पूनम झा 'प्रथमा' 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next पूनम झा 'प्रथमा' 28 May 2017 · 1 min read ** गजल ** बहते थे अश्क जो तेरा प्यार पाने के लिए । रोक दिया उसे लबों को मुस्कुराने के लिए । * समन्दर तो अभी भी है तूफान समेटे हुए पर हिदायत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 683 Share पूनम झा 'प्रथमा' 11 May 2017 · 1 min read ** गजल ** लेखनी का सिर्फ सच आधार है। सच नहीं तो लिखना निराधार है। * लिखना तो माँ शारदे की कृपा है गरिमा छोड़ दें तो सब बेकार है। * जबान को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 577 Share पूनम झा 'प्रथमा' 25 Apr 2017 · 1 min read ** गजल ** चलो प्रकृति के नजदीक चल के देखते हैं। सुबह के सुहाने मौसम में टहल के देखते हैं। * दोस्त बदले रिश्ते बदले जमाना बदल गया चलो अब हम भी खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 377 Share पूनम झा 'प्रथमा' 18 Apr 2017 · 1 min read ** मुक्तक ** रिश्ते एक तरफा, निभाये नहीं जा सकते। फिर भी कुछ रिश्ते, मिटाये नहीं जा सकते। खून के रिश्ते या दिल के,जताना जरूरी है प्यार जताए बिना, समझाये नहीं जा सकते।... Hindi · मुक्तक 1 409 Share पूनम झा 'प्रथमा' 18 Apr 2017 · 1 min read ** गजल ** कहते थे अपना पर, कहो क्यूं अब मैं बेगानी हो गई। जो कसमें खायी थी तुमने, वो सारी बेमानी हो गई । * बड़ी सिद्दत से निभायी है , जिस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 440 Share पूनम झा 'प्रथमा' 11 Apr 2017 · 1 min read **गजल** तुम तो जीते हो अपनी खुशी के लिए। हम खुश हो लेते,तुम्हारी हँसी के लिए। * कभी-कभी तरस खाती है ये जिंदगी अपनी मजबूरी और इस बेबसी के लिए। *... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 352 Share पूनम झा 'प्रथमा' 25 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** हे सूर्य, क्यों अपनी उष्णता बढ़ा रहे हो। धीरे-धीरे अपना उग्र रूप दिखा रहे हो। * माना की घटना-बढ़ना तुम्हारी प्रवृत्ति है, जन-जीवन को इतना क्यों सता रहे हो। *... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 422 Share पूनम झा 'प्रथमा' 21 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** भवन सुंदर लगता दिखने में । अच्छा लगता उसमें रहने में । * हमारी पूरी उम्र लग जाती है, एक मकान को घर बनने में । * हर खुशी दफन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 297 Share पूनम झा 'प्रथमा' 16 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** जिंदगी लगती कभी सीधी तो,कभी आरी है। पूरी जिन्दगी इस गुत्थी को समझना भारी है। * डुबकी लगाना ही पड़ता है इस ऊहापोह में, साथ हमारे रहता हमेशा वक्त की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 368 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 Mar 2017 · 1 min read ** गीतिका ** जिंदगी लगती कभी सीधी तो,कभी आरी है। पूरी जिन्दगी इस गुत्थी को समझना भारी है। * डुबकी लगाना ही पड़ता है इस ऊहापोह में, साथ हमारे रहता हमेशा वक्त की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 428 Share पूनम झा 'प्रथमा' 8 Mar 2017 · 1 min read नारी तुम अपनी पहचान करो । नारी तुम अपनी पहचान करो । उठकर अपना सम्मान करो । अबला नहीं तुम तो सबला हो शक्ति हो तुम ये तो ध्यान करो। नारी तुम अपनी पहचान करो। उठकर... Hindi · गीत 3 1 941 Share पूनम झा 'प्रथमा' 1 Mar 2017 · 1 min read ** जिंदगानी ** जिन्दगी की तो अपनी ही कहानी है। कहा सबने पर किसने इसे मानी है। . कभी कोई हंसता हुआ है दिखता, पर आँखों के पीछे दर्द का पानी है। .... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 486 Share पूनम झा 'प्रथमा' 24 Feb 2017 · 1 min read "आओ अधरामृत पान करें ।" मैं छल प्रपंच न जानूँ प्रिये, उर प्रीत को ही मानूँ प्रिये, प्रणय अधर पर है लहराई मिलकर इसका सम्मान करें, आओ अधरामृत पान करें । . चक्षु ह्रदय का... Hindi · गीत 5 625 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Feb 2017 · 1 min read *** गीतिका *** उपवन में पुष्प खिले-खिले, सब महकने के लिये । गगन में घुमड़ते बादल, अब बरसने के लिये। * मन को भी महका मानव, उमड़ो बादल बनकर मानव हो मानवता रख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 282 Share पूनम झा 'प्रथमा' 14 Feb 2017 · 1 min read " वेलेंटाइन डे " " वेलेनटाइन डे " ------ प्रेम के मायने जानता नहीं, वैलेनटाइन डे में डूब रहा शहर। . माँ की ममता है प्रेम, पिता की फिक्र है प्रेम, भाई का साथ... Hindi · कविता 2 1 301 Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Feb 2017 · 1 min read ** मुक्तक ** साथ चलने वाले भी दिल से साथ नहीं होते हैं चेहरे पर मुस्कान, पर दिल में नफरत होते हैं खा ही जाते हैं धोखा, संभलकर चलने वाले भी सच्चाई के... Hindi · मुक्तक 1 568 Share पूनम झा 'प्रथमा' 3 Feb 2017 · 1 min read वसंत ऋतु............ वसंत ऋतु ---- वसंत ऋतु जब आये पुष्प पुष्प मुस्काये पीतांबरी में वसुंधरा देख गगन भी हर्षाये ये ॠतु मधुमास कहाये। * आम में मंजरी आये महुआ मादकता फैलाये कूके... Hindi · कविता 1 627 Share पूनम झा 'प्रथमा' 1 Feb 2017 · 1 min read जय माँ सरस्वती हे वीणावादिनी, हे हंसवाहिनी, हे ब्रह्मचारिणी, हे वागीश्वरी, हे बुद्धिधात्री, हे वरदायनी, हे माँ शारदे, कुछ ऐसा कर दे, इस लेखनी को वर दे। . करूँ पुष्प अर्पण, करूँ तेरा... Hindi · गीत 2 1 741 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Jan 2017 · 1 min read जय हिन्द जय भारत " वन्दे मातरम " ---------------- तिरंगा ऊंचा रखना धर्म हमारा है। तिरंगे की रक्षा करना कर्म हमारा है। नमन उन वीरों को मातृभूमि के खातिर किया खुद को कुर्बान, वीरों... Hindi · कविता 2 1 427 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Jan 2017 · 1 min read " खेल शब्दों का " शब्द से मिले गर मान सम्मान , तो कहीं शब्द करा दे अपमान । शब्द बिगाड़े कहीं काज , तो शब्द बना दे कहीं बिगड़े काज । कोई शब्दों के... Hindi · कविता 3 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 17 Jan 2017 · 1 min read दिल से तुझे जाने न दिया। * वक्त को भी बीच में आने न दिया। देख लो दिल से तुझे जाने न दिया। * जिस शहर में तेरी रूह बसी देखो वहीं बसकर पराया कहाने न दिया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 323 Share पूनम झा 'प्रथमा' 10 Jan 2017 · 1 min read " बेटियां "............. " बेटियाँ " ------------ ये पूछो मत मुझसे क्या होती है बेटी न शब्द न परिभाषा में बंधती है बेटी। * चिड़िया नहीं, ममता से भरी मानव है हँसते हुए... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 9 Jan 2017 · 1 min read **मुक्तक ** लेनी-देनी ----------- साथ तो यहाँ से कुछ न जानी करते फिर भी सब बेईमानी रहते लिप्त लेनी-देनी में यहाँ नेता क्या,बड़े गुणी और ज्ञानी । @पूनम झा। कोटा, राजस्थान ############### Hindi · मुक्तक 1 314 Share पूनम झा 'प्रथमा' 9 Jan 2017 · 1 min read ** क्या से क्या हो गई ?** क्या से क्या हो गई ? ------------------- छोटी थी, किसी की लाडली थी । हँसती थी, खिलखिलाती थी , क्यूं में बड़ी हो गई ? * आँखों में सपने थे,... Hindi · कविता 2 1 660 Share पूनम झा 'प्रथमा' 7 Jan 2017 · 1 min read क्यूँ ऐसी हूँ --------- क्यूँ ऐसी हूँ -------- * उफ्फ: थक गई सबका मन रखते रखते। खुद को भी भूल गई सबको खुश करते करते। * जाऊँ तो जाऊँ कहाँ ठौर भी तो यहीं... Hindi · कविता 1 548 Share पूनम झा 'प्रथमा' 5 Jan 2017 · 1 min read जीवन पथ ........ दे हाथों में हाथ संग तेरे चलती ही चली गयी जीवन पथ पर संग तेरे बढ़ती ही चली गयी । * पत्थरों और कंटकों भरे हैं जीवन के ये रास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share पूनम झा 'प्रथमा' 4 Jan 2017 · 1 min read यादें ........ " यादें "............. * यादें यूं ही नहीं ख्वाब में आया होगा। दिल ने जरूर दिल से बुलाया होगा। * ख्वाबों के पर होते हैं निट्ठल्ले न समझो यादें ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 274 Share पूनम झा 'प्रथमा' 3 Jan 2017 · 1 min read जय श्री राधे कृष्णा ---------------------------- कहे राधा, रंग जाऊँ श्याम तेरे रंग में सुध बुध खोयी नाचूं श्याम तेरे संग में क्या हूँ बिन तेरे,बन जाऊँ मैं माला ही माला शोभित होऊँ श्याम तेरे... Hindi · मुक्तक 1 372 Share पूनम झा 'प्रथमा' 1 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक ......नव वर्ष का अभिनंदन नव वर्ष का अभिनंदन -------- आशाओं के दीपक जलते रहे दुआएं एक दूसरे को मिलते रहे बड़ों का आशीर्वाद छोटे से प्यार के साथ जीवन यूं ही चलते रहे ।... Hindi · मुक्तक 1 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 Dec 2016 · 1 min read गजल .... वक्त ......... दिया दर्द वो, पर प्यार बेहिसाब माँगता है। दिया नहीं कभी कुछ, पर हिसाब माँगता है। . भरोसे को भी उसपर भरोसा करने का भरोसा नहीं पर वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 529 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Dec 2016 · 1 min read जब हम मुस्कुराने लगे आज जब हम यूं ही गुनगुनाने लगे । बहारें भी साथ साथ मुस्कुराने लगे । * विहंग का कलरव मन मोहित करता उसके स्वर मधुर संगीत बनाने लगे। * गुल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 390 Share पूनम झा 'प्रथमा' 25 Dec 2016 · 1 min read नमन ..... हकीकत की दुनियां का हम चयन करते हैं ख्वाबों की दुनियां को साथ में वहन करते हैं बदल जाता है ख्वाब जब कभी हकीकत में ऐसे हकीकत को दिल से... Hindi · मुक्तक 687 Share पूनम झा 'प्रथमा' 23 Dec 2016 · 1 min read गुमसुम ......... यूं गुमसुम क्यूं हो बताओ तो सही ? बात अपनी हमें सुनाओ तो सही । * कह भी दो मन में क्या चल रहे हैं मानो मेरी बात मुस्कुराओ तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 386 Share पूनम झा 'प्रथमा' 22 Dec 2016 · 1 min read सुनो दोस्त ....... सुनो दोस्त ......... हाले दिल कहा मैंने अब कहो तुम भी अर्शों बाद मिले हैं , सुनें कुछ हम भी गम बाँट लें करें मन हल्का अब अपना दुआ करें... Hindi · मुक्तक 405 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Dec 2016 · 1 min read तेरे आने की ख़ुशी में .......... तेरे आने का जो पैगाम आया है हर्षित पुलकित मन मुस्काया है गुल खिले देखो गुलशन गुलशन फिजां ने खुशबू से महकाया है। * बहारें सुर संगीत बनाए कोयल मीठी... Hindi · कविता 282 Share पूनम झा 'प्रथमा' 17 Dec 2016 · 1 min read " जीवन धारा " बहती नदी की धारा को देख लगा , क्या अंतर जीवन और इस धारा में । आगे बढ़ती जाती नदी भी , और बढ़ती जाती जीवन भी। न जाने नदी... Hindi · कविता 426 Share पूनम झा 'प्रथमा' 17 Dec 2016 · 1 min read अस्तित्व " अस्तित्व " कौन समझता है नारी को ? बस आदर्श बना डाला है नारी को। अपना जीवन औरों पर न्यौछावर करती है नारी । औरों की खुशियों में अपनी... Hindi · कविता 1 2 570 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 Dec 2016 · 1 min read "हे बाँकेबिहारी" तुझसे मिलने आयी हूँ । "हे बाँकेबिहारी" तुझसे मिलने आयी हूँ । "हे मुरारि" मुरली की धुन सुनने आयी हूँ । * गोकुल, वृंदावन में तेरी लीला है अंकित उस लीला को नैनों में समेटने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 266 Share पूनम झा 'प्रथमा' 9 Dec 2016 · 1 min read कहा फूल ने ......... कहा फूल ने ......... * पूछा फूल से,बिखरने के लिए खिलती क्यों है ? तोड़ लेता माली , तुझे फिर तू हँसती क्यों है ? * फूल ने हँसते हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 578 Share पूनम झा 'प्रथमा' 8 Dec 2016 · 1 min read " जुबां दिल की ....." " जुबां दिल की ....." जुबां दिल की इतनी है जटिल , कि उसे समझना है मुश्किल। है "दिल" जुबां गर समझ जाता , एक दिल है मुस्कुराता , तो... Hindi · कविता 214 Share पूनम झा 'प्रथमा' 7 Dec 2016 · 1 min read " पाती उनके नाम "......... प्रेम पाश में बाँधा तुमने जो सजना। छोड़ दिया बाबुल का हमने वो अँगना। कदम से कदम मिला लिया साथ आपके चलने को , देकर हाथ हमने तो अपना। प्यार... Hindi · कविता 517 Share पूनम झा 'प्रथमा' 1 Dec 2016 · 1 min read जज्बा बेटी का ........... बेटी समझकर मेरी हिम्मत को कम मत समझना। जज्बा बेटी का ........... बेटी समझकर मेरी हिम्मत को कम मत समझना। पढ़ने की ललक है अनपढ़ रहूँ ये तुम मत समझना। मन में जज्बा हो तो कोई बाधा रुकावट... Hindi · मुक्तक 488 Share पूनम झा 'प्रथमा' 30 Nov 2016 · 1 min read " बीती बातें " " माना कि जो बीत गई " बीती बातें " " माना कि जो बीत गई सो बात गई , " पर बीती बातों को याद न रखूं , तो आगे कैसे बढ़ूं ? प्रेरक होते... Hindi · कविता 600 Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 Nov 2016 · 1 min read ए मालिक किनारा लगा देना ए मालिक किनारा लगा देना जिंदगी को बिना जाने चलते चले गए जब होश आया तो बहुत आगे निकल चुके थे मुरकर पीछे जाना मुमकिन नहीं पर राह आगे की... Hindi · कविता 306 Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 Nov 2016 · 1 min read जुदा हो मीर से रोयी गजल । " गजल " ----------------------- जुदा हो मीर से रोयी गजल । न तब से आज तक सोयी गजल। . खुदा से भी पूछा आखिर कोई तो बताए कहाँ खोयी गजल।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 815 Share पूनम झा 'प्रथमा' 27 Nov 2016 · 1 min read कई दिनों से सोच रही हूँ कुछ लिखूँ। दुनियाँ या ये जीवन पर ही कुछ लिखूँ। गीतिका ... * कई दिनों से सोच रही हूँ कुछ लिखूँ। दुनियाँ या ये जीवन पर ही कुछ लिखूँ। * हसीन वादियों , पहाड़ों , नदियों या पहाड़ों से गिरते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 413 Share पूनम झा 'प्रथमा' 27 Nov 2016 · 1 min read गीतिका....... ------------------- सत्य के लब देखो सिले हैं। गीतिका....... ------------------- सत्य के लब देखो सिले हैं। असत्य के चेहरे खिले खिले हैं। * हमने सत्य का साथ दिया है पर देखो सबके होठों पे गिले हैं। * झूठों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 375 Share पूनम झा 'प्रथमा' 27 Nov 2016 · 1 min read जय माँ शारदे ........ ------------------------- कलम तू ऐसे चल कि शब्दों की मर्यादा बनी रहे। जय माँ शारदे ........ ------------------------- कलम तू ऐसे चल कि शब्दों की मर्यादा बनी रहे। रचे जब कोई रचना तो रचनाओं की मर्यादा बनी रहे। ओ सरस्वती के शिष्य,रची तेरी... Hindi · मुक्तक 1 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Nov 2016 · 1 min read *गुलाब *.......सुर्ख लाल कली मैं गुलाब की। **गुलाब** --------- सुर्ख लाल कली मैं गुलाब की। खिली बाग में,नहीं कोई ख्वाब की। आशिक की खुशी में बसती हूँ , बाँटते प्यार मुझसे बेहिसाब की। @पूनम झा|कोटा ,राजस्थान | Hindi · मुक्तक 344 Share पूनम झा 'प्रथमा' 25 Nov 2016 · 2 min read लघु कथा :- " अंधममत्व नौनिहाल के लिए खतरा "............ लघु कथा :- " अंधममत्व नौनिहाल के लिए खतरा "............ ----- --------- ---------- " होईहें सोई जो राम रचि राखा " दो साल के बच्चे के सिर से माता पिता... Hindi · लघु कथा 319 Share Previous Page 2 Next