Ashwini sharma 188 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Ashwini sharma 18 Jul 2021 · 2 min read भारत यह देश है अपना विश्व गुरु होती है जहाँ से सभ्यता शुरु।। जहाँ ऋषियों मुनियों का तप पनपा। इस देश ने माना सबको अपना।। जहाँ राम हुई रामायण थी। गिरिधर... Hindi · कविता 3 348 Share Ashwini sharma 13 Jul 2021 · 1 min read पलायन क्यू जीवन से पलायन क्या करना, संघर्ष है यह तो अपना ही।। कभी धूप दुखो की आती है। कभी फैली छाँव सुखो की भी।। कभी जीवन उपवन सा मधुरं । कभी... Hindi · कविता 1 2 601 Share Ashwini sharma 13 Jun 2021 · 1 min read दोहरापन लोगो की चालबाज़िया अब इस कदर हो गयी है । लगता है कि मकड़ियाँ जाल बुनने से पहले ही सो गयी हैं ।। तमाम तरीके हथकंडे अपनाते है लोग। लगता... Hindi · कविता 2 2 387 Share Ashwini sharma 19 May 2021 · 1 min read कर्म छाँव की कीमत तब होती जब धूप निकट हो यार। आज तो इन्सानो के भावो का भी सज़ने लगा बाज़ार।। कर्म की गति है अजब,लौट के आ ही जाती है... Hindi · कविता 395 Share Ashwini sharma 16 May 2021 · 1 min read जिन्दगी जरा संभल कर रहिये जनाब, दुनिया बडी छोटी है । आप ने जो किया किसी के संग, पुनरावर्ती उसकी संग आप के भी होती है ।। इन्सान का क्या कर्म... Hindi · कविता 1 2 342 Share Ashwini sharma 4 Apr 2021 · 1 min read भाव मैं अपना कर्म करता हू, अपना धर्म करता हू। बात जब गिर के उठने की हो , तो ना मै शर्म करता हूँ ।। लोग तन के उजले, मन के... Hindi · कविता 1 570 Share Ashwini sharma 8 Mar 2021 · 1 min read जीवन है मृत्यु सरल जीवन दुष्कर पथ पर फैला है,एक गरल दे स्वेद को तू इतनी अग्नी, जल जायें कन्टक जो भी हो हो जाये जीवन और सरल हो जाये जीवन... Hindi · कविता 2 2 641 Share Ashwini sharma 27 Feb 2021 · 1 min read जीवन हार हो या जीत यह प्रश्न नही गम्भीर। तू बस प्रयत्न कर ना हो तू अधीर।। जीवन संघर्षो का मार्ग है, हर कदम पर द्वंद है । लाख मुश्किले सही... Hindi · कविता 2 1 532 Share Ashwini sharma 23 Feb 2021 · 1 min read रिश्तें रिश्तों में जबतक 'अर्थ' नही, सच है उनमें कोई अर्थ नही। गर न निज स्वार्थ की सीमा हो, क्या एहसासों का अफ़साना व्यर्थ नही।। दिखती है दीवारें भावो पर, ना... Hindi · कविता 2 267 Share Ashwini sharma 18 Feb 2021 · 1 min read जिन्दगी खुद को साबित करते करते यूहीं उम्र बीत जाती हैं । वक्त बहुत लग जाता है, जब यह दुनिया समझ में आती है। दोहरे चरित्रो की थाह, कहाँ समझ में... Hindi · कविता 1 346 Share Ashwini sharma 22 Jan 2021 · 1 min read वहम मेरा सच का कारोबार था ,उनका झूँठ का व्यापार। मैं रहा फर्श पर, उनके हिस्से में आसमान था ।। मेरी नियत में दोहराव नही था,उनका चरित्र विकट था। मैं देखता... Hindi · कविता 2 1 287 Share Ashwini sharma 14 Jan 2021 · 1 min read कोरोना देश में हाहाकार मचा है, आतंक हुआ एक विषाणु का। दहशत ऐसी फैल रही, लगता है की ये अग्रज है परमाणु का।। जाती धर्म और सम्प्रदाय से परे, इसने सबको... Hindi · कविता 4 3 328 Share Ashwini sharma 13 Jan 2021 · 1 min read संघर्ष फिर से साहस करना होगा,अधिकारो के लिये लड़ना होगा। सन्ताप नही होगा मन में, शोणित का उबाल होगा तन में, मन विचलित हो ऐसा न हो, गिर के फिर से... Hindi · कविता 6 7 556 Share Ashwini sharma 22 Aug 2020 · 1 min read कुछ बात बने। यूँ तो हमदर्द हजारों है,कोई अपना मिल जाए तो बात बने। यह दुनियाँ तमाशबीनों की बस्ती है,कोई अपना दिख जाए तो बात बने।। कहते है खुदगर्ज़ मुझे,जमाने भर के लोग।