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तेरे तब़्बसुम की ग़हराईयों मे मैंं खो गया हूँ। बेख़ुदी के इस आल़म मे मै तेरा होकर रह गया हूँ। श़ुक्रिया !
तेरी तब्बसुम पर मुझे जीना आता है, वरना तो उम्र है कटी जा रही है धन्यवाद
आँँसुओं के द़रिया में खुद को डुबोने से क्या हासिल होगा ग़ेसुओं के स़राबों में भटकने से क्या कुछ मिलेगा। श़ुक्रिया !
तेरे तब़्बसुम की ग़हराईयों मे मैंं खो गया हूँ।
बेख़ुदी के इस आल़म मे मै तेरा होकर रह गया हूँ।
श़ुक्रिया !
तेरी तब्बसुम पर मुझे जीना आता है,
वरना तो उम्र है कटी जा रही है
धन्यवाद
आँँसुओं के द़रिया में खुद को डुबोने से क्या हासिल होगा
ग़ेसुओं के स़राबों में भटकने से क्या कुछ मिलेगा।
श़ुक्रिया !