सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 28 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Dec 2020 · 1 min read जरूरत ****जरूरत***** *************** सर्दी में अग्नि की साग में मखनी की जीवन में संगिनी की कर्म में करनी की बहुत ही जरूरत है प्यासे को नीर की पंडित को खीर की... Hindi · कविता 2 250 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Dec 2020 · 1 min read बरसाती मौसम ******** बरसाती मौसम ********* ****************************** सीने में आग लगाए बरसाती मौसम साजन की याद लगाए बरसाती मौसम शील हवा का झोंका पास से है गुजरता दिल की धड़कनें बढ़ाए बरसाती... Hindi · कविता 250 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Dec 2020 · 1 min read मिला सिला न होता ***** मिला सिला न होता ****** *************************** अगर मैं कभी तुम से मिला न होता, बेवफाई का मिला सिला न होता। गुजरती नहीं जिन्दगी तन्हाई में, दीवानगी का लगा नशा... Hindi · कविता 1 227 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Dec 2020 · 1 min read प्रभु कर लो विनती क़बूल *प्रभु कर लो विनती कबूल* ********************** प्रभु तेरे चरणों की हम धूल हुजूर कर लो विनती कबूल हम धरती पर हैं भूले बिसरे नजरअंदाज करो सारी भूल पग पग पर... Hindi · कविता 2 304 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Dec 2020 · 1 min read किसान की अरदास ***किसान की अरदास*** ********************** सुन ले किसान की अरदास कर उसकी भलाई में प्रयास सड़क पर बदहाल से पड़े हैं सियासत से हो बहुत हताश खाक में मिला दिया है... Hindi · कविता 1 3 217 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Dec 2020 · 1 min read तलाश *********** तलाश ********** *************************** तेरी तलाश में थक कर हम चूर हुए ढूंढ ना पाए तो रोने को मजबूर हुए करते रहेंगे हम दिन रात तेरी तलाश तेरी यादों के... Hindi · कविता 2 1 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Dec 2020 · 1 min read अपने ****** अपने ****** ****************** सच हो जाएंगे सुपने सभी होंगे साथ अपने ख्वाब हो जाएंगे हसीं ख्वाबों में आएंगे अपने मुखर होंगी मुस्कराहटें छोड़ देंगे निज डसने प्रेम की बरसेंगी... Hindi · कविता 2 2 481 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Dec 2020 · 1 min read ईश वंदना ******** ईश वंदना ********* ************************** कीजिए मिल कर सब गुरु वंदना संपूर्ण कारज होंगे करो ईश वंदना करबद्ध हो कर गुणगान कीजिए खाली झोली भर देगी ईश वंदना मन में... Hindi · कविता 2 3 586 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Dec 2020 · 1 min read तेरे बिना ***** तेरे बिना ****** ******************* तेरे बिना है जीना कहाँ जीना और है मरना यहाँ चलती सांसे थम जाएंगी तेरे बिना हम जाएं कहाँ प्रेम की बरसातें हो रही निज... Hindi · कविता 1 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Dec 2020 · 1 min read तस्वीर ******* तस्वीर ******* ******************** तुम ही तो हो मेरी तकदीर छपी जब से दिल में तस्वीर होशोहवास न रही पल भर नजरों में छाई बनके नज़ीर दिल्लगी का दिल पर... Hindi · कविता 3 391 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Dec 2020 · 1 min read पिया बहरूपिया ****** पिया बहरूपिया ******* *************************** पिया बहरूपिया सा रंग बदलता है हर रोज जीने के वो ढंग बदलता है भौंरा बन के डाल डाल भटकता है रंग बिरंगी तितलियों पर... Hindi · कविता 1 380 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Dec 2020 · 1 min read छोड़ेंगे कभी भी न तेरा साथ **छोडेंगे कभी भी न तेरा साथ** ************************* छोडेंगे कभी भी न तेरा हम साथ हाथों में लिया है जब से तेरा हाथ प्रेम की गहराई में हम तो डूबें हैं... Hindi · कविता 2 1 271 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Dec 2020 · 1 min read आंखों की खुमारी ****** आँखों की खुमारी ******* **************************** आँखों की खुमारी