AJAY PRASAD 469 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next AJAY PRASAD 2 Jul 2022 · 1 min read क्या करूँ जब होनी ही नहीं कबूल तो दुआ क्या करूँ हो गए हैं मेरे खिलाफ अब खुदा क्या करूँ। खुशियों ने करी है खूबसूरत साज़िश दोस्तों कर दिया गमों को मुझ... Hindi 1 157 Share AJAY PRASAD 23 Jun 2022 · 1 min read और मैं ..... हैं तबाही के तलातुम और मैं है वही संगदील सनम और मैं। वही दीवारें हैं दरमियां हमारे वही फ़ासले वही वहम और मैं। वही सरगोशीयाँ हैं वही लोग वही जमाने... Hindi 2 2 421 Share AJAY PRASAD 16 Jun 2022 · 1 min read भाईजान की बात न गीता,न बाईबल न कुरान की बात मैं तो करता हूँ भले इन्सान की बात । न पूजा,न नमाज,न अज़ान की बात मैं कहता हूँ बेहतर इमकान की बात। न... Hindi 2 1 349 Share AJAY PRASAD 16 Jun 2022 · 1 min read की बात न गीता,न बाईबल न कुरान की बात मैं तो करता हूँ भले इन्सान की बात । न पूजा,न नमाज,न अज़ान की बात मैं कहता हूँ बेहतर इमकान की बात। न... Hindi 2 1 564 Share AJAY PRASAD 14 Jun 2022 · 1 min read मुक्तक मायने खुबसूरती के बदलने लगें हैं खोंटे सिक्के भी अब चलने लगें हैं । -अजय प्रसाद पछता रहे हैं पाँव सफ़र के बाद याद आ रहें हैं गाँव शहर के... Hindi 2 267 Share AJAY PRASAD 12 Jun 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल जल रहा है वतन ,आप गज़ल कह रहे हैं सदमे में है ज़ेहन ,आप गज़ल कह रहे हैं । कुछ तो शर्म करें अपनी बेबसी पे आप जख्मी है बदन... Hindi 2 138 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 12 min read काव्य संग्रह रेत की तरहा ये फ़िसल रही है ज़िंदगी हाथों से निकल रही है । -अजय प्रसाद संवर जाती है धूप जब बर्फ़ सी पिघल जाती है मजदूरों के पसीने में... Hindi 3 1 711 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 3 min read गज़लें चंद गज़लें 1. शायरों की महबूबा है गज़ल आशिकों की दिलरुबा है गज़ल । अब क्या कहें कि क्या है गज़ल बेजुबां शायरी की सदा है गज़ल । मीर,मोमिन,दाग,गालिब ही... Hindi 3 1 321 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 14 min read मुक्तक मौत तक ज़िंदगी को संभाल यार कुछ गलतफहमियां पाल। अब्र ,कब्र ज़ब्र और है सब्र भी यही तो है कुदरत का कमाल। -अजय प्रसाद सवाल ये है कि जवाब क्या... Hindi 1 285 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 13 min read नई गज़लें **** लो फ़िर से नया साल मुबारक हो ज़िंदगी ये खस्ताहाल मुबारक हो। बस चंद रोज की है ये चकाचौंध फ़िर वही जी जंजाल मुबारक हो। सुबहोशाम करना खुद को... Hindi 1 217 Share AJAY PRASAD 11 Jun 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल आइना मुझको मेरी औकात बताता है कुछ इस तरह से हर रोज़ सताता है । जब कभी भी सामने गया हूँ मैं उसके उम्र ढल जाने का एहसास कराता है... Hindi 1 186 Share AJAY PRASAD 4 Jun 2022 · 1 min read बुरा मान गए हक़ औ हिसाब मांगा तो बुरा मान गए काँटों से गुलाब मांगा तो बुरा मान गए । वर्षो तलक जिनको रक्खा गया गुमनाम जब उसने खिताब मांगा तो बुरा मान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 305 Share AJAY PRASAD 1 Jun 2022 · 1 min read तमाम तक़लीफ़ों के बीच अक़सर देखा है मैनें शहर में फुटपाथों पर फटेहाल , मैले कुचैले अनाथ बच्चों को भिखमंगों को बेघर लोगों को जिंदा रहने के लिए संघर्ष करते, लड़ते झगड़ते , गाली... Hindi · कविता 2 169 Share AJAY PRASAD 31 May 2022 · 1 min read निकाले जा रहे हैं बाल की खाल अब निकाले जा रहे हैं खामिया एक दूजे के खँगाले जा रहे हैं। आखिर चैनेल को चलाना भी ज़रूरी है हर रोज़ नये नये मुद्दे उछाले जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 194 Share AJAY PRASAD 31 May 2022 · 1 min read बनाते हैं कुछ लोग राई का पहाड़ बनाते हैं और कीमती को कबाड़ बताते हैं । उखाड़ रहे हैं जो आप ये गड़े मुर्दे क्यों उनकों यूँ आईना दिखाते हैं । दफ़न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 278 Share AJAY PRASAD 26 May 2022 · 1 min read समाचार है खतरे में तो अब हर समाचार है हरेक शख्स आजकल पत्रकार है । मोबाईल और ये सोशल मिडिया बन गया एक भयंकर हथियार है । जिसे देखो जुटा है सच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share AJAY PRASAD 26 May 2022 · 23 min read Ji lenge jhopdi (1) जी लेंगे झोंपड़ी में हुजूर चिंता न करें यही है गरीबी का दस्तूर चिंता न करें । आप तो फ़िक्र करें अमीरों के लिए हम लोग तो हैं मज़दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 459 Share AJAY PRASAD 21 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता शब्द नहीं परिवार पिता है खामोशी से प्यार पिता है । जग जाहिर है माँ की ममता मगर असली आधार पिता है । धूप,बारिश,सर्दी से बचने को जैसे छत... