पूनम झा 'प्रथमा' 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 पूनम झा 'प्रथमा' 24 Nov 2016 · 1 min read " अनुभव " . समय के साथ जो एहसास कराता है " अनुभव " . समय के साथ जो एहसास कराता है वो है अनुभव , सुख और दुःख तो आता जाता है पर दे जाता है अनुभव । . वक्त... Hindi · कविता 394 Share पूनम झा 'प्रथमा' 24 Nov 2016 · 1 min read "अपने" कितने अपने :- ----------------------- कई अपनों को पराये होते देखा है हमने। "अपने" कितने अपने :- ----------------------- कई अपनों को पराये होते देखा है हमने। आपस में फूट डालकर मुस्कुराते देखा है हमने। हर तूफानों का सामना अकेले करना पड़ता है अपनों... Hindi · मुक्तक 1 258 Share पूनम झा 'प्रथमा' 20 Nov 2016 · 1 min read उनके सवालों पर मेरा जवाब चल रहा है दोस्तों। सवाल जवाब का यहाँ सैलाब चल रहा है दोस्तों। उनके सवालों पर मेरा जवाब चल रहा है दोस्तों। सवाल जवाब का यहाँ सैलाब चल रहा है दोस्तों। * महफ़िल में जुट रहे बंदे पहचाने हो या अनजाने मुस्कुरा कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 304 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Nov 2016 · 1 min read हे कृष्णा ...... * गोविन्द कहूं हे कृष्णा ...... * गोविन्द कहूं मुरलीधर कहूं क्या फर्क परे। * गोपाल कहूं द्वारिकाधीश कहूं क्या फर्क परे। * हे सर्वव्यापी नतमस्तक हूँ मैं कहूँ क्या तुझसे | #पूनम_झा।... Hindi · हाइकु 220 Share पूनम झा 'प्रथमा' 18 Nov 2016 · 1 min read " तितली और नन्ही हथेली " ---------------------- अहा ! रंग बिरंगी तितलियाँ । " तितली और नन्ही हथेली " ---------------------- अहा ! रंग बिरंगी तितलियाँ । अहा ! सुंदर सुंदर तितलियाँ ।। सहसा मन में बोल पड़ी । तितली के संग वह दौड़... Hindi · कविता 1 2 663 Share पूनम झा 'प्रथमा' 17 Nov 2016 · 1 min read हे मुरारि, जय राधे कृष्ण ,श्याम जपूं। हे मुरारि, जय राधे कृष्ण ,श्याम जपूं। गोपाल जपूं,घनश्याम जपूं। हूँ दर्शन की अभिलाषी , मैं तो हर पल तेरा नाम जपूं। #पूनम_झा।कोटा ,राजस्थान | 17-11-16 ................. Hindi · मुक्तक 1 543 Share पूनम झा 'प्रथमा' 16 Nov 2016 · 1 min read क्यूं दिखती खुशी में कमी-सी है ? क्यूं आँखों में भी थोड़ी नमी-सी है ? " गजल " ------------ क्यूं दिखती खुशी में कमी-सी है ? क्यूं आँखों में भी थोड़ी नमी-सी है ? * हँस लेते हैं अश्क पीकर, पर ये जिंदगी तो लगती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 416 Share पूनम झा 'प्रथमा' 16 Nov 2016 · 1 min read आतंकित है बेईमान,जारी इस फरमान से। मुँह लटकाये गद्दार,चलते थे जो अभिमान से। मुक्तक : ...... आतंकित है बेईमान,जारी इस फरमान से। मुँह लटकाये गद्दार,चलते थे जो अभिमान से। उन्नति की ओर उन्मुख होते कदम देख मुस्कुराई भारती मोदी के इस अभियान से।... Hindi · मुक्तक 315 Share पूनम झा 'प्रथमा' 11 Nov 2016 · 1 min read सन्देश देती है दीपक सन्देश देती है दीपक .......... ************************* बिना घी बाती , दीप न जले। वफा सत्य बिना प्रीत न चले। कर्म में जतन , दिल में लगन निडर भाव बिना जीत... Hindi · मुक्तक 239 Share Previous Page 3