198
posts
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आओ हम सपने देखें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
होगी विजय हमारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पता नहीं कब लौटे कोई,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पाला जाता घरों में, वफादार है श्वान।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जो न कभी करते हैं क्रंदन, भले भोगते भोग
महेश चन्द्र त्रिपाठी
शासन अपनी दुर्बलताएँ सदा छिपाता।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नारी निन्दा की पात्र नहीं, वह तो नर की निर्मात्री है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वातायन से साथ वात के
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तो तुम कैसे रण जीतोगे, यदि स्वीकार करोगे हार?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सच्चाई
महेश चन्द्र त्रिपाठी
संत पुरुष रहते सदा राग-द्वेष से दूर।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
घड़ी घड़ी में घड़ी न देखें, करें कर्म से अपने प्यार।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
उषा का जन्म
महेश चन्द्र त्रिपाठी
स्वप्न लोक के वासी भी जगते- सोते हैं।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मछली कब पीती है पानी,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
स्वयं से तकदीर बदलेगी समय पर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नींद न उनको आती
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सविनय अभिनंदन करता हूॅं हिंदुस्तानी बेटी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रेल प्रगति की
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जो हार नहीं मानते कभी, जो होते कभी हताश नहीं
महेश चन्द्र त्रिपाठी
नेता खाते हैं देशी घी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
स्वप्न बेचकर सभी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वंशवादी जहर फैला है हवा में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पाने को गुरु की कृपा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रेम
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेघों के साथ साथ मन भी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
परिभाषाएं अनगिनत,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आओ उठें स्वयं से ऊपर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जब अन्तस में घिरी हो, दुख की घटा अटूट,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तुझमें मुझमें रहा न अन्तर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सेवा की महिमा कवियों की वाणी रहती गाती है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ज्ञानवान के दीप्त भाल पर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अविनश्वर हो यह अभिलाषा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
शिर ऊँचा कर
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कल पर कोई काम न टालें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिसका मिज़ाज़ सच में, हर एक से जुदा है,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
फितरत कभी न बदला करती
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बदल गई मेरी फितरत
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मशक-पाद की फटी बिवाई में गयन्द कब सोता है ?
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रूप जिसका आयतन है, नेत्र जिसका लोक है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
माॅं लाख मनाए खैर मगर, बकरे को बचा न पाती है।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हमें प्रदान करें आनन्द
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बेहद मुश्किल हो गया, सादा जीवन आज
महेश चन्द्र त्रिपाठी