सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 22 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Mar 2022 · 1 min read अल्फ़ाज़ अखर गए ********* अल्फ़ाज़ बिखर गए ********* ********************************** तुझे देखते ही जुबां से अल्फाज़ बिखर गए, इरादे किए जो नेक वो जज्बात लचर गए। न सोचा कभी जो मिले तो इजहार करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 150 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Mar 2022 · 1 min read पतझड़ में पत्ते झड़ते रहे **पतझड़ में पत्ते झड़ते रहे** *********************** पतझड़ में पत्ते झड़ते रहे, हर दिन हर पल मरते रहे। कोशिश की जो थी व्यर्थ हुई, अपनों से ही हम हरते रहे। हालातों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 306 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Mar 2022 · 1 min read सूनी होली ***** सुनी होली ***** ******************* आखिर होली आई भी, और झट से चली गई, बिखेरती हुई गहरे रंग, पर नहीं थे अपने संग, पीले,नील ,लाल ,गुलाबी, राह देखती गोरी नवाबी,... Hindi · कविता 217 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Mar 2022 · 1 min read होली - गीत ****** होली - गीत ****** ********************** रंग - बिरंगी होली आई, खुशियों की भर झोली आई। चेहरे सब के रंगे हुए, रंगों में जन सब सने हुए, हमजोली बन टोली... Hindi · गीत 371 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Mar 2022 · 1 min read अपना कौन है ****** अपना कौन है ****** ************************ बुरी घड़ियों में अपना कौन है, पड़ी आफ़त में अपना कौन है। खड़ा अपनों में फिर भी मौन हूँ, भरी महफ़िल में अपना कौन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Mar 2022 · 1 min read सूखी शाखाएँ ***** सूखी - शाखाएँ ****** ************************ कोई सौदा लाभदायक नहीं, जीवन भी जीने के लायक नहीं। शायद मन की ना समझ सी रही, कोई इतना भी नालायक नहीं। जब भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 287 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Mar 2022 · 1 min read हक हम पर जताया कर *** हक हम पर जताया कर **** *************************** कोई बात हो तो बताया कर, दिल के जज़्बात यूं ना छुपाया कर। मुश्किल से तनिक नींद आती है, चुपके से हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 157 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Mar 2022 · 1 min read विकास का झाड़ू ****** विकास का झाड़ू ***** ************************* जनता ने छोड़ दी गहरी छाप, आपने आप को अपनाया आप। पाँच दरियाओं की भू पंजाब, धूल गए पार्टियों के सब पाप। ढह गए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 318 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Mar 2022 · 1 min read ग़ज़ल ******** माँ ******** ******************* किस मिट्टी की बनाई माँ, हर मर्ज़ की दवाई माँ। सीने है जिन्हे लगाती वो, करते बेटे पराई माँ। आँचल माँ का निराला है, सारी खुशियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 392 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Mar 2022 · 1 min read नवोदय गीत **** नवोदय-गीत ****** ********************* बहुत ही थे वो दिन सुहाने, नवोदय के वो दिन पुराने। आरम्भ में हम थे अन्जाने, अलग थे तब सबके घराने। रहे बन परिवार मस्ताने। नवोदय... Hindi · गीत 245 