Tag: कविता
210
posts
हिम्मत से हौसलों की, वो उड़ान बन गया।
Manisha Manjari
जिसकी फितरत वक़्त ने, बदल दी थी कभी, वो हौसला अब क़िस्मत, से टकराने लगा है।
Manisha Manjari
ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं हैं।
Manisha Manjari
दूरी रह ना सकी, उसकी नए आयामों के द्वारों से।
Manisha Manjari
हाथों को मंदिर में नहीं, मरघट में जोड़ गयी वो।
Manisha Manjari
गंतव्यों पर पहुँच कर भी, यात्रा उसकी नहीं थमती है।
Manisha Manjari
कुछ पन्ने बेवज़ह हीं आँखों के आगे खुल जाते हैं।
Manisha Manjari
उसकी आँखों के दर्द ने मुझे, अपने अतीत का अक्स दिखाया है।
Manisha Manjari
ख़्वाहिश है की फिर तुझसे मुलाक़ात ना हो, राहें हमारी टकराएं,ऐसी कोई बात ना हो।
Manisha Manjari
अपने नाम का भी एक पन्ना, ज़िन्दगी की सौग़ात कर आते हैं।
Manisha Manjari
रावणदहन
Manisha Manjari
मैं टूटता हुआ सितारा हूँ, जो तेरी ख़्वाहिशें पूरी कर जाए।
Manisha Manjari
जगदम्बा के स्वागत में आँखें बिछायेंगे।
Manisha Manjari
ये उम्मीद की रौशनी, बुझे दीपों को रौशन कर जातीं हैं।
Manisha Manjari
लाखों सवाल करता वो मौन।
Manisha Manjari
काल के चक्रों ने भी, ऐसे यथार्थ दिखाए हैं।
Manisha Manjari
जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं।
Manisha Manjari
रेत पर नाम लिख मैं इरादों को सहला आयी।
Manisha Manjari
जीवन क्षणभंगुरता का मर्म समझने में निकल जाती है।
Manisha Manjari
खामोशियों ने हीं शब्दों से संवारा है मुझे।
Manisha Manjari
अनकहे शब्द बहुत कुछ कह कर जाते हैं।
Manisha Manjari
असफ़लताओं के गाँव में, कोशिशों का कारवां सफ़ल होता है।
Manisha Manjari
ठोकरों ने गिराया ऐसा, कि चलना सीखा दिया।
Manisha Manjari
आंधियां आती हैं सबके हिस्से में, ये तथ्य तू कैसे भुलाता है?
Manisha Manjari
ये ज़िन्दगी जाने क्यों ऐसी सज़ा देती है।
Manisha Manjari
जब उम्मीदों की स्याही कलम के साथ चलती है।
Manisha Manjari
किसी ने कहा, पीड़ा को स्पर्श करना बंद कर पीड़ा कम जायेगी।
Manisha Manjari
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
Manisha Manjari
सागर ने लहरों से की है ये शिकायत।
Manisha Manjari
ये बारिश की बूंदें ऐसे मुझसे टकराईं हैं।
Manisha Manjari
इस दर्द को यदि भूला दिया, तो शब्द कहाँ से लाऊँगी।
Manisha Manjari
अनवरत सी चलती जिंदगी और भागते हमारे कदम।
Manisha Manjari
कड़वा है पर सत्य से भरा है।
Manisha Manjari
काश उसने तुझे चिड़ियों जैसा पाला होता।
Manisha Manjari
क्यों करूँ नफरत मैं इस अंधेरी रात से।
Manisha Manjari
कुछ बारिशें बंजर लेकर आती हैं।
Manisha Manjari
अंधेरी रातों से अपनी रौशनी पाई है।
Manisha Manjari
शाश्वत सत्य की कलम से।
Manisha Manjari
शब्दों के एहसास गुम से जाते हैं।
Manisha Manjari
ठंडे पड़ चुके ये रिश्ते।
Manisha Manjari
क्यों ना नये अनुभवों को अब साथ करें?
Manisha Manjari
स्याह रात ने पंख फैलाए, घनघोर अँधेरा काफी है।
Manisha Manjari
जब वो कृष्णा मेरे मन की आवाज़ बन जाता है।
Manisha Manjari
आज असंवेदनाओं का संसार देखा।
Manisha Manjari
नदी सदृश जीवन
Manisha Manjari
मौन में गूंजते शब्द
Manisha Manjari
सार्थक शब्दों के निरर्थक अर्थ
Manisha Manjari
पिता
Manisha Manjari
समय के पंखों में कितनी विचित्रता समायी है।
Manisha Manjari
राम के जन्म का उत्सव
Manisha Manjari