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विवेकवान कैसे बनें। ~ रविकेश झा
विवेकवान कैसे बनें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
जहां विश्वास है वहां प्रेम है जहां मोह है वहां क्रोध है, हमे
जहां विश्वास है वहां प्रेम है जहां मोह है वहां क्रोध है, हमे
Ravikesh Jha
प्रेम और भय क्या है दोनों में क्या अंतर है। रविकेश झा
प्रेम और भय क्या है दोनों में क्या अंतर है। रविकेश झा
Ravikesh Jha
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
Ravikesh Jha
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
Ravikesh Jha
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
Ravikesh Jha
आपको स्वयं के अलावा और कोई भी आपका सपना पूरा नहीं करेगा, बस
आपको स्वयं के अलावा और कोई भी आपका सपना पूरा नहीं करेगा, बस
Ravikesh Jha
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
ऊर्जा का सार्थक उपयोग कैसे करें। रविकेश झा
ऊर्जा का सार्थक उपयोग कैसे करें। रविकेश झा
Ravikesh Jha
जब प्रेम की अनुभूति होने लगे तब आप समझ जाना की आप सफलता के त
जब प्रेम की अनुभूति होने लगे तब आप समझ जाना की आप सफलता के त
Ravikesh Jha
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
Ravikesh Jha
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
सत्य वर्तमान में है और हम भविष्य में उलझे हुए हैं।
Ravikesh Jha
नवरात्रि में ध्यान का महत्व। - रविकेश झा
नवरात्रि में ध्यान का महत्व। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
प्रेम का कोई उद्देश्य नहीं प्रेम स्वयं एक उद्देश्य है।
Ravikesh Jha
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
Ravikesh Jha
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
Ravikesh Jha
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
घृणा प्रेम की अनुपस्थिति है बस जागरूकता के साथ रूपांतरण करना
Ravikesh Jha
जो हम सोचेंगे वही हम होंगे, हमें अपने विचार भावना को देखना ह
जो हम सोचेंगे वही हम होंगे, हमें अपने विचार भावना को देखना ह
Ravikesh Jha
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
ध्यान क्या है, ध्यान क्यों करना चाहिए, और ध्यान के क्या क्या फायदा हो सकता है? - रविकेश झा
Ravikesh Jha
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
अवचेतन और अचेतन दोनों से लड़ना नहीं है बस चेतना की उपस्थिति
Ravikesh Jha
हम अपना जीवन अधिकतम बुद्धिमत्ता के साथ जीना चाहते हैं, इसका
हम अपना जीवन अधिकतम बुद्धिमत्ता के साथ जीना चाहते हैं, इसका
Ravikesh Jha
प्रेम आपको परिवर्तन के तरफ, और मोह अहंकार के तरफ ले जाता है।
प्रेम आपको परिवर्तन के तरफ, और मोह अहंकार के तरफ ले जाता है।
Ravikesh Jha
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
Ravikesh Jha
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
उधार का ज्ञान - रविकेश झा
Ravikesh Jha
यदि आप स्वयं के हिसाब से परिस्थिती चाहते हैं फिर आपको सही गल
यदि आप स्वयं के हिसाब से परिस्थिती चाहते हैं फिर आपको सही गल
Ravikesh Jha
सफलता और असफलता के बीच आत्मछवि- रविकेश झा
सफलता और असफलता के बीच आत्मछवि- रविकेश झा
Ravikesh Jha
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
प्रेम हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
प्रेम हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
Ravikesh Jha
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
Ravikesh Jha
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
Ravikesh Jha
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
Ravikesh Jha
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Ravikesh Jha
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
स्वयं की खोज कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
अपने जीवन में समस्या को समझने के बजाय, हम उसकी कल्पना करके उ
अपने जीवन में समस्या को समझने के बजाय, हम उसकी कल्पना करके उ
Ravikesh Jha
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
भय दिखा कर कोई महान नहीं हो सकता है, हां वो प्रेमपूर्ण होने
भय दिखा कर कोई महान नहीं हो सकता है, हां वो प्रेमपूर्ण होने
Ravikesh Jha
अगर हम कोई भी काम जागरूकता के साथ करेंगे तो हमें निराशा नहीं
अगर हम कोई भी काम जागरूकता के साथ करेंगे तो हमें निराशा नहीं
Ravikesh Jha
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
Ravikesh Jha
यदि आप जीत और हार के बीच संतुलन बना लिए फिर आप इस पृथ्वी पर
यदि आप जीत और हार के बीच संतुलन बना लिए फिर आप इस पृथ्वी पर
Ravikesh Jha
विचार में जीने से बेहतर हृदय में जीना चाहिए। - रविकेश झा
विचार में जीने से बेहतर हृदय में जीना चाहिए। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
जीवन में प्रेम और ध्यान को मित्र बनाएं तभी आप सत्य से परिचित
जीवन में प्रेम और ध्यान को मित्र बनाएं तभी आप सत्य से परिचित
Ravikesh Jha
कर्म का फल भाग - 1 रविकेश झा
कर्म का फल भाग - 1 रविकेश झा
Ravikesh Jha
जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा
जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा
Ravikesh Jha
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
जीवन जीने का ढंग - रविकेश झा
Ravikesh Jha
आज सत्य को जानने का अवसर।
आज सत्य को जानने का अवसर।
Ravikesh Jha
धन से बड़ा ध्यान।
धन से बड़ा ध्यान।
Ravikesh Jha
सुनने की कला आपको स्वयं तक पहुंचा सकता है।
सुनने की कला आपको स्वयं तक पहुंचा सकता है।
Ravikesh Jha
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