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Mar 2022 · 1 min read विदाई गीत ***** विदाई-गीत ***** ********************* आ गई आखिर वो घड़ी, आँसुओं की लगी है झड़ी। हों नभ में चमकते तारे, फूल बगिया के बहुत प्यारे। माला मोती से थी जड़ी। आ... Hindi · गीत 440 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Feb 2022 · 1 min read गोली ******* गोली ******** ******************** नभ-थल में चल रही गोली, कानों में गूंजती गोली। बातें जब ना समझ आती, तब बोली बोलती गोली। खूनी जब खेलते होली, पिचकारी ठोकती गोली। फांसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 150 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Feb 2022 · 1 min read गोली ******* गोली ******** ******************** नभ-थल में चल रही गोली, कानों में गूंजती गोली। बातें जब ना समझ आती, तब बोली बोलती गोली। खूनी जब खेलते होली, पिचकारी ठोकती गोली। फांसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 156 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Feb 2022 · 1 min read काम कब आया *कोई कभी काम कब आया* ************************ कोई कभी काम कब आया, जोगी जहाँ जान जब आया। तन - मन तमाशा बना जग में, वो बन मदारी न तब आया। फंसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 341 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Feb 2022 · 1 min read चारपाई ****** चारपाई ******* ******************** चार पावों की चारपाई है, रोग की होती वो दवाई है। जो कभी सोते बेड अंग्रेजी, लाख बीमारी खूब पाई है। बाण से बनता ये बिछौना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 448 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Feb 2022 · 1 min read मुक्तक *************मुक्तक*********** ****************************** रंग नूर चेहरे का आज उड़ा उड़ा क्यों है, मेरी किस बात पर प्रिय तू खफा क्यों है, बिना तू झिझक,शर्म के निसंकोच होकर, तनिक मुझे तो ये... Hindi · मुक्तक 499 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Feb 2022 · 1 min read लता अब न पैदा होगी धरा पर लता अब न पैदा होगी धरा पर ************************ लता थी लता सी फैली धरा पर, सदा मजलिसें महकाई धरा पर। ग़ज़ल-गीत-नग़मे गाये बहुत से, सुरों की बिखेरी शैली धरा पर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 211 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Feb 2022 · 1 min read हादसा *********** हादसा *********** **************************** निकला था मैं सैर को होने को फिट, पीछे से वाहन ने कर दिया झट हिट। हाय माँ मर गया निकली तीखी चीख, ऊपर से नीचे... Hindi · कविता 172 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Feb 2022 · 1 min read देखा करीब से ******* देखा करीब से ********* **************************** देखा है मौत को हमने करीब से, जिंदा हैं मौज में खुद के नसीब से। अब तक सोते रहे अल्हा रहम करम, शिद्दत से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 186 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Feb 2022 · 1 min read पल दो पल ही पास तो बैठो पल दो पल ही पास तो बैठो ********************** पल दो पल ही पास तो बैठो, मत करियो उपहास तो बैठो। तीनों से खेली नहीं जाती, खेलोगे गर ताश तो बैठो।