Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Arun Prasad 7 Sep 2022 · 1 min read आत्मकथा कविता की कभी शब्द कभी भावनाएँ बना देता है रचनाकार। अचानक एक शब्द आता है और लिपट जाता है। कभी पास से गुजर रहे शब्द को पकड़ लेता है मन। शब्द झकझोर... Hindi 75 Share Arun Prasad 7 Sep 2022 · 1 min read आदमी आदमी,तुम्हें सारे भूले पल याद आ जाते हैं आदमी होने के और जानवर होने के भी। राज की बात भी और रोज़मर्रा की भी। याद आ जाते हैं खुशनुमा पल... Hindi 135 Share Arun Prasad 7 Sep 2022 · 1 min read आशीर्वाद मिलेंगे अवश्य मिलेंगे आशीर्वाद पहले सपने देखो,बड़े सपने। बनाओ उन्हें आत्मीय,अपने। लोग तो लोग ईश्वर भी देंगे तुम्हें विजयी होने का आशीर्वाद। बाधाओं से लड़ने की हिम्मत। सूर्य की किरणें चमकाएगी... Hindi 70 Share Arun Prasad 7 Sep 2022 · 1 min read आश्चर्य है! जब कविता सोचता मन और लिखता हूँ मैं। आश्चर्य अपने को ही खुद को बेचता हूँ मैं। जंगल की पीड़ा बताता हूँ,उसका हाल दिखाता हूँ मैं। रोज अपने पलंग के... Hindi 157 Share Arun Prasad 7 Sep 2022 · 1 min read उदारवादिता बड़ा शोर है आजकल उदारवाद शब्द का। चलिए देखें हाल क्या है इसके मर्म का। सामाजिक उदारवाद में समत्व मिलता रोता है। खेतिहर मजदूर कभी किसान बन नहीं पाता है।... Hindi 164 Share Arun Prasad 7 Sep 2022 · 1 min read कलम कलम! रुको न, झुको न। न तो टूटो ही। अभी तेरे पेट में हर्ष और विषाद है बहुत। आहत भूत का अवसाद एकजुट। भविष्य का खाली कोख अद्भुद। नाग का... Hindi 130 Share Arun Prasad 5 Sep 2022 · 1 min read पहाड़ से याचना पहाड़ से क्या मांगना है! जो था सब दे दिया है। पाँच सौ साल बाद मैं फिर लौटा हूँ। मेरे हाथ और मेरा साथ दोनों ही खाली हैं। पथराई आँखों... Hindi 92 Share Arun Prasad 4 Sep 2022 · 1 min read आओ सूर्य तुम्हारा हम स्वागत करें आओ सूर्य तुम्हारा हम स्वागत करें। तुम मेरे अस्तित्व को अपना कण दिया करो। हम अभी लुहार की भट्टी में तप रहे हैं। निहाई पर फिर पीटे जाएंगे। मुझे आदमी... Hindi 185 Share Arun Prasad 4 Sep 2022 · 2 min read पहाड़ सा स्वपन आज मैं लौटना चाहता हूँ। अपने सपने के पहाड़ से नीचे। किन्तु, खाई वही है और वहीं है। डर लगता है- भूख वहीं टिका हुआ देखता है,आसमान। दुर्भिक्ष हर वर्ष... Hindi 154 Share Arun Prasad 4 Sep 2022 · 1 min read अभिलाषा नहीं चाहती सुरबाला सी इठलाना तुमको ललचाना। नहीं चाहती प्रेमी बनकर देह तुम्हारा,पौरुष पाना। वांछित बनना, उत्स तुम्हारा बन आलोक तेरे पथ जलना। मातृभूमि की गरिमा कहने हे कवि,मरकर,पुन: जनमना।... Hindi 77 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आज मैं गाँव से लौटा हूँ ------ आज मैं गाँव से लौटा हूँ। मन में गहन पीड़ा लिए बैठा हूँ। सारे रिश्ते सम्बोधन तक हो गए हैं सीमित। नाते भी मिले अत्यंत क्षोभित व दु:खित। ‘सब जोगिया... Hindi 74 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आजादी एक और ---- सारे शब्द जो कैद थे किसी एक मुट्ठी में हो गया है बंधन मुक्त। सहला सके और देख सके भर नजर एकबार फिर। भिगो सके इसका सम्पूर्ण बदन चुंबनों... Hindi 106 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 2 min read आदत है हमें गरीबी की ---------------------------- आदत है हमें गरीबी की। जाड़ों में पानी और गर्मियों में,धूप ओढ़ने की। बरसात के दिनों में चुतिया सा चूते छत में भींगने की। तमाम अमीरी को नपुंसक गालियों से... Hindi 1 1 74 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आदमी का शहर रहने दो इसे ------------ आदमी का शहर रहने दो इसे न बनाओ मंदिरों का शहर। दु:ख,दर्द,व्यथा बेबाक कहने दो यहाँ न बनाओ प्रार्थनाओं का नगर। अट्टालिकाओं से सजे पथों पर फुटपाथ भी रहने दो... Hindi 81 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आदमी रोज मरता है --------------------------------------------- आदमी रोज मिलता है। पागलपन की हद तक भागता