Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2021 · 1 min read

वहम

मेरा सच का कारोबार था ,उनका झूँठ का व्यापार।
मैं रहा फर्श पर, उनके हिस्से में आसमान था ।।
मेरी नियत में दोहराव नही था,उनका चरित्र विकट था।
मैं देखता रहा दर औ दीवारों को,उनका सजने लगा बाज़ार था।।
मेरी चाहत थी विश्वाश मिले,मगर मिला उपहास।
जिनकी नियत ही कुटिल थी ,उनके सन्मुख लगी कतार ।।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
Kanchan Khanna
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
कभी कभी पागल होना भी
कभी कभी पागल होना भी
Vandana maurya
जो चीजे शांत होती हैं
जो चीजे शांत होती हैं
ruby kumari
स्वार्थ से परे !!
स्वार्थ से परे !!
Seema gupta,Alwar
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
राजनीतिकों में चिंता नहीं शेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दिल नहीं ऐतबार
दिल नहीं ऐतबार
Dr fauzia Naseem shad
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
Sukoon
इल्म़
इल्म़
Shyam Sundar Subramanian
हम तुम्हारे साथ हैं
हम तुम्हारे साथ हैं
विक्रम कुमार
मौत आने के बाद नहीं खुलती वह आंख जो जिंदा में रोती है
मौत आने के बाद नहीं खुलती वह आंख जो जिंदा में रोती है
Anand.sharma
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
Phool gufran
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम( कुंडलिया)
Ravi Prakash
जमाना खराब है
जमाना खराब है
Ritu Asooja
ग़ुमनाम जिंदगी
ग़ुमनाम जिंदगी
Awadhesh Kumar Singh
आज का अभिमन्यु
आज का अभिमन्यु
विजय कुमार अग्रवाल
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
बरस रहे है हम ख्वाबो की बरसात मे
देवराज यादव
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
शिव प्रताप लोधी
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
कुछ दिन से हम दोनों मे क्यों? रहती अनबन जैसी है।
अभिनव अदम्य
काली मां
काली मां
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*Author प्रणय प्रभात*
*नींद आँखों में  ख़ास आती नहीं*
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विश्व कप-2023 फाइनल
विश्व कप-2023 फाइनल
दुष्यन्त 'बाबा'
कता
कता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
Er. Sanjay Shrivastava
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...