से होकर मदहोश कहाँ रहा अब हुस्न दीवाने को होश रफ़्ता रफ़्ता तुम हो सांसों में समाए झट से आ जाओ... Hindi · कविता 3 1 531 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Dec 2020 · 1 min read धुंध सा होता प्यार धुंध सा होता ह प्यार ******************* शीत ऋतु की प्रथम धुंध, की भांति होता है प्यार, पता ही नहीं चलता ,कब, प्यार का यह घना कोहरा , दिलोदिमाग पर इस... Hindi · कविता 3 2 232 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Dec 2020 · 1 min read ख़त ********* ख़त ********* ********************** खतों के न रहे नामोनिशान बस रह गए रह कर मेहमान जब किसी की आती थी याद चिट्ठी देख आ जाती मुस्कान भावों का जब आता... Hindi · कविता 2 1 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Dec 2020 · 1 min read फिक्र है ठंड में रजाई का ** फिक्र ठंड में रजाई का ** *********************** गम नही प्यार में बेवफाई का बस फिक्र है ठंड में रजाई का बकरीद पर हमेशा मांगता रहे खैर मांगता बकरा कसाई... Hindi · कविता 203 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Dec 2020 · 1 min read गम बेवफाई का **** गम बेवफाई का **** ********************* शौर गूँजता खूब शहनाई का बेशक गम हो बेवफाई का मिलने के मौसम हों सुहावने दर्द बहुत होता है जुदाई का लाल जोड़े में... Hindi · कविता 1 204 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Dec 2020 · 1 min read जुल्फों का दीवाना ******** जुल्फों का दीवाना ***** **************************** तेरी घनेरी जुल्फ को हम संवारेंगे आगोश में आइए हम तुम्हें संभालेंगे जुल्फों को तेरी यूँ हमने सहला दिया ज़माने की नजरों से तुम्हें... Hindi · कविता 1 1 261 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Dec 2020 · 1 min read सागर का मैं खारा पानी ***सागर का मैं खारा पानी*** ************************ मैं सागर का खारा पानी हूँ निज चाल में मुझे बस बहने दो बहती लहरों में उफान आया ज्वार भाटा अकेले सहने दो सरिता... Hindi · कविता 1 442 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Dec 2020 · 1 min read तेरी याद अक्सर आती है *तेरी याद अक्सर आती है* ******************** आप तो आते कभी नहीं तेरी याद अक्सर आती है गम-ए -जुदाई उपहार दी तन्हा मैं,नींद नहीं आती है जब याद तेरी बैचेन बनाए... Hindi · कविता 1 254 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Dec 2020 · 1 min read प्यारी सी नाजुक तितली *** प्यारी सी नाजुक तितली ** ************************* तेरे सुन्दर तन पर जो है तितली मेरे तन पर पर हैं गरजी बिजली अलसाई और शर्म से शर्मायी सी अंजाने डर से... Hindi · कविता 1 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Dec 2020 · 1 min read सर्दी के दोहे ***********सर्दी के दोहे ********** ******************************* सर्दी का मौसम आया, ठंड बहुत है छाई स्वेटर जर्सी अब पहनो ,ढूँढों गर्म रजाई मूँगफली संग रेवड़ी , खाओ खूब खजूर सर्दी नजर ना... Hindi · कविता 2 356 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Dec 2020 · 1 min read लग जा गले ****** लग जा गले ***** ********************** लग जा गले दूर जाने वाले रुकिये जरा दूर जाने वाले हुई है क्या खता तनिक बता रूठ के ना जा दूर जाने वाले... Hindi · कविता 1 227 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Dec 2020 · 1 min read सफेद चादर ********** सफेद चादर********* ***************************** कभी मत करो किसी का भी निरादर पल में काली हो जाती है सफेद चादर अपनों से छोटों से सदैव तुम प्रेम करो अपनों से बड़ों... Hindi · कविता 1 1 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Dec 2020 · 1 min read फ़कीर *********** फ़क़ीर *********** **************************** न रहे राजा और न रहे राजा के वजीर जग में नहीं रहे अब पहुँचे हुए फ़कीर नशे की लत ने मारें हैं बाँकुरे जवान न... Hindi · कविता 2 357 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Dec 2020 · 1 min read हँसती आँखें ********** हँसती आँखें *********** ******************************** दिल को खूब भाती हैं मुस्कराती आँखें चितवन हर्षित कर जाती हैं हँसती आँखें मय सी नशीली आँखों के तो क्या कहने मुर्छित सा कर... Hindi · कविता 1 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Dec 2020 · 1 min read हम हार नहीं सकते ***** हम.