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 145 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Feb 2022 · 1 min read करवटें बदल बदल ******* करवटें बदल-बदल******** ****************************** करवटें बदल-बदल, बीताई काली रात, नींद न अखियों में सोये नहीं सारी रात। तकिये भीगे हुए जो थे बाहों के पास, आँसू बहते रहे आँखों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 162 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Jan 2022 · 1 min read इस कदर छा गए ***इस कदर छा गए*** ******************* वो इस कदर हैं छा गए, तन-मन भवन में भा गए। जो तुम मिले साजन हमें, आँसू ख़ुशी के आ गए। जीवन हुआ रंगीन सा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 155 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Jan 2022 · 1 min read क्या से क्या हो गया *क्या से क्या हो गया* ***************** क्या से क्या है हो गया, पल में रास्ता खो गया। जागे हम कब नींद से, भाग्य बेफिक्र सो गया। गहरे घावों से भरी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 164 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Jan 2022 · 1 min read शर्म हया खो गई *** शर्म हया खो गई **** ********************* शर्म हया कहीं पर खो गई, कर्म दया जमीं पर सो गई। नित्य रहें सदा सब देखते, धर्म-वहम रहम को धो गई। खरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jan 2022 · 1 min read मैं समझा नहीं ******* मैं समझा नहीं ********* **************************** उसने किया इशारा मैं समझा नहीं, हमसे किया किनारा मैं समझा नही। कुछ भी नहीं बताया सब कैसे सहा, जीना नहीं गवारा मैं समझा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jan 2022 · 1 min read क्या दौर है ***** क्या दौर है ***** ******************* भला ये भी क्या दौर है, किसी पर भी ना जोर है। पता था बाहर कौन है, सुना पायल का शोर है। नज़र आया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jan 2022 · 1 min read मस्तियाँ ******* मस्तियाँ ******* ********************** याद आती हैं वो मस्तियाँ, खूब बस्ती थी वो बस्तियाँ। प्यार का सागर बहता था, प्रेम की बहती थी किश्तियाँ। देखते ही हमको झट वो, जानकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 154 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jan 2022 · 1 min read अजनबी रात भर **अजनबी रात भर याद आता रहा** ***************************** अजनबी रात भर याद आता रहा, बात बातों में कुछ बात कहता रहा। बीत गई हर शाम सुनी सी तुम बिन, ख्वाब में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 167 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jan 2022 · 1 min read ਦਸ਼ਮ ਗੁਰੂ ਸ਼੍ਰੀ ਦਸ਼ਮੇਸ਼ ******ਦਸ਼ਮ ਗੁਰੂ ਸ਼੍ਰੀ ਦਸਮੇਸ਼ **** *************************** ਪਟਨਾ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਚੰਨ ਚੜ੍ਹਿਆ, ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਜਗ ਆਏ। ਪਿਤਾ,ਚਾਰ ਪੁੱਤ ਦਿੱਤੇ ਕੌਮ ਉੱਤੇ ਵਾਰ, ਖੁਦ ਦੀ ਕੁਰਬਾਨੀ ਦੇ ਕੇ ਸਿੱਖ ਬਚਾਏ।... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jan 2022 · 1 min read मकर-संक्रांति **** मकर-संक्रांति***** ******************** मकर-संक्रांति पर अरदास, गुड़-चीनी जैसी हो मिठास। कभी न कोई आए तूफान, पतंग जैसी हो ऊँची उड़ान। तिल लडडू मिलकर खाएं, पुलकित हर्षित पर्व मनाएं। फूलों सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jan 2022 · 1 min read ਪਿਆਰ ********* ਪਿਆਰ ********* ************************* ਕਰ ਸਕਦਾ ਹੈ ਮਾਸਾ ਇਤਬਾਰ ਕਰ ਬੰਦਾ ਹੋ ਕੇ ਬੰਦੇ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਕਰ ਛੱਡ, ਨਫ਼ਰਤ ਦੀ ਦੁਨਿਆਂ ਹੈ ਮਾੜੀ ਸਾੜ ਦੀ ਥਾਂ ਤੂੰ ਮੋਹ ਤੇ ਪਿਆਰ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 311 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jan 2022 · 1 min read बहुत बुरा हाल घर का **बहुत बुरा हाल घर का** ********************* बहुत बुरा हाल है घर का, खाली पड़ा हाल है घर का। हैं तोड़ते नींव आलय की, नहीं बचा माल है घर का। क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jan 2022 · 1 min read ਬਾਪੂ ਕੱਲਾ ਕੁਰਲਾਵੇ *** ਬਾਪੂ ਕੱਲਾ ਕੁਰਲਾਵੇ *** ********************** ਬਾਪੂ ਡੋਲੀ ਵੇਲੇ ਕੋਲ ਨਾ ਆਵੇ ਕੱਲਾ ਗੁੱਠੇ ਬੈਠਾ ਉਹ ਕੁਰਲਾਵੇ ਸਾਰੀ ਜਿੰਦਗੀ ਦੀ ਕਮਾਈ ਧੀ ਦੇ ਵਿਆਹ ਵਿੱਚ ਹੈ ਲਾਈ ਲੋਭੀਆਂ ਨੂੰ ਸਬਰ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 277 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2022 · 1 min read शहर का पानी नमकीन है शहर का पानी नमकीन है ******************** शहर का पानी नमकीन है, नगर का वासी गमगीन है। बगल में हैं गोले दागते, मगर जीने का शौकीन है। न सोचो समझो कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2022 · 1 min read भीड़ में अकेला **** भीड़ में अकेला **** ********************* जीवन अब मंहगा सफर है, बाकी कोई नहीं कसर हैं। कोई राजी न देख कर मन, रग में दिखता भरा जहर है। वास्ता दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 154 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jan 2022 · 1 min read ਹੀਰ ਰਾਂਝਾ ****** ਹੀਰ ਰਾਂਝਾ ****** ********************* ਤਖ਼ਤ ਹਜ਼ਾਰੇ ਪਿੰਡ ਦਾ ਰਾਂਝਾ ਰਾਂਝੇ ਗੋਤ ਦਾ ਗੱਭਰੂ ਸਰਦਾਰ ਵੰਝਲੀ ਵਜਾਉਂਦਾ ਐਸ਼ ਕਰਦਾ ਪਿਓ ਦਾ ਮਿਲੇ ਬਾਲ੍ਹਾ ਦੁਲਾਰ ਜਦੋਂ ਭਰਾਵਾਂ ਜ਼ੁਲਮ ਕਮਾਇਆ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 678 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2022 · 1 min read पहले वाली शाम नहीं *पहले वाली शाम नहीं* ******************* पहले वाली शाम नहीं, मिलते उत्तम दाम नहीं। पनपे मन में पाप सदा, मंदिर में अब राम नहीं। अनदेखा सा देख करें, बे मतलब है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2022 · 1 min read सावन भादों की बारिश सा प्यार सावन भादों की बारिश सा प्यार *************************** सावन-भादो की बारिश सा है ये प्यार कभी जी भर खूब बरसता है तो कभी बदल लेता है अपना रास्ता देखकर स्वार्थी लोगो... Hindi · कविता 479 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2022 · 1 min read ਸੌਣ ਸੇ ਮੀਂਹ ਵਰਗਾ ਹੈ ਨਖਰਾ ਤੇਰਾ ***ਸੌਣ ਦੇ ਮੀਂਹ ਵਰਗਾ ਨਖ਼ਰਾ*** ************************** ਸੌਣ ਦੇ ਮੀਂਹ ਵਰਗਾ ਹੈ ਨਖ਼ਰਾ ਤੇਰਾ ਕੱਦੇ ਬਰਸ ਜਾਵੇ ਤੇ ਕੱਦੇ ਓ ਨਾ ਬਰਸੇ ਪਪੀਹੇ ਜਿਹਾ ਰਹਿਆ ਹੈ ਭਾਗ ਮੇਰਾ ਪਿਆਰ ਦੀ ਇਕ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 323 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jan 2022 · 1 min read ज़मीर सो गया *** जमीर सो गया *** ****************** जमीर तो है सो गया, नसीब भी है खो गया। जमीन तल से जा रही, दिलेर पल में वो गया। नसीम जब चलने लगी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 201 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jan 2022 · 1 min read ਕਿੱਸਾ ********** ਕਿੱਸਾ ********* ************************ ਤੇਰੇ ਮੇਰੇ ਪਿਆਰ ਦੀ ਕਹਾਨੀ ਕਿੱਸਾ ਬਣ ਕੇ ਰਹਿ ਗਈ ਕਹਾਨੀ ਕਿੱਥੇ ਗਏ ਕਿੱਤੇ ਕੋਲ ਤੇ ਕਰਾਰ ਰੁੱਲੀ ਖਿੱਲੀ ਫੁੱਲ ਵਰਗੀ ਜਵਾਨੀ ਅੰਬੀਆ ਦਾ ਝੜ ਗਿਆ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 281 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Jan 2022 · 1 min read ਕੰਮ ਦੇ ਬਹਾਨੇ ਫੋਨ ਕਰਦੀ ***ਕੱਮ ਦੇ ਬਹਾਨੇ ਫੋਨ ਕਰਦੀ*** ************************* ਕੱਮ ਦੇ ਬਹਾਨੇ ਨੱਢੀ ਫੋਨ ਕਰਦੀ ਕੀ ਕੱਮ ਮਿਲਿਆ ਹੈ ਕੋਲ਼ੇਜੋ ਤੇਰਾ ਸਿੱਧੀ ਸਿੱਧੀ ਗੱਲ ਕਯੋਂ ਨੀ ਦਸਦੀ ਮੇਰੇ ਬਾਝੋਂ ਚਿੱਤ ਨਾ ਲਗਦਾ ਤੇਰਾ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 322 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jan 2022 · 1 min read रीत निराली है **** रीत निराली है **** ******************** जगत की रीत निराली है, जनक की प्रीत निराली है। कमर को तोड़ती सदा हारें, मिले वो जीत निराली है। अशांति खोखला करे मन,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 182 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jan 2022 · 1 min read ਪਹਿਲੀ ਮੁਲਾਕਾਤ ******* ਪਹਿਲੀ ਮੁਲਾਕਾਤ******* *************************** ਕੱਦੇ ਨੀ ਭੁੱਲ ਸਕਦੇ ਪਹਿਲੀ ਮੁਲਾਕਾਤ ਜਿੰਦਗੀ ਦੀ ਉਹ ਸੁਨਹਿਰੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਮੂਹੋਂ ਨਹੀਂ ਨਿਕਲੇ ਕੋਈ ਵੀ ਬੋਲ ਕਬੋਲ ਅੱਖਾਂ ਅੱਖਾਂ ਨਾਲ ਹੋਊ ਮਿੱਠੀ ਗੱਲਬਾਤ ਨੀਵੀਆਂ ਨਜ਼ਰਾਂ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 324 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Jan 2022 · 1 min read रुका रुका सा छोर है *रुका-रुका सा छोर है* ****************** निलय-निलय में चोर है, गली - गली में शोर है। समय कभी रुकता नहीं, रुका - रुका सा छोर है। छिपा हुआ मानव कहाँ, नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 395 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Dec 2021 · 1 min read ਨਵਾਂ ਸਾਲ ਕਿਵੇਂ ਵਧਾਈ ਦੇ ਦੇਵਾਂ ਮੈਂ ਨਵੇਂ ਚੜ੍ਹੇ ਸਾਲਾਂ ਦੀ ******************************* ਜਿਸ ਦੇਸ਼ ਚ ਹਾਲਤ ਬੁਰੀ ਹੋਵੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਕਿਵੇਂ ਵਧਾਈ ਦੇ ਦੇਵਾਂ ਮੈਂ ਨਵੇਂ ਚੜ੍ਹੇ ਸਾਲਾਂ ਦੀ ਅੰਨਦਾਤਾ ਜਿੱਥੇ ਸੜਕਾਂ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 1 1 269 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Dec 2021 · 1 min read ਮਨ ਕੀ ਬਾਤ ***** ਮਨ ਦੀ ਬਾਤ ****** ********************* ਮਨ ਦੀ ਬਾਤ ਕਹਿਣ ਵਾਲਿਓ ਮਨ ਦੀ ਬਾਤ ਵੀ ਕੱਦੇ ਸੁਣਿਓ ਕੀ ਚੌਂਉਂਦੀ ਆਵਾਮ ਹਾਕਮਾਂ ਤੋਂ ਕੱਦੇ ਮਨ ਨਾਲੋਂ ਮਨ ਤੋਂ ਪੁੱਛਿਓ ਹੁਕਮ ਨੀ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 270 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Dec 2021 · 1 min read ਲਿਖਾਰੀ ਕਰਦਾ ਗੱਲ ਅੱਖਰ ਦੀ **ਲਿਖਾਰੀ ਕਰਦਾ ਗੱਲ ਅੱਖਰ ਦੀ*** **************************** ਮੈਂ ਹਾਂ ਲਿਖਾਰੀ ਗੱਲ ਕਰਦਾਂ ਅੱਖਰ ਦੀ ਅੱਖਰ ਤੋਂ ਹੌਲੀ ਹੋਂਦੀ ਹੈ ਸੱਟ ਪੱਥਰ ਦੀ ਦੁਸ਼ਮਣ ਭਾਵੇਂ ਮਾਰ ਦੇਵੇ ਕੋਈ ਗੱਲ ਨਹੀਂ ਸੱਟ ਜਰਨੀ... Punjabi · ਕਵਿਤਾ 248 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Dec 2021 · 1 min read दिल को रुला गए **दिल को रुला गए** ****************** प्यारे तुम कहाँ गए, दिल को भी रुला गए। कुछ भी तो बचा नहीं, अस्मत तक लुटा गए। हमने ढूंढ लिया जहां, ना जाने जहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 294 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Dec 2021 · 1 min read चले आओ अभी सांस बाकी है *चले आओ अभी सांस बाकी है* ************************** चले आओ अभी सांस बाकी है, करो कोशिश ज़रा आस बाकी है। गई है फुट किस्मत जहां में अब, बचा केवल तनिक नाश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 216 Share Previous Page 22 Next