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 196 Share AJAY PRASAD 30 Mar 2022 · 13 min read नयी रचनाएँ **** लो फ़िर से नया साल मुबारक हो ज़िंदगी ये खस्ताहाल मुबारक हो। बस चंद रोज की है ये चकाचौंध फ़िर वही जी जंजाल मुबारक हो। सुबहोशाम करना खुद को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 259 Share AJAY PRASAD 22 Mar 2022 · 1 min read पत्थर हैं तो आप सेक्युलर हैं मतलब,मीठा जहर हैं । खैर ये कोई बात नहीं मगर क्या रेग्युलर हैं ? क्या आप होतें चिंतित सबके लिए बराबर हैं ? आप फैसला करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 381 Share AJAY PRASAD 18 Mar 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल दुशमन उन्हें पसंद बहुत है अपने यहाँ जयचन्द बहुत है। जो है अंधा ,बहरा और गूँगा आवाज़ उसकी बुलंद बहुत है । जिसने सीखा है सच छिपाना समझ लो के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 547 Share AJAY PRASAD 13 Mar 2022 · 1 min read होली ये जीवन भी है जैसे होली जज्बातों की बनी रंगोली । सुख औ दुःख रंग हैं यारों मलतें हैं वो जैसे हमजोली खुशी की है पिचकारी भी तो कभी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 229 Share AJAY PRASAD 1 Mar 2022 · 1 min read आजमा रहा हूँ मुफ्तखोरी के सपने दिखा रहा हूँ लत बुरी ये अवाम को लगा रहा हूँ। क्या पता फ़िर झांसे में आ जाए जनता को भाषणों से भरमा रहा हूँ। बिजली,पानी,सड़कें,शिक्षा के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 381 Share AJAY PRASAD 5 Feb 2022 · 1 min read भा गया कोसना सरकार को जिसको आ गया शख्सियत वो विपक्षियों को भा गया । साथ दिया जब तलक सेक्युलर रहे हो गए खिलाफ तो कट्टर कहा गया । और तो सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 425 Share AJAY PRASAD 3 Feb 2022 · 1 min read निकाला जाएगा हर गाँव को ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा खर्चा-ए-बोझ मिडिल क्लासपर डाला जाएगा। आर्थिक मजबूती के लिए बस महंगाई मुद्दे को भाईयों अगले आम चुनावों तक टाला जाएगा। हम रखतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 381 Share AJAY PRASAD 29 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल अब देखना ये है कि ऊँट किस करवट बैठता है हाथ,हाथी,सायकिल या फिर कमल खिलता है। वही जनता,वही वायदे,वही रैलियाँ और हैं नेता देखिए अब ज्म्हुरियत का दम कैसे निकलता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 456 Share AJAY PRASAD 21 Jan 2022 · 14 min read मुक्तक मौत तक ज़िंदगी को संभाल यार कुछ गलतफहमियां पाल। अब्र ,कब्र ज़ब्र और है सब्र भी यही तो है कुदरत का कमाल। -अजय प्रसाद सवाल ये है कि जवाब क्या... Hindi · मुक्तक 1 576 Share AJAY PRASAD 21 Jan 2022 · 14 min read आज़ाद गज़ल 2021 आज़ाद गज़ल संग्रह *** मेरी बात किसी भी तारीफ के तलबगार हम नहीं है भई!उच्चकोटि के साहित्यकार हम नहीं है। हाँ! लिखता हूँ लाचारी का ओढ़के लबादा साहित्य में संक्रमण... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 419 Share AJAY PRASAD 19 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल आजकल वो निन्यानबे के फेरे में है ज़िंदगी उसकी सवालों के घेरे में है। सियासत में सितमगर भी अज़ीब है कल तेरे दल था में तो आज मेरे में है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 242 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल रास्तों से पूछ मंज़िल का पता बेबफ़ा से पूछ संगदिल का पता। लाशों से भला क्या पूछता है तू खंजरो से पूछ कातिल का पता । मायुस हो कर तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 236 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल लिखता वही हूँ जो मैनें झेला है लफ्जों में लाचारी को उकेरा है । किसी और को नहीं यारों वल्कि रोज़ खुद को ही गौर से पढ़ा है । हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 242 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल महफिल और मुशायरों की बात मत कर मतलबपरस्ती में माहिरों की बात मत कर जो करतें हैं मंचो पे मुहब्बत की नुमाईश बुज़दिल ज़हीन शायरों की बात मत कर। हुस्नोईश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 192 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल अरे भाई!न्यूज़ पढ़ न,चिल्लाता क्यों है खामखाँ अवाम को यूँ डराता क्यों है । बोगस ब्रेकिंग न्यूज़ के बहाने दिनभर एक ही बात बार बार दोहराता क्यों है । बिना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 206 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल आईए एक दूसरे पे हम इल्जाम लगाएं फ़िक्र है कितनी ज़रा अवाम को बताएं। यही तो है सियासतदानों का सिलसिला भला हम औ आप क्यों वंचित रह जाएं । ज्म्हुरियत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 238 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल हुस्न उनका है मल्टीप्लेक्स मॉल की तरह ईश्क़ मेंरा है सरकारी अस्पताल की तरह । भला कैसे हो हम पर नज़रे इनायत उनकी आशिक़ी जो है हमारी खस्ताहाल की तरह।