हार नहीं सकते ****** *************************** मुसीबतों से कभी भाग नहीं सकते कोशिश करिये हम हार नहीं सकते परिस्थितियाँ जितनी भी हों नाजुक मन की इच्छाएँ हम मार नहीं सकते... Hindi · कविता 2 405 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Dec 2020 · 1 min read अच्छे इंसान बनो **** अच्छे इंसान बनो ***** ************************ बन सको तो अच्छे इंसान बनो जीवन मे कभी न नादान बनो मानव जन्म दुर्लभ मिलता नहीं मानवीय मार्गदर्शक महान बनो पग पग पर... Hindi · कविता 1 333 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Dec 2020 · 1 min read मोदी सोया हुआ है देश का *मोदी सोया हुआ है देश का* *********************** मंदा हाल हो गया है देश का मोदी सोया हुआ है देश का झूठ की गठरी खुल गई मोदी बच्चा बच्चा जान गया... Hindi · कविता 2 203 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Dec 2020 · 1 min read प्रेम रंग उड़े ******** प्रेम रंग उड़े ****** ************************ दिल की आरजू है प्रेम रंग उड़े रंजिशों के रंग रहें सड़े के सड़े मुस्कराहटों के लद गए व्यापारी खरीददार रह गए हैं पड़े... Hindi · कविता 1 323 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Dec 2020 · 1 min read एहसास ******** एहसास ******** *********************** जब आ जाता है मन मे ख्याल बैचेन दिल हो जाता है दयाल बावरा मन हो जाता है बेकाबू दिलोदिमाग में छाये हैं सवाल एहसास तेरा... Hindi · कविता 1 199 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Dec 2020 · 1 min read कहीं भी जाओ कहीं भी जाओ ************** तुम कहीं भी जाओ कहीं से भी आओ तेरा जिक्र,तेरा फिक्र हर हाल हालात में होगा तेरी बात और जज्बात हर सांस का हिसाब होगा तन्हाई... Hindi · कविता 224 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Dec 2020 · 1 min read तुम और चाय ****** तुम और चाय ****** ************************ तुम गरम चाय की प्याली सी थिरकती हो खाली थाली सी शीत लबों को उष्मा मिल जाए तन मन को मिलती ख्याली सी शीतल... Hindi · कविता 500 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Dec 2020 · 1 min read बन गई है सुंदर नजम **बन गई सुन्दर नजम** ******************** संपूर्ण हो गई है सारी रश्म बन गई है सुन्दर सी नजम बेशक बढ़ी दरमियाँ दूरियाँ टूट चुके हैं वादे और कसम मातृभाषा का देखो... Hindi · कविता 1 325 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2020 · 1 min read पहली मुलाकात ****पहली पहली मुलाकात**** ************************** पहली मुलाकात सा नजारा नहीं सच्चा प्यारा मिलता दुबारा नही थोड़ी थोड़ी शर्म झिझक होती है प्रेमी जैसा साथी कोई प्यारा नहीं प्रेम की बातें कंठ... Hindi · कविता 196 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2020 · 1 min read बुजुर्गों का दर्द *****बुजर्गों का दर्द(मुक्तक)**** *************************** देखो कितना बदल गया है इंसान बुजर्गों का होने लग गया अपमान सफेद हुए बालों का न समझते दर्द गिरा संस्कृति,संस्कार मान सम्मान *************************** सुखविंद्र सिंह... Hindi · कविता 421 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2020 · 1 min read बुजुर्गों का अपमान *** बुजुर्गों का अपमान*** ********************* कहीं खो गया मान सम्मान बुजुर्गों को हो रहा अपमान जिन्होंने लगाई कीर्त कमाई राहें सारी हो गई हैं सुनसान जोड़ जोड़़ माया भरे खजाने... Hindi · कविता 1 242 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Nov 2020 · 1 min read बिकाऊ हो गया हर सामान *बिकाऊ हो गया हर सामान* *********************** बिकाऊ हो गया हर सामान दिखाई दे चौतरफा नुकसान महंगे हुए हैं संस्कृति संस्कार