Neelam Sharma Language: Hindi 518 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Neelam Sharma 7 Jun 2018 · 1 min read होगा रदीफ़ - होगा। मुझसे जब दूर,खुदको दिलबर ने पाया होगा। खंज़र यादों का, खुदी दिल पे चलाया होगा। अश्क़-ए-ग़म का समंदर,नज़रों से बहाया होगा। होकर नाराज़ खुदी को, खूब तड़पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 261 Share Neelam Sharma 5 Jun 2018 · 1 min read प्रदर्शनी लघु कथा-प्रदर्शनी अख़बार पढ़ते पढ़ते माँ स्तब्ध हो बैठ गई।पिताजी समझ गए कि उन्होंने अवश्य ही मानवता को शर्मसार करती कोई खबर पढ़ ली है।वे बोले मनोरमा रेप और हत्या... Hindi · लघु कथा 1 357 Share Neelam Sharma 4 Jun 2018 · 1 min read पर्यावरण दिवस या विवश? पर्यावरण विवश!!! विश्व स्तर पर फैला प्रदूषण, कर पर्यावरण को विवश। देखो,मात्र कुछ वृक्ष लगाकर, मन रहा पर्यावरण दिवस। ये तो वही बात हो गई कि माँ को समय पर... Hindi · कविता 2 522 Share Neelam Sharma 4 Jun 2018 · 3 min read यादों के पन्ने यादों के पृष्ठ..........एक संस्मरण......✍️ दस पटाख़े! पिछले महीने की ही बात है मेरी खास मित्र के होमटाउन जाने का हमारा 10 जनों का प्रोग्राम बना और करीब एक माह पहले... Hindi · लेख 1 264 Share Neelam Sharma 1 Jun 2018 · 2 min read एक चेहरा एक चेहरा! प्रकृति वसुधा परिवेश पर्यावरण पीड़ा में रहें हैं कबसे पुकार। अब तो अति हो गई मानव, अपना व्यवहार सुधार। रात को पर्यावरण पर कुछ लिखते लिखते सो गई... Hindi · लघु कथा 1 279 Share Neelam Sharma 1 Jun 2018 · 5 min read खाली दिमाग़!!! Idle mind devil's workshop. जी हाँ,खाली दिमाग अर्थात ??☠️?शैतान का घर और जिस हिसाब से हर जगह कंस्ट्रक्शन चल रही तो अपार्टमेंट,बिल्डिंग, पेंटहाउस,बंग्लो कुछ भी कह लो, रहता उसमें शैतान... Hindi · लेख 1 542 Share Neelam Sharma 31 May 2018 · 2 min read पुस्तक मेले पुस्तक मेले महज़ यादें.......! विद्यालयों में पुस्तक मेले के बड़े पैमाने पर आयोजन हुआ करते थे।आज समय इतना फ़ास्ट हो गया है कि फ़ास्ट फ़ूड के साथ साथ जीवन शैली... Hindi · लेख 1 242 Share Neelam Sharma 31 May 2018 · 1 min read रक्खा हुआ है रदीफ़- रक्खा हुआ है बागबाँ सूख गया राह तकते दिलबर बेशक, बंद किताबों में फूल तेरा दिया रक्खा हुआ है । तेरी ख़ातिर कि तू आएगा,भले देर सही अँधेरी राहों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 458 Share Neelam Sharma 31 May 2018 · 1 min read पाबंद मगर स्वतंत्र नारी पाबंद मगर स्वतंत्र नारी...... पाबंदी-ए-आवाज़ लगा, ,,,,,,कहते हो तुम स्वतंत्र नारी। पाबंदी-ए-परवाज़ लगा, ,,,,,कहते हो तुम स्वतंत्र नारी। पाबंदी लबों पर लगादी, ,,,,,,,कहीं गुनगुना न पाऊँ मैं। पाबंदी ख्वाबों पर... Hindi · कविता 1 435 Share Neelam Sharma 28 May 2018 · 1 min read कल्पना एक कला कल्पना एक शक्ति एक कला कल्पना निरभ्र गगन में उन्मुक्त पंछी कल्पना रोचक रोमांचक स्वछंद उड़ान। कल्पना सप्तरंगी सपनों का मधु प्रारब्ध, मन देह की सीमाओं में जो नहीं होती... Hindi · कविता 1 500 Share Neelam Sharma 28 May 2018 · 2 min read कल्पना कल्पना बनाम नवसृजन.........