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 259 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल आरज़ू है कि जुस्तजू रहे खुबसूरती तेरी हुबहू रहे । मैं रहूँ या ना रहूँ जहाँ में ज़िक्र तेरा यार कुबकू रहे । धडकनें क्यूं न हो मगरूर दिल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 636 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल खौफ़ -ए- फसल है इंश्योरेंस बेहतरीन शगल है इंश्योरेंस । लाईफ़ का हो या हो हेल्थ का कीचड़ में कमल है इंश्योरेंस । है वीमा विज्ञापनों का बाज़ार ज्यूँ गुट्खा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 223 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल मुझ से हमदर्दी की हिमाकत न कर मुझसे ही मेरी यार शिकायत न कर । मत जाया कर अपनी ये रहमदिली रंज कर मगर कोई रिफाक़त न कर । लूटा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल आदमी को ओहदे से पहचानता है यही तो दोस्तों उसकी महानता है। चुकता नहीं कभी भी चापलूसी से मौके का फायदा उठाना जानता है। हरफनमौला है शख्सियत उसकी वक्त मुताबिक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 222 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल वक्त जब भी हिसाब मांगेगा एक और इन्क़लाब मांगेगा । ओ ! गफ़लत में जीने वालों तुमसे ही सारे जवाब मांगेगा । बचपन तो गुजारी बेफ़िक्री में जवानी निंदओख्वाब मांगेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 301 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल मुसीबतें तो मुझको ऐसे मिली जैसे हो एक,के साथ एक फ्री। हादसों ने हमेशा साथ ही दिया हौसलों ने बस समझौता करी। तक़दीर तरसा है तीमारदारी को वक्त ने दिखाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 513 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल खुश हूँ मैं या खफ़ा पता नही दुआ हूँ के बददुआ पता नही । हलचल तो है धड़कनो में यार हूँ मगर क्या, ज़िंदा पता नही। सुबहो शाम करूँ सांसें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 237 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल अपने ही घर में हूँ मैं बेघर सा हो गया है दिल भी पत्थर सा। देखता हूँ,सुनता हूँ खामोशी से पड़ा रहता हूँ कोने में जर्जर सा। था कभी गुलज़ार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 397 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल सियासत में शराफत ! क्या बात करते हो ! बुजदिल से हिमाक़त! क्या बात करते हो ! जब गुंजाइश ही नहीं तो गुज़ारिश क्या करें बेरोजगार और बगावत!क्या बात करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल महफ़ूज़ हूँ मैं मुझसे दूर रहा कर हाँ औरों के लिए फ़ितूर रहा कर । इदारेईश्क़ में इन्वेस्टमेंट है फिजूल खफ़ा मुझ से मेरे हुजूर रहा कर । तेरी गली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 235 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल अक़्ल और इमान खतरे में है अब मुर्दे की जान खतरे में है। आप जीते रहें होशोहवास में ज़िंदगी पे एहसान खतरे में है। देखना वक़्त दे जाएगा दगा आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 365 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल शायरों की जनसंख्या मत बढ़ा शायरी की धज्जियां मत उड़ा । अब कौन कहता है मुकर्रर तुझे अपने शेरों की बेइज़्ज़्ती न करा। बेबह्र की गज़लें होती हैं बकवास खामखाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 300 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल अरे भई,खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे धूल तो है चेह्रे पे,मगर वो आईना पोंछे । लग गई है मिर्ची न जाने किस बात पर बिफर पडें वो आज ,आग बबुला होके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 208 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल कातर नजरों को हमने कातिल बना दिया मझधार को ही मैनें साहिल समझ लिया । यूँ डूबे हम भंवरों में ,की लहरें लरज ऊट्ठी खुद को जानबूझ कर जाहिल बना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 252 Share AJAY PRASAD 18 Jan 2022 · 1 min read आज़ाद गज़ल मेढकी को भी अब जुकाम हो रहा है सब कुछ सलीके से निलाम हो रहा है । देखिए किस कदर खुश है खलनायक मशहूर होने के लिए बदनाम हो रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 189 Share Previous Page 2 Next