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कलम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
🚩सहज बने गह ज्ञान,वही तो सच्चा हीरा है ।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
खींचो यश की लम्बी रेख
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जन्मोत्सव
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मुस्की दे, प्रेमानुकरण कर लेता हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
लंबे चौड़े दिखें, किंतु है खाली बक्सा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मनुज विश्व-मल ढो रहा, बनकर जगत्-कहार /गाँव सुविकसित तभी जब क्षरे हृदय-मल-चूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
फूल मैं/ प्रीति के अनुकूल-सा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
🚩उन बिन, अँखियों से टपका जल।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हिंद मैला ढो रहा है, नशा की जम्हाई है/कह रही हैं नशा कर लो दूर होंगीं व्याधियाँ/ स्वयं निज की पीर भूले, नशा- हिंदुस्तान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तभीआनंदित हृदयअविराम हो |
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जो पकड़े वह उर बने, गहन सहजता हर्ष|/ निज को जानो, तब मिले, प्रीति ह्रदय का सिंधु|
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कौन कहता कि स्वाधीन निज देश है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
पकड़ो आत्म-सुबोध,दिव्य गुरु का साया तुम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बन जाओ कोयल
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
समय-सुगति पहचान , यही है संसारी सच
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
और दिव्य सद्ज्ञान,प्राप्तिहित गुरु-गुण गह जन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
प्रेम बनो,तब राष्ट्र, हर्षमय सद् फुलवारी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मेरी भी चिंता करो, सोच रहे हैं दांत/ बना भ्रांति-लांगूट यही है जगत् की वमन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कलम के सिपाही
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सुदामा/आत्म ज्ञान के पथिक, प्रेम की वसुंधरा वह
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बन विवेक-आनंद,कह रहा संवत्सर नव
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
🚩साल नूतन तुम्हें प्रेम-यश-मान दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चमन-सदृश गुणबान , प्रीति बन कहते गांधी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
नहीं चैन में कोई, छोड़ दो कक्का बीड़ी /सूरज नाम परंतु, पी रहे बुद्धू-बीड़ी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कैसें दिखे स्वराज,हृदय है जब बिन भाव
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
नहीं भटकिए आप, मिलेंगे यम कुछ आगे
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गहन बोध-आलोक, लोक का कल है बेटी/ पकड़ प्रीति को कहो एक हैं बेटा-बेटी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
योग रूप की धार, न कम करना श्री योगी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चेतन बनिए आप, नशा दुख की जड़ काका
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जस भोजन, तस आप, पियो मत धारा गंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बने व्याधि के पूत, हाँफते पीकर गाँजा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
फूल-सम हर हाल पर/ प्रीति हिंदुस्तान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
भाव, सघन चेत का/ फूल हँसें एक बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कहीं से न पौन है|/ज्ञान-प्रेम भक्त बन|
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
निज उर-तकदीर पर/सुबुधि ज्ञान हीर कर |
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
राष्ट्र वही है विकसित जागी जहाँँ जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
राष्ट्र वही है विकसित जागी जहाँ जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक