sushil sarna 637 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next sushil sarna 9 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . नयन बड़े बेशर्म हैं, नयनों का क्या धर्म। प्रीत सयानी जानती , प्रणय क्षुधा का मर्म।। अभिसारों के वेग में, टूट गए सब बंध... Quote Writer 53 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read बूढ़ी माँ ... बूढ़ी माँ ... अपनी आँखों से गिरते खारे जल को अपनी फटी पुरानी साड़ी के पल्लू से बार- बार पौंछती फिर पढ़ती गोद में रखी रामायण को बूढ़ी माँ व्यथित... 34 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read थाली भोजन की लगी, वधू करे मनुहार । थाली भोजन की लगी, वधू करे मनुहार । पापड़ चलेगा साथ में , या फिर चले अचार । या फिर चले अचार, पिया जी कुछ तो बोलो । गुस्से की... 28 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read पहले अपने रूप का, पहले अपने रूप का, कर लूँ मैं शृंगार । साजन फिर आराम से, कर लेना दीदार ।। सुशील सरना / 8-5-24 Quote Writer 39 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . रिश्ते दोहा सप्तक. . . . रिश्ते आपस के माधुर्य को, हरते कड़वे बोल । मिटें जरा सी चूक से, रिश्ते सब अनमोल ।। शंका से रिश्ते सभी, हो जाते बीमार... 28 Share sushil sarna 7 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . दोहा त्रयी. . मैखाने में जाम से, टकराये जब जाम । जन्नत जैसी हो गई, मस्तानों की शाम ।। छम- छम करती बज्म में, साकी लायी जाम । डूबे यूँ... Quote Writer 33 Share sushil sarna 6 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . तोड़ दिए आवेश में, मधुर सभी संबंध । कैसी फैली स्वार्थ की, संबंधों में गंध ।। मतलब निकला खो गई, आपस की पहचान । खून देखता... Quote Writer 42 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read मेरी तुझ में जान है, मेरी तुझ में जान है, तेरी मुझ में जान। जान धड़कती जान से , आखिर क्यों अंजान ।। सुशील सरना / 5-5-24 Quote Writer 37 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read कुंडलिया. . . कुंडलिया. . . जीवन जीने के सभी, बिगड़ गए अनुपात । उधर लुड़कते लोग अब, झुकती जिधर परात । झुकती जिधर परात , सभी हैं अवसरवादी । फेरे लेते सात... Quote Writer 30 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read सिन्दूर (क्षणिकाएँ )..... सिन्दूर (क्षणिकाएँ )..... सजावट की नहीं निभाने की चीज है सिन्दूर ****** निभाने की नहीं आजकल सजावट की चीज है सिन्दूर ****** छीन लिया है अर्थ सिन्दूर का वर्तमान के... 16 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read यादों के संसार की, यादों के संसार की, बड़ी अजब तासीर । पास नहीं लेकिन बसे , नैनों में तस्वीर ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 55 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read हुई बात तो बात से, हुई बात तो बात से, निकली फिर वही बात । बात - बात में रात को, तड़पा गया प्रभात ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 39 Share sushil sarna 3 May 2024 · 1 min read अहं के ताज़ को …………… अहं के ताज़ को …………… पूजा कहीं दिल से की जाती है तो कहीं भय से की जाती है कभी मन्नत के लिए की जाती है तो कभी जन्नत के... 20 Share sushil sarna 3 May 2024 · 1 min read चिंगारी के गर्भ में, चिंगारी के गर्भ में, निहित आग का ताप । आ जाए जो क्रोध में, बन जाती ये श्राप ।। सुशील सरना / 3-5-24 Quote Writer 44 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read गजब हुआ जो बाम पर, गजब हुआ जो बाम पर, देखा एक शबाब । उस पर फिर रुखसार से, उड़ता रहा हिजाब ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 44 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । हर करवट अब चश्म है, अश्कों से गुलज़ार ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 33 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read क्षणिकाएँ. . क्षणिकाएँ. . रात लग गई गरीबी की हाट सज गया फुटपाथ ...................... काली रात रोशन गरीबों से फुटपाथ ..................... वोटों का खजाना आश्वासनों पर खाली पेट गरीबों का सिर हिलाना... 1 38 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूरों से पूछिए, मजदूरों से पूछिए, उनके दिल का हाल । दूर पहुंचे पेट से, उनके आटा- दाल ।। सुशील सरना / 1-5-24 Quote Writer 49 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूर की मजबूरियाँ , मजदूर की मजबूरियाँ , प्रतिदिन के हैं दंश । अर्थ अर्जन में झोंकता, अपना सारा वंश ।। सुशील सरना /1-5-24 Quote Writer 39 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . मजदूर दोहा पंचक. . . . मजदूर रात बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ ।। सभी दिवस मजदूर के, जाते एक समान... 29 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूर दिवस पर एक रचना मजदूर दिवस पर एक रचना 1-5-24 मजदूर ... अनमोल है वो जिसे दुनिया मजदूर कहती है इसी के बल से धरातल पर ऊंचाई रहती है कहने को मेरुदंड है वो... 37 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read इल्म हुआ जब इश्क का, इल्म हुआ जब इश्क का, दिल धड़का सौ बार । बार -बार करने लगा, दिल उसका दीदार ।। सुशील सरना / 30-4-24 Quote Writer 30 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read उल्फत के हर वर्क पर, उल्फत के हर वर्क पर, अश्क लिखें तहरीर । किसने बदली ख्वाब की, चुपके से तकदीर ।। सुशील सरना / 30424 Quote Writer 43 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read असर हुआ इसरार का, असर हुआ इसरार का, जागे सारे ख्वाब । बाँहों की आगोश में, लिपटा रहा शबाब ।। सुशील सरना / 30-4-24 Quote Writer 35 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read गुजरा कल हर पल करे, गुजरा कल हर पल करे, जीवन से संवाद । वर्तमान को छेदती , याद सुवासित नाद ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 1 46 