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 307 Share Ashwini sharma 22 Aug 2020 · 1 min read कुछ बात बने। यूँ तो हमदर्द हजारों है,कोई अपना मिल जाए तो बात बने। यह दुनियाँ तमाशबीनों की बस्ती है,कोई अपना दिख जाए तो बात बने।। कहते है खुदगर्ज़ मुझे,जमाने भर के लोग।... Hindi · कविता 2 366 Share Ashwini sharma 4 Aug 2020 · 1 min read हद कुछ लोग मेरी आँखो में नमी देखना चाहते हैं, वो हर हाल मे मुझ में कुछ कमी देखना चाहते है ।। मैं भी जिद्दी हूँ सब्र का समंदर है मुझमे।... Hindi · कविता 2 3 727 Share Ashwini sharma 3 Aug 2020 · 1 min read जिन्दगी की किताब दिल किया क्यूँ न आज जिन्दगी की किताब लिख दू। कुछ अधूरे,कुछ मुकम्म्ल रिस्तों की दास्ताँ लिख दू।। कुछ दर्द की आवाज लिख दू,,कुछ मल्हमो के नाम लिख दू। कुछ... Hindi · कविता 6 5 328 Share Ashwini sharma 26 Apr 2020 · 1 min read ईरादा साहिल पर रुककर तूफान का नज़ारा कौन करता है, हम बेफ़िक्र है, भरोसा टूटने का गम नही, हार कर सब कुछ फिर से 'देने' का ईरादा कौन करता है ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 3 314 Share Ashwini sharma 11 Apr 2020 · 1 min read इश्क़ लबों पर खामोशी हुआ करती थी,दिल आशिक़ाना था, मोहब्बत के पैगाम खत से आया करते थे। वो भी क्या उल्फत थी, वो भी क्या जमाना था।। दिल की बात कहने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 345 Share Ashwini sharma 6 Apr 2020 · 1 min read पथिक पथ के राही तू चलता चल, लक्ष्य तेरा है निकट। धैर्य का तू कर अनुसरण,ठोकरों से ना तू ड़र ।। तेरी धड़कनो में भी अंगार है, जीवन एक संघर्ष है... Hindi · कविता 2 4 501 Share Ashwini sharma 6 Apr 2020 · 1 min read पथिक पथ के राही तू चलता चल, लक्ष्य तेरा है निकट। धैर्य का तू कर अनुसरण,ठोकरों से ना तू ड़र ।। तेरी धड़कनो में भी अंगार है, जीवन एक संघर्ष है... Hindi · कविता 1 2 587 Share Ashwini sharma 31 Mar 2020 · 1 min read जीवन विश्वाश की कतरने, बिखरी है इधर उधर। कपोल पर कुछ बूँदे अश्रु, लुढके है इधर उधर।। जागीर रिस्तों की न जाने क्यू सलामत नही रह पाती, कुछ खयालातो के दफीने... Hindi · कविता 1 4 350 Share Ashwini sharma 30 Mar 2020 · 1 min read माँ मानता हूँ मुकद्दर अच्छा नही मेरा, लेकिन मेरी माँ का हाथ मेरे सिर पर है ।। मैं दिखता हूँ दुनिया से अकेला लड़ते हुए, जो बचाती है अंधेरों से मुझे,... Hindi · कविता 632 Share Ashwini sharma 29 Mar 2020 · 1 min read कोरोना एक अदृश्य आफत ने, हमको बहुत डराया है, कोरोना नाम का ये प्राणी, भारत देश में आया है ।। सिमट गये है घर तक अपने, ना कही आना ना जाना... Hindi · कविता 518 Share Ashwini sharma 28 Mar 2020 · 1 min read कोरोना देश में हाहाकार मचा है, आतंक हुआ एक विषाणु का। दहसत ऐसी फैल रही, लगता है की ये अग्रज है परमाणु का।। जाती धर्म और सम्प्रदाय से परे, इसने सबको... Hindi · कविता 2 2 287 Share Ashwini sharma 17 Mar 2020 · 1 min read जीवन मुकम्मल होने की चाहत ही नही, अधूरेपन