Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 3 min read

अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य – रविकेश झा

हम जीवन जी रहे हैं लेकिन हमें पता नहीं चलता कि हम कुछ और भी हो सकते है। भौतिक सुख से आत्मिक सुख भी हो सकता है। हमें बेहतर जीवन जीने का काला क्या हो सकता है कैसे हम कुछ खोजें कैसे हम जीवन का उद्देश्य पता किया जाए, रविकेश झा यानी मैं आपको अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन के उद्देश्य को समझा रहा हूं।

बहुत से लोग जीवन का उद्देश्य तलाशते हैं। कुछ को मिलता है तो वो उसमें खो जाता है, और कुछ भटकता रहता है अंत तक मृत्यु तक फिर जन्म लेना फिर खोजना यह निरंतर चलता रहता है। आप हिमालय जाकर देखें और कही भी मिल जायेंगे, लेकिन यह खोज अक्सर उन्हें विभिन्न अध्यात्मिक मार्गो की खोज की ओर ले जाती है। अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन के उद्देश्य को समझने से गहरी अंतदृष्टि और शांति मिल सकता है। और हमें जागरूकता के साथ चलना होगा।

अध्यात्म जीवन को देखने का एक अनोखा नजरिया प्रदान करता है। यह आपको भौतिक लाभ से परे देखने और आंतरिक विकाश पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस यात्रा ने आत्म-खोज और एक उच्च शक्ति के साथ संबंध शामिल हैं। लेकिन याद रहे हमें जीवन में निरंतर आगे बढ़ना है और प्रेम के रास्ते पर चलना होगा। रास्ता एक ही है प्रेम का, जीवन का उद्देश्य प्रेम होना चाहिए, कामना से करुणा घृणा से प्रेम यही उद्देश्य होना चाहिए जो बेहतर हो सकता है जीवन जीने में।

हमें देखना होगा प्रतिदिन हम कैसे जीते हैं चीखते है चिल्लाते रहते हैं क्रोध भरा परा है वासना है कैसे हम प्रेम कर सकते हैं, रास्ता दिखता नहीं और हम जटिल होते जाते हैं। रास्ता है पर हम कामना के रास्ते पर चलते हैं क्योंकि हमें पता भी नहीं है कि करुणा से क्या होगा स्त्री समझती है पर पुरुष पत्थर बने हुए हैं, बस वासना कामना से भरे पड़े हैं।

ध्यान का यात्रा करना होगा, जीवन की यात्रा में जागरूकता लाना होगा, आत्म-खोज का समर्थन करना होगा। यह लोगों को उद्देश और अपनेपन की भावना महसूस करने में मदद करेगा।
प्राथना, ध्यान, जागरूकता , अन्य अध्यात्मिक अभ्यास इस संबंध को मजबूत कर सकते हैं। ये प्रथाएं लोगों को उनके उच्च उद्देश्य के साथ अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद करती हैं। वे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भी आराम प्रदान करेगा।

प्रेम की शक्ति को समझना होगा प्रेम हमें देना, होना सिखाता है नहीं की लेना, क्योंकि हम बहुत लोग ये सोचते हैं की हम प्रेम कर रहे हैं नहीं हम कामना करते हैं स्पर्श भी कामना है और बात करना भी, ये सब सिद्ध हो चुका है पहले। हमें प्रेम का मतलब नहीं पता चलता। हम बस सामने के साथ है बस एक है बस चैतन्य है दोनों एक में डूबे हुए है ये प्रेम है बस सब कुछ दे देना ।

उच्च शक्ति आपको एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना सिखाता है ऊर्जा बहुत हो जाता है फिर हम कुछ कार्य कामना पूर्ण करने में लग जाते हैं उसे समझना होगा, ध्यान में स्वयं के ऊर्जा को लाना होगा, तभी हम पुर्णशक्ति का उपयोग कर सकते हैं।

अध्यात्मिक विकाश में समुदाय महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समान विचारधारा वाले समूह का हिस्सा होने से समर्थन और प्रोत्साहन मिल सकता है। यह ऊर्जा आपको साझा, सीखने और विकाश के अवसर भी प्रदान करता है। आपको सभी समुदाय से जुड़ने में मदद करता है।

जब आप जागरूकता लाओगे फिर आप वह नहीं रहोगे जो अभी हो आप, आपको कुछ करने का मन करेगा जागने का मन करेगा, कुछ खोने का क्योंकि सब कुछ मिल जाता है फिर आप क्या करोगे लुटा दोगे आप, कुछ नहीं बचता रखने के लिए सब बाहर हो जाता है और वो हीरा से जी कीमती है होश चैतन्य सब मिल जाता है। फिर आप चाहोगे की सबको मिले, क्योंकि आपके नजर में वो भिकारी बन जाता है और आप बादशाह, क्योंकि आप सब जान लेते हैं और सब जीवन में स्पष्ट हो जाता है सब साफ दिखाई परता है।

130 Views

You may also like these posts

Kharaila Vibhushan Pt. Tripurari Mishra is passes away in morning
Kharaila Vibhushan Pt. Tripurari Mishra is passes away in morning
Rj Anand Prajapati
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
पूर्वार्थ
धड़कन
धड़कन
Rambali Mishra
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
शेखर सिंह
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आयेगा कोई
आयेगा कोई
Dr. Bharati Varma Bourai
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घर छोड़ गये तुम
घर छोड़ गये तुम
Rekha Drolia
सिर्फ खुशी में आना तुम
सिर्फ खुशी में आना तुम
Jitendra Chhonkar
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
चौमासा विरहा
चौमासा विरहा
लक्ष्मी सिंह
पत्थर दिल समझा नहीं,
पत्थर दिल समझा नहीं,
sushil sarna
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
पापा तुम्हारे ना होने पर.…..
पापा तुम्हारे ना होने पर.…..
पं अंजू पांडेय अश्रु
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
परिणाम विश्लेषण, (घनाक्षरी छंद)
परिणाम विश्लेषण, (घनाक्षरी छंद)
guru saxena
विदाई गीत
विदाई गीत
Suryakant Dwivedi
3444🌷 *पूर्णिका* 🌷
3444🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
"मानव-धर्म"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आबाद हो गया गांव
आबाद हो गया गांव
Sudhir srivastava
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
मेरे हमनवा ,मेरे रहनुमा ,मुझे रोशनी की मशाल दे ,,
Neelofar Khan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Alpana Suhasini
दुर्मिल सवैया
दुर्मिल सवैया
Kamini Mishra
बंदिशे
बंदिशे
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
शुभारंभ करें
शुभारंभ करें
Namita Gupta
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and God)
श्रद्धा तर्क, तर्कबुद्धि तथा ईश्वर (Faith, Logic, Reason and God)
Acharya Shilak Ram
भूख
भूख
Mansi Kadam
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
*प्रणय*
Loading...