✍️ कल्पना निरभ्र गगन में उन्मुक्त पंछी कल्पना रोचक रोमांचक स्वछंद उड़ान। कल्पना सप्तरंगी सपनों का मधु प्रारब्ध, मन देह की सीमाओं में जो नहीं होती आबद्ध। कोई... Hindi · लेख 1 433 Share Neelam Sharma 28 May 2018 · 2 min read काश तुम समझ पाते सादर प्रेषित मेरी अदृश्य डायरी से एक पृष्ठ....... काश! तुम समझ पाते मेरे दिल के हालात् ! कैसे कहूँ? शब्द निशब्द हुए जाते हैं..................कहने को.................. ॥ काश!!!तुम समझ पाते कि... Hindi · लेख 1 614 Share Neelam Sharma 27 May 2018 · 2 min read क्रोध बनाम ब्लड प्रेशर क्रोध बनाम ब्लड प्रेशर..... क्रोध इंसानी फितरत है। ये सबके स्वभाव में होता है। क्रोध एक नेचुरल इमोशन है और आना भी स्वभाविक है, मगर हद से ज्यादा सेहत के... Hindi · लेख 1 264 Share Neelam Sharma 26 May 2018 · 2 min read समझ का फेर समझ समझ का फेर...... जिस प्रकार दीया प्रज्वलित करने के उपरांत किसी से प्रकाश उधार माँगने की आवश्यकता नहीं होती, हर तरफ उजाला फ़ैल जाता है।ठीक वैसे ही कुंठित-लुंठित विचारों... Hindi · लेख 1 666 Share Neelam Sharma 26 May 2018 · 1 min read सूरज 1 जीव तड़पते वसुधा जल रही सूरज तेज। 2 सर्द दिवस थरथर काँपता सुन सूरज। 3 बंजर भूमी सब जले ताप से क्रोधित सूर्य। 4 तपती छत सूर्य खुद जलता... Hindi · हाइकु 2 530 Share Neelam Sharma 26 May 2018 · 1 min read पायल 1 बजी पायल छन छनन छन आओ साजन। 2 ख्वाबों में आती पायल खनकाती ओढ़ चूनर। 3 लाई पैगाम मतवाली कोयल बजी पाजेब। 4 पावस देख विरहन हुलसी सुखद सुधि।... Hindi · हाइकु 2 334 Share Neelam Sharma 25 May 2018 · 1 min read दौलत-ए-बचपन दौलत-ए-बचपन......…✍️ सुनों, बेहिसाब सी गलतियाँ होती हैं बचपन की बेशुमार दौलत। देतीं हैं सबक भी अनेकोंबार और संग सुधरने की हज़ार मौहलत। बचपन की दौलत होतीं हैं, दादी-नानी की कहानियाँ।... Hindi · कविता 1 616 Share Neelam Sharma 19 May 2018 · 1 min read जल सभी हताश चिलचिलाती गर्मी निर्जल भूमी। लब अधीर जल नहीं सिंचित तलाशो नीर। मरे बेमौत जल न संरक्षित सूखे हैं स्रोत। भूल जा कल न किया संरक्षित नीर निष्फल। जल... Hindi · हाइकु 2 267 Share Neelam Sharma 19 May 2018 · 1 min read सूरज दिवाकर क्रोधाग्नि बढ़ी, जलें नगर घर गाँव। जल जलकर प्यासा हुआ,माँग रहें तरु छाँव।। धूप बहुत सुन बढ़ रही,सब प्राणी बेहाल। ग्लोबल वार्मिंग से हुआ, साँस लेना मुहाल।। विटामिन डी... Hindi · दोहा 1 353 Share Neelam Sharma 18 May 2018 · 1 min read माँ 1) बिना जननी संसार की कल्पना महज़ शून्य। 