सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 37 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2020 · 1 min read स्त्री स्त्री (हाइकु) ********** 1 स्त्री है नाजुक सोनजुही बेल सी ढूँढे सहारा 2 है हृदयतल बहुत मर्मस्पर्शी बड़ी भावुक 3 बहती गंगा सी पावन पावक सतीत्व मूर्ति 4 है कर्णधार... Hindi · हाइकु 1 276 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 May 2020 · 1 min read राहों में खड़ी तेरी नूर **** राहों में खड़ी तेरी नूर **** ************************** हाथों पर मेंहदी ,मांग में भर सिंदूर राहों में खड़ी है ,हमसफर तेरी नूर दीवानों सी हालत हैं दीवानगी में मन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 210 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 May 2020 · 1 min read हार कहाँ हमने मानी है *हार कहाँ हमने मानी है* ******************** मन में हमने यह ठानी है हार कहाँ हमने मानी हैं चाहे कष्टों भरा साया हो संकट महाजाल फैलाया हो चाहे तन मन घबराया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2020 · 1 min read धन धन बाबा रोशन जी धन धन बाबा रोशन जी ****************** धन धन बाबा रोशन जी तेरी महिमा अपरंपार सारे जग दा रखवाला गुण गावे सारा संसार जग नूँ तारण सी आया दुखियाँ दा दुख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 308 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2020 · 1 min read भर लो मूझको तेरी बाहों में भर लो मुझको तेरी बाहों में ********************* किस बात पर रूठी रहती हो कोशिश करो मुझे बताने की जी जान लगा तुम्हें मना लेंगे तरकीब बताइए मनाने की बेरूखी सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2020 · 1 min read महफिले थम सी गई ** महफिलें थम गई ** ****************** महफिलें हैं थम सी गई रौनकें भी जम सी गई भर भर प्याले पीते थे वो घड़ियाँ बीत सी गई मेले खूब भरते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 405 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2020 · 1 min read मंजिलें आसपास थी मंजिलें आसपास थी **************** मंजिलें आसपास थी सफर में अटके रहे महबूब तो पास था पर हम ढूँढते रहे कस्तूरी नाभि में थी मृग वन भटकते रहे ईश्वर मन अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 358 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2020 · 1 min read दीदार को तरसे ** दीदार को तरसे ** ****************** तेरे दीदार को तरसे तेरे निहार को तरसे तेरे पास में रहकर भी तेरे साथ को हैं तरसे तुझसे कोई बात न हुई मुलाकात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 238 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 May 2020 · 1 min read तुम्हारा नाम **** तुम्हारा नाम **** ****************** हथेली पर हम लिखते है तुम्हारा प्यारा सा नाम लिख कर मिटाते रहते हैं तुम्हारा प्यारा सा नाम कहीं रेत ढ़ेर को रौंद पर कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 193 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2020 · 1 min read खुद से रूठ बैठे ** खुद से रूठ बैठे *** ****************** हम तुम्हें मनाते-मनाते हम खुद से हैं रूठ बैठे तुझको याद करते करते हम खुद को है भूल बैठे जीवन में तुझे पाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 465 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2020 · 1 min read प्रेम ज्वाला ****** प्रेम ज्वाला ****** ********************** जब से तुम से है प्रीत लगाई तब से दुनिया दिल से भूलाई तेरे ख्यालों में खोयें रहते मन को भाने लगी है तन्हाई जबसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 511 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 May 2020 · 1 min read लगते अब फल नहीं लगते अब फल नहीं *************** दरख्त फलदार हैं लगते अब फल नहीं अपने है घर बार खुलते अब दर नहीं तरुवर छायादार बैठें अब जन नहीं बेशक प्रेम विवाह रहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 179 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2020 · 1 min read चोट खा बैठे किटाणु से ***** चोट खा बैठे किटाणु से ***** ***************************** जगत तो सारा डरता रहा परमाणु से चुपके चुपके चोट खा बैठे किटाणु से विकसित देशों ने परमाणु बम बनवाए शक्ति प्रदर्शन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 May 2020 · 1 min read तुम याद न आया करो तुम याद न आया करो ***************** तुम याद न आया करो हमें न तड़फाया करो तुम आँखों में छाये नजरें न चुराया करो रग रग में समाये हो तुम दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 282 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2020 · 1 min read प्रवासी मजदूर *** प्रवासी मजदूर *** ****************** अधनंगे बदन नंगे कदम बढते कदम मंजिल ओर खाली पेट बांध भूख प्यासे पंछी नीड़ ओर सिर रखी भारी गठरी चले मजदूर घर ओर बेबस... Hindi · कविता 1 223 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2020 · 1 min read कविता बहती सरिता * कविता बहती सरिता * ******************** मेरी कविता बहती सरिता भावों की बहती जल धारा मन अंदर में उठें हाव भाव विचार समेटती काव्यधारा भेजे में मचती उथल पुथल संवारती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 274 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 May 2020 · 1 min read जोगी लेने आया भीख **** जोगी लेने आया भीख *** ************************** जोगी आया दर पर माँगने भीख कासा ले हाथ आया माँगने भीख सुंदर सुडौल सन्यासी वो तेजस्वी किस देश दिशा से आ मांगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 242 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2020 · 1 min read कहाँ गया बेदर्दी ******* कहाँ गया बेदर्दी ******* *************************** कहाँ गया बेदर्दी,मन को तड़फा के कहाँ गया बेदर्दी,दिल को तरसा के खुली हुई आँखो में ख्वाब सजाए थे कहाँ गया स्वप्नकार स्वप्न दिखा... Hindi · कविता 2 299 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2020 · 1 min read कहाँ गया बेदर्दी ******* कहाँ गया बेदर्दी ******* *************************** कहाँ गया बेदर्दी,मन को तड़फा के कहाँ गया बेदर्दी,दिल को तरसा के खुली हुई आँखो में ख्वाब सजाए थे कहाँ गया स्वप्नकार स्वप्न दिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 505 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 May 2020 · 1 min read बेकाबू मन *** बेकाबू मन *** *************** काबू किया मेरा मन वस में नहीं मेरा तन मन से ही रहे जाती सीधी राहें ओर तन भड़के देह में ज्वाला प्रेमाग्नि में मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 267 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2020 · 1 min read प्रेम जिंदगी की इबाबत * प्रेम जिन्दगी की इबाबत * ********************** न शिकवा न कोई शिकायत खुदा की है मुझ पर इनायत जिसको चाहा वो मिल गया यह किस्सा यही है रिवायत सब कुछ... Hindi · कविता 1 2 365 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2020 · 2 min read मासिक धर्म लीक से कुछ हटकर कोशिश *********************** ***** मासिक धर्म ***** ******************** मेरा वतन बहुत निराला है धर्म,जाति का बोलबाला है धर्म के नाम पर मर मिटते बढ़ जाएं तो पीछे... Hindi · कविता 2 4 264 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2020 · 1 min read भेंट चढा बचपन *** खोता बचपन **** ****************** जीवन का स्वर्णिम काल होता प्यारा बाल्य काल बचपन की बातें निराली सूरत होती भोली भाली जो होती है मन में भात वहीं करते हैंं... Hindi · कविता 3 213 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 May 2020 · 1 min read भेंट चढा बचपन *** खोता बचपन **** ****************** जीवन का स्वर्णिम काल होता प्यारा बाल्य काल बचपन की बातें निराली सूरत होती भोली भाली जो होती है मन में भात वहीं करते हैंं... Hindi · कविता 2 256 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 May 2020 · 1 min read दीवारों के भी कान होते हैं **** दीवारों के भी कान होतज हैं **** ******************************* सुना है दीवारों के भी कान होते है जिन्दगी के रास्ते भी सुनसान होते है सजी मजलिसो में खूब रौनक बहारां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2020 · 1 min read प्रेम राहें गुमराह *** प्रेम राहें गुमराह **** ******************** चाँद तारे सारे गवाह है तेरे बिना जीवन सवाह है आसमां में दामिनी दमकती गिरे जो भू पर सब तबाह है फलक पे पयोधर... Hindi · कविता 1 4 230 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 May 2020 · 1 min read गुजरा जमाना ******** गुजरा जमाना ******* *************************** गुजरा जमाना मुझे याद आता है पल पल बिताया साथ याद आता है तेरा वो हंसते हुए शरमा जाना हया से नजर चुराना याद आता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 237 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2020 · 1 min read पायल.की तरह ***** घुँघरू की तरह ****** *********************** घुँघरू की तरह मैं बजता रहा घुट घुट के जीवन में मरता रहा किसी ने कभी मुझे समझा नही दूसरों को सदा मैं समझता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 439 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 May 2020 · 1 min read तेरी पायल ***** तेरी पायल **** ****************** तेरी पायल की झनकार कर्णप्रिय सी है शानदार ये झमझमाझम बजती है दिल करती है ये तारतार घुँघरू की मधुर आवाज दिल के होती है... Hindi · कविता 2 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2020 · 1 min read तेरी तस्वीर सीने लगाई है तेरी तस्वीर सीने लगाई है ******************** तेरी तस्वीर सीने लगाई है मुझे तेरी मिली बेवफाई है बेवफा ये जफा तुम्हारी है प्रेम में सजा तूने सुनाई है चाहना तुझे खता... Hindi · कविता 2 199 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 May 2020 · 1 min read अमूल्य निधि माँ **** अमूल्य निधि माँ **** ********************** पीपल सी शीतल छाँव है माँ मधुर , मृदुल एहसास है माँ दरिया सी गहराई है दिल में आँचल में छिपा लेती है माँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 527 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 May 2020 · 1 min read शर्माया मत कर **** शर्माया मत कर ***** ********************** हद से ज्यादा शर्माया मत कर खामख्वाह इतराया मत कर मेरी नींदों में आ कर हमनशीं रात भर मुझे जगाया मत कर आ जाते... Hindi · कविता 2 234 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 May 2020 · 1 min read थंहम सा नहीं दीवाना * हम सा नहीं दीवाना * ****************** चाहे पूछ लो जमाना हम सा नहीं दीवाना यह हवाएं कह रही हैं हम से है दिल लगाना सुन सदाएं दे रही है... Hindi · कविता 356 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 May 2020 · 1 min read रास्ते ***** रासते ***** *************** रास्ते ये हैं प्यार के कट जाएंगे प्यार से आगे तुम बढते रहो मिल जाएंगे राह पे राहें बहुत कठिन हैं चलना जरा ध्यान से कांटों... Hindi · कविता 225 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 May 2020 · 1 min read आदत सी हो गई ***** आदत सी हो गई ****** ************************* गम पीने की आदत सी हो गई मात खाने की आदत सी हो गई गैरों के सितम से तो हम बच गए अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 May 2020 · 1 min read शुर्पणखा सरीखी नार *** शुर्पणखा सरीखी नार *** ************************ शुर्पणखा सरीखी मतवाली नार समाज में सर्वदा होती बदकार पराए मर्द पर नजर है रखती चंचल नटखट होते कुकृत्य कार सदियों से धिक्कारी ही... Hindi · कविता 2 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2020 · 1 min read हाला हवाले हाला हवाले (हाइकु) ***************** है मयखाना संभाल को तैयार अर्थव्यवस्था मय की पेटियाँ बहुत ही जरूरी सस्ती रोटियाँ आज जरूरी बैठाना कमीशन घाटे की जाँच ये जनार्दन गठित सरकार मदिरा... Hindi · हाइकु 2 2 292 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2020 · 1 min read विधि का विधान विधि का विधान ************** विधि का विधान है होनी बलवान है होना जो वो होगा सर्वोपरि भगवान है मोह मत कीजिए लोभ मत कीजिए क्रोध मत कीजिए श्रेष्ठतम जुबान है... Hindi · कविता 230 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2020 · 1 min read दीवानगी ******** दीवानगी ******** ************************ हम तेरे बिन कहीं रह नहीं पाए रह ना पाएं कहीं जी नहीं पाएं तेरा मेरा मिलन सदियों पुराना जमाना हमें जुदा कर नहीं पाए जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 254 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 May 2020 · 1 min read लोरी ********* लोरी ******** ********************** अखियों में आजा निंदिया री जल्दी से सुला जा निंदिया री कब से हैं बैचन नैना रै बैचेनी मिटा जा निंदिया री चाँद तारे भी है... Hindi · कविता 1 740 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 May 2020 · 1 min read मेरे देश का हिसाब मेरे देश का हिसाब *************** कबाब और शराब महफिल में शवाब यही तो है जनाब मेरे देश का हिसाब मिलती नहीं है रोटी भारी है मदिरा पेटी नियत लगती खोटी... Hindi · कविता 1 4 448 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 May 2020 · 1 min read माँ बेटी माँ-बेटी (हाइकु) ************* माँ और बेटी जीवन की पहेली सखी सहेली घनिष्ठ रिश्ता सच्चाई से निभता परमानंद हैं परछाई परस्पर समाई जोड़ी बनाई मन के भाव झट से समझती घर... Hindi · हाइकु 1 2 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2020 · 1 min read प्रेम रागी मरता नहीं **प्रेम रागी मरता नही** ****************** दिल है जो मानता नहीं वक्त को पहचानता नहीं प्यार में डूबा रहता है कुछ भी है जानता नहीं ख्यालों में खोया रहता होश में... Hindi · कविता 1 2 267 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2020 · 2 min read सीता त्याग ****** सीता त्याग ***** ****** चौपाई ******** जनक नन्दिनी राजदुलारी मिथिला की थी राजकुमारी अयोध्या नगर की पटरानी राजा दशरथ की बहुरानी मर्यादा पुरुषोत्तम महान अयोध्या का राजा श्रीराम श्रीराम... Hindi · कविता 1 2 453 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 May 2020 · 1 min read श्रम साधक को विश्राम कहाँ श्रम साधक को विश्राम कहाँ *********************** देखा है खेत - खलिहानों में बाजारों की खुली दुकानों में निर्माणाधीन घर-मकानों में श्रम साधक को विश्राम कहाँ जेठ की धूप में वो... Hindi · कविता 1 4 274 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2020 · 1 min read रिमझिम बारिश (चौपाई) ***** रिमझिम बारिश ***** (चौपाई) *********************** रिमझिम रिमझिम बारिश आई प्रेम वर्षण की झड़ी लगाई आसमान में छाये बादल काले घने घनरे बादल धरती पर छम छम बरस रहे नभ... Hindi · घनाक्षरी 2 754 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2020 · 1 min read टूटे अरमान (चौपाई) ** टूटे अरमान (चौपाई) ** ********************** जिन्दगी खुली सीकिताब थी मस्तियाँ बहुत बेहिसाब थी खूब खुला आना - जाना था ना कोई ताना - बाना था न कोई प्रेम अफसाना... Hindi · हाइकु 2 517 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 May 2020 · 1 min read गहरे घाव (चौपाई) ** गहरे घाव (चौपाई) ** ********************* घाव मिले जो तन पर भारी देता बन कर अत्याचारी मरहम पट्टी युक्ति सेवन से घाव चोट का उबरे झट से घाव मिले जो... Hindi · कविता 2 299 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 May 2020 · 1 min read विधवा नार विधवा-नार (हाइकु) **************** विधवा नारी समाज से दुत्कारी रहे बेचारी दुखों का बोझ ढ़ोती वो हर रोज है गमगीन घात आघात मिलते प्रतिघात सहे खामोश लज्जा-घूंघट सदा ओढ़े रहती रहे... Hindi · हाइकु 444 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 May 2020 · 1 min read सब हैं बंदी **हम सब बंदी (चौपाई)** ********************* दिल भारी फैली महामारी काम ना आए जुगत हमारी घर में हो गए हम सब बंदी देश में छा गई महामंदी हाल बेहाल थम गया... Hindi · कविता 2 6 245 Share Previous Page 37 Next