Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2018 · 1 min read

प्रदर्शनी

लघु कथा-प्रदर्शनी
अख़बार पढ़ते पढ़ते माँ स्तब्ध हो बैठ गई।पिताजी समझ गए कि उन्होंने अवश्य ही मानवता को शर्मसार करती कोई खबर पढ़ ली है।वे बोले मनोरमा रेप और हत्या तो आजकल आम खबर है, कितनी बार कहा है तुम्हें ऐसी खबरें मत पढ़ा करो।माँ की आँखे नम थीं, सजल आँखों से वे बोलीं- नहीं जी! आज मन बहुत चिंतित हो रहा है ये सोचकर कि ईश्वर की सबसे सुंदर रचना मानव इतना नृशंश कैसे बन गया, क्या हमारी संस्कृति संस्कार इतने कमज़ोर हो गए हैं कि स्वलाभ के लिए हम कोई भी सीमा लाँघ सकते हैं। सही कह रहें हैं आप मैं रेप और हत्या की ख़बर से ही दुखी हूँ, जीवनदायनी माँ धरती और नदियों का बलात्कार ही तो हो रहा है।हर रोज़ नित नई प्रदर्शनी सी लगती है पर्यावरण संरक्षण के तहत नदियों को स्वच्छ रखने एवं धरती को प्रदूषण मुक्त करने के नए नए उपाय सुझाए जाते हैं,अखबारों, टीवी,सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सुझाव दिए जाते हैं,स्कूली बच्चे तक रैली निकालते हैं पर हम लोगों का व्यवहार किसी प्रदर्शनी में रखी तस्वीरों की तरह हो गया है, जो आकार और रंग ले लिया उसी में फ्रेम होकर बैठ गए है।
नीलम शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 323 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
" नेतृत्व के लिए उम्र बड़ी नहीं, बल्कि सोच बड़ी होनी चाहिए"
नेताम आर सी
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
साइकिल चलाने से प्यार के वो दिन / musafir baitha
Dr MusafiR BaithA
असफलता का जश्न
असफलता का जश्न
Dr. Kishan tandon kranti
* थके पथिक को *
* थके पथिक को *
surenderpal vaidya
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज के दौर
आज के दौर
$úDhÁ MãÚ₹Yá
#विश्वेश्वरैया, बोलना बड़ा मुश्किल है भैया।।😊
#विश्वेश्वरैया, बोलना बड़ा मुश्किल है भैया।।😊
*Author प्रणय प्रभात*
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे  शुभ दिन है आज।
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
Anil chobisa
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
Dhriti Mishra
सोच
सोच
Srishty Bansal
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
ड्यूटी और संतुष्टि
ड्यूटी और संतुष्टि
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-189💐
💐प्रेम कौतुक-189💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
Kanchan Alok Malu
कान्हा प्रीति बँध चली,
कान्हा प्रीति बँध चली,
Neelam Sharma
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
सत्य कुमार प्रेमी
*हमें कर्तव्य के पथ पर, बढ़ाती कृष्ण की गीता (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*हमें कर्तव्य के पथ पर, बढ़ाती कृष्ण की गीता (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
पूर्वार्थ
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3159.*पूर्णिका*
3159.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं स्वयं को भूल गया हूं
मैं स्वयं को भूल गया हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सैनिक की चिट्ठी"
Ekta chitrangini
विरह
विरह
नवीन जोशी 'नवल'
चुभते शूल.......
चुभते शूल.......
Kavita Chouhan
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
हार मानूंगा नही।
हार मानूंगा नही।
Rj Anand Prajapati
चाहे मिल जाये अब्र तक।
चाहे मिल जाये अब्र तक।
Satish Srijan
Loading...