2) माँ आशीर्वाद जन्मों के कष्ट खाक सदा सौभाग्य। 3) मैया गोदी अतुल्य थकावट ख़त्म हो जाती। 4) सदैव हरा स्नेह वात्सल्य... Hindi · हाइकु 1 472 Share Neelam Sharma 17 May 2018 · 1 min read कविता आ मेरे सपनों के सौदागर, मेरी बाहों में खो जाओ। प्रेम की बौछार से साजन, नीलंबर को ताल बनाओ। इंद्रधनुषी रंगी हैं फिजायें, गुलाबी है अंबर गुलाबी हवाएं। स्नेह की... Hindi · कविता 1 264 Share Neelam Sharma 16 May 2018 · 1 min read कविता नारी बनाम मील का पत्थर......! सादर प्रेषित सुनो!ईश्वर की रची सर्वाधिक सुंदर कृति है 'स्त्री'। प्रकृति ने उसे कोमल अवश्य बनाया है , पर उसने परंपराओं से बाहर निकलकर मील... Hindi · कविता 1 546 Share Neelam Sharma 16 May 2018 · 1 min read कविता सुनों, शहरीकरण की आधुनिक चकाचोंध से परे कभी कोशिश की है नारी के अस्तित्व को पहचानने की, जानने की। उस स्त्री शक्ति की जो सिल्क, मलमल और फैशन के क्षितिज... Hindi · कविता 1 431 Share Neelam Sharma 15 May 2018 · 2 min read कर्तव्य कर्तव्य "कर्तव्य" शब्द का अभिप्राय उन कार्यों से होता है, जिन्हें करने के लिए हम नैतिक रूप से प्रतिबद्ध होते हैं। इस शब्द से यह बोध होता है कि हम... Hindi · लेख 1 278 Share Neelam Sharma 15 May 2018 · 2 min read कर्तव्य कर्तव्य "कर्तव्य" शब्द का अभिप्राय उन कार्यों से होता है, जिन्हें करने के लिए हम नैतिक रूप से प्रतिबद्ध होते हैं। इस शब्द से यह बोध होता है कि हम... Hindi · लेख 1 488 Share Neelam Sharma 8 May 2018 · 1 min read तूफान तूफान...….!!! उठ रहा जो हृदय मेरे,तीव्र जिसके अति झोंकें। रेतिले-बर्फीले इस तुफान को कोई तो रोके। अस्मिता लूटता रहा,मानव तू क्यों दानव सा होके। ले आज प्रकृति क्रोधित हुई,रुकती नहीं... Hindi · कविता 1 530 Share Neelam Sharma 28 Apr 2018 · 2 min read पावस ऋतु हरित त्वरित प्रकृति लहराई,सप्त रंग पहनी सावन पाग। पड़ी पहली पावस बूंद अधर,गया योवन रोम-रोम में जाग। सादर प्रेषित। प्रदत्त शब्द :-पावस खड़ी बोली हिंदी विधा:-स्वतंत्र कविता दिन :-शनिवार दिनांक:-२८-०४-२०१८... Hindi · कविता 1 628 Share Neelam Sharma 27 Apr 2018 · 1 min read बेकली बेचैन दिल की धड़कन,सुन हवाएं बेचैन हैं, न सकुन दिन में हासिल रातों को भी न चैन हैं। पथराई संवेदना सब ओर बेकली है, कोई नहीं बताता, किश्ती किधर चली... Hindi · कविता 1 368 Share Neelam Sharma 25 Apr 2018 · 1 min read माटी का सजीव पुतला बना सजीव माटी का पुतला,थी कुदरत उत्साहित। बीच चौरासी योनि थी हुई, अद्भुत सुकृति निर्मित। नीलम नभ में घुमा चाक,स्वयं प्रकृति ने माटी सानी। सोचा कि नव निर्माण करेगा और... Hindi · कविता 1 539 Share Neelam Sharma 22 Apr 2018 · 1 min read वसुधा दो हाथों की अंजुरी में सहेजती प्रकृति परिवेश। मानव तेरे स्व-लोभ में घर - नगर बचे न ही देश। हाहाकार मचा