,दुःख दे गया वनवासी के द्वार। वन... Hindi · कविता 1 362 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read पता शुद्ध जीवन का ---------------------------------------- चला तो था मैं पूछने उसका पता। राह में मोह,भ्रम।लिप्सा था नंगा खड़ा। रुक गया मैं भी तमाशबीनों की तरह। व्याकरण सारे जीवन के गया गड़बड़ा। तब गणित खोलकर... Hindi · कविता 1 359 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read गाँव की गली ------------------------- गाँव की गली। गुड़ की डली। मैं शहर की छली। अप्रिय सत्य में ढली। दारिद्रय में हुई गली। बिखरी गली-गली। सूर्य किरण से जली। चाँद की रौशनी से दहली।... Hindi · कविता 113 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read कल था एक गाँव ---------------------------------- छोड़ चुका हूँ गाँव कि जब मुझे कोई ज्ञान न था। इस शह-मात वाली दुनिया का कोई भान न था। सब सीधे सच्चे मन वाले ,सब अच्छे, सब सुंदर... Hindi · कविता 180 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read शैशव का युवापन ----------------------------------------- जिसे होता रहा उपहास का अहसास, उपेक्षित जो रहा हरपल, अन्तर्मुखी होता गया मानव हमेशा भीड़ से पलायन को प्रस्तुत वह रहा योद्धा। कि जिसने यातना के हर पलों... Hindi · कविता 152 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read पूजा का पीर ----------------------------------------------------- तराशे हैं बहुत पत्थर बहुत ईश्वर बनाये हैं। जिसे कहते हैं पूजा,थाल भी हमने सजाये हैं। समझ आये न वैसे छंद हमने भी दुहराए हैं। युगल कर जोड़ अपनी... Hindi · कविता 206 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 4 min read शहर --------------------------------------- शहर में मुझे तो शहर ढूंढे न मिला। यहाँ था असभ्यताओं का सिलसिला। गुनाहों के कब्र से निकलते लोग देखे। उसीके यश में गाते,उछलते लोग देखे। ठंढ़ी रात में... Hindi · कविता 174 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read अपार अब मैं हँसूं ---------------------------------------- अगर मैं हंसा अगर मैं हंसा दरके पहाड़ जुड़ेंगे. सूखी नदियों में बाढ़ आ जायेंगे. बेतहासा भागती हुई हवा जायेगी ठहर. यह खन्डहर होगा एक युवा सजा-धजा शहर. मेरा... Hindi · कविता 190 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read गजल --- अभी जो रात है और जो अँधेरा है. अभी जो रात है और जो अँधेरा है. कल की कोख का खूबसूरत सबेरा है. शहर की चारदीवारी में बंद दरवाजे. कर्म से तेरे खुलेंगे वादा यह तेरा है. किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 184 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read गजल--इश्क को चाहिए क्यों कुछ वक्त -------------------------------------------------- इश्क को चाहिए क्यों कुछ वक्त बयाँ होने तक. आह को जलना,जलाना है क्यों जुबाँ होने तक. तम का हर सैलाब है तेरा सूर्य हो जाने तक. रात ठहरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 149 Share Previous Page 5 Next