Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2017 · 1 min read

** गीतिका **

भवन सुंदर लगता दिखने में ।
अच्छा लगता उसमें रहने में ।
*
हमारी पूरी उम्र लग जाती है,
एक मकान को घर बनने में ।
*
हर खुशी दफन कर देते हैं,
अपनो को ही खुश करने में ।
*
जीवन कट जाता इसमें ही,
काँटे चुभते रहते चलने में ।
*
बनाते गृह,भवन फिर भी ये
रह जाता आवास कहने में ।
*
अंत में समझाते रहते स्वयं को,
क्या पाया क्या खोया देखने में ।
*
विमुख कैसे हो इससे ‘पूनम’
आती यही है जिंदगी सुनने में ।
@ पूनम झा
कोटा, राजस्थान

1 Like · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
International Hindi Day
International Hindi Day
Tushar Jagawat
" आज चाँदनी मुस्काई "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
life is an echo
life is an echo
पूर्वार्थ
*ओ मच्छर ओ मक्खी कब, छोड़ोगे जान हमारी【 हास्य गीत】*
*ओ मच्छर ओ मक्खी कब, छोड़ोगे जान हमारी【 हास्य गीत】*
Ravi Prakash
पुस्तक
पुस्तक
Sangeeta Beniwal
क्या दिखेगा,
क्या दिखेगा,
pravin sharma
मित्रता
मित्रता
Mahendra singh kiroula
3369⚘ *पूर्णिका* ⚘
3369⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
क़दर करना क़दर होगी क़दर से शूल फूलों में
क़दर करना क़दर होगी क़दर से शूल फूलों में
आर.एस. 'प्रीतम'
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
जिंदगी भर ख्वाहिशों का बोझ तमाम रहा,
manjula chauhan
"मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
* तुम न मिलती *
* तुम न मिलती *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हम
प्रेमचंद ने ’जीवन में घृणा का महत्व’ लिखकर बताया कि क्यों हम
Dr MusafiR BaithA
सावन बरसता है उधर....
सावन बरसता है उधर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
डर
डर
अखिलेश 'अखिल'
*अद्वितीय गुणगान*
*अद्वितीय गुणगान*
Dushyant Kumar
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
कहे स्वयंभू स्वयं को ,
sushil sarna
दो का पहाडा़
दो का पहाडा़
Rituraj shivem verma
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
किसको दोष दें ?
किसको दोष दें ?
Shyam Sundar Subramanian
साँवरिया तुम कब आओगे
साँवरिया तुम कब आओगे
Kavita Chouhan
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
समय
समय
Neeraj Agarwal
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
।।बचपन के दिन ।।
।।बचपन के दिन ।।
Shashi kala vyas
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
Vishal babu (vishu)
Loading...