धरा,नहीं जल-उपवन-अन्न शेष। क्यूँ तू प्रलय लाने तुला,धरा क्यूँ... Hindi · कविता 1 231 Share Neelam Sharma 21 Apr 2018 · 1 min read किसान प्रदत्त शब्द- किसान दिनांक-21/4/18 दिन-शनिवार नित रोप बीज कर्म, वसुधा पर,किस्मत से सु-आस संजोता हूँ। रखुँ अकळामण उम्मीद धरा से,जिस हिये हल चुभोता हूँ। जोत-जोत काया धरिणी की,कण-कण मैंने कर... Hindi · कविता 1 529 Share Neelam Sharma 9 Apr 2018 · 1 min read आहुति आहुति जीवन चक्र के अग्निकुंड संग, नित वेदी बनकर सजती हूं। आहुति स्व उम्मीदों की,,,,,निस हवन में स्वयं को तजती हूं। छूने सूरज- चांद-तारे बढ़,नीले अंंबर की चोटी चढ़ती हूं।... Hindi · कविता 2 592 Share Neelam Sharma 8 Apr 2018 · 1 min read दर्द देख कर के टीस दिल की, दर्द ने मुझसे कहा, एक ग़म की टीस है या ज़ख्म-ए-दिल,अनेक हैं? दर्द ने रोकर कहा, सुन आज मैं शरमा गया तेरे जिगर की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 430 Share Neelam Sharma 7 Apr 2018 · 1 min read पत्थर के इंसान हम सनम तैराक हैं दर्द-ए-समंदर के बिना तिनके के सहारे है पाई मंजिल। सोचकर सूखा हुआ पतझड़ का पत्ता मुझको रौंदते-कुचलते बढ़ते गए, यार बहुत हैं संगदिल। झेले हैं खूब... Hindi · कविता 565 Share Neelam Sharma 7 Apr 2018 · 1 min read शहनाई प्रदत्त शब्द-# शहनाई विद्या- गीत बोली-मारवाड़ी दिन- शनिवार दिनांक- ७-४-१८ शहनाई (१) *आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई...... बनी * बींदणी विरह, विरहिन की,गूंजी * हिबड़ा मधुर शहनाई, छम -छम नाचे मन की... Hindi · गीत 592 Share Neelam Sharma 31 Mar 2018 · 1 min read धैर्य और संयम सादर प्रेषित हाइकु धैर्य,धीरज,संयम १)धैर्य- संयम सफलता की सीढ़ी अचूक मंत्र। २) सारे गुणों का मजबूत बंधन डोर संयम। ३) इन्द्रि वश में भावना पर काबू संयम युक्ति। ४) धैर्य-संयम... Hindi · हाइकु 1 502 Share Neelam Sharma 31 Mar 2018 · 1 min read मत जाओ मत जा, ए मेरे हमदम, यूं मुझको तन्हा त्याग के। कैसे जीऊंगी तुझ बिन, कैसे दिन कटेंगे बैराग के। तेरे सिवा न कोई मेरा, तेरा हृदय है कूचा मेरा। बुझा... Hindi · कविता 483 Share Neelam Sharma 31 Mar 2018 · 1 min read पनघट दिन- शनिवार दिनांक -३१/३/१८ शरद *पूनो रजनी में तुम, ज्यूं माहताब हो नीलम *अंखियन में। जागे नैना सुन सारी रैना , तुम कान्हा ख्वाब हो नीलम *अंखियन में। पनघट *प्यासो... Hindi · कविता 248 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read कविता हैं लब तेरे खामोश मगर नैना हैं बोलते। सुन राज़ तेरे दिल का, इशारों से खोलते। कुछ लोग नीलम पक्के बहुत नाप तोल में भावों को लेते भांप, फिर ही... Hindi · कविता 298 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read गांव की पगडंडियां 'गांव की पगडंडियां' विद्या - छंद मुक्त दिन- रविवार दिनांक -25/3/18 सुन,गांव से