बिकने लग गये हैं अब इंसान नाकाम हो गई बनाई... Hindi · कविता 1 1 554 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Nov 2020 · 1 min read सतगुरु नानक जग ते आया सतगुरु नानक जग ते आया *********************** सतगुरु नानक जग ते आया सारे संसार नूँ सी तारन आया नानकशाह दी है लीला न्यारी लगदी है सोहणी सूरत प्यारी चानण कर हनेरा... Hindi · कविता 1 244 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Nov 2020 · 1 min read रब्ब अग्गे करदां हाँ मैं गल किसानां दी *रब्ब अग्गे करदां हाँ गल किसानां दी* ****************************** रब्ब अग्गे करदा हाँ मैं गल किसानां दी जिन्दगी हो जावे खुशहाल किसानां दी भूखा,प्यासा रह देश लई अन्न उगांदां है कर्जे... Hindi · कविता 1 1 210 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Nov 2020 · 1 min read किसान परेशान देश का अन्नदाता बहुत है परेशान देश का राजा बन गया है हैवान देश का किसानी में किसान लूटा जा रहा खामोशी में खामोश इंसान देश का हक हेतु हलधर आया है... Hindi · कविता 2 257 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Nov 2020 · 1 min read बुझा रक्त खोलता नहीं *** बुझा रक्त खोलता नहीं *** ************************* कब से सोया है जागता नहीं अपनों को ही पहचानता नहीं माया जाल में फंस हुआ अंधा मोह,लोभ बिन कुछ जानता नहीं नफरत... Hindi · कविता 377 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Nov 2020 · 1 min read दुनियावाले हरामी है ***दुनिया वाले हरामी*** ******************** दुनिया वाले बहुत हरामी है पल में हो जाती नीलामी है ज़र,जोरू,जमीनें हुई भारी दंगे,झगड़ों भरी सुनामी हैं पल पल हो जाता भारी है परिणाम हो... Hindi · कविता 422 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2020 · 1 min read दुनियादारी तुम्हारे क्या कहने *दुनियादारी तुम्हारे क्या कहने* ************************* दुनियादारी तुम्हारा क्या कहना तन को चुभने लगा पाया गहना देखो कितना बदल गया जमाना मुमकिन नहीं परस्पर साथ रहना हर बार देखते निज का... Hindi · कविता 1 351 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Nov 2020 · 1 min read अजनबी तेरे शहल में ***अजनबी तेरे शहर में*** ********************** हम अजनबी हुए तेरे शहर में तुम्हें ढूँढते रहते हैं हर पहर में कभी खिलते थे फूल प्यार के उजड़ी सी बगिया तेरे शहर में... Hindi · कविता 486 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2020 · 1 min read प्रेम है लुभावना ***** प्रेम है लुभावना ****** ************************ प्रेम जितना होता है लुभावना असहनीय दर्द देती प्रेमभावना संयोग वियोग रंगों का समावेश मिलन और जुदाई भरा फसाना प्रेम का बीज हो जाए... Hindi · कविता 230 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Nov 2020 · 1 min read छाया है घना अंधेरा **** छाया है घना अंधेरा **** ************************ छाया चारों तरफ घना अंधेरा कुछ नजर नहीं आए तेरा मेरा अपनी ही धुन खोये खोये रहते डफली पर राग बजाएं बहुतेरा आँखों... Hindi · कविता 317 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2020 · 1 min read गरीब जैसे कूड़े के ढेरों गरीब जैसे कूड़े के ढ़ेर ****************** कुड़े के ढेर सा होता है, गरीबों का जनजीवन, जैसे अवांछित सामग्री, और शेष अवशेष गंदगी, जमा होती रहती है सदैव, और बढ़ता ही... Hindi · कविता 547 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2020 · 1 min read स्वप्न एक रेत का टीला स्वप्न एक रेत का टीला ******************** स्वप्न की आयु रेत के टीले सी होती है दूर से जितना सुंदर दिखते हैं जरा सा भी पास आने पर तनिक सा हाथ... Hindi · कविता 1 385 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Nov 2020 · 1 min read रेत की दीवार सी जिन्दगी *****रेत की दीवार सी जिन्दगी***** ****************************** रेत की दीवार सी होती है यह जिन्दगी पलभर में ढ़ेर में बदल जाती है जिन्दगी तेज चलती हवाओं से सदा डरती रहती बयार... Hindi · कविता 1 364 Share Previous Page 28 Next