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बहुत ही सही लिखा है सर आपने

5 Aug 2022 08:44 AM

प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया💐🙏🙏

वन्दनीय ..भावपूर्ण .. सार्थक सृजन .. आदरणीय
— “पिता” विषय पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें ।
कविता पर पहुंचकर प्रथम उसे भावपूर्ण होकर जरूर पढ़े, तद्नुरूप like & comment करें ।

7 Jun 2022 04:33 PM

प्रियजन आपकी रचना को पढ़ा ही नहीं बल्कि अपने ह्रदय में भी विशेष जगह दी है। पिता सच्च में कायनात है पूरी दूनिया है ।
कृपा अगर नहीं पढ़ी है तो”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढ़कर कृतार्थ करें।

आपके द्वारा प्रेषित रचना विचारणीय है, सबसे अच्छा “विनोद”सीखा मत पाठ यहाँ तूँ तुझसे ही ये उलझ जाएंगे यह पंक्ति हैं, क्यों कि झूठी तारीफे मानव की वाहवाही है सच्ची बातें मानव की नाराजगी है।

7 Jun 2022 01:42 PM

सही लिया सर आपने शब्दों को।
प्रोत्साहन बढ़ाने वाले शब्दों के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।

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