दौड़ता। कोई बात नहीं होती। पर,जानता हूँ,काहे की जल्दी है। शाम की रोटी तवे पर कुरकुरा सिके। आदमी रोज दिखता है।... Hindi 1 1 122 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आदमी ----------------------------------------------------- आदमी,तुम्हें सारे भूले पल याद आ जाते हैं आदमी होने के और जानवर होने के भी। राज की बात भी और रोज़मर्रा की भी। याद आ जाते हैं खुशनुमा... Hindi 113 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आप और हम आप प्रभु हैं दास हूँ मैं। आप खुश उदास हूँ मैं। आप दाता दरिद्र हूँ मैं। आप भरे-भरे छिद्र हूँ मैं। आप रौद्र भयभीत हूँ मैं। आप क्रोध विनीत हूँ... Hindi 78 Share Arun Prasad 3 Sep 2022 · 1 min read आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु ---------------------------------------------------------- आपके पास बचा रहता है सर्वदा, मृत्यु। खो चुके होते हैं आप जिंदगी । मृत्यु जिसे आप जी नहीं पाते,रोते हैं सिर्फ। जिन्दगी आपको देता है पश्चाताप और अनवरत... Hindi 88 Share Arun Prasad 28 Apr 2022 · 1 min read पिता के लिए ------------------------------------- पिता की छाया होती है। पिता का कंधा होता है। पिता का हौसला होता है। पिता की डांट होती है। पिता का क्रोध होता है। पिता की शिक्षा होती... Hindi · कविता 432 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस --------------------------------------- शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस। हमें रहे बचाए सदा होने से परवश। हमारी आकांक्षा को प्रभु का वर रहे। स्वतंत्रताएँ सारे विश्व में अमर रहे। प्राप्त हो गणतन्त्र को... Hindi · कविता 206 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो ----------------------------------------------------- हिमालय ढह रहा है रोकने की जिद करो यारो. कहीं गंगा न गुम जाये इसे सीमित करो यारो. पहेली क्यों बुझाने में लगे हो कौन दोषी है? पराभव आ... Hindi · कविता 194 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read शीर्षहीन ------------------------------------- सूरज की किरणें,जीवन का संकल्प है। पृथ्वी से इतर सारे ग्रहों पर गल्प है। जीव ईश्वर का गतिज-यंत्र तो नहीं! और शक्ति-दाता सूर्य,तंत्र तो नहीं। प्राण का विश्लेषण है... Hindi · कविता 387 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read संकल्प प्रीत का -------------------------------------------- देखा मैंने तुम्हें अंधेरे से निकलती हुई प्यार बरबस दिल के अंदर भर गया। तुम्हारे चेहरे पर डरा हुआ देखा तुम्हें सारे हौसले देने तुम्हें दिल मचल गया। तुम्हारे... Hindi · कविता 269 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read जीवन और ईश्वर ------------------------------ जीवन शाश्वत है प्रारंभ नहीं,अंत नहीं। आस्था के कारण मानना नहीं, ईश्वर का अस्तित्व। आस्था के कारण नहीं, ईश्वर। ईश्वर तो है उपस्थित। कहने से नहीं किसी के। उपस्थित... Hindi · कविता 385 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read इतिहास के अन्दर ---अरुण कुमार प्रसाद ------------------------------------ शृंखलाबद्ध है इतिहास। पृथ्वी का और ब्रह्मांड का भी। मनुष्य का बेतरतीब है सिर्फ। ब्रह्मांड में हर जर्रा भगवती का रूप है क्योंकि सब ही नयी... Hindi · कविता 312 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read ईश्वर की खोज -------अरुण कुमार प्रसाद -------------------------------- ‘मेरा सुख सौंदर्य में है। क्योंकि मेरी क्षुधा सौंदर्यशालिनी है।‘ मैंने बार-बार वाक्य के इस अतुलनीय अंश को स्वयं को सुनाया और विस्मृत न किए जाने... Hindi · कहानी 442 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read हम और तुम ------------------------------------------------- मिट्टी खोदकर तुमने कंद,मूल,जड़ी-बूटी निकाले। मिट्टी खोदकर हमने निकाला स्वर्ण। तुम इतना ही क्यों कर पाये? मंदिरों में लेटकर साष्टांग, तुमने प्रार्थनाएँ की। मंदिरों में लिटाकर साष्टांग, हमने दक्षिणा... Hindi · कविता 476 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read किसे कर्म कहें! ------------------------ किसे कर्म कहें? भारत को या महाभारत को? गीता ने पार्थ को जो बताया? अर्जुन का अनुशरण? दुर्योद्धन का असत्य घोषित सच्चा कथन? युधिष्ठिर का निर्णय जुए का? दु:शासन... Hindi · कविता 175 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read सात दिन सात सुख,दु:ख ------------------------------- सप्ताह का प्रथम दिन उत्सव सा महकता है। बिस्तर से उतरते हुए, देहरी से उतर रास्ते पर आते हुए मन शांत और मष्तिष्क निश्चिन्त। चुनौतियों से भिड़ने,देह प्रस्तुत। दोस्त... Hindi · कविता 301 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read दर्प ------------------------- दर्पण में अपना चेहरा देखकर दर्पण को चिढ़ाना दर्प है। समर्पित मन से खुद को अर्पण करना व्यक्तित्व-बिम्ब के विंदु,रेखाओं में और आकलन अपना खुद का खुद से संपर्क... Hindi · कविता 368 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा -------------------------------------------------- वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा। पीड़ा आसमान का ही बहुत था, वह सुनाने में विभोर। मुझे अवसर नहीं मिला। इसलिए मृत्यु के साथ हो लिया। उसके साथ... Hindi · कविता 383 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read भूली-बिसरी यादें ------------------------------------------------------ आपसे मिले तो याद आ गयी कुछ बातें। बिसरने लगी कुछ बातें। क्यांकि आप थे सौन्दर्य दुःस्वप्न की तरह आपाद मस्तक। याद आई हमें फुलों की खुश्बू, आधी रात... Hindi · कविता 855 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 2 min read आदत है हमें गरीबी की ---------------------------- आदत है हमें गरीबी की। जाड़ों में पानी और गर्मियों में,धूप ओढ़ने की। बरसात के दिनों में चुतिया सा चूते छत में भींगने की। तमाम अमीरी को नपुंसक गालियों... Hindi · कविता 286 Share Arun Prasad 3 Dec 2021 · 1 min read सड़क पर संसद -------------------------------------- संसद सड़क पर आने के लिए ले रहा है जुंबिश भरी अंगड़ाई। क्या-क्या बताए क्या पता सड़क को सहलाये क्या पता हमारे पैरों को तोड़ दे उसमें या,खुदवा दे... Hindi · कविता 450 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 1 min read आ चलो नीचे उतर लें ------------------------------------- आ चलो आकाश से नीचे उतर लें। आ चलो संताप पृथ्वी का भी हर लें। आदमी के मन में काई सी जमी है। अब उतर कर के सफाई ही... Hindi · कविता 599 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 1 min read हाइकू--हमारा दर्द ------------------ हमारा दर्द। तुम्हें दे जाता खुशी। हँसी का पात्र। अशिक्षित था। कुरुक्षेत्र सिखाया । ज्ञानी बन गया। ब्रह्म संतान। सुरक्षित जी सकें। शस्त्र या स्नेह? गिद्ध सम्राट । खोजता... Hindi · हाइकु 387 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 1 min read गजल--जिस गली से गुजरा खूँ से लिपटी मिली वो गली ---------------------------------------------------- जिस गली से गुजरा खूँ से लिपटी मिली वो गली किस शहर में आ गया हूँ ठिकाना ढूँढने मैं अली। जिस नदी में जल का निवास था सन्नाटा पसर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 512 Share Arun Prasad 1 Dec 2021 · 2 min read ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये --------------------------------- ईश्वर तूने हमें अति कठिन दिन दिये । क्या कहूँ कैसे हैं हमने ये दिन जिये। शाम कुचला हुआ भोर निढाल सा। रात्रि स्वपन में दिन ये बेहाल सा।... Hindi · कविता 1 263 Share Arun Prasad 4 Nov 2021 · 1 min read विरोध का चरित्र विरोधात्मक नहीं है -------------------------------------------- विरोध का चरित्र विरोधात्मक नहीं है. अवरोध शब्दों का अवरोधात्मक नहीं है. शब्दों में चरित्र कहते हैं मन्त्रों का है. किन्तु, शब्द तो पुरोहितात्म्क नहीं है. व्याख्या जैसी हो,विचार... Hindi · कविता 155 Share Arun Prasad 4 Nov 2021 · 2 min read गुस्सा और दूसरी कविताएं गुस्सा ------------- पुछा तो- नि:निमेष देखते रहे कई एक क्षण गुर्राकर बोले- मेरा सिर खा। दुश्मन ------------------------------------ दुश्मन मित्र से बड़ा कौन होगा! मेरे राह में बनके रोड़ा सिवा इसके... Hindi · कविता 188 Share Arun Prasad 4 Nov 2021 · 1 min read सुख की चाह ---------------------------------- मैं जून में कपास ओढ़कर सोया। उबल रही थी धरती और जल रहा था बतास। नहीं मालूम मुझे दरख्त की छाया क्या होती है? क्या होता है तनावर दरख्त!... Hindi · कविता 196 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read आदमी रोज मरता है --------------------------------------------- आदमी रोज मिलता है। पागलपन की हद तक भागता दौड़ता। कोई बात नहीं होती। पर,जानता हूँ,काहे की जल्दी है। शाम की रोटी तवे पर कुरकुरा सिके। आदमी रोज दिखता... Hindi · कविता 360 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 2 min read भोग की नियति तो है ही ध्वंस ------------------------------------- भोग की नियति तो है ही ध्वंस मैं राम हूँ। परंपरा निभाता हुआ राम। मेरा अस्तित्व किन्तु, है रावण। संस्कारगत लाम। भोग की नियति तो है ही ध्वंस। जीवन... Hindi · कविता 249 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read मनहूस दिन के बीच ----------------------------------------------------------- आज मनहूसता से अचानक बाजार में सामना हो गया। क्या महत्वपूर्ण कार्य संपादित करना था मन में ही खो गया। वह मुस्कुराया,मैं झुँझलाकर भद्दी सी गली दे मारा। खाली... Hindi · कविता 1 254 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read नज़्म ------------------------------------------------- सभी तैयार खड़े हैं हाथ सेंकने को दोस्त। चिता पे जलने को पर,कोई भी तैयार नहीं। तुम सुलगाओ जो सिगरेट हम भी पी लेंगे। तीली जलाने को हममें कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 215 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read किस्सा कवि होने का ------------------------------------------- किसी ने लिखा कविता लिखो लिख दिया मैंने। अपरिपक्वता की कविता हो गयी परिपक्व। छप गई। मुझे कविता के पृष्ठ पर छाप गया। कविता में राजतंत्र है। कवि कथा... Hindi · कविता 1 206 Share Arun Prasad 3 Nov 2021 · 1 min read अंतर्बोध ------------------------------------------------------ मैं और तुम रात और दिन की विपरितताओं की तरह मिले,दुकान पर फूलों की दुकान पर। तुम्हें चाहिए था जयमाल। तुम्हारे दोस्त के लिए। वह विजयी था। मुझे चाहिए... Hindi · कविता 1 378 Share Arun Prasad 1 Nov 2021 · 2 min read मेरा जो रुदन,तुम्हारा हास -------------------------------------------------------- कोई तो इतिहास बनाकर हाथों में हथियार। युद्ध करने होते हैं तैयार । ऐसे हथियारों को लेकर कैसे वे रण में हैं निकल पड़े। उन इतिहासों में जो अहंकार... Hindi · कविता 1 229 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 1 min read मेरे गाँव की माटी में -------------------------------------------------------------- मेरे गाँव की माटी में है गंध नही अब सोंधी वह। पहले जैसी वर्षा लेकर अब नहीं आता आंधी यह। अब नहीं मचता खेतों में है मेला रोपा-रोपी का।... Hindi · कविता 351 Share Arun Prasad 30 Oct 2021 · 1 min read आकाश से नीचे उतर लें ------------------------------------------- आ चलो आकाश से नीचे उतर लें। आ चलो संताप पृथ्वी का भी हर लें। आदमी के मन में काई सी जमी है। अब उतर कर के सफाई ही... Hindi · कविता 177 Share Previous Page 2 Next