Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2018 · 1 min read

कविता

अभी हूँ जीत से कुछ दूर मगर कुंठित नहीं हूँ मैं
खड़ी हूँ पैरों पर अपने मगर लुंठित नहीं हूँ मैं
हाँ बनाती हूं नित कूप मैं निज प्यास की खातिर
लुटाऊं बाप- दादों का धन,ऐसी किंचित नहीं हूँ मैं।
हूं मैं नीलम, अपनी पहचान मुझको खुद बनानी है,
सबका आशीष है मुझपर, बिल्कुल वंचित नहीं हूं मैं।
नीलम शर्मा

Language: Hindi
336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#हिरोशिमा_दिवस_आज
#हिरोशिमा_दिवस_आज
*Author प्रणय प्रभात*
2499.पूर्णिका
2499.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं,
जाने कैसे दौर से गुजर रहा हूँ मैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
Nasib Sabharwal
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
Vishal babu (vishu)
चिंटू चला बाज़ार | बाल कविता
चिंटू चला बाज़ार | बाल कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
sushil sarna
तरुण
तरुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
*कैसे हम आज़ाद हैं?*
Dushyant Kumar
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
SPK Sachin Lodhi
एक आज़ाद परिंदा
एक आज़ाद परिंदा
Shekhar Chandra Mitra
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नवीन वर्ष (पञ्चचामर छन्द)
नाथ सोनांचली
"चली आ रही सांझ"
Dr. Kishan tandon kranti
#पंचैती
#पंचैती
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
💐प्रेम कौतुक-558💐
💐प्रेम कौतुक-558💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
* कभी दूरियों को *
* कभी दूरियों को *
surenderpal vaidya
फितरत की बातें
फितरत की बातें
Mahendra Narayan
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
मैं
मैं "आदित्य" सुबह की धूप लेकर चल रहा हूं।
Dr. ADITYA BHARTI
कविता: सपना
कविता: सपना
Rajesh Kumar Arjun
देशभक्ति पर दोहे
देशभक्ति पर दोहे
Dr Archana Gupta
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
मनोरम तेरा रूप एवं अन्य मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*अध्याय 10*
*अध्याय 10*
Ravi Prakash
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था
जब हम गरीब थे तो दिल अमीर था "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
Neelam Sharma
प्यारा भारत देश है
प्यारा भारत देश है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
कामयाबी
कामयाबी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...