आई *सीली-सीली बासंती *बाल। पूछा मैंने,बता, क्या मेरे *गाम का *स हाल ? क्या अब भी वैसा... Hindi · कविता 433 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read आसमां आसमान किस असमंजस में है, नीलम अंंबर का गलियारा। क्यों ये आसमां गुमसुम,क्यूं चुप आसमान ये सारा। चांद तारों की सभा सजी है,पूनो का फैला उजियारा। चुप सा है विशाल... Hindi · कविता 1 372 Share Neelam Sharma 30 Mar 2018 · 1 min read मौसम पतझड़ का भय हाय क्यों है? जब है मौसम बहार का। आई मिलन की ऋतु सुनो, अब वक्त गया इंतज़ार का। समेटकर के दूर कर, तू दूरियां नीलम। अब तो... Hindi · कविता 211 Share Neelam Sharma 17 Mar 2018 · 1 min read आधुनिकता आधुनिकता पाश्चात्य गुणगान में, हुए हम अति आधुनिक ट्रेंड । माडर्न र्फ्रैंडशिप डे मना रहे, सब बांध हाथ में बैंड। आधुनिक रिश्ते निभ रहे,कर व्हाट्सऐप मेसेज सैंड। बर्दाश्त किंचित शेष... Hindi · कविता 390 Share Neelam Sharma 4 Feb 2018 · 1 min read कविता अभी हूँ जीत से कुछ दूर मगर कुंठित नहीं हूँ मैं खड़ी हूँ पैरों पर अपने मगर लुंठित नहीं हूँ मैं हाँ बनाती हूं नित कूप मैं निज प्यास की... Hindi · कविता 358 Share Neelam Sharma 13 Jan 2018 · 1 min read सत्ता विधा :- कविता दिनांक:-13/01/2018 सादर प्रेषित दी गई शब्दावली संग नाओनोश - बहुत शराब पीना नक्बत - दुर्भाग्य निगेहबाँ - पहरे दार रक्षक महफ़िल - सभा सनक - पागलपन प्रभुत्व... Hindi · कविता 595 Share Neelam Sharma 5 Jan 2018 · 1 min read तन्हा रास्ते तन्हा रास्ते.... कोई होता जिसको अपना,हम अपना कह पाते कान्हा तू भी पास नहीं सुन मेरे,जिसको मैंने अपना जाना। तन्हा तन्हाई बस संग है और हुई दुनिया बेरंग है दूर... Hindi · कविता 1 568 Share Neelam Sharma 28 Dec 2017 · 1 min read विरह आज का कार्य - चित्रलेखन ================= छिप छिप झांके चंद्र धवल, बादल के पट खोल। शोभित श्वेत वसन नहीं,तू क्यों है मूक अनबोल। हो,विकल लहरें पूछतीं, विरहन से हृदय की... Hindi · कविता 555 Share Neelam Sharma 24 Dec 2017 · 1 min read नौजवान हे ऊर्जस्वित नोजवान लहू तुम तुम गतिमान रहो सदा हर्ष में। बदल दो तस्वीर राष्ट्र-सुदेश की मानवीय मूल्य चमके उत्कर्ष में। नव पीढ़ी तुम नव प्रभात में, अग्रसर रहो ले... Hindi · कविता 1 582 Share Neelam Sharma 23 Dec 2017 · 1 min read नौजवान हे ऊर्जस्वित नोजवान लहू तुम तुम गतिमान रहो सदा हर्ष में। बदल दो तस्वीर राष्ट्र-सुदेश की मानवीय मूल्य चमके उत्कर्ष में। नव पीढ़ी तुम नव प्रभात में, अग्रसर रहो ले... Hindi · कविता 322 Share Neelam Sharma 20 Dec 2017 · 1 min read गंगा व्यथा गंगा भागीरथ के पुण्य कर्मों से मानव मैं तेरे पास हूं। खत्म हुआ जाता अस्तित्व मेरा, इसलिए उदास हूं। गंग अंजलि भर भी सुन अब जल नहीं मेरे पास है।... Hindi · कविता 395 Share Previous Page 5 Next