में एक अजब सा मज़ा है। बेशक बहारे; सुकून- ओ-चैन देती है, गर खिज़ाँ नही हो तो, बहारों में जीना एक सजा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 436 Share Ashwini sharma 16 Feb 2020 · 1 min read जीवन चलो आज बेताब मन को थोड़ा विराम दे, बेज़ार धड़कनो को थोड़ा आराम दे, भूल के रस्मे दुनिया की ,खुद को बचपन वाली वो शाम दे।। भीड़ है इर्द-गिर्द मेरे,... Hindi · कविता 1 315 Share Ashwini sharma 7 Feb 2020 · 1 min read बचपन आज मुझे फिर याद आया मेरा वो बचपन, जिन्दगी बोझ नही थी,बेझिझक था ये मन।। खेलना वो मिट्टी में, धूप से दो चार होना,फेंकना वो पत्थर पानी में, दोस्तो से... Hindi · कविता 2 1 568 Share Ashwini sharma 6 Feb 2020 · 1 min read हौसला विहंग एक उड़ा नभ में, दूर तक न तरु की छाया थी, धूप घनी थी राह कठिन थी,संघर्षो की सतत माया थी।। फिर भी वह विहंग रुका न थका, अविरल... Hindi · कविता 426 Share Ashwini sharma 30 Jan 2020 · 1 min read वतन ये वो मेरा देश जहाँ बहती है गंगा यमुना, ये वो मेरा देश जहाँ बहे स्नेह समर्पण का झरणा । इस देश की मिट्टी पावन है, जहाँ माँ की बातो... Hindi · कविता 2 547 Share Ashwini sharma 27 Jan 2020 · 1 min read जीवन जीवन बना एक मरीचिका इच्छाओं का छौर नही, खुद ही खुद मे सब उलझे है, दोषी स्वयं से बडा कोई और नही।। अब क्या है,आगे क्या होगा जीवन खेल खिलाता... Hindi · कविता 2 462 Share Ashwini sharma 16 Jan 2020 · 1 min read नियत पिता लकवा ग्रस्त थे, गर्मियों की रात थी प्यास से व्याकुल थे । पास ही सो रहे बेटे को जगाना चाहा, लेकिन बेटा आवाज सुनकर भी नही उठा और सोने... Hindi · लघु कथा 332 Share Ashwini sharma 12 Jan 2020 · 1 min read माँ माँ ही गंगा, माँ ही यमुना, माँ सरस्वती सी पावन है, माँ ही पतझड में एक चलता फिरता सावन है । माँ को देख लिया तो फिर इश्वर के दर्शन... Hindi · कविता 5 339 Share Ashwini sharma 12 Jan 2020 · 1 min read मानव अगर हो हार जीवन में तो गम नही करना, गिर जाओ गर थककर, फिर से मेहनत कम नही करना।। असफलताएं आयेंगी तुम्हे आजमायेगि बहुत, फिर उसी जोश से प्रतिकार उनका... Hindi · कविता 1 437 Share Ashwini sharma 8 Jan 2020 · 1 min read दुनिया दोषी यहाँ बात करते है अपने अधिकारो की, निर्दोष को फिक्र है यहाँ खुद को बचाने की।। उंगलियाँ उठती है यहाँ बेगुनाहो पर, शाजिस होती है यहाँ गुनहगारों को बचाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 288 Share Ashwini sharma 5 Jan 2020 · 1 min read दोस्त उसकी फितरत थी दगा देने की ,फिर सोच ये की मुझे इल्म नही। मुझे पता है बाज़ार के हर एक खरीददार का, बैचेन हूँ, बेखबर नही।। Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 585 Share Ashwini sharma 4 Jan 2020 · 1 min read रिस्ते इन्सान की कीमत का क्या मोल यहाँ, भगवान खरीदे जाते है । अभिमान भरी इस दुनिया मे रिस्ते ठोकर खाते है ।। पल पल बिगड़ते रिस्तो की हालत ऐसी माली... Hindi · कविता 2 388 Share Ashwini sharma 3 Jan 2020 · 1 min read प्रेयसी तेरे रुखसार की लाली गुलाबों से भी गहरी है, तेरी आँखो की गहराई,सागर को भी शरमा दे। तेरे कंगन की खनखन मेरे मन को अलंकृत करती है । तू लगाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 370 Share Previous Page 4