फितरत की बातें
हिम्मत से हिम्मत की
बातें करता हूँ
जब भी मैं किस्मत
की बातें करता हूँ
कहतें सब मिल जाता
मुझको बिन माँगे
मैं नही अब
चाहत की बातें करता हूँ
शौक सभी सबके
पूरे नही होतें हैं
तभी मैं बस
आदत की बातें करता हूँ
मुझे नही आता है
पकड़ा जाता हूँ
कभी कहीं
फितरत की बातें करता हूँ
महज़ इसी से चुप रहता हूँ
महफ़िल में
शान से अब इज्ज़त की बातें करता हूँ