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अल्फ़ाज़ अखर गए
अल्फ़ाज़ अखर गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पतझड़ में पत्ते झड़ते रहे
पतझड़ में पत्ते झड़ते रहे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सूनी होली
सूनी होली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
होली - गीत
होली - गीत
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अपना कौन है
अपना कौन है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सूखी शाखाएँ
सूखी शाखाएँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हक हम पर जताया कर
हक हम पर जताया कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विकास का झाड़ू
विकास का झाड़ू
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नवोदय गीत
नवोदय गीत
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विदाई गीत
विदाई गीत
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोली
गोली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोली
गोली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काम कब आया
काम कब आया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चारपाई
चारपाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुक्तक
मुक्तक
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लता अब न पैदा होगी धरा पर
लता अब न पैदा होगी धरा पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हादसा
हादसा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
देखा करीब से
देखा करीब से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पल दो पल ही पास तो बैठो
पल दो पल ही पास तो बैठो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
करवटें बदल बदल
करवटें बदल बदल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इस कदर छा गए
इस कदर छा गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या से क्या हो गया
क्या से क्या हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शर्म हया खो गई
शर्म हया खो गई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं समझा नहीं
मैं समझा नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्या दौर है
क्या दौर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मस्तियाँ
मस्तियाँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अजनबी रात भर
अजनबी रात भर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਦਸ਼ਮ ਗੁਰੂ ਸ਼੍ਰੀ ਦਸ਼ਮੇਸ਼
ਦਸ਼ਮ ਗੁਰੂ ਸ਼੍ਰੀ ਦਸ਼ਮੇਸ਼
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मकर-संक्रांति
मकर-संक्रांति
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਪਿਆਰ
ਪਿਆਰ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहुत बुरा हाल घर का
बहुत बुरा हाल घर का
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਬਾਪੂ ਕੱਲਾ ਕੁਰਲਾਵੇ
ਬਾਪੂ ਕੱਲਾ ਕੁਰਲਾਵੇ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शहर का पानी नमकीन है
शहर का पानी नमकीन है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भीड़ में अकेला
भीड़ में अकेला
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਹੀਰ ਰਾਂਝਾ
ਹੀਰ ਰਾਂਝਾ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पहले वाली शाम नहीं
पहले वाली शाम नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सावन भादों की बारिश सा प्यार
सावन भादों की बारिश सा प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਸੌਣ ਸੇ ਮੀਂਹ ਵਰਗਾ ਹੈ ਨਖਰਾ ਤੇਰਾ
ਸੌਣ ਸੇ ਮੀਂਹ ਵਰਗਾ ਹੈ ਨਖਰਾ ਤੇਰਾ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़मीर सो गया
ज़मीर सो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਕਿੱਸਾ
ਕਿੱਸਾ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਕੰਮ ਦੇ ਬਹਾਨੇ ਫੋਨ ਕਰਦੀ
ਕੰਮ ਦੇ ਬਹਾਨੇ ਫੋਨ ਕਰਦੀ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रीत निराली है
रीत निराली है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਪਹਿਲੀ ਮੁਲਾਕਾਤ
ਪਹਿਲੀ ਮੁਲਾਕਾਤ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रुका रुका सा छोर है
रुका रुका सा छोर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਨਵਾਂ ਸਾਲ
ਨਵਾਂ ਸਾਲ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਮਨ ਕੀ ਬਾਤ
ਮਨ ਕੀ ਬਾਤ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਲਿਖਾਰੀ ਕਰਦਾ ਗੱਲ ਅੱਖਰ ਦੀ
ਲਿਖਾਰੀ ਕਰਦਾ ਗੱਲ ਅੱਖਰ ਦੀ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल को रुला गए
दिल को रुला गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चले आओ अभी सांस बाकी है
चले आओ अभी सांस बाकी है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
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