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read आता है संसार में, आता है संसार में, कौन किसी के काम । काम निकाला सब चले, अपने -अपने धाम ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 50 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read काला धन काला करे, काला धन काला करे, मानव का हर कर्म । अर्थ प्राप्ति संसार में, उसका बनता धर्म ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 44 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना पंख पतंगे के मिले, बुझी शमा के पास । था यह उनके वस्ल का, अंतिम चरम प्रयास ।। महफिल में तनहा जली, लेकर... 29 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read Micro poem ... Micro poem ... We have to take off glasses From eyes To wipe The pain inside Written on the cheeks A story Before drying Sushil Sarna 28424 Quote Writer 41 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read पंख पतंगे के मिले, पंख पतंगे के मिले, बुझी शमा के पास । था यह उनके वस्ल का, अंतिम चरम प्रयास ।। सुशील सरना / 28-4-24 Quote Writer 48 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष । काकी से काका कहे, करके थोड़ा रोष । व्यर्थ खर्च को रोकिए , बीता संचित कोष। बीता संचित कोष , व्यर्थ के रोको खर्चे । देखो मेरी जेब , भरे... 30 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read साहिलों पर .... (लघु रचना ) साहिलों पर .... (लघु रचना ) गुफ़्तगू बेआवाज़ हुई अफ़लाक से बरसात हुई तारीकियों में शोर हुआ सन्नाटे ने दम तोड़ा तड़प गयी इक मौज़ बह्र-ए-सुकूत में और डूब गए... 22 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read दलदल.............. दलदल.............. लोभ,लालच,प्रलोभन एक ही भाव के अलग अलग परिधान ये तीनों अंतस गर्भ में कुंडली मारे हमारे कर्मों में व्यवधान डालते हैं आँख खुलते ही जीने का मोह सताता है... 30 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, इक हादसा हुआ और सहर हो गई । सुशील सरना / 27-4-24 Quote Writer 35 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलि गंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे डोर ।। अलिकुल की गुंजार से, सुमन हुए... 22 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read देख स्वप्न सी उर्वशी, देख स्वप्न सी उर्वशी, बेकल बहके भाव । मन की नटखट कामना, लगी चलाने नाव ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 42 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read पुष्प रुष्ट सब हो गये, पुष्प रुष्ट सब हो गये, देख पवन का रोष । बिना गंध उद्यान में , सूना लगे प्रदोष ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 48 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read कभी लगे इस ओर है, कभी लगे इस ओर है, कभी लगे उस ओर । जाने मन के गाँव की, प्रीत छाँव किस छोर ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 43 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह। जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह। स्याह रात में हो गया, दिल से हसीं गुनाह। आफ़ताब ने खोल दिए, शब् के सारे राज़ - बंद पलक में शर्म को,... Quote Writer 36 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read क्षणिका ... क्षणिका ... उतारना पड़ता चश्मा आँखों से पौंछ्ने के लिए अन्तस की वेदना को गालों पर लिखी किसी कहानी को सूखने से पहले सुशील सरना / 25424 Quote Writer 44 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read पाप पंक पर बैठ कर , पाप पंक पर बैठ कर , करें पुण्य की बात । ढोंगी लोगों से मिलेेें, सदा यहाँ आघात ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 57 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read अजब प्रेम की बस्तियाँ, अजब प्रेम की बस्तियाँ, जहाँ विरह के गीत । अखियाँ हरदम ढूँढती, परदेसी मन मीत ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 39 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read धवल चाँदनी में हरित, धवल चाँदनी में हरित, हुए हृदय के घाव । खारे जल के नैन से, छलके अविरल स्राव ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 46 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read आज अचानक फिर वही, आज अचानक फिर वही, आया दिल के गाँव । मिली मिलन की आग की , जैसे शीतल छाँव ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 42 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read छल छल छलके आँख से, छल छल छलके आँख से, अश्कों के सैलाब । पन्ने फड़के याद की, तड़पी बंद किताब ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 40 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read बेशर्मी से ... (क्षणिका ) बेशर्मी से ... (क्षणिका ) अन्धकार चीख उठा स्पर्शों के चरम धधक उठे जब पवन की थपकी से इक दिया बुझते बुझते बेशर्मी से जल उठा सुशील सरना Quote Writer 44 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read जिन्दगी .... जिन्दगी .... जिन्दगी फिर जीने लगी जिन्दगी जिन्दगी के बाद जिन्दगी से ऊपर सुशील सरना / 24-4-24 Quote Writer 41 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read जाल .... जाल .... बहती रहती है एक नदी सी मेरे हाथों की अनगिनित अबोली रेखाओं में मैं डाले रहता हूँ एक जाल न जाने क्या पकड़ने के लिए हाथ आती हैं... 27 Share sushil sarna 24 Apr 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . टूटे प्यालों में नहीं, रुकती कभी शराब । कब जुड़ते है भोर में, पलक सलोने ख्वाब ।। मयखाने सा नूर है, बदन अब्र की... Quote Writer 48 Share sushil sarna 23 Apr 2024 · 1 min read अधूरा पृष्ठ ..... अधूरा पृष्ठ ..... बिजली आसमानों में पलटती रही मेघों के पृष्ठ बेनकाब हो गया आखिर अंतिम पृष्ठ हमारी अदेह प्रेमाभिव्यक्ति के अबोले उन्माद के चरमोत्कर्ष का तीक्ष्ण शूल की वेदना... 32 Share Previous Page 3 Next