VINOD CHAUHAN Tag: कविता 184 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next VINOD CHAUHAN 2 Jul 2023 · 1 min read मेरी फितरत तो देख मैं लड़खड़ा के यूँ चलता हूँ मेरी किस्मत ना देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ मेरी फितरत तो देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ................ जीवन के इन रास्तों में,डग-डग पर... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 7 391 Share VINOD CHAUHAN 2 Jul 2023 · 1 min read मेरी फितरत ही बुरी है न नियत ही बुरी है मेरी न हसरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं मेरी फितरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं.........…...... मैं बोलता हूँ सच जो होता... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 5 220 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज जीवन हूँ मैं तो महज जीवन हूँ धूप हूँ या कि छाँव हूँ माँझी हूँ मैं ही नाँव हूँ मैं तो महज जीवन हूँ लगता है सफर में हैं देखो सभी कब्र... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 4 267 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज चुनौती हूँ मैं तो महज चुनौती हूँ चाहे तो स्वीकार करो चाहे ना स्वीकार करो मैं तो महज चुनौती हूँ जीवन के इस सफर में बिना एक हमसफर के मैं तो महज... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 193 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज शराब हूँ मैं तो महज शराब हूँ महफिलों की शान मैं फिर भी हूँ बदनाम मैं मैं तो महज शराब हूँ जो बेहिसाब पीेते हैं वे बदहवास जीते हैं मैं तो महज... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 290 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read अर्धांगिनी रुसवा रहे चाहे सारा जहां अर्धांगिनी मेरी मेरे साथ है जीवन है चाहे कष्टों भरा अर्धांगिनी मेरी मेरे साथ है मैं उसके लिए वो है मेरे लिए सदा साथ जीने... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 560 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read लौट आओ ना अधूरा हूँ मैं बहुत तुम्हारे बिना लौट आओ ना लौट आओ ना ये जीवन है सूना तुम्हारे बिना लौट आओ ना लौट आओ ना सफर जिंदगी का ये कैसे कटे... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 363 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज क़ायनात हूँ मैं तो महज क़ायनात हूँ मुझमें है सागर मुझमें हवाएँ मुझमें खिजां मुझमें फिज़ाएँ मैं तो महज क़ायनात हूँ मुझसे हैअंबर मुझसे ये तारे मुझसे कलियाँ फूल हैं प्यारे मैं... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 375 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज बुनियाद हूँ मैं तो महज बुनियाद हूँ जैसी बनाओ वैसी बनूंगी हद है मेरी वही तक रहूंगी मैं तो महज बुनियाद हूँ जहाँ कहीं होती हूँ गहरी मुझपे इमारत लम्बी ठहरी मैं... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 379 Share VINOD CHAUHAN 15 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज प्रेमिका हूँ मैं तो महज प्रेमिका हूँ सबके दिल में हूँ हर महफिल में हूँ मैं तो महज प्रेमिका हूँ कोई मनाता है कोई लुभाता है मैं तो महज प्रेमिका हूँ मैं... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 346 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज संसार हूँ मैं तो महज संसार हूँ मैं तो महज संसार हूँ जीव-जंतु हैं जो आए सारे मुझमे हैं समाए मैं तो महज संसार हूँ आते हैं सब जाते हैं मुझे यही... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 222 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज आईना हूँ मैं तो महज आईना हूँ चेहरे दिखलाता हूँ सच्च ही बताता हूँ मैं तो महज आईना हूँ मेरा शौंक सभी को मैं हूँ भाता सभी को मैं तो महज आईना... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 156 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज तकदीर हूँ मैं तो महज तकदीर हूँ किसी की मैं अच्छी हूँ मैं किसी की बुरी मैं तो महज तकदीर हूँ मेहनत से बदल जाऊँ रूठूँ ऐसी हाथ न आऊँ मैं तो... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 516 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज इंसान हूँ मैं तो महज इंसान हूँ मेरा वजूद क्या है पानी है कि हवा है मैं तो महज इंसान हूँ माटी का पुतला हूँ घमंड ने कुचला हूँ मैं तो महज... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 342 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज एक नाम हूँ मैं तो महज एक नाम हूँ अल्लाह कहो यशु कहो राम चाहे वाहेगुरू कहो मैं तो महज एक नाम हूँ धर्मों में मैने बाँटा नहीं है भेद कोई छाँटा नहीं... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 416 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read मैं तूफान हूँ जिधर से गुजर जाऊँगा मैं तूफान हूँ जिधर से गुजर जाऊँगा बस तबाही का मंजर मैं कर जाऊँगा ढ़ूंढोगे निशां पर मिलेंगे कहाँ तोड़कर सब कुछ मैं यूँ बिखर जाऊँगा मैं तूफान हूँ............ मैं... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 166 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read सागर से अथाह और बेपनाह सागर से अथाह और बेपनाह भला कौन होगा सागर से बड़ा इतना गहरा पड़ा भला कौन होगा बस एक ही कमी का ये मारा है पानी मीठा नहीं इसका खारा... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 281 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read अधखिला फूल निहार रहा है अधखिला फूल निहार रहा है जीवन को जैसे निखार रहा है जीवन को जैसे........ सवेरा हुआ जब लगा लहराने कलियों के संग लगा मुस्कुराने ख्वाबों को दिल में उतार रहा... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 228 Share VINOD CHAUHAN 14 Jun 2023 · 1 min read सफर अंजान राही नादान सफर अंजान राही नादान मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे सफर......... हमसफर भी नहीं रहगुजर भी नहीं मंजिल हो पास तो भी दिल क्या करे सफर.......... न कोई... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 412 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज एक माँ हूँ मैं तो महज एक माँ हूँ कहीं छाँव सी कहीं नाँव सी मैं तो महज एक माँ हूँ सुंदर या बदसूरत हूँ मैं ममता की मूरत हूँ मैं तो महज... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 278 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज आग हूँ मैं तो महज आग हूँ कभी मन में लगी कभी तन में लगी मैं तो महज आग हूँ कभी नफरत की कभी हसरत की मैं तो महज आग हूँ घर... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 281 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज नीर हूँ मैं तो महज नीर हूँ कहीं बर्फ सफेद मैं कहीं बरसता मेघ मैं मैं तो महज नीर हूँ सागर मैं अथाह हूं फिर भी मैं चाह हूँ मैं तो महज... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 174 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज शमशान हूँ मैं तो महज शमशान हूँ अमीर का गरीब का राजा या फकीर का मैं तो कब्रिस्तान हूँ मैं तो महज शमशान हूँ जिंदगी की दौड़ में पड़ा हूँ एक छोर... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 4 233 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज संघर्ष हूँ मैं तो महज संघर्ष हूँ कहीं राज का कहीं ताज का मैं तो महज संघर्ष हूँ कभी जिंदगी में कभी मौत से मैं तो महज संघर्ष हूँ या दुश्मनों से... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 4 279 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज पहचान हूँ मैं तो महज पहचान हूँ गूंगे की बहरे की दुल्हे के सेहरे सी मैं तो महज पहचान हूँ महकता सा पर्व मैं हर किसी का गर्व मैं मैं तो महज... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 195 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ हर रोज की मैं बात हूँ वियोग हूँ मुलाकात हूँ मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ जिंदगी की राहों में आ जाऊँ मैं बाहों में मैं... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 184 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज आवाज हूँ मैं तो महज आवाज हूँ कभी अपनों की कभी सपनें की मैं तो महज आवाज हूँ दूर तक मैं गुंजती ठोर कोई मैं ढूंढती मैं तो महज आवाज हूँ फड़फड़ाते... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 2 169 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज एक ख्वाब हूँ मैं तो महज एक अकेला हूँ कभी खुशनुमा सा कभी गुमनुमा सा मैं तो महज एक ख्वाब हूँ कभी सजा कभी संवरा कभी टूटा कभी बिखरा मैं तो महज एक... Poetry Writing Challenge · कविता 2 354 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज वक्त हूँ मैं तो महज एक वक्त हूँ कहीं समय का फेर हूँ कहीं घड़ी भर देर हूँ मैं तो महज एक वक्त हूँ न कोई सीमा मेरी न कोई गरीमा मेरी... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 290 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2023 · 1 min read मैं तो महज एहसास हूँ मैं तो महज एहसास हूँ कभी अपनों सा कभी सपनों सा मैं तो महज एहसास हूँ दिल में सुकून सा मन में जुनून सा मैं तो महज एहसास हूँ दबी... Poetry Writing Challenge · V9द चौहान · कविता 3 225 Share VINOD CHAUHAN 16 Jan 2023 · 1 min read तिल,गुड़ और पतंग तिल,गुड़ और पतंग की रिवाज है लुभाती बहुत ये सभी को आज है तिल,गुड़................ छोटे-बड़े ये सब चाव से खाते हैं लेकर पतंग छत पर चढ़ जाते हैं तिल,गुड़................ चारों... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 610 Share VINOD CHAUHAN 10 Jan 2023 · 1 min read सब्र रख सब्र रख सच्च है क्या तुम जान जाओगे मैं जो कहता हूँ खुदा कसम मान जाओगे न तेरा दिल होगा न जिस्म बस राख होगी तूँ सूरत पर न इतरा... Hindi · V9द चौहान · कविता 3 301 Share VINOD CHAUHAN 14 Sep 2022 · 1 min read हिंदी से सीखा है हमने हिंदी से सीखा है हमने ये जीवन का व्यवहार हिंदी से सीखा है हमने ये जीवन में सदाचार हिंदी देन है ये पुर्खों की हिंदी से गहरा नाता है हिंदी... Hindi · V9द चौहान · कविता 4 445 Share VINOD CHAUHAN 12 Aug 2022 · 1 min read काँटों का दामन हँस के पकड़ लो काँटों का दामन हँस के पकड़ लो जिंदगी तुम्हारी यूँ बदल जाएगी गुलाब काँटों में ही मुस्कुराता है इसलिए सभी के मन को भाता है मुस्कुरा लो जिंदगी महक जाएगी... Hindi · V9द चौहान · कविता 3 216 Share VINOD CHAUHAN 29 Jul 2022 · 1 min read गुजरे लम्हे सुनो बहुत सुहाने थे गुजरे लम्हे सुनो बहुत सुहाने थे कुछ हकीकत हैं कुछ फसाने थे गुजरे लम्हे............... याद करके खो से जाते हैं कहीं वो खुशनुमां जिंदगी के तराने थे गुजरे लम्हे............... याद... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 2 620 Share VINOD CHAUHAN 28 Jul 2022 · 1 min read भीगे अरमाँ भीगी पलकें भीगे अरमाँ भीगी पलकें भीगा है मन बारिश में भीगा आसमाँ भीगी धरती भीगा है तन बारिश में घनघोर घटाएं घिर घिर आएं हर्षित मन को खूब लुभाएं भीगे पात... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 2 788 Share VINOD CHAUHAN 26 Jul 2022 · 1 min read ख़्वाहिश है तेरी ख़्वाहिश है तेरी जुल्फों से खेलूं दिल की तमन्ना है बाहों में ले लूँ ख़्वाहिश है तेरी................ तुम ख्वाबों की हसीं तस्वीर हो तुम मेरी जिंदगी की तकदीर हो ख़्वाहिश... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 343 Share VINOD CHAUHAN 12 Jul 2022 · 1 min read डूबता सूरज हूंँ या टूटा हुआ ख्वाब हूंँ मैं डूबता सूरज हूँ या टूटा हुआ कोई ख्वाब हूँ मैं बंद कमरे में अकेला जलता हुआ चिराग हूँ मैं डूबना सूरज हूँ ............... महफिलों में हँसता रहा धड़कनों में बसता... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 1k Share VINOD CHAUHAN 8 Jul 2022 · 1 min read मत पूछो कोई वो क्या थे मत पूछो कोई वो क्या थे कुछ और नहीं वो फूल थे एक अल्हड़ को वो भाए थे केशों मे सजाए थे उसका वो श्रंगार थे मत पूछो............. जब रणबाँकुरे... Hindi · V9द चौहान · कविता 5 2 416 Share VINOD CHAUHAN 5 Jul 2022 · 1 min read हर घड़ी यूँ सांस कम हो रही हैं हर घड़ी यूँ सांस कम हो रही हैं जिंदगी की श्वास कम हो रही है हर घड़ी यूँ........... लोग भटकते हैं दौलत के लिए फिर भी कुछ हासिल नहीं होता... Hindi · V9द चौहान · कविता 6 2 414 Share VINOD CHAUHAN 28 Jun 2022 · 1 min read दीवार में दरार देखिए हर घर में दीवार नजर आती है उसी दीवार में एक दरार नजर आती है कुछ बोलना भी चाहे पर बोल नहीं पाती अपनों के व्यवहार से बेजार नजर... Hindi · V9द चौहान · कविता 6 4 840 Share VINOD CHAUHAN 28 Jun 2022 · 2 min read रामलीला जुबां-जुबां पे आज रामलीला के खूब चर्चे हैं गली घर चौपाल और नुक्कड पे यही चर्चे है बहुत सारे रावण के पात्र के लिए भटकते हैं मगर सही संवाद की... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 567 Share VINOD CHAUHAN 28 Jun 2022 · 1 min read गुुल हो गुलशन हो गुल हो कि गुलशन हो या गुलजार हो तुम महकती फिज़ाँ जिंदगी की बहार हो तुम गुल हो गुलशन हो......... ख्वाबों खयालों में ढूंडता रहा मैं जिसको मेरे दिल की... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 181 Share VINOD CHAUHAN 27 Jun 2022 · 1 min read जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं कौन जानता है लोग क्या क्या छोड़ जाते हैं जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं जाने वाले बस............. जिंदगी सफर है हर आदमी इस सफर पे है... Hindi · V9द चौहान · कविता 3 2 422 Share VINOD CHAUHAN 13 Jun 2022 · 1 min read बख्स मुझको रहमत वो अंदाज़ मिल जाए पढ़े जो सभी शौंक से अल्फाज़ मिल जाए सुनें जो हर कोई गौर से आवाज मिल जाए आता नहीं मुझे यूँ रूठना मनाना मेरे खुदा बक्श मुझको रहमत वो अंदाज़... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 226 Share VINOD CHAUHAN 12 Jun 2022 · 1 min read आसमाँ के परिंदे आ गए देखो आसमाँ के परिंदे छा गए देखो आसमाँ के परिंदे कोई भी इनमें कम नहीं कोई भी इनको गम नहीं गुनगुना गए आसमाँ के परिंदे आ गए............. भोले... Hindi · V9द चौहान · कविता 3 4 268 Share VINOD CHAUHAN 9 Jun 2022 · 1 min read गंगा से है प्रेमभाव गर गंगा से है प्रेमभाव गर अरे गंगा को मन में उतार लो शुद्ध कर्म अपनाकर सारे गंगा अपने मन में धार लो गंगा से है प्रेमभाव गर.............. क्या होगा गंगा... Hindi · कविता 2 482 Share VINOD CHAUHAN 7 Jun 2022 · 1 min read आदमी आदमी से डरने लगा है आदमी आदमी से डरने लगा है हर घड़ी आहें बस भरने लगा है दुविधा पल रही सबके दिलों में मरने की ख्वाहिश करने लगा है आदमी आदमी से.............. पहले जैसी... Hindi · कविता 3 2 709 Share VINOD CHAUHAN 7 Jun 2022 · 1 min read जिस नारी ने जन्म दिया जिस नारी ने जन्म दिया है उसकी कोंख लजाते क्यों हो जिस आँचल में बचपन बीता उसी से मुँह छिपाते क्यों हो शर्म हया काफूर हुई सब लाज रही ना... Hindi · कविता 8 6 854 Share VINOD CHAUHAN 5 Jun 2022 · 1 min read हम पर्यावरण को भूल रहे हैं वंशों से जो मिलता आया हम सदाचरण वो भूल रहे हैं प्राणवायु मिलती है जिससे हम पर्यावरण को भूल रहे हैं प्राणवायु मिलती़............ दोहन कर रहे नासमझी मे सभ्यता संस्मरण... Hindi · कविता 4 6 611 Share Previous Page 3 Next