Johnny Ahmed 'क़ैस' Language: Hindi 174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read उसके चले जाने से उसके चले जाने से कुछ ज़्यादा फ़र्क़ तो नहीं पड़ा ना मेरी रातों की तन्हाईयाँ बदली ना दिन का भीड़भाड़ बदला साँस भी उतनी ही लिया करता हूँ अब भी... Hindi · कविता 2 2 437 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read तुम मेरे ख़्वाबों में न और अब से आया करो तुम मेरे ख़्वाबों में न और अब से आया करो अपनी रातों को अपने महल में बिताया करो। मेरे कमरे की छत से आसमान दिखता है मेरे बदहाल घर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 303 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read हम न कह पाए बात इतनी सी थी पर बात हम न कह पाए उससे मिलने को मुलाक़ात हम न कह पाए। खुदकों इतना था भिगोया अश्क़ों से हमने तेज़ बारिश को भी बरसात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 614 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read प्रिये क्षितिज के आगे चलने का यदि साहस है तो चलो प्रिये जीवन की तरह मेरा प्रेम कोई अस्थायी नहीं है खेल प्रिये। मन में तुम्हारें किसी त्रासदी का यदि भय... Hindi · कविता 5 6 474 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 3 min read मेरे बचपन की कहानी मेरे बचपन के वक़्त तो मुर्गों की बांग नींद से जगाती थी कभी बाबा के तानें , तो कभी मम्मी का प्यार , बिस्तर छुड़वाती थी । सूरज के जगने... Hindi · कविता · बाल कविता 4 4 700 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read तू तिलिस्म गहरा रुख़ तेरा मह-पारा मैं लापता बंजारा तू तिलिस्म गहरा मैं अभिमन्यु बेचारा मोम से दो हाथ मेरे जिस्म तेरा अंगारा एक बार देख लूं तुझे ख़ुशी से मरूं आवारा देखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 463 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read ये बता पाना मुमकिन नहीं होगा मुझे कितनी मुहब्बत है तुमसे ये बता पाना मुमकिन नहीं होगा क्यों है कैसे है कब से है ये सब भी बता पाना मुमकिन नहीं होगा। हाँ,मगर ये बता सकता... Hindi · कविता 2 2 213 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read इन्सान सरल सी बात को इतना कठिन तुम क्यों बनाते हो किसी मुफ़लिस को डाट में अंग्रेज़ी क्यों सुनाते हो। तुम्हारी है ज़मीं और ये आसमाँ भी तुम्हारा है हमें मालूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 500 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read जनमानस की भाषा हिन्दी जनमानस की भाषा हिन्दी मित्रता की परिभाषा हिन्दी अनेकता में एकता की मनमोहक अभिलाषा हिन्दी ।। गीत में हिन्दी गान में हिन्दी प्रगति के मैदान में हिन्दी अग्रसरता की गभस्ति... Hindi · कविता 2 2 645 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 2 min read मैं शक्तिशाली नारी हूँ समय की सीमा से परे जीवन गागर में भरे, अजेय अमर प्रशस्त हूँ स्वयं धरा समस्त हूँ। मैं सत्त्व का सार हूँ मैं सत्य का आधार हूँ, अडिग अनंत अचल... Hindi · कविता 3 518 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read हिन्दी - माँ भारती का अभिमान है सहज-सरल पर बड़ी अनोखी हिन्दी ऐसी भाषा है जनगण की प्रत्याशा है यह, भारतवर्ष की आशा है। कभी 'निराला' के शब्दों में कभी 'धूमिल' की क्रांति में लहर उठती हैं... Hindi · कविता 2 613 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read वो घुंघराले बालों वाली लड़की वो घुंघराले बालों वाली लड़की जिसकी आँखें हल्की सी कत्थई थी, वो अल्हड़ सी लड़की जिसके लबों का रंग गुलाबी था, जो देर रात तक आसमाँ के तारे गिनती रहती... Hindi · कविता 2 427 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read चल रहा एक दंगा है लड़ मरेंगे आपस में सब, चल रहा एक दंगा है, बहेगा खूूून पानी की तरह , चल रहा एक दंगा है। न दोस्त यार, न आस पड़ोसी, किसीसे मोह रखना... Hindi · कविता 3 1 419 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read एक सूखा सहरा है अब वहाँ एक सूखा सहरा है अब वहाँ एक घना दश्त था कभी जहाँ। क्यों हो गया बंजर ये शहर और खो गई हर छत-ए-मकाँ। अब छोड़कर ये मुर्दार ज़मीं हम जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 253 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read कमज़ोरियाँ भरी दोपहर में मुझ पर अँधेरा छा गया जैसे मौसम-ए-बहार में ही पतझड़ आ गया जैसे। ज़िन्दग़ी की शाख़ पर दो पत्ते थे बाकी एक बे-रहम झोंका शाख़ हिला गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 376 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read कोरोना (COVID-19) बड़ा मुश्किल है मगर वक़्त ये कट जाएगा ये डर का बादल भी जल्दी ही छट जाएगा। इस बीमारी से बचने के तरीके जानने होंगे जो भी नियम है सफ़ाई... Hindi · कविता 2 229 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read हो जाए बदनाम चलो ऐसा काम करते हैं हो जाए बदनाम चलो ऐसा काम करते है उसूलों को बेचकर खुदकों नीलाम करते है। ख़बर झूठी हो मगर सबको बड़ी सच्ची लगे चलो अफ़वाह फ़ैलाने का इंतिज़ाम करते है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 519 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read याद नहीं आता शायद उनको अब अपना ठिकाना याद नहीं आता वो तमाम पँछी जिन्हें चहचहाना याद नहीं आता। किससे उम्मीद-ए-वफ़ा तूने लगा रखी है मेरे दोस्त जिसे महफ़िल में भी छाती छुपाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 304 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read मैं हक़ीक़त में था उसके मैं हक़ीक़त में था उसके या था उसके ख़्वाब में आग़ाज़ से ही कमज़ोर था मैं दिल के हिसाब में। यूँ तो हर बात में उसकी कोई एक बात होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read मीरा के मन बसे कन्हैया मीरा के मन बसे कन्हैया बसे गोपाल के मन राधे, प्रेम अनूठा रोग है जिसमें पी बिन लागे सब आधे। कोई सुँदर तन देखे कोई धन के पीछे दौड़ लगाए,... Hindi · कविता 2 314 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read हम न कह पाए हम न कह पाए बात इतनी सी थी पर बात हम न कह पाए उससे मिलने को मुलाक़ात हम न कह पाए। खुदकों इतना था भिगोया अश्क़ों से हमने तेज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 236 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read उजाले की हिमायत में बरसों से उजाले की हिमायत में खड़े हैं मेरे सारे बुज़ुर्ग मेरी हिदायत में खड़े हैं। मैं जब तलक़ चुप था सब को सुकूँ था ज़ुबान खोली सब शिकायत में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 438 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read आज भी आज भी बट्वे में तेरी एक तस्वीर है तू नहीं सचमें मेरे संग ये मेरी ताज़ीर है राह-ए-उन्स की हर सम्त पहचानता था हिज़्र का असर देखो हम खोए रहगीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 410 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read पास से वो गुज़र गए पास से वो गुज़र गए देखकर हम बिखर गए हम रोते रह गए राह में वो हँसते हँसते घर गए। इस बात से गमगीन हुए छोड़कर वो किधर गए हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 442 Share Previous Page 4